<p style=”text-align: justify;”><strong>Manish Sisodia On Governor Post:</strong> दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद लोकतंत्र पर बोझ बन गया है और इसे समाप्त किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तभी चुनी हुई सरकारें सुचारू रूप से संचालित हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का काम सिर्फ गैर-एनडीए सरकारों को गिराना और उनके काम को रोकना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में उन्होने कहा कि दिल्ली में उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी के सरकार के बीच टकराव की वजह निर्वाचित सरकार के फैसले लेने के अधिकार को छीनना है. उन्होंने इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया. उन्होंने कहा कि एलजी और चुनी हुई सरकार के बीच टकराव की वजह से दिल्ली के नौकरशाह परेशान है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में नौकरशाहों को उपराज्यपाल और निर्वाचित लोगों के बीच खींचतान का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. सरकार और उन्हें उनके लिए खेद महसूस हुआ. दिल्ली में उपराज्यपाल कार्यालय और आप सरकार के बीच शासन के कई मुद्दों पर टकराव रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ”एलजी और दिल्ली सरकार के बीच खींचतान लोकतंत्र की हत्या की वजह से है. चुनी हुई सरकार के अधिकार केंद्र ने छीन लिए. जब लोकतंत्र की हत्या होती है तो सभी हितधारक प्रभावित होते हैं. यहां तक कि सरकार के अधिकारी भी पीड़ित हैं और मुझे उनके लिए खेद है. राज्यपाल का पद खत्म कर दिया जाना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम ने आगे कहा, ”हमें निर्वाचित सरकार को शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल की आवश्यकता क्यों है? ऐसा अन्य संस्थाओं द्वारा भी किया जा सकता है. सरकारें गिराने के अलावा उनका काम क्या है? इसके अलावा वे क्या कर रहे हैं? वे चुनी हुई सरकार के काम में बाधा डालने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने ये भी कहा, ”उम्मीद है कि इस समस्या का कोई समाधान निकलेगा. उन्होंने महसूस किया कि यह मुद्दा न केवल दिल्ली में बना हुआ है, बल्कि पश्चिम बंगाल, केरल आदि जैसे अन्य राज्यों में भी समस्याएं पैदा कर रहा है. यह प्रवृत्ति पूरे देश में चल रही है और तानाशाही की ओर ले जा रही है. तानाशाही से दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी नुकसान हो रहा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>आप नेता सिसोदिया ने आरोप लगाया कि निर्वाचित सरकार के काम में बाधा डालने के लिए राज्यपालों की नियुक्ति केवल उनकी क्षमताओं के आधार पर की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Independence Day: दिल्ली की ये सड़कें रहेंगी बंद, समारोह में इन चीजों को ले जाने पर पाबंदी” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-traffic-police-issued-traffic-advisory-on-independence-day-events-check-details-2761185″ target=”_self”>Independence Day: दिल्ली की ये सड़कें रहेंगी बंद, समारोह में इन चीजों को ले जाने पर पाबंदी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Manish Sisodia On Governor Post:</strong> दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद लोकतंत्र पर बोझ बन गया है और इसे समाप्त किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तभी चुनी हुई सरकारें सुचारू रूप से संचालित हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का काम सिर्फ गैर-एनडीए सरकारों को गिराना और उनके काम को रोकना है.</p>
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<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में नौकरशाहों को उपराज्यपाल और निर्वाचित लोगों के बीच खींचतान का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. सरकार और उन्हें उनके लिए खेद महसूस हुआ. दिल्ली में उपराज्यपाल कार्यालय और आप सरकार के बीच शासन के कई मुद्दों पर टकराव रहा है.</p>
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<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने ये भी कहा, ”उम्मीद है कि इस समस्या का कोई समाधान निकलेगा. उन्होंने महसूस किया कि यह मुद्दा न केवल दिल्ली में बना हुआ है, बल्कि पश्चिम बंगाल, केरल आदि जैसे अन्य राज्यों में भी समस्याएं पैदा कर रहा है. यह प्रवृत्ति पूरे देश में चल रही है और तानाशाही की ओर ले जा रही है. तानाशाही से दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी नुकसान हो रहा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>आप नेता सिसोदिया ने आरोप लगाया कि निर्वाचित सरकार के काम में बाधा डालने के लिए राज्यपालों की नियुक्ति केवल उनकी क्षमताओं के आधार पर की जा रही है.</p>
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