पानीपत जिले के मतलौडा में सड़क पर पैदल जा रहे ससुर- जमाई व एक अन्य को कार ने कुच दिया । जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद कार बेकाबू होकर गड्ढे में जाकर के पलट गई। लेकिन ड्राइवर का कहीं पता नहीं चला है। हादसा ब्राह्मणवास गांव के पास हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच पड़ताल की। तीनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत सिविल अस्पताल में भेज दिया । एक ही फैक्ट्री में काम करते थे तीनों मृतक नामदेव महतो की बेटी शिल्पी देवी ने बताया है कि उसका पिताजी ननदेव मैहतो रोह गांव जिला नवादा बिहार व उसका पति अनिल प्रसाद गांव सौदा जिला शेखपुरा बिहार व पश्चिम बंगाल निवासी कार्तिक एक ही फैक्ट्री में काम करते थे। छुट्टी के बाद घर जा रहे थे तीनों तीनों सायं के समय छुट्टी करके अपने घर वापस बिझोंल गांव जा रहे थे। जहां पर तीनों किराए के मकान में रहते थे। इसी दौरान रास्ते में पीछे से कर आई और तीनों को कुचल दिया। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पानीपत जिले के मतलौडा में सड़क पर पैदल जा रहे ससुर- जमाई व एक अन्य को कार ने कुच दिया । जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद कार बेकाबू होकर गड्ढे में जाकर के पलट गई। लेकिन ड्राइवर का कहीं पता नहीं चला है। हादसा ब्राह्मणवास गांव के पास हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच पड़ताल की। तीनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत सिविल अस्पताल में भेज दिया । एक ही फैक्ट्री में काम करते थे तीनों मृतक नामदेव महतो की बेटी शिल्पी देवी ने बताया है कि उसका पिताजी ननदेव मैहतो रोह गांव जिला नवादा बिहार व उसका पति अनिल प्रसाद गांव सौदा जिला शेखपुरा बिहार व पश्चिम बंगाल निवासी कार्तिक एक ही फैक्ट्री में काम करते थे। छुट्टी के बाद घर जा रहे थे तीनों तीनों सायं के समय छुट्टी करके अपने घर वापस बिझोंल गांव जा रहे थे। जहां पर तीनों किराए के मकान में रहते थे। इसी दौरान रास्ते में पीछे से कर आई और तीनों को कुचल दिया। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से:पहले दिन 6 जिलों में जाएगी, 3 दिन में हरियाणा कवर करेंगे, रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में
ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से:पहले दिन 6 जिलों में जाएगी, 3 दिन में हरियाणा कवर करेंगे, रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में हरियाणा के 5 बार के CM रहे इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से शुरू होगी। यात्रा की शुरुआत फतेहाबाद से होगी। इसके बाद हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ (नारनौल) और रेवाड़ी तक जाएगी। यहां से यात्रा गुरुग्राम में प्रवेश करेगी, जहां रात्रि विश्राम किया जाएगा। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने कहा है कि जो लोग अंतिम संस्कार पर नहीं पहुंच पाए थे, उनके लिए सभी 22 जिलों में अस्थि कलश यात्रा निकाल रहे हैं, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। यह यात्रा 3 दिन में पूरे प्रदेश को कवर करेगी। हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के तीर्थ स्थलों में भी कलश ले जाए जाएंगे। ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि समारोह 31 दिसंबर को सिरसा के चौधरी देवीलाल स्टेडियम में होगा। ओपी चौटाला के निधन से जुड़े 4 पाइंट्स… 1. गुरुग्राम में हुआ निधन
ओपी चौटाला का 89 साल की उम्र में 20 दिसंबर को गुरुग्राम में निधन हुआ था। यहां दोपहर करीब साढ़े 11 बजे उन्हें हार्ट अटैक आया। परिवार उन्हें अस्पताल लेकर गया, लेकिन करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। चौटाला पहले से ही हार्ट और डायबिटीज समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। 2. फार्म हाउस में अंतिम संस्कार
निधन के बाद गुरुग्राम से शाम को ही ओपी चौटाला की पार्थिव देह सिरसा के तेजाखेड़ा गांव स्थित फार्म हाउस लाई गई। यहां 21 दिसंबर को उनकी पार्थिव देह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला ने मिलकर उन्हें मुखाग्नि दी। उनके 4 पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, अर्जुन चौटाला और कर्ण चौटाला ने अंतिम रस्में निभाईं। 3. सुप्रीम कोर्ट जज से लेकर उप-राष्ट्रपति तक ने श्रद्धांजलि दी
ओपी चौटाला के निधन पर कई बड़ी हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने सिरसा पहुंचीं। इनमें उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत, योगगुरू स्वामी रामदेव, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, CM नायब सैनी, पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा भी भी शामिल हैं। 4. अंतिम विदाई के वक्त एक साथ दिखा परिवार
राजनीतिक तौर पर अलग हो चुके चौटाला परिवार के सदस्य पूर्व CM के निधन पर एक साथ दिखे। बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला के साथ भाई रणजीत चौटाला भी उनकी अंतिम विदाई के दौरान साथ बैठे रहे। अभय इनेलो के प्रधान महासचिव हैं। अजय इनेलो से निकाले जाने के बाद अलग पार्टी JJP बना चुके हैं। रणजीत चौटाला इसी साल लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के वक्त टिकट न मिलने पर फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। चौटाला से जुड़ी 4 अहम बातें… 1.पिता से ज्यादा न पढ़ें, इसलिए स्कूल बीच में छोड़ा
ओपी चौटाला कहीं पिता पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल से ज्यादा न पढ़ जाएं, इसलिए उन्होंने स्कूल बीच में ही छोड़ दिया। उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में माना कि उन दिनों में पिता से ज्यादा पढ़ना अच्छा नहीं माना जाता था। 2. पांच दिन से 5 साल तक के CM बने
2 दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने। उनके उप-चुनाव में महम हिंसा के बाद साढ़े 5 महीने में कुर्सी छोड़नी पड़ी। दूसरी बार वह CM बने तो महम कांड की वजह से तत्कालीन PM वीपी सिंह की नाराजगी के बाद 5 दिन में इस्तीफा देना पड़ा। 1990 में BJP के समर्थन वापसी से वीपी सिंह सरकार गिरी तो देवीलाल ने तीसरी बार ओपी चौटाला को CM बना दिया, लेकिन विधायकों की नाराजगी से सरकार गिर गई और चौटाला का 15 दिन में कुर्सी छोड़नी पड़ी। 1996 में बंसीलाल की सरकार गिरी तो चौटाला ने बंसीलाल के विधायक तोड़े और 24 जुलाई 1999 को एक साल के लिए CM बने। साल 2000 में 47 सीटें जीत वह 5 साल तक सीएम रहे। 3. चौटाला ने जेल में रहकर पढ़ाई की, उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी
साल 1999-2000 में चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में फंसे। 2004 में CBI जांच के बाद ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 62 लोगों पर FIR दर्ज हुई। जनवरी 2013 में दिल्ली की स्पेशल CBI कोर्ट ने भ्रष्टाचार का कसूरवार मानते हुए चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद की सजा सुनाई। जब वह टीचर घोटाले में जेल में रहे तो 2017 से 2021 के बीच उन्होंने 10वीं और 12वीं क्लास पास की। इसे लेकर उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी, जिसमें उनका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया। 4. चौटाला के जेल जाते ही परिवार में राजनीतिक फूट पड़ी
ओपी चौटाला के टीचर घोटाले में जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई। एक तरफ छोटे बेटे ने इनेलो की कमान संभाल ली। वहीं, पिता संग जेल गए अजय चौटाला ने विदेश में पढ़ रहे बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को वापस बुला लिया, जिसके बाद अभय और उनके भतीजों में इनेलो को लेकर खींचतान शुरू हो गई। ओपी चौटाला जब 2018 में पैरोल पर बाहर आए तो 7 अक्टूबर को गोहाना रैली में दुष्यंत को CM बनाने के नारे लगे। इसके बाद बड़े बेटे अजय और उनके दोनों बेटों को निकाल दिया गया, जिन्होंने जननायक जनता पार्टी बना ली। हालांकि, इस फूट के बाद इनेलो कभी सत्ता में नहीं आ पाई। JJP जरूर 2019-24 में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में रही। हालांकि, 2024 के विधानसभा चुनाव में JJP एक भी सीट नहीं जीत पाई। इनेलो ने 2 सीटें जीतीं, लेकिन अभय चौटाला चुनाव हार गए। इसलिए अस्थि कलश यात्रा निकालने की जरूरत… 1. इनेलो कैडर में बिखराव
2018 में परिवार में आपसी कलह के चलते इनेलो में बड़ी टूट हुई थी। अभय चौटाला के भाई अजय चौटाला ने अपने बेटों दुष्यंत और दिग्विजय के अलावा कई अन्य नेताओं के साथ पार्टी को अलविदा कह दिया। इससे इनेलो टूट गई और हरियाणा में JJP का गठन हुआ। JJP में इनेलो का वोटर टूट कर चला गया। इतना ही नहीं परिवार की लड़ाई से आहत कई नेताओं ने पार्टी छोड़ कांग्रेस या भाजपा का दामन थाम लिया। 2. इनेलो के आगे अस्तित्व बचाने की लड़ाई
कभी हरियाणा की राजनीति की दशा-दिशा तय करने वाली इनेलो के लिए अब अस्तित्व बचाने की चुनौती है। इनेलो के लिए चश्मा चुनाव चिन्ह बचाना ही मुश्किल हो रहा है। इसके लिए उन्हें इस बार 6% मत हासिल करना इसलिए जरूरी था, लेकिन 4.14 फीसदी वोट ही मिले। ऐसे में सिंबल छिन गया तो इनेलो के लिए मुश्किल हो सकती है। 3. कांग्रेस की हार के बाद मौका
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तीसरी बार हार हुई है। इनेलो इसे अवसर के रूप में देख रही है। कांग्रेस और जजपा का वोटर भाजपा में जाने के बजाय किसी और विकल्प को देख रहा है। भले ही 2024 विधानसभा में इनेलो बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई, मगर अधिकतर कैंडिडेट तीसरे या दूसरे स्थान पर रहे। इससे इनेलो उत्साहित है और हरियाणा में फिर से मैदान बनाना चाहती है।
सोहना में करंट लगने से युवक की मौत:फार्म हाउस में इन्वर्टर सुधारते समय हादसा; स्कूल में करता था माली का काम
सोहना में करंट लगने से युवक की मौत:फार्म हाउस में इन्वर्टर सुधारते समय हादसा; स्कूल में करता था माली का काम सोहना के सरमथला में फार्म हाउस में करंट लगने से युवक की मौत हो गई। करंट लगने से दीपक (24) बुरी तरह से झुलस गया था। अस्पताल ले जाते वक्त उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक युवक पास के गांव के स्कूल में माली का काम करता था। युवक के पिता गब्बर ने बताया कि उसके दो बेटे हैं। दीपक स्कूल में माली का काम करता है, जबकि दूसरा बेटा एक फार्म हाउस में काम करता है। बीती रात बिजली न होने के कारण दीपक फॉर्म हाउस में चला गया। जहां पर इन्वर्टर खराब था। जिसे वह स्वयं सही करने लगा। इस दौरान इन्वर्टर सही करते समय वह करंट की चपेट में आ गया। गंभीर अवस्था में उसे सामान्य अस्पताल लाया गया। जहां पर उसकी मौत हो गई। सूचना मिलते पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई में जुट गई। दीपक की मौत की सूचना से परिवार में सन्नाटा पसर गया। परिजनों का का रो-रोकर बुरा हाल रहा। जांच अधिकारी एसआई अमीचंद ने बताया कि मृतक का पोस्टमॉर्टम करा शव को परिजनों को सौंप दिया है।
हरियाणा पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल ने की खुदकुशी:झज्जर में मिली लाश, सोनीपत का रहने वाला, रोहतक में थी तैनाती; पत्नी समेत 3 पर FIR
हरियाणा पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल ने की खुदकुशी:झज्जर में मिली लाश, सोनीपत का रहने वाला, रोहतक में थी तैनाती; पत्नी समेत 3 पर FIR हरियाणा पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल ने घरेलू कलह के चलते खुदकुशी कर ली। हेड कॉन्स्टेबल संजय ने 4 जुलाई को रोहतक के पास से गुजरने वाली जेएलएन नहर में छलांग लगा दी थी। जिसके बाद उसकी तलाश में रोहतक पुलिस और एनडीआरएफ की टीम द्वारा नहर में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी। जवान का शव आज झज्जर के गांव बाकरा के पास से गुजरने वाली नहर में मिला। सूचना मिलते ही पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची। बाद में परिजनों को बुलाया गया। शव का पोस्टमॉर्टम झज्जर के नागरिक अस्पताल में किया गया। पुलिस ने संजय की पत्नी और उसके 2 दोस्तों के खिलाफ खुदकुशी के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर लिया है। ड्यूटी के बाद स्कूटी लेकर गया, छलांग लगा दी
पुलिस के मुताबिक गुरूवार को संजय ड्यूटी के बाद स्कूटी पर गया। इसके बाद वह बोहर बाइपास पहुंचा। वहां उसने स्कूटी और उसमें सुसाइड नोट छोड़ दिया। इसके बाद जेएलएन नहर यानी जवाहर लाल नेहरू कनाल में छलांग लगा दी। वहां से गुजरते लोगों ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने वहां पहुंचकर उसी दिन तलाश की लेकिन हेड कॉन्स्टेबल का कोई पता नहीं चला। जिसके बाद से पुलिस नहर को छान रही थी। सोनीपत का रहने वाला, रोहतक में तैनात था
जानकारी अनुसार मृतक की पहचान 48 वर्षीय संजय पुत्र दलीप निवासी गांव बुटाना कुंडू जिला सोनीपत के रूप में हुई l संजय हरियाणा पुलिस में था और फिलहाल वह रोहतक पुलिस लाइन में हेड कॉन्स्टेबल तैनात था l संजय का एक 13 साल का बेटा और एक 5 साल की बेटी है l वह अपने परिवार के साथ रोहतक में सनसिटी सेक्टर 35 में रहता था। वह 20 साल पहले हरियाणा पुलिस में भर्ती हुआ था। हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी भी टीचर, पुलिस ने दर्ज की FIR
झज्जर के बेरी थाना से आए जांच अधिकारी एसआई जयकरण ने बताया कि बाकरा गांव के पास से गुजरने वाली नहर में शव मिला था। शव पुलिस हेड कॉन्स्टेबल संजय का है। इसकी पत्नी भी टीचर की नौकरी करती है। संजय ने घरेलू कारणों के चलते जेएलएन नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली। रोहतक थाने में उसकी पत्नी व अन्य दो लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए विवश करने का मामला दर्ज है। सुसाइड नोट में लिखा था- पत्नी कभी समझ नहीं पाई
संजय के भाई रूपराम ने पुलिस को बताया कि उसकी 2005 में सुदेश से शादी हुई थी। उसकी पत्नी सुदेश अपने 2 शिक्षक मित्र साथियों प्रवेश और संदीप के साथ संजय को प्रताड़ित कर रही थी। वह उसे कई तरह के ताने मारती थी। उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था। जिसमें लिखा कि वह पत्नी सुदेश से बहुत प्यार करता था लेकिन वह कभी उसे समझ नहीं पाई। उसने अपने 2 मित्रों के बहकावे में घर बर्बाद कर दिया। संजय ने अपनी प्रॉपर्टी बेटा और बेटी के नाम पर करने के लिए कहा था।