महाकुंभ में डुबकी के लिए मनमानी वसूली:संगम पहुंचाने का 2 से 5 हजार ले रहे नाव वाले; दरोगा बोला- पैसे नहीं तो पैदल जाओ

महाकुंभ में डुबकी के लिए मनमानी वसूली:संगम पहुंचाने का 2 से 5 हजार ले रहे नाव वाले; दरोगा बोला- पैसे नहीं तो पैदल जाओ

नाव वाले भैया, संगम स्नान करवा दो, आप जितने पैसे मांगोगे मैं दे दूंगी। कुछ ऐसे गुहार लगा रही हैं त्रिवेणी संगम स्नान के लिए पहुंचीं श्रद्धालु। नाविकों पर सरकारी निगरानी ना होने के चलते मेला प्राधिकरण की रेट लिस्ट भी कोई मायने नहीं रख रही। चाहे निजी हो या सरकारी नाविक, सभी त्रिवेणी संगम स्नान कराने के लिए मनमाने तरीके से रकम वसूल रहे हैं। 2 से 5 हजार रुपए प्रति व्यक्ति किराया लिया जा रहा है। जबकि मेला प्राधिकरण ने नाव से संगम स्नान के लिए अधिकतम किराया 150 रुपए तय कर रखा है। ऐसे में दैनिक भास्कर की टीम नाव के किराए की हकीकत जानने बोट क्लब घाट और अरैल घाट पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 4 लोगों के परिवार के लिए नाव का किराया 10 से 12 हजार
बोट क्लब घाट पर पहुंचते ही हमें जम्मू-कश्मीर से आए सुभाष चंद्र शर्मा मिले। उन्होंने बताया कि संगम स्नान के लिए हमसे 4 लोगों के 8 हजार रुपए लिए। यह सिर्फ बोट क्लब से त्रिवेणी घाट का नाव का किराया है।जबकि कई नाव वाले तो 10-12 हजार रुपए मांग रहे थे। इसके बाद भास्कर टीम खुद किराया पता करने घाट पर पहुंची, लेकिन कैमरा देखकर नाविकों ने किराया बताने से इनकार कर दिया। यहां तक कि जब हम नाव पर सवार श्रद्धालुओं से किराया पूछने बोट पर चढ़े तो पीछे से नाविकों ने इशारा कर किराया बताने से मना करना शुरू कर दिया। हमें कुछ मेला प्राधिकरण की नावें भी दिखीं, जिनके नाविक 500 रुपए प्रति व्यक्ति संगम स्नान कराने का दावा करते दिखे, लेकिन यात्रियों ने कहा ये सही नहीं है, ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। श्रद्धालु बोले- नाव का किराया चुपके से बताते हैं
सरकारी नावों पर कम किराए के दावों की पड़ताल के लिए जब हमने कैमरा छिपा कर दाम पूछा तो उन्होंने एक व्यक्ति के लिए 700 रुपए किराया बताया। इसके लिए भी लोगों को 2 से 4 घंटे तक लाइन में लगना पड़ रहा है। इसके बाद जब नाव डॉक पर आती है तो बैठने के लिए भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है। कई लोगों को बैठने की जगह नहीं मिल पाती। इस अव्यवस्था पर श्रद्धालुओं ने बताया कि नाविक अक्सर पैसों का लेन-देन बीच नदी में करते हैं, ताकि पकड़े जाने का खतरा न हो। नाव पर बैठने से पहले धीमी आवाज में श्रद्धालुओं को किराया बताया जाता है। तेज आवाज में पैसों की बात करने वालों को नाव पर नहीं बैठने दे रहे हैं। शिकायत करने पर श्रद्धालुओं पर भड़क उठते हैं पुलिसकर्मी
श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए प्रशासन ने पुलिसकर्मी तैनात कर रखे हैं, लेकिन नाविकों की मनमानी को लेकर लोगों की शिकायत पर पुलिसकर्मी उल्टा श्रद्धालुओं पर ही भड़क रहे हैं। जब हमने बोट क्लब पर तैनात सब इंस्पेक्टर दिनेश कुमार मिश्र से इस बात की शिकायत की तो वे ऑन-कैमरा भड़क उठे। दैनिक भास्कर के पत्रकार को गुस्से में धक्का मारा और कहा- पैसा नहीं दे सकते, तो पैदल चले जाओ, प्राइवेट नावों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसा रवैया सिर्फ एक नहीं बल्कि वहां तैनात सभी पुलिसकर्मियों का दिखाई दिया। पुलिस के इस रवैये पर लोगों ने कहा कि पुलिस वाले खुद मिले हुए होंगे, तभी नाविकों की मनमानी पर आंख मूंद रखे हैं। नाराज श्रद्धालुओं का पुलिस पर गुस्सा फूट रहा
घाट पर मौजूद पुलिसकर्मियों के सामने हो रही लूट पर नाराज एक श्रद्धालु बोले- एक-एक व्यक्ति से 3 हजार रुपए नाव वाले ले रहे, लेकिन पुलिस ने आंख बंद कर रखी है। प्राइवेट नावों पर पुलिस कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? 2 घंटे से घाट पर खड़ा हूं, लेकिन कोई भी नाव वाला संगम जाने को तैयार नहीं। जो ज्यादा पैसा देने के लिए तैयार हैं, सिर्फ उसे बैठा रहे। मुझसे 3 लोगों का 10 हजार रुपया मांगा जा रहा है। इस तरह से मनमाने किराए को लेकर घाट पर बहस और विवाद का सिलसिला दिनभर चल रहा है। बिना त्रिवेणी संगम स्नान किए श्रद्धालुओं को वापस लौटना पड़ रहा
बोट क्लब घाट पर जयपुर से आए जगमोहन शर्मा ने बताया कि उन्हें नाविकों की लूट के चलते पैदल संगम घाट पर स्नान करने जाना पड़ रहा है। वे सोचकर आए थे कि त्रिवेणी संगम में स्नान होगा, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं हो पा रहा। वहीं, हरियाणा के सिरसा से 12 लोगों के साथ आई एक महिला ने बताया कि नाव वाले ने त्रिवेणी संगम स्नान कराने के लिए 45 हजार रुपए की मांग रखी। उनके पास इतने पैसे नहीं होने के कारण अब संगम घाट पर ही स्नान करने जाना पड़ रहा है। स्थानीय नाविक बोले- बाहरी नाव वालों ने बढ़ाया किराया
बोट क्लब पर मिले नाविक इंद्रजीत निषाद ने बताया कि पहले 1500 नावों का रजिस्ट्रेशन था, लेकिन महाकुंभ के चलते अब 5000 नाव प्रयागराज में हैं। बाहरी नाव वालों ने किराया महंगा कर दिया है। आए दिन इन पर कार्रवाई होती है, लेकिन इनको कौन समझाए। हम लोग 200 रुपए प्रति व्यक्ति लेते हैं, वो भी सिर्फ तय रेट से 50 रुपए ज्यादा। अगर सरकारी नाव और ज्यादा होतीं तो ये समस्या नहीं आती। अधिकारी बोले- श्रद्धालु शिकायत करें, उचित कार्रवाई होगी
नाविकों के मनमाना किराया वसूलने पर हमने अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी से बात की। उन्होंने बताया कि ऐसा करना गैरकानूनी है। अगर कोई भी नाविक तय रेट से अधिक किराया वसूलता है, तो श्रद्धालु शिकायत करें। तत्काल उचित कार्रवाई की जाएगी। ———————— ये खबर भी पढ़ें… ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद छोड़ा:कहा- मैं बचपन से साध्वी, आगे भी रहूंगी; महाकुंभ में किन्नर अखाड़े ने 17 दिन पहले उपाधि दी थी किन्नर अखाड़े में विवाद के बीच ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद छोड़ दिया है। इस बात की घोषणा उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट करके की है। ममता ने कहा, आज किन्नर अखाड़े में मुझे लेकर विवाद है। उसके चलते इस्तीफा दे रही हूं। मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी साध्वी रहूंगी। ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर योग गुरु बाबा रामदेव, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने विरोध जताया था। पढ़ें पूरी खबर… नाव वाले भैया, संगम स्नान करवा दो, आप जितने पैसे मांगोगे मैं दे दूंगी। कुछ ऐसे गुहार लगा रही हैं त्रिवेणी संगम स्नान के लिए पहुंचीं श्रद्धालु। नाविकों पर सरकारी निगरानी ना होने के चलते मेला प्राधिकरण की रेट लिस्ट भी कोई मायने नहीं रख रही। चाहे निजी हो या सरकारी नाविक, सभी त्रिवेणी संगम स्नान कराने के लिए मनमाने तरीके से रकम वसूल रहे हैं। 2 से 5 हजार रुपए प्रति व्यक्ति किराया लिया जा रहा है। जबकि मेला प्राधिकरण ने नाव से संगम स्नान के लिए अधिकतम किराया 150 रुपए तय कर रखा है। ऐसे में दैनिक भास्कर की टीम नाव के किराए की हकीकत जानने बोट क्लब घाट और अरैल घाट पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 4 लोगों के परिवार के लिए नाव का किराया 10 से 12 हजार
बोट क्लब घाट पर पहुंचते ही हमें जम्मू-कश्मीर से आए सुभाष चंद्र शर्मा मिले। उन्होंने बताया कि संगम स्नान के लिए हमसे 4 लोगों के 8 हजार रुपए लिए। यह सिर्फ बोट क्लब से त्रिवेणी घाट का नाव का किराया है।जबकि कई नाव वाले तो 10-12 हजार रुपए मांग रहे थे। इसके बाद भास्कर टीम खुद किराया पता करने घाट पर पहुंची, लेकिन कैमरा देखकर नाविकों ने किराया बताने से इनकार कर दिया। यहां तक कि जब हम नाव पर सवार श्रद्धालुओं से किराया पूछने बोट पर चढ़े तो पीछे से नाविकों ने इशारा कर किराया बताने से मना करना शुरू कर दिया। हमें कुछ मेला प्राधिकरण की नावें भी दिखीं, जिनके नाविक 500 रुपए प्रति व्यक्ति संगम स्नान कराने का दावा करते दिखे, लेकिन यात्रियों ने कहा ये सही नहीं है, ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। श्रद्धालु बोले- नाव का किराया चुपके से बताते हैं
सरकारी नावों पर कम किराए के दावों की पड़ताल के लिए जब हमने कैमरा छिपा कर दाम पूछा तो उन्होंने एक व्यक्ति के लिए 700 रुपए किराया बताया। इसके लिए भी लोगों को 2 से 4 घंटे तक लाइन में लगना पड़ रहा है। इसके बाद जब नाव डॉक पर आती है तो बैठने के लिए भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है। कई लोगों को बैठने की जगह नहीं मिल पाती। इस अव्यवस्था पर श्रद्धालुओं ने बताया कि नाविक अक्सर पैसों का लेन-देन बीच नदी में करते हैं, ताकि पकड़े जाने का खतरा न हो। नाव पर बैठने से पहले धीमी आवाज में श्रद्धालुओं को किराया बताया जाता है। तेज आवाज में पैसों की बात करने वालों को नाव पर नहीं बैठने दे रहे हैं। शिकायत करने पर श्रद्धालुओं पर भड़क उठते हैं पुलिसकर्मी
श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए प्रशासन ने पुलिसकर्मी तैनात कर रखे हैं, लेकिन नाविकों की मनमानी को लेकर लोगों की शिकायत पर पुलिसकर्मी उल्टा श्रद्धालुओं पर ही भड़क रहे हैं। जब हमने बोट क्लब पर तैनात सब इंस्पेक्टर दिनेश कुमार मिश्र से इस बात की शिकायत की तो वे ऑन-कैमरा भड़क उठे। दैनिक भास्कर के पत्रकार को गुस्से में धक्का मारा और कहा- पैसा नहीं दे सकते, तो पैदल चले जाओ, प्राइवेट नावों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसा रवैया सिर्फ एक नहीं बल्कि वहां तैनात सभी पुलिसकर्मियों का दिखाई दिया। पुलिस के इस रवैये पर लोगों ने कहा कि पुलिस वाले खुद मिले हुए होंगे, तभी नाविकों की मनमानी पर आंख मूंद रखे हैं। नाराज श्रद्धालुओं का पुलिस पर गुस्सा फूट रहा
घाट पर मौजूद पुलिसकर्मियों के सामने हो रही लूट पर नाराज एक श्रद्धालु बोले- एक-एक व्यक्ति से 3 हजार रुपए नाव वाले ले रहे, लेकिन पुलिस ने आंख बंद कर रखी है। प्राइवेट नावों पर पुलिस कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? 2 घंटे से घाट पर खड़ा हूं, लेकिन कोई भी नाव वाला संगम जाने को तैयार नहीं। जो ज्यादा पैसा देने के लिए तैयार हैं, सिर्फ उसे बैठा रहे। मुझसे 3 लोगों का 10 हजार रुपया मांगा जा रहा है। इस तरह से मनमाने किराए को लेकर घाट पर बहस और विवाद का सिलसिला दिनभर चल रहा है। बिना त्रिवेणी संगम स्नान किए श्रद्धालुओं को वापस लौटना पड़ रहा
बोट क्लब घाट पर जयपुर से आए जगमोहन शर्मा ने बताया कि उन्हें नाविकों की लूट के चलते पैदल संगम घाट पर स्नान करने जाना पड़ रहा है। वे सोचकर आए थे कि त्रिवेणी संगम में स्नान होगा, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं हो पा रहा। वहीं, हरियाणा के सिरसा से 12 लोगों के साथ आई एक महिला ने बताया कि नाव वाले ने त्रिवेणी संगम स्नान कराने के लिए 45 हजार रुपए की मांग रखी। उनके पास इतने पैसे नहीं होने के कारण अब संगम घाट पर ही स्नान करने जाना पड़ रहा है। स्थानीय नाविक बोले- बाहरी नाव वालों ने बढ़ाया किराया
बोट क्लब पर मिले नाविक इंद्रजीत निषाद ने बताया कि पहले 1500 नावों का रजिस्ट्रेशन था, लेकिन महाकुंभ के चलते अब 5000 नाव प्रयागराज में हैं। बाहरी नाव वालों ने किराया महंगा कर दिया है। आए दिन इन पर कार्रवाई होती है, लेकिन इनको कौन समझाए। हम लोग 200 रुपए प्रति व्यक्ति लेते हैं, वो भी सिर्फ तय रेट से 50 रुपए ज्यादा। अगर सरकारी नाव और ज्यादा होतीं तो ये समस्या नहीं आती। अधिकारी बोले- श्रद्धालु शिकायत करें, उचित कार्रवाई होगी
नाविकों के मनमाना किराया वसूलने पर हमने अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी से बात की। उन्होंने बताया कि ऐसा करना गैरकानूनी है। अगर कोई भी नाविक तय रेट से अधिक किराया वसूलता है, तो श्रद्धालु शिकायत करें। तत्काल उचित कार्रवाई की जाएगी। ———————— ये खबर भी पढ़ें… ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद छोड़ा:कहा- मैं बचपन से साध्वी, आगे भी रहूंगी; महाकुंभ में किन्नर अखाड़े ने 17 दिन पहले उपाधि दी थी किन्नर अखाड़े में विवाद के बीच ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद छोड़ दिया है। इस बात की घोषणा उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट करके की है। ममता ने कहा, आज किन्नर अखाड़े में मुझे लेकर विवाद है। उसके चलते इस्तीफा दे रही हूं। मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी साध्वी रहूंगी। ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर योग गुरु बाबा रामदेव, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने विरोध जताया था। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर