मजीठिया ड्रग तस्करी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:जमानत रद्द करने की सरकार की याचिका खारिज, सार्वजनिक बयान देने से बचना होगा

मजीठिया ड्रग तस्करी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:जमानत रद्द करने की सरकार की याचिका खारिज, सार्वजनिक बयान देने से बचना होगा

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने मजीठिया की जमानत रद्द करने की पंजाब सरकार की याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने बिक्रम सिंह मजीठिया और पंजाब पुलिस को मामले के बारे में कोई भी सार्वजनिक बयान देने से बचने का निर्देश दिया है।जब भी एसआईटी उन्हें जांच के लिए बुलाएगी, उन्हें पेश होना पड़ेगा। ​​​​​इससे पहले वह लगातार एसआईटी के बुलाने पर पटियाल में जाकर अपने बयान दर्ज करवाते रहे हैं।​​ जांच के हर चरण को पहले जान लेता है सरकारी वकील ने कहा हम आरोपी के खिलाफ जांच कर रहे हैं। हम अदालत से सर्च वारंट के लिए जाते हैं। इसके बाद आरोपी सोशल मीडिया पर आता है और कहता है कि तलाशी अभियान चलाया जाना है। वह जांच के हर चरण को होने से पहले ही जान लेता है। इस पर अदालत ने सरकारी वकील से पूछा कि इससे तलाशी पर क्या प्रभाव पड़ा है? इस पर वकील ने कहा कि जहां भी हमें तलाशी लेने की जरूरत थी, वहां अब चार दीवारें हैं। वह अपने मामलों को व्यवस्थित कर रहा है। आश्चर्य का तत्व चला जाता है। कोर्ट ने पूछा कि क्या हम यह कह सकते हैं कि वह जाकर बयान नहीं दे सकता? इस पर सरकारी वकील ने कहा कि ऐसा कई जमानत आदेशों में कहा गया है। कोर्ट ने कहा कि 2022 तक जमानत मंजूर कर ली गई है। इतने समय बाद जमानत आदेश को क्यों रद्द किया जाएगा? तीन मई को मोहाली अदालत में सुनवाई एसआईटी द्वारा अदालत से मांगे गए एक सर्च वारंट के खिलाफ मजीठिया ने मोहाली अदालत में याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत से मांग की है कि उन्हें बताया जाए कि जांच एजेंसी ने उनकी कौन-सी जगह की सर्च करनी है। इस मामले की अगली सुनवाई तीन मई को तय की गई है शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने मजीठिया की जमानत रद्द करने की पंजाब सरकार की याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने बिक्रम सिंह मजीठिया और पंजाब पुलिस को मामले के बारे में कोई भी सार्वजनिक बयान देने से बचने का निर्देश दिया है।जब भी एसआईटी उन्हें जांच के लिए बुलाएगी, उन्हें पेश होना पड़ेगा। ​​​​​इससे पहले वह लगातार एसआईटी के बुलाने पर पटियाल में जाकर अपने बयान दर्ज करवाते रहे हैं।​​ जांच के हर चरण को पहले जान लेता है सरकारी वकील ने कहा हम आरोपी के खिलाफ जांच कर रहे हैं। हम अदालत से सर्च वारंट के लिए जाते हैं। इसके बाद आरोपी सोशल मीडिया पर आता है और कहता है कि तलाशी अभियान चलाया जाना है। वह जांच के हर चरण को होने से पहले ही जान लेता है। इस पर अदालत ने सरकारी वकील से पूछा कि इससे तलाशी पर क्या प्रभाव पड़ा है? इस पर वकील ने कहा कि जहां भी हमें तलाशी लेने की जरूरत थी, वहां अब चार दीवारें हैं। वह अपने मामलों को व्यवस्थित कर रहा है। आश्चर्य का तत्व चला जाता है। कोर्ट ने पूछा कि क्या हम यह कह सकते हैं कि वह जाकर बयान नहीं दे सकता? इस पर सरकारी वकील ने कहा कि ऐसा कई जमानत आदेशों में कहा गया है। कोर्ट ने कहा कि 2022 तक जमानत मंजूर कर ली गई है। इतने समय बाद जमानत आदेश को क्यों रद्द किया जाएगा? तीन मई को मोहाली अदालत में सुनवाई एसआईटी द्वारा अदालत से मांगे गए एक सर्च वारंट के खिलाफ मजीठिया ने मोहाली अदालत में याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत से मांग की है कि उन्हें बताया जाए कि जांच एजेंसी ने उनकी कौन-सी जगह की सर्च करनी है। इस मामले की अगली सुनवाई तीन मई को तय की गई है   पंजाब | दैनिक भास्कर