मजदूरों ने ईएसआई दफ्तर पर किया प्रदर्शन

मजदूरों ने ईएसआई दफ्तर पर किया प्रदर्शन

भास्कर न्यूज | लुधियाना अखिल भारतीय मजदूर काउंसिल ने मजदूरों को क्लेम मिलने में हो रही देरी के विरोध में रिजनल ईएसआई कारपोरेशन ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने कर्मचारियों पर लाभार्थियों को समय से पेंशन नहीं जारी करने और परेशान करने का आरोप लगाया। बुधवार को अखिल भारतीय मजदूर काउंसिल के प्रधान कामरेड चितरंजन कुमार के नेतृत्व में वर्करों ने रिजनल ईएसआई कारपोरेशन ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया। चितरंजन ने कहा कि फैक्ट्री में काम करने वाले वर्करों को ईएसआई स्कीम का लाभ मिलता है।अगर वर्कर का कंपनी में एक्सीडेंट हो जाता है तो वो गाइडलाइंस के तहत परिवार को पेंशन देने तक का प्रावधान है। 50 केस ऐसे थे जो दो-दो साल से लंबित हैं लेकिन अफसर उन्हें पेंशन या लाभ जारी नहीं कर रहे हैं। किसी मजदूर के दोनों हाथ कटे थे तो कइयों की उंगलियां कटी थीं लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। राज सिंह राजपूत, टीम युवा से वीरेंद्र कश्यप और एन मिश्रा ने कहा कि महीनों से मजदूर चक्कर काट रहे हैं लेकिन अफसर सुनवाई नहीं कर रहे हैं। एडवोकेट आरएस रावत ने कहा कि अफसरों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने में कौताही नहीं बरतनी चाहिए। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा। ^प्रदर्शनकारियों से बातचीत की गई है और उनकी समस्याओं को सुना गया है। कई बार फेक केस आते हैं और कुछ मामलों में लोग नेटिव प्लेस चले जाते हैं। कागजों में कमियां होती हैं जिसे दूर किया जाता है। लाइव सर्टिफिकेट जमा कराना होता है जिसमें अथॉरिटी से साइन नहीं कराया जाता है। -परनीश कुमार सिन्हा, रिजनल हेड, ईएसआई भास्कर न्यूज | लुधियाना अखिल भारतीय मजदूर काउंसिल ने मजदूरों को क्लेम मिलने में हो रही देरी के विरोध में रिजनल ईएसआई कारपोरेशन ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने कर्मचारियों पर लाभार्थियों को समय से पेंशन नहीं जारी करने और परेशान करने का आरोप लगाया। बुधवार को अखिल भारतीय मजदूर काउंसिल के प्रधान कामरेड चितरंजन कुमार के नेतृत्व में वर्करों ने रिजनल ईएसआई कारपोरेशन ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया। चितरंजन ने कहा कि फैक्ट्री में काम करने वाले वर्करों को ईएसआई स्कीम का लाभ मिलता है।अगर वर्कर का कंपनी में एक्सीडेंट हो जाता है तो वो गाइडलाइंस के तहत परिवार को पेंशन देने तक का प्रावधान है। 50 केस ऐसे थे जो दो-दो साल से लंबित हैं लेकिन अफसर उन्हें पेंशन या लाभ जारी नहीं कर रहे हैं। किसी मजदूर के दोनों हाथ कटे थे तो कइयों की उंगलियां कटी थीं लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। राज सिंह राजपूत, टीम युवा से वीरेंद्र कश्यप और एन मिश्रा ने कहा कि महीनों से मजदूर चक्कर काट रहे हैं लेकिन अफसर सुनवाई नहीं कर रहे हैं। एडवोकेट आरएस रावत ने कहा कि अफसरों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने में कौताही नहीं बरतनी चाहिए। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा। ^प्रदर्शनकारियों से बातचीत की गई है और उनकी समस्याओं को सुना गया है। कई बार फेक केस आते हैं और कुछ मामलों में लोग नेटिव प्लेस चले जाते हैं। कागजों में कमियां होती हैं जिसे दूर किया जाता है। लाइव सर्टिफिकेट जमा कराना होता है जिसमें अथॉरिटी से साइन नहीं कराया जाता है। -परनीश कुमार सिन्हा, रिजनल हेड, ईएसआई   पंजाब | दैनिक भास्कर