फतेहाबाद में दिव्यांग मर्डर केस में भाई को फांसी:मकान के विवाद में काटा था गला, कोर्ट ने माना रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस

फतेहाबाद में दिव्यांग मर्डर केस में भाई को फांसी:मकान के विवाद में काटा था गला, कोर्ट ने माना रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस

हरियाणा के फतेहाबाद की जिला एवं सत्र न्यायालय ने दिव्यांग भाई के हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई है। मामला 18 जून 2020 का है। जब मकान विवाद में आरोपी अशोक ने अपने दिव्यांग भाई दीपक की बेरहमी से हत्या कर दी थी। आरोपी ने न सिर्फ अपने भाई का गला रेत दिया, बल्कि उसकी गर्दन को धड़ से अलग कर दिया और उसे बैग में रखकर फरार हो गया। बाद में पुलिस ने जांच के दौरान गर्दन और अन्य सबूत बरामद किए। जज दीपक अग्रवाल ने मामले को विरलतम श्रेणी में रखते हुए यह फैसला सुनाया है। पीड़ित की बहन सुषमा देवी के अनुसार, उनकी मां ने करीब 10 साल पहले टोहाना स्थित गोगामेड़ी के पास का मकान दिव्यांग दीपक के नाम कर दिया था। इसी बात से नाराज अशोक ने अपने 40 वर्षीय भाई की हत्या कर दी, जो पहले से ही तलाकशुदा था और पिछले 3-4 सालों से दिव्यांग था। हत्या के दो दिन बाद गिरफ्तार किया था आरोपी पुलिस ने हत्या के दो दिन बाद आरोपी को टोहाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया था। तब आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया था। तब आरोपी ने रिमांड के दौरान बताया था कि उसने भाई की हत्या कर सारी रात वहीं बैठा रहा। वह दीपक का एक सोने का कड़ा, 60 हजार रुपए की नगदी व दो मोबाइल भी अपने साथ ले गया। पहले उसने दीपक के कटे सिर को एक पॉलिथीन बैग में डालकर वहीं खूंटी पर टांग दिया था। सुबह 5 बजे वह सिर और सामान लेकर वहां से चला गया था। अदालत ने आईपीसी की धारा 302 के तहत फांसी की सजा के साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 457, 506, 201 में 5-5 साल की कैद व 5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला उप न्यायवादी अरुण कुमार ने इस मामले में सफल पैरवी की। हरियाणा के फतेहाबाद की जिला एवं सत्र न्यायालय ने दिव्यांग भाई के हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई है। मामला 18 जून 2020 का है। जब मकान विवाद में आरोपी अशोक ने अपने दिव्यांग भाई दीपक की बेरहमी से हत्या कर दी थी। आरोपी ने न सिर्फ अपने भाई का गला रेत दिया, बल्कि उसकी गर्दन को धड़ से अलग कर दिया और उसे बैग में रखकर फरार हो गया। बाद में पुलिस ने जांच के दौरान गर्दन और अन्य सबूत बरामद किए। जज दीपक अग्रवाल ने मामले को विरलतम श्रेणी में रखते हुए यह फैसला सुनाया है। पीड़ित की बहन सुषमा देवी के अनुसार, उनकी मां ने करीब 10 साल पहले टोहाना स्थित गोगामेड़ी के पास का मकान दिव्यांग दीपक के नाम कर दिया था। इसी बात से नाराज अशोक ने अपने 40 वर्षीय भाई की हत्या कर दी, जो पहले से ही तलाकशुदा था और पिछले 3-4 सालों से दिव्यांग था। हत्या के दो दिन बाद गिरफ्तार किया था आरोपी पुलिस ने हत्या के दो दिन बाद आरोपी को टोहाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया था। तब आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया था। तब आरोपी ने रिमांड के दौरान बताया था कि उसने भाई की हत्या कर सारी रात वहीं बैठा रहा। वह दीपक का एक सोने का कड़ा, 60 हजार रुपए की नगदी व दो मोबाइल भी अपने साथ ले गया। पहले उसने दीपक के कटे सिर को एक पॉलिथीन बैग में डालकर वहीं खूंटी पर टांग दिया था। सुबह 5 बजे वह सिर और सामान लेकर वहां से चला गया था। अदालत ने आईपीसी की धारा 302 के तहत फांसी की सजा के साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 457, 506, 201 में 5-5 साल की कैद व 5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला उप न्यायवादी अरुण कुमार ने इस मामले में सफल पैरवी की।   हरियाणा | दैनिक भास्कर