<p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> प्रयागराज महाकुंभ का सफर किसी के लिए आस्था-भक्ति के संगम से जुड़ा आनंदमय पल की तरह रहा तो किसी के लिए चुनौतियों से भरा भी. प्रयागराज महाकुंभ के रूट पर भारी ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ वाली तस्वीरें लगातार सामने आ रही है. इस दौरान अलग-अलग जगह से लोग अपने अनुभव को साझा कर रहे हैं. वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के आश्रय स्थल पर भी उड़ीसा से आने वाले 32 यात्रियों का समूह बैठा नजर आया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान यात्री दिलीप ने कहा कि हमारे साथ 32 लोगों का एक समूह उड़ीसा से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज अयोध्या और काशी के लिए निकला था. हमने प्रयागराज महाकुंभ के लिए टेंट बुक किया था. लेकिन उस टेंट तक हमें पहुंचने में प्रयागराज महाकुंभ मेला स्थल से ही 10 किलोमीटर चलना पड़ा. कई घंटों तक पूछने के बाद भी हमें अपने टेंट तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रभु रामलला के दर्शन नहीं हो पाए- श्रद्धालु</strong><br />उन्होंने कहा कि कोई भी हमें सटीक जानकारी नहीं दे रहा था. इसके अलावा प्रयागराज से हमने अयोध्या के लिए 15 हजार में एक गाड़ी बुक की थी जो कैंसिल हो गई और हम किसी तरह अयोध्या पहुंचे. लेकिन वहां भी हमें भीड़ की वजह से प्रभु रामलला के दर्शन नहीं हो पाए. 3-5 किलोमीटर बाइक पर बैठाकर ले जाने के लिए 500 रुपए लिया जा रहा था. अयोध्या में दर्शन न होने के बाद हम काशी आ गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उड़ीसा के एक अन्य यात्री गिरजा शंकर ने बताया कि अयोध्या के बाद हम वाराणसी पहुंचे, वाराणसी में हमें काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन हुआ और तकरीबन 10 घंटे से हम अपने उड़ीसा जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं. सड़क मार्ग से लेकर रेल मार्ग तक भारी भीड़ है. 80 हजार से ज्यादा रुपए खर्च हो गए लेकिन ऐसा लग रहा हमारी यात्रा अधूरी रही. हमारे सारे पैसे खर्च चुके हैं. हम ऑनलाइन पैसों की मदद से अपने इस सफर को पूरा कर रहे हैं. निश्चित ही उत्तर प्रदेश के हर एक धार्मिक स्थलों पर भारी भीड़ है. लेकिन यात्रियों के आवागमन संबंधित विषयों पर बहुत गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahakumbh-cm-yogi-adityanath-strict-on-traffic-congestion-says-implemented-crowd-management-plan-ann-2881736″>महाकुंभ: ट्रैफिक जमा पर सीएम योगी सख्त, कहा- ‘क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया जाए'</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>घर की बात याद आते ही भावुक यात्री</strong><br />वही ट्रेन का इंतजार करते हुए और इन बातों का जिक्र करते हुए यात्री रविन्द्र ब्राल भावुक भी हो गए . उन्होंने कहा कि 6 दिन से वह उड़ीसा से आए हैं और उन्हें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग धार्मिक स्थल पर जाना था. लेकिन कई किलोमीटर तक लगे ट्रैफिक जाम की वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. अब उनके पैसे भी लगभग खर्च हो चुके है. लेकिन बस अब एक ही इच्छा है कि वह किसी भी हाल में अपने घर उड़ीसा पहुंचना चाहते हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> प्रयागराज महाकुंभ का सफर किसी के लिए आस्था-भक्ति के संगम से जुड़ा आनंदमय पल की तरह रहा तो किसी के लिए चुनौतियों से भरा भी. प्रयागराज महाकुंभ के रूट पर भारी ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ वाली तस्वीरें लगातार सामने आ रही है. इस दौरान अलग-अलग जगह से लोग अपने अनुभव को साझा कर रहे हैं. वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के आश्रय स्थल पर भी उड़ीसा से आने वाले 32 यात्रियों का समूह बैठा नजर आया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान यात्री दिलीप ने कहा कि हमारे साथ 32 लोगों का एक समूह उड़ीसा से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज अयोध्या और काशी के लिए निकला था. हमने प्रयागराज महाकुंभ के लिए टेंट बुक किया था. लेकिन उस टेंट तक हमें पहुंचने में प्रयागराज महाकुंभ मेला स्थल से ही 10 किलोमीटर चलना पड़ा. कई घंटों तक पूछने के बाद भी हमें अपने टेंट तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रभु रामलला के दर्शन नहीं हो पाए- श्रद्धालु</strong><br />उन्होंने कहा कि कोई भी हमें सटीक जानकारी नहीं दे रहा था. इसके अलावा प्रयागराज से हमने अयोध्या के लिए 15 हजार में एक गाड़ी बुक की थी जो कैंसिल हो गई और हम किसी तरह अयोध्या पहुंचे. लेकिन वहां भी हमें भीड़ की वजह से प्रभु रामलला के दर्शन नहीं हो पाए. 3-5 किलोमीटर बाइक पर बैठाकर ले जाने के लिए 500 रुपए लिया जा रहा था. अयोध्या में दर्शन न होने के बाद हम काशी आ गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उड़ीसा के एक अन्य यात्री गिरजा शंकर ने बताया कि अयोध्या के बाद हम वाराणसी पहुंचे, वाराणसी में हमें काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन हुआ और तकरीबन 10 घंटे से हम अपने उड़ीसा जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं. सड़क मार्ग से लेकर रेल मार्ग तक भारी भीड़ है. 80 हजार से ज्यादा रुपए खर्च हो गए लेकिन ऐसा लग रहा हमारी यात्रा अधूरी रही. हमारे सारे पैसे खर्च चुके हैं. हम ऑनलाइन पैसों की मदद से अपने इस सफर को पूरा कर रहे हैं. निश्चित ही उत्तर प्रदेश के हर एक धार्मिक स्थलों पर भारी भीड़ है. लेकिन यात्रियों के आवागमन संबंधित विषयों पर बहुत गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahakumbh-cm-yogi-adityanath-strict-on-traffic-congestion-says-implemented-crowd-management-plan-ann-2881736″>महाकुंभ: ट्रैफिक जमा पर सीएम योगी सख्त, कहा- ‘क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया जाए'</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>घर की बात याद आते ही भावुक यात्री</strong><br />वही ट्रेन का इंतजार करते हुए और इन बातों का जिक्र करते हुए यात्री रविन्द्र ब्राल भावुक भी हो गए . उन्होंने कहा कि 6 दिन से वह उड़ीसा से आए हैं और उन्हें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग धार्मिक स्थल पर जाना था. लेकिन कई किलोमीटर तक लगे ट्रैफिक जाम की वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. अब उनके पैसे भी लगभग खर्च हो चुके है. लेकिन बस अब एक ही इच्छा है कि वह किसी भी हाल में अपने घर उड़ीसा पहुंचना चाहते हैं.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड कुशीनगर: मदनी मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन के बाद सियासत गरमाई, विपक्ष नेताओं ने लगाए गंभीर आरोप