<p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj News:</strong> प्रयागराज का महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी भी है. करोड़ों श्रद्धालुओं के बीच स्वच्छता बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं. लेकिन प्रशासन ने इस महाकुंभ को साफ-सुथरा रखने के लिए बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाया है. इस बार महाकुंभ का मेला क्षेत्र 4000 हेक्टेयर में फैला है, जहां रोज़ करीब 600 मीट्रिक टन कचरा निकल रहा है. इसे हटाने के लिए 120 टिपर, 40 कॉम्पैक्टर, ट्रैक्टर-ट्रॉली और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कूड़ा इकट्ठा कर नैनी के बसवार स्थित सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जा रहा है. खास बात यह है कि लाइनर बैग्स पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल हैं, यानी यह पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने 1.50 लाख टॉयलेट और 4 लाख डस्टबिन लगाए हैं. सफाई व्यवस्था संभालने के लिए 800 टीमें बनाई गई हैं, जिनमें से एक टीम में 12 सफाईकर्मी होते हैं. हर टीम का एक मेट और महिला मेट होता है, जो सफाईकर्मियों का नेतृत्व करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रात में भी चल रहा सफाई अभियान<br /></strong>संगम, ऐरावत, नागवासुकी और अरैल जैसे इलाकों में दिनभर भीड़ बनी रहती है, जिससे दिन में सफाई मुश्किल होती है. इस कारण प्रशासन ने रात की सफाई व्यवस्था बढ़ा दी है. रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक सफाईकर्मी मैदान में उतरते हैं और सड़कों से कचरा हटाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मेले को 25 सेक्टरों में बांटकर सफाई की ज़िम्मेदारी अलग-अलग सेक्टर इंचार्ज को सौंपी गई है. नगर निगम के 100-150 अतिरिक्त सफाईकर्मी भी इस अभियान में जुटे हैं. साथ ही, नगर विकास विभाग के 6 एग्जीक्यूटिव ऑफिसर संगम नोज की सफाई व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन की पहली प्राथमिकता स्वच्छता बनाए रखना है<br /></strong>महाकुंभ में हर दिन लाखों श्रद्धालु स्नान और दर्शन के लिए आते हैं. ऐसे में प्रशासन ने स्वच्छता को अपनी पहली प्राथमिकता बनाई है. इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी सफाई व्यवस्था लागू की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को स्वच्छ और पवित्र वातावरण मिले. यह साफ-सुथरा महाकुंभ ना सिर्फ आस्था की पहचान बनेगा, बल्कि स्वच्छता का नया उदाहरण भी पेश करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/photo-gallery/states/up-uk-maha-kumbh-2025-massive-fire-breaks-out-on-shankaracharya-marg-sector-18-2879106″>IN Pics: महाकुंभ सेक्टर 18 में लगी भीषण आग, दूर-दूर तक दिखा काला धुआं, देखें- भयावह तस्वीरें</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj News:</strong> प्रयागराज का महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी भी है. करोड़ों श्रद्धालुओं के बीच स्वच्छता बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं. लेकिन प्रशासन ने इस महाकुंभ को साफ-सुथरा रखने के लिए बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाया है. इस बार महाकुंभ का मेला क्षेत्र 4000 हेक्टेयर में फैला है, जहां रोज़ करीब 600 मीट्रिक टन कचरा निकल रहा है. इसे हटाने के लिए 120 टिपर, 40 कॉम्पैक्टर, ट्रैक्टर-ट्रॉली और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कूड़ा इकट्ठा कर नैनी के बसवार स्थित सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जा रहा है. खास बात यह है कि लाइनर बैग्स पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल हैं, यानी यह पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने 1.50 लाख टॉयलेट और 4 लाख डस्टबिन लगाए हैं. सफाई व्यवस्था संभालने के लिए 800 टीमें बनाई गई हैं, जिनमें से एक टीम में 12 सफाईकर्मी होते हैं. हर टीम का एक मेट और महिला मेट होता है, जो सफाईकर्मियों का नेतृत्व करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रात में भी चल रहा सफाई अभियान<br /></strong>संगम, ऐरावत, नागवासुकी और अरैल जैसे इलाकों में दिनभर भीड़ बनी रहती है, जिससे दिन में सफाई मुश्किल होती है. इस कारण प्रशासन ने रात की सफाई व्यवस्था बढ़ा दी है. रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक सफाईकर्मी मैदान में उतरते हैं और सड़कों से कचरा हटाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मेले को 25 सेक्टरों में बांटकर सफाई की ज़िम्मेदारी अलग-अलग सेक्टर इंचार्ज को सौंपी गई है. नगर निगम के 100-150 अतिरिक्त सफाईकर्मी भी इस अभियान में जुटे हैं. साथ ही, नगर विकास विभाग के 6 एग्जीक्यूटिव ऑफिसर संगम नोज की सफाई व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन की पहली प्राथमिकता स्वच्छता बनाए रखना है<br /></strong>महाकुंभ में हर दिन लाखों श्रद्धालु स्नान और दर्शन के लिए आते हैं. ऐसे में प्रशासन ने स्वच्छता को अपनी पहली प्राथमिकता बनाई है. इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी सफाई व्यवस्था लागू की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को स्वच्छ और पवित्र वातावरण मिले. यह साफ-सुथरा महाकुंभ ना सिर्फ आस्था की पहचान बनेगा, बल्कि स्वच्छता का नया उदाहरण भी पेश करेगा.</p>
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