हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की ग्राम पंचायत मैहणी के कई गांव आजादी के 77 साल बाद भी सड़क सुविधा से महरूम है। सड़क तो दूर इनके घर आने-जाने का रास्ता भी पिछली बरसात में ब्यास नदी में समा गया था। सरकार से एक लाख मिलने के बाद टेंपरेरी रास्ता तो बना दिया गया। मगर इसमें भी लीपापोथी की गई। लिहाजा मैहणी पंचायत के कई गांव के ग्रामीण रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर खतरनाक ढांक में बने रास्ते से होकर आवाजाही करते है। थोड़ी सी चूक लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है। इस समस्या को लेकर वीरवार को मैहणी पंचायत के ग्रामीण डीसी मंडी अपूर्ण देवगन के दरबार में पहुंचे। DC मंडी के पास फरियाद लेकर पहुंचे ग्रामीण भारतीय सेना से रिटायर मोहन सिंह ने बताया कि मैहणी पंचायत के कई गांव सड़क सुविधा से महरूम है। उन्होंने बताया, लोगों को 9 मील जागर से संकरे रास्ते से होकर घर जाना पड़ता है। पिछली बरसात में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण यह रास्ता 150 मीटर तक बह गया था। इसके बाद ग्रामीणों ने यहां बांस की सीढ़ियों की मदद से टैंपरेरी रास्ता तो बना दिया है, लेकिन यहां से आना-जाना खतरे से खाली नहीं है। पंचायत ने रास्ता बनाने में लीपापोथी की: ग्रामीण मोहन सिंह व ग्रामीणों ने DC को बताया कि जब उनका रास्ता टूटा तो सरकार ने इसके निर्माण के लिए एक लाख रुपए स्वीकृत किए। यह पैसा पंचायत के पास गया। रास्ते का निर्माण तो जरूर किया गया, लेकिन लीपापोथी की गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जो बांस की सीढ़ी बनाई थी, पंचायत प्रधान ने उसी बांस की सीढ़ी पर ही लैंटर डलवा दिया। लोगों ने पूरे मामले की जांच की मांग की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पंचायत के लोगों ने डीसी से पक्का रास्ता बनाने का भी आग्रह किया। यहां देखे कैसे खतरनाक रास्ते से होकर आते जाते हैं मैंहणी पंचायत के लोग… हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की ग्राम पंचायत मैहणी के कई गांव आजादी के 77 साल बाद भी सड़क सुविधा से महरूम है। सड़क तो दूर इनके घर आने-जाने का रास्ता भी पिछली बरसात में ब्यास नदी में समा गया था। सरकार से एक लाख मिलने के बाद टेंपरेरी रास्ता तो बना दिया गया। मगर इसमें भी लीपापोथी की गई। लिहाजा मैहणी पंचायत के कई गांव के ग्रामीण रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर खतरनाक ढांक में बने रास्ते से होकर आवाजाही करते है। थोड़ी सी चूक लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है। इस समस्या को लेकर वीरवार को मैहणी पंचायत के ग्रामीण डीसी मंडी अपूर्ण देवगन के दरबार में पहुंचे। DC मंडी के पास फरियाद लेकर पहुंचे ग्रामीण भारतीय सेना से रिटायर मोहन सिंह ने बताया कि मैहणी पंचायत के कई गांव सड़क सुविधा से महरूम है। उन्होंने बताया, लोगों को 9 मील जागर से संकरे रास्ते से होकर घर जाना पड़ता है। पिछली बरसात में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण यह रास्ता 150 मीटर तक बह गया था। इसके बाद ग्रामीणों ने यहां बांस की सीढ़ियों की मदद से टैंपरेरी रास्ता तो बना दिया है, लेकिन यहां से आना-जाना खतरे से खाली नहीं है। पंचायत ने रास्ता बनाने में लीपापोथी की: ग्रामीण मोहन सिंह व ग्रामीणों ने DC को बताया कि जब उनका रास्ता टूटा तो सरकार ने इसके निर्माण के लिए एक लाख रुपए स्वीकृत किए। यह पैसा पंचायत के पास गया। रास्ते का निर्माण तो जरूर किया गया, लेकिन लीपापोथी की गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जो बांस की सीढ़ी बनाई थी, पंचायत प्रधान ने उसी बांस की सीढ़ी पर ही लैंटर डलवा दिया। लोगों ने पूरे मामले की जांच की मांग की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पंचायत के लोगों ने डीसी से पक्का रास्ता बनाने का भी आग्रह किया। यहां देखे कैसे खतरनाक रास्ते से होकर आते जाते हैं मैंहणी पंचायत के लोग… हिमाचल | दैनिक भास्कर
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