मनाली में एक श्रीलंका नागरिक खाई में जा गिरा। एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन मनाली की टीम ने जिसका रेस्क्यू कर लिया है। टीम के सदस्यों के अनुसार, आज दोपहर 3 बजे उन्हें सूचना मिली कि जोगनी वाटर फाल के पास घूमने गया एक व्यक्ति खाई में गिर गया है। एसोसिएशन की रेस्क्यू टीम तुरंत जोगनी वाटरफॉल पहुंची। जहां 1 घंटे के रेस्क्यू के बाद श्रीलंका के 25 वर्षीय नागरिक बसीथा को सकुशल खाई से बाहर निकाला गया। रेस्क्यू दल के सदस्यों ने बताया कि उन्हें दूरभाष के माध्यम से जोगनी वाटर फाल मैसेज मिला कि एक पर्यटक गहरी खाई में गिर गया है। उन्होंने बताया कि 3 बजे उन्हें ये जानकारी मिली थी। 4.45 पर उन्होंने श्रीलंकन पर्यटक को रेस्क्यू कर मनाली अस्पताल में दाखिल करवा दिया है । पर्यटक के हाथ और बाजू तथा टांग में चोटें आई हैं। वह अब खतरे से बाहर है। मनाली में एक श्रीलंका नागरिक खाई में जा गिरा। एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन मनाली की टीम ने जिसका रेस्क्यू कर लिया है। टीम के सदस्यों के अनुसार, आज दोपहर 3 बजे उन्हें सूचना मिली कि जोगनी वाटर फाल के पास घूमने गया एक व्यक्ति खाई में गिर गया है। एसोसिएशन की रेस्क्यू टीम तुरंत जोगनी वाटरफॉल पहुंची। जहां 1 घंटे के रेस्क्यू के बाद श्रीलंका के 25 वर्षीय नागरिक बसीथा को सकुशल खाई से बाहर निकाला गया। रेस्क्यू दल के सदस्यों ने बताया कि उन्हें दूरभाष के माध्यम से जोगनी वाटर फाल मैसेज मिला कि एक पर्यटक गहरी खाई में गिर गया है। उन्होंने बताया कि 3 बजे उन्हें ये जानकारी मिली थी। 4.45 पर उन्होंने श्रीलंकन पर्यटक को रेस्क्यू कर मनाली अस्पताल में दाखिल करवा दिया है । पर्यटक के हाथ और बाजू तथा टांग में चोटें आई हैं। वह अब खतरे से बाहर है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में हाटी समुदाय से जुड़ा मुद्दा फिर गरमाया:कानून बनने के बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा लाभ, हाईकोर्ट में लटका मामला
हिमाचल में हाटी समुदाय से जुड़ा मुद्दा फिर गरमाया:कानून बनने के बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा लाभ, हाईकोर्ट में लटका मामला हिमाचल प्रदेश जिला सिरमौर के गिरी पार हाटी समुदाय के करीब तीन लाख लोगों से जुड़ा अनुसूचित जनजाति का मामला एक बार फिर गरमा गया है। यह मामला हिमाचल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। हाटी समुदाय के लोग इसको जल्दी निपटाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक साल से ज्यादा का समय केंद्र से कानून बनने के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर हाटी समुदाय का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार देर शाम कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मिला। जिसके बाद मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के साथ हिमाचल हाईकोर्ट में महाधिवक्ता के साथ एक संयुक्त बैठक की। इस बैठक में उन्होंने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति से जुड़े मामले को हाईकोर्ट से जल्द निपटाने को लेकर चर्चा की। मामले का जल्द निपटारा करने की मांग
कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने को लेकर सरकार का पक्ष साफ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के मामले में असमंजस की स्थिति केंद्र सरकार की अधिसूचना की वजह से हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र का जैसे ही इस मामले में स्पष्टीकरण आया, हिमाचल सरकार ने 24 घंटे के भीतर उसको लागू किया। मगर मामला कोर्ट पहुंच गया जिसके कारण यह लंबित हो गया और इसके लिए उन्होंने लोगों के साथ मिलकर एडवोकेट जनरल से बैठक की है। उनसे आग्रह किया कि इस मामले को जल्द से जल्द निपटाया जाए। मंत्री ने कहा कि इसके लिए एक अच्छा वकील हायर करेंगे, जो मजबूती से हाटी समुदाय का पक्ष रखेंगे, सरकार पूरी मदद करेगी। मंत्री हर्षवर्धन ने भाजपा पर बोला हमला
इस दौरान मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने भाजपा पर भी जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस मामले को हाई जैक करने का प्रयास किया। लेकिन यह मामला राजनीतिक नहीं है, सभी लोगों ने इसके लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय हाटी संघर्ष समिति आज भाजपा का पिट्ठू बनी हुई है। समिति जनता से हाटी के नाम पर इसलिए पैसे इकट्ठे कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि समिति के लोग सुप्रीम कोर्ट की बात सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी राजनीति चमकानी है। परंतु हाटी कल्याण मंच इस लड़ाई को हाईकोर्ट में मजबूती से लड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई के लिए बहुत लोगों ने काम किया है जो आज इस दुनिया में नहीं हैं वह उन्हें नमन करता है। कैबिनेट मंत्री ने दिया मदद का आश्वासन
वहीं हाटी कल्याण मंच गिरी पार के अध्यक्ष प्रताप सिंह तोमर ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने के मामले की वर्तमान स्थिति को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा लागू करने को लेकर हाईकोर्ट के स्टे को हटाया जाए। इसको लेकर हाईकोर्ट में एडवोकेट जनरल के साथ विस्तृत रूप से चर्चा की। प्रताप सिंह तोमर ने कहा कि कैबिनेट मंत्री की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है, कि इस मामले में सरकार हाटी समुदाय की पूरी तरह से मदद करने का प्रयास करेगी। 21 नवंबर को मामले की होगी सुनवाई
वहीं हिमाचल हाईकोर्ट में महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदेश में लागू करने के मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। अनूप ने बताया कि आज एक प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मुलाकात की है। वह दलीलों के जरिए जल्द से जल्द इस मामले का निपटारा करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि 21 नवंबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। मगर सरकार न्यायालय से दरख़्वास्त करेगी कि जल्द से जल्द मामले को सुना जाए। क्या है मामला.?
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोग 1967, यानी 55 सालों से उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति दर्जा मिलने के बाद से उसी तर्ज पर जनजाति दर्जे की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय की मांग को 14 सितंबर 2022 को अपनी मंजूरी दी थी। उसके बाद 16 दिसंबर 2022 को यह बिल लोकसभा से पारित हुआ और जुलाई 2023 में राज्यसभा से भी पारित हो गया। बाद में इसे राष्ट्रपति के लिए भेजा गया था, जहां 9 दिनों में ही राष्ट्रपति ने भी विधेयक पर मुहर लगा दी। लेकिन फिर मामला हाईकोर्ट पहुंच गया और तब से लंबित पड़ा है। इसका लाभ लोगों को नही मिल रहा है। बता दें कि सिरमौर जिले के हाटी समुदाय में करीब तीन लाख लोग, शिलाई, श्रीरेणुकाजी, पच्छाद और पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्रों में रहते हैं। जिला सिरमौर की कुल 269 पंचायतों में से ट्रांसगिरी में 154 पंचायतें आती हैं। इन 154 पंचायतों की 14 जातियों तथा उप जातियों को एसटी संशोधित विधेयक में शामिल किया गया है।
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शिमला में चुराए 4.67 लाख कीमत के 2 पेड़:माफियाओं ने रात के अंधेरे में काटे देवदार, 2 दिन बाद दर्ज कराई FIR हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के जंगलों में वन माफिया सक्रिय है। विभाग के कड़े पहरे के बावजूद माफिया तस्करी के कार्य को अंजाम दे रहे है। जिले के कई क्षेत्रों में रात के अंधेरे में वन माफिया पेड़ों को काटकर रातों रात गायब कर रहे है। ताजा मामला शिमला के जुब्बल क्षेत्र में सामने आया है, जहां रात के अंधेरे में अज्ञात लोग देवदार के 2 पेड़ों का काटकर गायब कर गए। इन पेड़ों की कीमत पौने 5 लाख है। पुलिस के अनुसार, जुब्बल थाने में दिग्विजय सिंह निवासी गांव हाटकोटी ने मामला दर्ज करवाया है। बताया कि वह जुब्बल में मंडलीय वन अधिकारी के पद पर तैनात है। बताया कि शुक्रवार की रात को कुछ अज्ञात लोगों ने आधी रात के समय यूपीएफ केल्वी से देवदार के 2 पेड़ों को काट दिया। इन पेड़ों की कीमत 4,67,757 रुपए बताई जा रही है। उधर, पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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