महाकुंभ आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र शिवालय पार्क है। एक ही जगह पर 12 ज्योतिर्लिंग और सभी बड़े शिवालय के दर्शन हो रहे हैं। काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिकृति भी यहां बनाई गई है। यह पार्क पूरी तरह से स्क्रैप से तैयार किया गया है। इसरो की सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में भी दिखता है। पार्क अरैल की तरफ बना है। नगर निगम ने इस पर 17 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। 300 टन से अधिक लोहे का कबाड़ इसमें लगा है। शहर के अलावा अन्य जगहों से भी कबाड़ खरीदा गया है। सबसे पहले 3 तस्वीरों में देखिए शिवालय पार्क की भव्यता… 11 एकड़ में तैयार हुआ पार्क
कबाड़ से तैयार पार्क के बारे में यहां के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर सचिन सिंह ने बताया कि शिवालय पार्क बनाने में गाड़ियों के स्पेयर पार्ट को शामिल किया गया है। इसमें कुल 12 ज्योतिर्लिंग के साथ ही कुल 22 मोमेंटो हैं। इसमें त्रिशूल- डमरू और कैलाश आदि हैं। इसमें इंडिया के नक्शे पर लोग बोटिंग कर रहे हैं। बच्चों के लिए किड्स जोन, फूड जोन आदि की व्यवस्था है। इसे बनाने में करीब साढ़े चार महीने का समय लगा है। 22 कलाकार और 500 मजदूर इसे बनाने में लगे। इनके प्रतिकृति के हो रहे दर्शन
पार्क में घुसते ही सबसे पहले समुद्र मंथन के प्रसंग का वर्णन करते हुए प्रतिकृति दिखाई देगी। इसके ठीक पीछे विशालकाय नंदी अपनी अलग ही छवि को प्रदर्शित करते हैं। पार्क में ही विशालकाय ब्रह्म की मूर्ति दिखाई देती है, जो प्रयागराज में सृष्टि के पहले यज्ञ की गवाही देती है। पार्क के बगल में ही भारद्वाज मुनि की भी विशालकाय मूर्ति को तैयार कराया गया है। पार्क में कई स्थानों पर सेल्फी पॉइंट हैं। जेड-टेक इंडिया लिमिटेड ने किया है तैयार
इस पार्क को जेड-टेक इंडिया लिमिटेड कंपनी ने बनाया है। नगर निगम ने इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी भी इसी कंपनी को दी है। प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर सचिन सिंह ने बताया कि सभी ज्योतिर्लिंग को भारत के नक्शे में वहीं पर दर्शाया गया है, जिस प्रदेश में वह स्थित हैं। पार्क में 600 मीटर लंबा जलाशय भी है, जहां बोटिंग की व्यवस्था की गई है। साथ ही विजिटर्स की सुविधा का ध्यान रखते हुए 700 वर्ग मीटर लंबी पार्किंग बनाई गई है। पार्क में वेस्ट से वंडर बनाने की तकनीक भी सिखाई जा रही है। इसरो की सैटेलाइट से ली गई तस्वीर… संगम से ऐसे पहुंचें शिवालय पार्क
शिवालय पार्क यमुना पर बने नए स्टील केबल पुल के पास है। संगम से शिवालय पार्क की दूरी करीब साढ़े तीन किलोमीटर है। —————— ये खबर भी पढ़ें… महाकुंभ में नागा संन्यासी की जलधारा तपस्या:प्रमोद गिरी ने सुबह 4 बजे 108 घड़ों के गंगा जल से किया स्नान, 21 दिन की तपस्या पूरी घड़ी में भोर के 4 बजे थे। प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र स्थित सेक्टर-20 यानी अखाड़ों का स्थान। श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के मेन गेट के पास एक नागा संन्यासी जमीन पर बैठे थे। 10 से ज्यादा लोग एक-एक कर घड़े का पानी उनके ऊपर डालते जा रहे थे। चारों तरफ लोग उन्हें घेरकर हर-हर गंगे-हर-हर महादेव का उद्घोष करते दिखे। नजदीक जाकर देखा, तो बहुत ही अनूठी तपस्या देखने को मिली। पढ़ें पूरी खबर महाकुंभ आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र शिवालय पार्क है। एक ही जगह पर 12 ज्योतिर्लिंग और सभी बड़े शिवालय के दर्शन हो रहे हैं। काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिकृति भी यहां बनाई गई है। यह पार्क पूरी तरह से स्क्रैप से तैयार किया गया है। इसरो की सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में भी दिखता है। पार्क अरैल की तरफ बना है। नगर निगम ने इस पर 17 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। 300 टन से अधिक लोहे का कबाड़ इसमें लगा है। शहर के अलावा अन्य जगहों से भी कबाड़ खरीदा गया है। सबसे पहले 3 तस्वीरों में देखिए शिवालय पार्क की भव्यता… 11 एकड़ में तैयार हुआ पार्क
कबाड़ से तैयार पार्क के बारे में यहां के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर सचिन सिंह ने बताया कि शिवालय पार्क बनाने में गाड़ियों के स्पेयर पार्ट को शामिल किया गया है। इसमें कुल 12 ज्योतिर्लिंग के साथ ही कुल 22 मोमेंटो हैं। इसमें त्रिशूल- डमरू और कैलाश आदि हैं। इसमें इंडिया के नक्शे पर लोग बोटिंग कर रहे हैं। बच्चों के लिए किड्स जोन, फूड जोन आदि की व्यवस्था है। इसे बनाने में करीब साढ़े चार महीने का समय लगा है। 22 कलाकार और 500 मजदूर इसे बनाने में लगे। इनके प्रतिकृति के हो रहे दर्शन
पार्क में घुसते ही सबसे पहले समुद्र मंथन के प्रसंग का वर्णन करते हुए प्रतिकृति दिखाई देगी। इसके ठीक पीछे विशालकाय नंदी अपनी अलग ही छवि को प्रदर्शित करते हैं। पार्क में ही विशालकाय ब्रह्म की मूर्ति दिखाई देती है, जो प्रयागराज में सृष्टि के पहले यज्ञ की गवाही देती है। पार्क के बगल में ही भारद्वाज मुनि की भी विशालकाय मूर्ति को तैयार कराया गया है। पार्क में कई स्थानों पर सेल्फी पॉइंट हैं। जेड-टेक इंडिया लिमिटेड ने किया है तैयार
इस पार्क को जेड-टेक इंडिया लिमिटेड कंपनी ने बनाया है। नगर निगम ने इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी भी इसी कंपनी को दी है। प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर सचिन सिंह ने बताया कि सभी ज्योतिर्लिंग को भारत के नक्शे में वहीं पर दर्शाया गया है, जिस प्रदेश में वह स्थित हैं। पार्क में 600 मीटर लंबा जलाशय भी है, जहां बोटिंग की व्यवस्था की गई है। साथ ही विजिटर्स की सुविधा का ध्यान रखते हुए 700 वर्ग मीटर लंबी पार्किंग बनाई गई है। पार्क में वेस्ट से वंडर बनाने की तकनीक भी सिखाई जा रही है। इसरो की सैटेलाइट से ली गई तस्वीर… संगम से ऐसे पहुंचें शिवालय पार्क
शिवालय पार्क यमुना पर बने नए स्टील केबल पुल के पास है। संगम से शिवालय पार्क की दूरी करीब साढ़े तीन किलोमीटर है। —————— ये खबर भी पढ़ें… महाकुंभ में नागा संन्यासी की जलधारा तपस्या:प्रमोद गिरी ने सुबह 4 बजे 108 घड़ों के गंगा जल से किया स्नान, 21 दिन की तपस्या पूरी घड़ी में भोर के 4 बजे थे। प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र स्थित सेक्टर-20 यानी अखाड़ों का स्थान। श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के मेन गेट के पास एक नागा संन्यासी जमीन पर बैठे थे। 10 से ज्यादा लोग एक-एक कर घड़े का पानी उनके ऊपर डालते जा रहे थे। चारों तरफ लोग उन्हें घेरकर हर-हर गंगे-हर-हर महादेव का उद्घोष करते दिखे। नजदीक जाकर देखा, तो बहुत ही अनूठी तपस्या देखने को मिली। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर