लुधियाना| गुरु अर्जुन देव नगर मेन रोड समराला चौक पर हर हर महादेव सेवा सोसायटी की ओर से शिव विवाह का आयोजन किया। इसमें श्रद्धालों को अपनी ओर आकर्षित करने वाले आदियोगी बाबा भोले नाथ की भवन लगा था। जोगी जगम द्वारा भोले बाबा की स्तुति की गई। कमेटी के प्रधान हनी सोखल द्वारा ज्योत जलाई। महा आरती के बाद बाबा का गुणगान गौतम जलंधरी और गायक फिरोज खान द्वारा किया जाएगा। भोलेनाथ के भजन सुनकर सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। इस मौके पर विपन वैद, बालकृष्ण तिवारी, संजीव, राज बग्गा, साहिल, गौरव, यश, राघव, गीतांश, पिंटू, विनय मनीष, सोढ़ी आदि मौजूद रहे। लुधियाना| गुरु अर्जुन देव नगर मेन रोड समराला चौक पर हर हर महादेव सेवा सोसायटी की ओर से शिव विवाह का आयोजन किया। इसमें श्रद्धालों को अपनी ओर आकर्षित करने वाले आदियोगी बाबा भोले नाथ की भवन लगा था। जोगी जगम द्वारा भोले बाबा की स्तुति की गई। कमेटी के प्रधान हनी सोखल द्वारा ज्योत जलाई। महा आरती के बाद बाबा का गुणगान गौतम जलंधरी और गायक फिरोज खान द्वारा किया जाएगा। भोलेनाथ के भजन सुनकर सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। इस मौके पर विपन वैद, बालकृष्ण तिवारी, संजीव, राज बग्गा, साहिल, गौरव, यश, राघव, गीतांश, पिंटू, विनय मनीष, सोढ़ी आदि मौजूद रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पटियाला के युवक की छत्तीसगढ़ में हत्या:कंबाइन मशीन पर करता था काम, पीठ पर मारपीट के निशान, FIR करने की मांग
पटियाला के युवक की छत्तीसगढ़ में हत्या:कंबाइन मशीन पर करता था काम, पीठ पर मारपीट के निशान, FIR करने की मांग पटियाला के गांव अदालतीवाला से धान का सीजन लगाने गए 35 साल के युवक का छत्तीसगढ़ में कत्ल होने का आरोप लगाया गया। मृतक जसपाल सिंह को अपने साथ लेकर जाने वालों ने चोट लगने की बात कहते हुए डेड बॉडी को गांव में छोड़ दिया था। जहां परिवार के लोगों ने बॉडी को देखा तो खुलासा हुआ कि जसपाल सिंह के साथ मारपीट कर उसे टॉर्चर किया गया था। जिस वजह से 35 साल के जसपाल सिंह की मौत हो गई। जुल्का पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने घटना छत्तीसगढ़ के जिला बिलासपुर का होने की वजह से जीरो एफआईआर रजिस्टर करते हुए केस छत्तीसगढ़ भेज दिया है। पुलिस ने इस मामले में मृतक जसपाल सिंह के छोटे भाई लखबीर सिंह की स्टेटमेंट के आधार पर नरेंद्र सिंह उसके पिता सोहन सिंह मोहन सिंह के अलावा अंग्रेज सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 1 साल से काम पर जा रहा था जसपाल सिंह लखबीर सिंह ने बताया की उसका छोटा भाई जसपाल सिंह पिछले 1 साल से कंबाइन मशीन पर आरोपियों के साथ काम पर जाता था इस महीने वह धान का सीजन लगाने के लिए आरोपी नरेंद्र सिंह वगैरा की मशीन लेकर छत्तीसगढ़ उनके साथ गया था। 28 मई को नरेंद्र सिंह ने फोन करके बताया कि जसपाल सिंह के चोट लगी है और उसे वापस लेकर आ रहे हैं लेकिन इन लोगों ने मौत होने के बारे में नहीं बताया। जसपाल सिंह को गाड़ी में डालने के बाद यह लोग गांव में पहुंचे और डेड बॉडी को चुपचाप रखकर वापस लौट गए। लखबीर सिंह ने कहा कि जब उन्होंने अपने बड़े भाई की बॉडी देखी तो पीठ पर मारपीट के निशान देखे। शरीर पर कई जगह पर मारपीट के निशान थे, जिसे देखकर साफ तौर पर पता लग रहा था कि उनके भाई जसपाल सिंह के साथ बुरी तरह से मारपीट की गई और उनके गुदा में लाठी या लोहे की रॉड घुसाने कोशिश की गई थी। कत्ल केस दर्ज करें आरोपियों पर
उन्होंने भाई की डेड बॉडी को राजेंद्र अस्पताल में रखा है और उनकी मांग है कि जब तक कत्ल केस दर्ज नहीं होता वह पोस्टमॉर्टम नहीं करवाएंगे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन कत्ल का मामला दर्ज किया है जबकि उनकी मांग है कत्ल का मामला दर्ज किया जाए।

पंजाब में शिअद के लिए SGPC चुनाव होंगे चुनौती:लगातार हार से पार्टी में बगावत; निशाने पर सुखबीर; बड़े बादल से अनुभव की कमी
पंजाब में शिअद के लिए SGPC चुनाव होंगे चुनौती:लगातार हार से पार्टी में बगावत; निशाने पर सुखबीर; बड़े बादल से अनुभव की कमी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) में बगावत ने पार्टी नेतृत्व को पूरी तरह उलझा दिया है। बागी गुट के नेता पार्टी की इस हालत के लिए प्रधान सुखबीर बादल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और उनके इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं। पार्टी में फूट का असर जालंधर पश्चिम विधानसभा उपचुनाव में भी साफ देखने को मिला। जहां शिअद के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को 1500 से भी कम वोट मिले और उसकी जमानत तक जब्त हो गई। वहीं, अगर यह बगावत जल्द नहीं थमी तो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) चुनाव भी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन जाएंगे। ऐसे में आइए समझते हैं कि पार्टी में बगावत क्यों पैदा हुई। 10 साल सत्ता में रहने के बाद लगातार हार शिरोमणि अकाली दल वो पार्टी है जो 2017 तक लगातार दो बार सरकार बनाने में सफल रही। हालांकि, साल 2015 में बेअदबी कांड और डेरा प्रमुख को माफ़ी देने का मामला हुआ। इससे लोगों की नाराज़गी बढ़ती चली गई। जिसका असर 2017 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। पार्टी सिर्फ़ 15 सीटों पर सिमट गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी दो सीटें जीतने में कामयाब रही। कार्यकर्ता भी पार्टी से दूर होने लगे और 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ़ 3 सीटें मिलीं। सभी बड़े नेता चुनाव हार गए। हालांकि, उस समय प्रकाश सिंह बादल ज़िंदा थे। ऐसे में उन्होंने झुंडा कमेटी बनाकर संगठनात्मक ढांचे को भंग कर दिया। हालांकि, सुखबीर बादल को प्रधान बनाए रखा। लोकसभा चुनाव में एक सीट तक सीमित 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी प्रमुख ने पंजाब बचाओ यात्रा निकाली। लोगों से जुड़ने की कोशिश की गई। साथ ही पार्टी को मजबूत किया गया। लेकिन इससे भी पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ। पार्टी बठिंडा सीट को छोड़कर किसी भी सीट पर चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हुई। यह सीट भी बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर ने जीती। इसके बाद जैसे ही चुनाव के लिए मंथन शुरू हुआ, उससे पहले ही पार्टी प्रमुख से इस्तीफा मांग लिया गया। इसके बाद बागी गुट श्री अकाली तख्त पहुंच गया। माफी के लिए अर्जी भी लगा दी। अब आइए जानते हैं एसजीपीसी चुनाव की चुनौतियां इस बार एसजीपीसी चुनाव में शिअद को किसी और से नहीं बल्कि अपने ही लोगों से चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि अकाली दल के बागी गुट में शामिल हुए नेता ही अकाली दल की ताकत हैं। इन लोगों का अपना प्रभाव है। चाहे वो वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींडसा हों, प्रो. प्रेम चंदूमाजरा हों, बीबी जागीर कौर हों या कोई और नाम। अमृतपाल और खालसा की तरफ झुकाव खडूर साहिब से अमृतपाल सिंह और फरीदकोट से सरबजीत सिंह खालसा ने चुनाव जीता है। वे शिरोमणि अकाली दल के थिंक टैंक की भी नींद उड़ा रहे हैं। माना जा रहा है कि वे इस बार एसजीपीसी चुनाव में अपने समर्थकों को भी उतारेंगे। सरबजीत सिंह खालसा ने कुछ दिन पहले दिल्ली में मीडिया से बातचीत में इस बात के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि आने वाले दिनों में इस बारे में फैसला लिया जाएगा। दोनों का अपने इलाकों में अच्छा प्रभाव है। एसजीपीसी में बड़े नेताओं की दिलचस्पी बीजेपी और आप में शामिल कई सिख नेता भी एसजीपीसी चुनाव में काफी दिलचस्पी रखते हैं। ऐसे में अकाली दल के लिए सीधी चुनौती है। अगर पिछले ढाई दशक की बात करें तो कभी ऐसा मौका नहीं आया जब किसी ने पार्टी द्वारा नामित उम्मीदवार को चुनौती दी हो। लेकिन अगर वे चुनाव में कमजोर पड़ गए तो यह भी देखने को मिलेगा। अकालियों के पास जो ताकत है वह भी उनके हाथ से निकल जाएगी। बड़े बादल जैसे अनुभव की कमी भले ही पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के पास करीब 29 साल का राजनीतिक अनुभव है, लेकिन उनके पास अपने पिता स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल जैसा अनुभव नहीं है, जो नाराज लोगों को मनाने और दुश्मन को गले लगाने में माहिर थे। इसका फायदा अब विपक्ष उठा रहा है। हालांकि प्रकाश सिंह बादल के बाद तीन बार सरकार बनी। उस समय भी कई नेता पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे, लेकिन उन्होंने किसी को बगावत का मौका नहीं दिया।

चंडीगढ़ में धमाका, रिटायर्ड प्रिंसिपल के घर ग्रेनेड फेंके:ऑटो से भागे हमलावर, पुलिस तलाशने पंजाब-हरियाणा रवाना, गैंगस्टर-टेरर अटैक का शक, NIA पहुंची
चंडीगढ़ में धमाका, रिटायर्ड प्रिंसिपल के घर ग्रेनेड फेंके:ऑटो से भागे हमलावर, पुलिस तलाशने पंजाब-हरियाणा रवाना, गैंगस्टर-टेरर अटैक का शक, NIA पहुंची चंडीगढ़ में सेक्टर 10 के पॉश एरिया में बुधवार को रिटायर्ड प्रिंसिपल के घर पर ग्रेनेड अटैक हुआ। जिससे घर में 7 से 8 इंच का गड्ढा पड़ गया। खिड़कियों के शीशे टूट गए। 3 हमलावर ऑटो से आए थे और वारदात के बाद उसी ऑटो से भाग निकले। धमाके की सूचना मिलते ही चंडीगढ़ पुलिस में हड़कंप मच गया। डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव की अगुआई में आईजी राजकुमार, एसएसपी कंवरदीप कौर समेत भारी पुलिस फोर्स घर में पहुंच चुकी है। जांच के लिए मौके पर बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड की टीमें बुला ली गई हैं। धमाके में इस्तेमाल सामग्री की जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को भी बुला लिया गया है। वहीं चंडीगढ़ पुलिस की टीमें हमलावरों की तलाश के लिए पंजाब और हरियाणा रवाना हो गई हैं। चंडीगढ़ के साथ पंचकूला और मोहाली को हाईअलर्ट पर रखा गया है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम भी जांच के लिए मौके पर पहुंच गई है। घटना के बाद 2 संदिग्ध युवकों की तस्वीर सामने आई है। पुलिस टेरर और गैंगस्टर एंगल पर जांच कर रही है। घटना सेक्टर-10 के मकान नंबर 575 में हुई। ये घर रिटायर्ड प्रिंसिपल भूपेश मल्होत्रा का है। घटना के समय परिवार घर में बरामदे में बैठा हुआ था। हमलावरों से जुड़ी 3 तस्वीरें… इलाका सील किया, परिवार से पूछताछ
घटना के बाद शहर को सील कर दिया गया है। इस घटना के पीछे कौन है इसका अभी पता नहीं लग पाया है। पुलिस के अधिकारी अभी परिवार से पूछताछ कर रहे हैं। साथ ही पूछा जा रहा है कि क्या उनका किसी से झगड़ा या कोई अन्य विवाद तो नहीं है। धमाके के बाद की तस्वीरें…. SSP बोले- प्रेशर ब्लास्ट था, गमलों को नुकसान
एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि 112 पर परिवार की तरफ से धमाके की जानकारी दी गई थी। ये एक प्रेशर ब्लास्ट था। जिससे घर में रखे गमलों को नुकसान हुआ है और शीशे टूटे हैं। परिवार ने बताया है कि ऑटो में दो व्यक्ति आए थे। जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। एसएसपी ने बताया कि ब्लास्ट के समय परिवार बरामदे में ही बैठा हुआ था। उन्होंने ऑटो सवार व फेंकने वाले को देखा है। घर में रहने वाले और उससे पहले यहां रह चुके किराएदारों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है।