महाकुंभ भारत की शाश्वत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। प्रयागराज महाकुंभ में दुनिया भर से श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। आस्था की डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा 15 करोड़ तक पहुंच रहा है। मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है। 40 किलोमीटर में बसे महाकुंभ मेले में एक लाख से ज्यादा टेंट लगे हैं। यहां श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है। आस्था के महापर्व का विहंगम नजारा ड्रोन की नजर से देखिए… महाकुंभ भारत की शाश्वत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। प्रयागराज महाकुंभ में दुनिया भर से श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। आस्था की डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा 15 करोड़ तक पहुंच रहा है। मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है। 40 किलोमीटर में बसे महाकुंभ मेले में एक लाख से ज्यादा टेंट लगे हैं। यहां श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है। आस्था के महापर्व का विहंगम नजारा ड्रोन की नजर से देखिए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Manish Sisodia: ‘ऐसा बोलने वाला होगा सबसे बड़ा…’, जेल से बाहर आते ही मनीष सिसोदिया का BJP पर हमला
Manish Sisodia: ‘ऐसा बोलने वाला होगा सबसे बड़ा…’, जेल से बाहर आते ही मनीष सिसोदिया का BJP पर हमला <p style=”text-align: justify;”><strong>Manish Sisodia Attack On BJP:</strong> आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल से बाहर आने के एक दिन बाद पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान बीजेपी पर जमकर हमला बोला. साथ ही विपक्षी दलों से एकजुट होकर बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का आह्वान किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि भारत को 2027 तक विकसित राष्ट्र बनाना है तो एक-एक बच्चे के लिए शानदार सरकारी स्कूल बनाना होगा. निजी स्कूलों की फीस को कंट्रोल में रखना होगा. अगर कोई यह कहता है कि सभी के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था किए बगैर देश को विकसित राष्ट्र बना देंगे तो वो बड़ा जुमलाबाज होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’दिल्ली वालों के लिए जान की बाजी लगा दूंगा'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी वालों को लगता है कि मनीष सिसोदिया को रोककर दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दिलाने देंगे तो वे भुलावे में हैं. इसके लिए मैं, अपनी जान की बाजी लगा दूंगा. बीजेपी वालों को वैसा नहीं करने दूंगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तो इसलिए हैं सीएम केजरीवाल जेल में </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मनीष सिसोदिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं जेल से बाहर आ गया है. अब लोगों से कहूंगा कि सीएम अरविंद केजरीवाल, इसलिए जेल में नहीं है कि उन्होंने बुरे काम किए, बल्कि वो जेल में इसलिए हैं कि दिल्ली वालों के लिए बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं की उन्होंने व्यवस्था की. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘आपकी आंसुओं ने ही मुझे ताकत दी है. मुझे उम्मीद थी कि सात से आठ महीने में न्याय मिल जाएगा, लेकिन कोई बात नहीं 17 महीने लग गए. 17 महीने भले ही लग गए, लेकिन जीत ईमानदारी और सच्चाई की हुई है. भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं है. बीजेपी वालों ने बहुत कोशिशें की. उन्होंने सोचा अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को जेल में डालेंगे तो हम सड़ जाएंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’हम किसी डरने वाले नहीं'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जी को तिहाड़ जेल से संविधान की ताकत बाहर निकालकर लाएगी. जेल जाने से पहले मैंने, आप लोगों से कहा था, हम भगत सिंह के चेले हैं. किसी से डरने वाले नहीं हैं. न तो सरकार की जेलों से और न ही षडयंत्रों से. </p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”‘दुनिया की सारी ताकतें भी अगर…’, मनीष सिसोदिया का बीजेपी पर करारा हमला” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/manish-sisodia-aap-leader-addressed-workers-at-aam-aadmi-party-office-target-bjp-delhi-news-2757784″ target=”_blank” rel=”noopener”>’दुनिया की सारी ताकतें भी अगर…’, मनीष सिसोदिया का बीजेपी पर करारा हमला</a></p>
पीतांबरी चौबंदी, सिर पर साफा..नई ड्रेस में रामलला के पुजारी:मंदिर में मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे, 5-5 घंटे की होगी शिफ्ट
पीतांबरी चौबंदी, सिर पर साफा..नई ड्रेस में रामलला के पुजारी:मंदिर में मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे, 5-5 घंटे की होगी शिफ्ट अयोध्या में रामलला के पुजारियों के लिए सोमवार 1 जुलाई से ड्रेस कोड लागू हो गया। पुजारी मंदिर में मोबाइल भी नहीं ले जा सकेंगे। मुख्य पुजारी, 4 सहायक पुजारी और 20 ट्रेनी पुजारी एक खास परिधान में दिखेंगे। अब तक गर्भगृह में पुजारी केसरिया रंग के कपड़ों में दिखते थे। सिर पर केसरिया साफा, कुर्ता और धोती पहनते थे, लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट ने इसमें बदलाव किया है। अब पुजारियों को पीतांबरी (पीली) चौबंदी के साथ धोती और सिर पर साफा बांधना होगा। रामलला के दरबार में 1 जुलाई से पुजारी स्मार्टफोन नहीं ले जा पाएंगे। संतोष तिवारी ने बताया- राम मंदिर ट्रस्ट ने सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया है। नए ड्रेस कोड के बारे में ग्राफिक से समझिए… पूजा में एकरूपता के लिए ड्रेस कोड
राम मंदिर के सहायक पुजारी संतोष कुमार तिवारी ने कहा- धर्मशास्त्रों के अनुसार, पुजारियों को ऐसे वस्त्र नहीं पहनने चाहिए, जिनमें पांव या सिर डालना हो। इसलिए नया ड्रेस कोड लागू किया गया है। संतोष तिवारी ने ये भी बताया- पहले पुजारी सामान्य धोती-कुर्ता, कुर्ता-पायजामा पहनकर आ जाते थे। साफा (पगड़ी) और पीतांबरी (पीली) भी पहनते थे, लेकिन यह अनिवार्य नहीं था। नए ड्रेस कोड को राम मंदिर की पूजा में एकरूपता लाने के लिए लागू किया गया। इससे वरिष्ठ पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भी सहमत थे। आज से पुजारी मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे
संतोष तिवारी ने बताया- अब पुजारी किसी भी तरह के फोन मंदिर में नहीं ले जा सकेंगे।। राम मंदिर ट्रस्ट ने सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया है। दरअसल, हाल के दिनों में राम मंदिर परिसर के अंदर से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं, जिसको लेकर काफी हो-हल्ला मचा था। उनमें से एक पानी टपकने की तस्वीर भी शामिल थी। हालांकि बाद में इस पर मंदिर ट्रस्ट की सफाई भी आई, जिसमें बताया गया था कि जिस जगह पर रामलला विराजमान हैं। वहां पर एक बूंद भी पानी नहीं गिरा। पुजारियों की सभी टीमें 5-5 घंटे देंगी सेवा
राम मंदिर ट्रस्ट सहायक पुजारियों को हर महीने 32 हजार रुपए तनख्वाह देता है। अभी मंदिर में एक मुख्य पुजारी के साथ 4 सहायक पुजारी हैं। हर सहायक पुजारी के साथ 5 ट्रेनी पुजारी सेवा करेंगे। इनकी सेवा सुबह 3.30 बजे से रात 11 बजे तक होगी। इनमें से पुजारियों की हर टीम को 5 घंटे की सेवा देनी होगी। यह नियम भी 1 जुलाई से लागू कर दिया गया है। हर पहर की आरती में अलग पुजारी होंगे
रामलला की भोग आरती दोपहर 12 बजे होगी। संध्या आरती शाम 7.30 बजे और भोग आरती 8 बजे होगी। रामलला की शयन आरती रात 10 बजे होगी, जिसके बाद गर्भगृह के पट बंद कर दिए जाएंगे। अलग-अलग पहर की आरती में अलग-अलग पुजारी होंगे। ट्रेनी पुजारियों का 30 जून को दीक्षांत समारोह होना था, अब जुलाई के पहले हफ्ते में होगा। इसके बाद ट्रेनी पुजारी भी सहायक पुजारी की तरह अपनी सेवाएं देंगे।
हिमाचल का ऐसा शहर,जहां आज स्वतंत्रता दिवस मनाते:लोगों के दबाव के कारण राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी, पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी
हिमाचल का ऐसा शहर,जहां आज स्वतंत्रता दिवस मनाते:लोगों के दबाव के कारण राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी, पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी भारत 15 अगस्त को देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना चुका है। मगर हिमाचल में एक शहर ऐसा है जहां आजादी दिवस आज मनाया जा रहा है। शिमला से लगभग 33 किलोमीटर दूर ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाने की परंपरा 1947 से चली आ रही है। यहां आजादी दिवस को ‘जलसा’ फेस्टिवल के तौर पर मनाया जाता है। इसके पीछे का इतिहास गौरवमयी है। नीचे इसके पीछे की पूरी वजह पढ़िए… साल 1946 में देश 360 रियासतों के राजाओं, राणाओं, नवाब और निजाम के शासन से मुक्ति के लिए लड़ रहा था। 1946 में ही ठियोग रियासत की जनता ने राजाओं की सत्ता से मुक्ति पाई। इसी साल ठियोग में देश के पहले प्रजामंडल का गठन किया गया। 16 अगस्त 1947 को लोग बासा ठियोग में राजा कर्मचंद के महल के बाहर इकट्ठे हुए। जनता के दबाव में राजा को को गद्दी छोड़नी पड़ी। देश में पहली डेमोक्रेटिक सरकार ठियोग में बनी
इसी दिन ठियोग में देश की पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी। प्रजामंडल के प्रधानमंत्री सूरत राम प्रकाश बने। इनके साथ गृह मंत्री बुद्धिराम वर्मा, शिक्षा मंत्री सीताराम वर्मा समेत अन्य 8 अन्य ने मंत्री पद की शपथ ली। तब से ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाया जा रहा है। देश के लिए बलिदान देने वालों को किया जाता है याद
इस जलसा पर्व में न केवल देश के लिए बलिदान देने वाले महान सपूतों को याद किया जाता है, बल्कि सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम और विभिन्न खेलकूद का भी आयोजन होता है। यह आयोजन 15 और 16 अगस्त दो दिन चलता है। पूरी ठियोग रियासत की जनता इस पर्व के लिए ऐतिहासिक पोटेटो ग्राउंड पहुंचती है। क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों के बच्चे इसमें प्रस्तुतियां देते हैं। वीरभद्र सरकार ने जलसा को जिला स्तरीय का दर्जा दिया
जलसा पर्व के लिए ठियोग में हर साल 16 अगस्त की लोकल छुट्टी रहती है। पूर्व वीरभद्र सरकार ने ठियोग के इस जलसा पर्व को जिला स्तरीय का दर्जा दिया। परंपरा यह रही कि जलसा पर्व के लिए क्षेत्र के लोग हर साल नए कपड़ों की खरीददारी करते हैं। नए कपड़े पहनकर मेले में पहुंचते हैं। मेला स्थल पर अगले 15 से 20 दिन इलाके के लोग खरीदारी के लिए पहुंचते है। कहां बसा है ठियोग शहर
ठियोग कस्बा शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे पर बसा है। शिमला से ठियोग पहुंचने में गाड़ी में एक से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है। यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के लिए दूसरा कोई जरिया नहीं है। पहले प्रजामंडल के PM के बेटे बोले-
जलसा पर्व को लेकर प्रजामंडल के पहले प्रधानमंत्री रहे सूरत राम प्रकाश के बेटे एवं रिटायर्ड शास्त्री जय प्रकाश ने बताया कि कहा कि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, मगर ठियोग से पहले कहीं भी न प्रजामंडल बना और न मिनिस्ट्री का गठन हुआ। 16 अगस्त 1947 को ठियोग में प्रधानमंत्री समेत 8 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।