पंजाब के मजीठा में बुधवार रात हुए धमाके को पुलिस अभी भी आतंकी हमला या ग्रेनेड अटैक नहीं मान रही है। एसपी इन्वेस्टिगेशन हरिंदर सिंह ने फिर दोहराया कि ये कोई आतंकी हमला नहीं था। एक पुलिसकर्मी के बाइक का टायर ही फटा था। जबकि मौजूदा विधायक के पति और अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने बीते दिन ही थाने के अंदर टूटी खिड़कियों और दीवार पर पड़े निशानों की वीडियो जारी की थी। एसपी हरिंदर सिंह ने अमृतसर में पकड़ी गई हेरोइन और तस्करों की जानकारी देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। जिसमें मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मजीठा में कोई धमाका नहीं हुआ था। डीएसपी ने जो कहा, वे सही है। ना कोई आतंकी हमला हुआ और ना ही कोई ग्रेनेड अटैक हुआ। पुलिस स्टेशन के पास बस स्टैंड और मार्केट भी है। इसमें अभी जांच चल रही है कि इतनी अधिक आवाज किसकी थी। जब पुलिस से जारी की गई तस्वीरों के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि थाने में साफ सफाई का काम चलता रहता है। धमाके की आवाज कई किमी दूर तक सुनी थी मामला बुधवार रात 9.30 से 10 बजे के बीच का है। एक जोरदार धमाके की आवाज ने पूरे मजीठा को हिला दिया। सूचना मिली की थाने में बम धमाका हुआ है। मीडिया कर्मी मौके पर पहुंचे तो उन्हें पुलिस स्टेशन में ही नहीं जाने दिया। रात के समय डीएसपी जसपाल सिंह बोले। जब मीडिया ने उनसे बात की तो उन्होंने धमाके से इनकार कर दिया और कहा कि ये मात्र टायर फटने की घटना है। शुक्रवार दोपहर आतंकी संगठन की पोस्ट हुई वायरल घटना के बाद अगली दोपहर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। ये पोस्ट बब्बर खालसा इंटरनेशनल की तरफ से की गई थी। जिसमें लिखा गया- ‘वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह। जो मजीठा थाने में पुलिस कर्मचारियों के ऊपर ग्रेनेड अटैक हुआ है, उसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासिया, गोपी नवांशहरिया, जीवन फौजी लेते हैं। ये जो बीते दिनों कार्रवाई हुई हैं, उन्हीं की कड़ी में इस घटना को अंजाम दिया गया है। यह कार्रवाई इस तरह से ही जारी रहेंगी। इससे भी बड़ी कार्रवाई कर पंजाब पुलिस और मौजूदा सरकार को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा, जो सिखों के दुश्मन बन के पंजाब में गुंडा राज चला रहे हैं। अगले एक्शन के लिए तैयार रहें। जंग जारी है।’ पुलिस ने पकड़ी 35 करोड़ की हेरोइन अमृतसर जिले के अजनाला थाने में नशे और अवैध हथियारों के खिलाफ कार्रवाई के तहत 5 किलो हेरोइन, एक .32 बोर रिवाल्वर और 5 जिंदा राउंड बरामद किए गए। पुलिस ने एक वाहन की जांच के दौरान तीन आरोपियों मक्खन सिंह पुत्र दिया सिंह निवासी भूरा कोना खेमकरण, सज्जन सिंह पुत्र सेवा सिंह निवासी किली नऊ आबाद जीरा, विलियम पुत्र मदी मसीह निवासी जोड़िया खुर्द फतेह बाबा नानक जिला गुरदासपुर को गिरफ्तार किया। जबकि इस मामले में दो अन्य आरोपी चचेरे-भाई फरार होने में कामयाब रहे। इन पर NDPS एक्ट और आर्म्स एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है ताकि इस अवैध नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ा जा सके। पंजाब के मजीठा में बुधवार रात हुए धमाके को पुलिस अभी भी आतंकी हमला या ग्रेनेड अटैक नहीं मान रही है। एसपी इन्वेस्टिगेशन हरिंदर सिंह ने फिर दोहराया कि ये कोई आतंकी हमला नहीं था। एक पुलिसकर्मी के बाइक का टायर ही फटा था। जबकि मौजूदा विधायक के पति और अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने बीते दिन ही थाने के अंदर टूटी खिड़कियों और दीवार पर पड़े निशानों की वीडियो जारी की थी। एसपी हरिंदर सिंह ने अमृतसर में पकड़ी गई हेरोइन और तस्करों की जानकारी देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। जिसमें मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मजीठा में कोई धमाका नहीं हुआ था। डीएसपी ने जो कहा, वे सही है। ना कोई आतंकी हमला हुआ और ना ही कोई ग्रेनेड अटैक हुआ। पुलिस स्टेशन के पास बस स्टैंड और मार्केट भी है। इसमें अभी जांच चल रही है कि इतनी अधिक आवाज किसकी थी। जब पुलिस से जारी की गई तस्वीरों के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि थाने में साफ सफाई का काम चलता रहता है। धमाके की आवाज कई किमी दूर तक सुनी थी मामला बुधवार रात 9.30 से 10 बजे के बीच का है। एक जोरदार धमाके की आवाज ने पूरे मजीठा को हिला दिया। सूचना मिली की थाने में बम धमाका हुआ है। मीडिया कर्मी मौके पर पहुंचे तो उन्हें पुलिस स्टेशन में ही नहीं जाने दिया। रात के समय डीएसपी जसपाल सिंह बोले। जब मीडिया ने उनसे बात की तो उन्होंने धमाके से इनकार कर दिया और कहा कि ये मात्र टायर फटने की घटना है। शुक्रवार दोपहर आतंकी संगठन की पोस्ट हुई वायरल घटना के बाद अगली दोपहर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। ये पोस्ट बब्बर खालसा इंटरनेशनल की तरफ से की गई थी। जिसमें लिखा गया- ‘वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह। जो मजीठा थाने में पुलिस कर्मचारियों के ऊपर ग्रेनेड अटैक हुआ है, उसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासिया, गोपी नवांशहरिया, जीवन फौजी लेते हैं। ये जो बीते दिनों कार्रवाई हुई हैं, उन्हीं की कड़ी में इस घटना को अंजाम दिया गया है। यह कार्रवाई इस तरह से ही जारी रहेंगी। इससे भी बड़ी कार्रवाई कर पंजाब पुलिस और मौजूदा सरकार को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा, जो सिखों के दुश्मन बन के पंजाब में गुंडा राज चला रहे हैं। अगले एक्शन के लिए तैयार रहें। जंग जारी है।’ पुलिस ने पकड़ी 35 करोड़ की हेरोइन अमृतसर जिले के अजनाला थाने में नशे और अवैध हथियारों के खिलाफ कार्रवाई के तहत 5 किलो हेरोइन, एक .32 बोर रिवाल्वर और 5 जिंदा राउंड बरामद किए गए। पुलिस ने एक वाहन की जांच के दौरान तीन आरोपियों मक्खन सिंह पुत्र दिया सिंह निवासी भूरा कोना खेमकरण, सज्जन सिंह पुत्र सेवा सिंह निवासी किली नऊ आबाद जीरा, विलियम पुत्र मदी मसीह निवासी जोड़िया खुर्द फतेह बाबा नानक जिला गुरदासपुर को गिरफ्तार किया। जबकि इस मामले में दो अन्य आरोपी चचेरे-भाई फरार होने में कामयाब रहे। इन पर NDPS एक्ट और आर्म्स एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है ताकि इस अवैध नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ा जा सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में 328 कैंडिडेट में से 289 की जमानत जब्त:SAD के 10, भाजपा के 4 और कांग्रेस का 1 उम्मीदवार लिस्ट में; AAP की इज्जत बची इस साल लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पंजाब से 328 उम्मीदवार मैदान में उतरे, लेकिन उनमें से 289 अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। अगर निर्दलीय और छोटी पार्टियों के उम्मीदवारों को छोड़कर 4 मुख्य पार्टियों की बात करें तो इनमें अकाली दल के उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा है, जबकि पुराने समय में उनकी सहयोगी रही बीजेपी दूसरे नंबर पर है। चुनाव आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, उम्मीदवारों की सूची में अकाली दल के 10, भाजपा के चार और कांग्रेस का एक उम्मीदवार शामिल है। जबकि प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी आम आदमी पार्टी के सभी उम्मीदवार अपनी जमानत बचा पाने में सफल रहे हैं। फरीदकोट से कांग्रेस उम्मीदवार अमरजीत कौर साहोके (15.87 प्रतिशत वोट) फरीदकोट से मामूली अंतर से जमानत गंवा बैठीं, जहां वह तीसरे स्थान पर रहीं। घटता अकाली दल का वोट बैंक अकाली दल का 2019 के लोकसभा चुनावों में 27.45 प्रतिशत वोट शेयर था, जो 2024 में 13.42 प्रतिशत पहुंच गया है। जबकि पुराने समय में अकाली दल के साथ चुनावी मैदान में उतरने वाली भाजपा उससे आगे न कल गई है। 2019 में भाजपा का वोट शेयर 9.63 प्रतिशत था, जो अब बढ़ कर अब 18.56% हो गया है। जबकि भाजपा ने तब भी अकाली के साथ गठबंधन में केवल तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था। हरसिमरत के अलावा 2 अन्य की बची जमानत हरसिमरत कौर बादल ने बठिंडा में जीत हासिल की है। हरसिमरत के अलावा नरदेव सिंह बॉबी मान, जिन्होंने फिरोजपुर से चुनाव लड़ा और अनिल जोशी, जिन्होंने अमृतसर से चुनाव लड़ा, दोनों जमानत बचाने में कामयाबद रहे। नरदेव मान नोटा वोटों को छोड़कर, कुल वैध वोटों में से 22.66 प्रतिशत वोट पाने में कामयाब रहे। वहीं, जोशी को अमृतसर में 18.06 प्रतिशत वोट मिले। झूंदा को पड़े मात्र 6.19% वोट अकाली दल जो खुद को एक क्षेत्रीय पार्टी कहती है, जिसने 2007-17 तक लगातार दो बार राज्य पर शासन किया, की किस्मत बद से बदतर होती जा रही है। 2022 में चुनाव हारने के बाद समीक्षा करने के लिए बनी कमेटी को लीड करने वाले यही इकबाल सिंह झूंदा ने अकाली दल को प्रधान बदलने का सुझाव दिया था, जो अब सिर्फ 6.19% वोट ही पा सके हैं। केपी को जालंधर में पड़े मा 6.89% वोट जमानत गंवाने वाले अकाली दल के उम्मीदवारों में मोहिंदर सिंह कापी (6.89 प्रतिशत वोट) हैं, जो कांग्रेस छोड़कर अकाली दल में शामिल हो गए और जालंधर से चुनाव लड़े। पार्टी प्रवक्ता और गुरदासपुर से उम्मीदवार दलजीत सिंह चीमा (7.95 प्रतिशत वोट), खडूर साहिब के उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा (8.27 प्रतिशत वोट), लुधियाना के उम्मीदवार रणजीत सिंह ढिल्लों (8.55 प्रतिशत वोट), होशियारपुर के उम्मीदवार सोहन सिंह ठंडल (9.73 प्रतिशत वोट), आनंदपुर साहिब के उम्मीदवार और पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा (11.01 प्रतिशत), फतेहगढ़ साहिब के उम्मीदवार बिक्रमजीत सिंह खालसा (13.13 प्रतिशत वोट), पटियाला से उम्मीदवार एन के शर्मा (13.44 प्रतिशत वोट) और फरीदकोट के उम्मीदवार राजविंदर सिंह धर्मकोट (13.68 प्रतिशत वोट) ही हासिल कर पाए हैं। भाजपा के 4 उम्मीदवारों ने गंवाई जामनत अपनी जमानत गंवाने वाले भाजपा उम्मीदवार मंजीत सिंह मन्ना (8.27 प्रतिशत वोट) हैं, जो खडूर साहिब में पांचवें स्थान पर रहे। बठिंडा में चौथे स्थान पर रहीं परमपाल कौर सिद्धू 9.66 प्रतिशत वोट ही हासिल कर सकीं। संगरूर में चौथे स्थान पर रहे अरविंद खन्ना को 12.75 प्रतिशत वोट और फतेहगढ़ साहिब में गेज्जा राम 13.21 प्रतिशत वोट पड़े हैं। जानें कैसे होती है जमानत रद्द जमानत राशि प्राप्त करने के लिए, मैदान में खड़े उम्मीदवार को नोटा को छोड़कर, कुल वैध वोटों के छठे हिस्से से अधिक यानी 16.67 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। न्यूनतम आवश्यक वोटों के अभाव में सुरक्षा जमा जब्त करने की धारा के पीछे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल गंभीर उम्मीदवार ही मैदान में उतरें। इसके लिए सामान्य लोकसभा सीटों के लिए 25,000 रुपए की सुरक्षा जमा राशि की आवश्यकता होती है, जबकि SC आरक्षित सीट के लिए यह राशि 12,500 रुपये है।
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