मंडी की चौहारघाटी में हर जगह तबाही:स्कूल में घुसा पहाड़ी का मलबा, मिड डे मील किचन और क्लास रूम क्षतिग्रस्त

मंडी की चौहारघाटी में हर जगह तबाही:स्कूल में घुसा पहाड़ी का मलबा, मिड डे मील किचन और क्लास रूम क्षतिग्रस्त

मंडी जिले की चौहारघाटी में बीते दिनो हुई मूलाधार बारिश ने हर तरफ कहर बरपाया है। राजबन में हुए जानमाल के नुकसान के साथ ग्राम पंचायत लटराण में भी खासी तबाही हुई है। यहां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गाहंग के पीछे पहाड़ी से भारी भरकम भूस्खलन होने से मलबा, पत्थर और लक्कड स्कूल परिसर में आ गए हैं। जिससे मिड डे मील रसोई घर और स्कूल का एक कमरा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। स्कूल परिसर के आगे भारी भरकम मलबा और पत्थर, लक्कड आने से दलदल बनी हुई है। गांव से स्कूल आने वाले रास्ते के बीच नाले में फुट ब्रिज भी बह चुका है। जिससे स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचना मुश्किल हो गया है। नायब तहसीलदार टिक्कन, हल्का पटवारी ने घटनास्थल पर जाकर नुकसान का जायजा लेकर रिपोर्ट तहसील कार्यालय भेजी है। इसे बाद प्रशासन ने दो और तीन अगस्त को स्कूल में अवकाश घोषित किया था। लेकिन सोमवार को स्कूल में कक्षाएं कैसे चलाई जाए और मिड डे मील का भोजन कैसे तैयार करें। यह स्कूल प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। स्कूल में पठन पाठन कार्य चलाना मुश्किल स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य दीप कुमार ने बताया कि घटना के बारे में प्रशासन को जानकारी दे दी गई है। जितनी बड़ी मात्रा में मलबा और पत्थर स्कूल परिसर और खेल मैदान में पहुंचा है। यहां पठन पाठन कार्य चलाना मुश्किल बना हुआ है। बीती 31 जुलाई को चौहारघाटी के राजबन में तीन मकान मलबे में दब जाने से 10 लोग जिंदा दफन हो गए थे। वहीं ग्राम पंचायत तरसवाण और लटराण में भी भारी तबाही हुई है। घाटी के अन्य क्षेत्रों में हुई घटनाएं अब सामने आ रही हैं। थलटूखोड़-मढ़ सड़क भी पूरी तरह तबाह हो गई है। एक पुल सड़क में बह चुका है। जिससे स्कूल स्टाफ का आवागमन भी प्रभावित हुआ है। उधर,एसडीएम पधर डॉ. भावना वर्मा ने कहा कि गाहंग स्कूल परिसर में पहाड़ी से भूस्खलन होने से भारी नुकसान हुआ है। जिसके चलते स्कूल में 2 दिन का अवकाश घोषित किया गया था। मौजूदा हालात का पता करने बाद आगामी आदेश जारी किए जाएंगे। मंडी जिले की चौहारघाटी में बीते दिनो हुई मूलाधार बारिश ने हर तरफ कहर बरपाया है। राजबन में हुए जानमाल के नुकसान के साथ ग्राम पंचायत लटराण में भी खासी तबाही हुई है। यहां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गाहंग के पीछे पहाड़ी से भारी भरकम भूस्खलन होने से मलबा, पत्थर और लक्कड स्कूल परिसर में आ गए हैं। जिससे मिड डे मील रसोई घर और स्कूल का एक कमरा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। स्कूल परिसर के आगे भारी भरकम मलबा और पत्थर, लक्कड आने से दलदल बनी हुई है। गांव से स्कूल आने वाले रास्ते के बीच नाले में फुट ब्रिज भी बह चुका है। जिससे स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचना मुश्किल हो गया है। नायब तहसीलदार टिक्कन, हल्का पटवारी ने घटनास्थल पर जाकर नुकसान का जायजा लेकर रिपोर्ट तहसील कार्यालय भेजी है। इसे बाद प्रशासन ने दो और तीन अगस्त को स्कूल में अवकाश घोषित किया था। लेकिन सोमवार को स्कूल में कक्षाएं कैसे चलाई जाए और मिड डे मील का भोजन कैसे तैयार करें। यह स्कूल प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। स्कूल में पठन पाठन कार्य चलाना मुश्किल स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य दीप कुमार ने बताया कि घटना के बारे में प्रशासन को जानकारी दे दी गई है। जितनी बड़ी मात्रा में मलबा और पत्थर स्कूल परिसर और खेल मैदान में पहुंचा है। यहां पठन पाठन कार्य चलाना मुश्किल बना हुआ है। बीती 31 जुलाई को चौहारघाटी के राजबन में तीन मकान मलबे में दब जाने से 10 लोग जिंदा दफन हो गए थे। वहीं ग्राम पंचायत तरसवाण और लटराण में भी भारी तबाही हुई है। घाटी के अन्य क्षेत्रों में हुई घटनाएं अब सामने आ रही हैं। थलटूखोड़-मढ़ सड़क भी पूरी तरह तबाह हो गई है। एक पुल सड़क में बह चुका है। जिससे स्कूल स्टाफ का आवागमन भी प्रभावित हुआ है। उधर,एसडीएम पधर डॉ. भावना वर्मा ने कहा कि गाहंग स्कूल परिसर में पहाड़ी से भूस्खलन होने से भारी नुकसान हुआ है। जिसके चलते स्कूल में 2 दिन का अवकाश घोषित किया गया था। मौजूदा हालात का पता करने बाद आगामी आदेश जारी किए जाएंगे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर