मनमोहन सिंह को ‘पंथ रत्न’ सम्मान देने की मांग:राजा वड़िंग ने अकाल तख्त को लिखा पत्र, कहा- किसानों का कर्ज माफ किया

मनमोहन सिंह को ‘पंथ रत्न’ सम्मान देने की मांग:राजा वड़िंग ने अकाल तख्त को लिखा पत्र, कहा- किसानों का कर्ज माफ किया

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय मनमोहन सिंह को पंथ रत्न देने की मांग रखी गई है। लुधियाना से लोकसभा सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को सिख समुदाय के लिए ऐतिहासिक और अद्वितीय बताया। उन्होंने लिखा कि डॉ. सिंह ने न केवल 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए संसद में माफी मांगी बल्कि पीड़ितों और उनके परिवारों के पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए। साथ ही, किसानों के लिए 60 हजार करोड़ रुपए की ऋण माफी, पंजाब के विकास के लिए धन आवंटन, और ऐतिहासिक गुरुद्वारों के संरक्षण के प्रयासों का उल्लेख किया। डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल पर किया ध्यान इसके अलावा, डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान सिख तीर्थयात्रा की सुविधा के लिए करतारपुर कॉरिडोर जैसे कदमों की भी सराहना की गई। अमरिंदर सिंह ने जत्थेदार से आग्रह किया कि डॉ. मनमोहन सिंह के इन जनहितैषी कार्यों को देखते हुए उन्हें “पंथ रत्न” सम्मान से सम्मानित किया जाए। बीते दिन हुई अंतिम अरदास पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर की रात निधन हो गया था। वे 92 साल के थे। वे लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली AIIMS लाया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। इसके बाद 28 दिसंबर को निगमबोध घाट पर उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बीते दिन शुक्रवार ही उनकी आत्मिक शांति के लिए अंतिम अरदास की गई। इतना ही नहीं, इस अरदास से पहले श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी थी। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय मनमोहन सिंह को पंथ रत्न देने की मांग रखी गई है। लुधियाना से लोकसभा सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को सिख समुदाय के लिए ऐतिहासिक और अद्वितीय बताया। उन्होंने लिखा कि डॉ. सिंह ने न केवल 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए संसद में माफी मांगी बल्कि पीड़ितों और उनके परिवारों के पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए। साथ ही, किसानों के लिए 60 हजार करोड़ रुपए की ऋण माफी, पंजाब के विकास के लिए धन आवंटन, और ऐतिहासिक गुरुद्वारों के संरक्षण के प्रयासों का उल्लेख किया। डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल पर किया ध्यान इसके अलावा, डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान सिख तीर्थयात्रा की सुविधा के लिए करतारपुर कॉरिडोर जैसे कदमों की भी सराहना की गई। अमरिंदर सिंह ने जत्थेदार से आग्रह किया कि डॉ. मनमोहन सिंह के इन जनहितैषी कार्यों को देखते हुए उन्हें “पंथ रत्न” सम्मान से सम्मानित किया जाए। बीते दिन हुई अंतिम अरदास पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर की रात निधन हो गया था। वे 92 साल के थे। वे लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली AIIMS लाया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। इसके बाद 28 दिसंबर को निगमबोध घाट पर उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बीते दिन शुक्रवार ही उनकी आत्मिक शांति के लिए अंतिम अरदास की गई। इतना ही नहीं, इस अरदास से पहले श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी थी।   पंजाब | दैनिक भास्कर