महाकुंभ में 5 हजार संतों का प्रवेश, विदेशी भी पहुंचे:फूल बरसाकर स्वागत; चांदी के सिंहासन पर सवार हुए; शंखनाद कर करतब दिखाते हुए चल रहे

महाकुंभ में 5 हजार संतों का प्रवेश, विदेशी भी पहुंचे:फूल बरसाकर स्वागत; चांदी के सिंहासन पर सवार हुए; शंखनाद कर करतब दिखाते हुए चल रहे

महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा है। इसके पहले देशभर से साधु-संतों का आवागमन प्रयागराज में होने लगा है। आज 14 दिसंबर को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का छावनी प्रवेश यानी पेशवाई और किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा निकाली जा रही है। संतों ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ यात्रा शुरू की। इसमें विदेश के साथ भारत के कई राज्यों से अखाड़ों के करीब 5 हजार पदाधिकारी और संत शामिल हुए हैं। ढोल नगाड़ों के साथ साधु-संत महाकुंभनगर में प्रवेश कर रहे हैं। यमुना तट पर स्थित मौजगिरी आश्रम से यह यात्रा शुरू हुई। इसमें चांदी के सिंहासन पर महामंडलेश्वर क्षत्र और चंवर के साथ चल रहे हैं। संत शंखनाद कर करतब दिखाते हुए चल रहे हैं। जिधर से यात्रा गुजर रही, लोग साधु-संतों पर फूल बरसाकर उनका आशीर्वाद ले रहे। सबसे आगे जूना अखाड़े के देवता दत्तात्रेय भगवान, इसके बाद धर्म ध्वजा और आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद महाराज चल रहे हैं। इसके पीछे किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरी समेत सैकड़ों संत चल रहे हैं। महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा है। इसके पहले देशभर से साधु-संतों का आवागमन प्रयागराज में होने लगा है। आज 14 दिसंबर को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का छावनी प्रवेश यानी पेशवाई और किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा निकाली जा रही है। संतों ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ यात्रा शुरू की। इसमें विदेश के साथ भारत के कई राज्यों से अखाड़ों के करीब 5 हजार पदाधिकारी और संत शामिल हुए हैं। ढोल नगाड़ों के साथ साधु-संत महाकुंभनगर में प्रवेश कर रहे हैं। यमुना तट पर स्थित मौजगिरी आश्रम से यह यात्रा शुरू हुई। इसमें चांदी के सिंहासन पर महामंडलेश्वर क्षत्र और चंवर के साथ चल रहे हैं। संत शंखनाद कर करतब दिखाते हुए चल रहे हैं। जिधर से यात्रा गुजर रही, लोग साधु-संतों पर फूल बरसाकर उनका आशीर्वाद ले रहे। सबसे आगे जूना अखाड़े के देवता दत्तात्रेय भगवान, इसके बाद धर्म ध्वजा और आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद महाराज चल रहे हैं। इसके पीछे किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरी समेत सैकड़ों संत चल रहे हैं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर