खनौरी बॉर्डर से डल्लेवाल का जनता के नाम संदेश आज:आमरण अनशन को 64वां दिन, अखंड पाठ साहिब होंगे शुरू, महापंचायत की तैयारी

खनौरी बॉर्डर से डल्लेवाल का जनता के नाम संदेश आज:आमरण अनशन को 64वां दिन, अखंड पाठ साहिब होंगे शुरू, महापंचायत की तैयारी

फसलों की MSP की लीगल गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन आज (मंगलवार को) 64वें दिन में दाखिल हो गया। वहीं, आज जगजीत सिंह डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर से जनता के नाम एक संदेश देंगे। इस दौरान श्री अखंड पाठ साहिब के पाठ शुरू होंगे, जबकि 30 तारीख को भोग डाले जाएंगे। मेडिकल सुविधा लेने के बाद यह पहला मौका जब डल्लेवाल मीडिया को संबोधित करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि वह संघर्ष को लेकर कोई ऐलान कर सकते हैं। डॉक्टरों की टीम उन पर लगातार नजर रख रही है। तीन महापंचायतों के लिए तैयारियां शुरू किसान आंदोलन को 13 फरवरी को एक साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में 11 से 13 फरवरी तक तीन महापंचायत की जाएंगी। 11 फरवरी को रत्नपुरा मोर्चे पर महापंचायत होगी। इसके लिए किसानों ने राजस्थान के हनुमानगढ़ एवं श्रीगंगानगर जिलों में गांव-गांव में प्रचार शुरू कर दिया गया है। 12 फरवरी को दाता सिंह वाला-खनौरी किसान मोर्चे पर होने वाली किसान महापंचायत के लिए हरियाणा के हिसार में किसानों की मीटिंग कर के गांव-अनुसार ड्यूटियां लगाई गई हैं। जबकि 13 फरवरी को को शंभू में महापंचायत होगी। दूसरी तरफ दाता सिंह वाला-खनौरी किसान मोर्चे पर उत्तर प्रदेश के किसानों का एक बड़ा डेलिगेशन किसान नेता राजबीर सिंह, उधम चौधरी, जीवन सिंह, अंकित चौधरी, अक्षय त्यागी, कौशल क्रांतिकारी के नेतृत्व में जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने व उन्हें समर्थन देने के लिए पहुंचा। शुभकरन की बरसी पर होगा समागम किसान आंदोलन के दौरान गत साल युवा किसान शुभकरन की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसको 21 फरवरी को एक साल होने वाला है। इस दौरान भी एक समागम किसानों की तरफ से करवाया जाएगा। इसे लेकर भी किसानों की तैयारियां चल रही हैं। जल्दी इस बारे में फैसला लिया जाएगा। हालांकि परिवार वाले गांव में समागम चाहते हैं। अब तक किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ? पिछले साल 13 फरवरी को किसान ने फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। क्योंकि उस समय लोकसभा चुनाव होने थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने शुरू में तत्परता दिखाई। साथ ही तत्कालीन कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत सीनियर नेता चंडीगढ़ भेजे। साथ ही सेक्टर-26 में किसान नेताओं से मीटिंग की। इन मीटिंगों में पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। यह मीटिंग देर रात दो बजे तक चलती रही थी, लेकिन जब किसानों की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया था। लेकिन हरियाणा सरकार ने बैरिकेड लगाकर किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया। साथ ही दलील दी कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर मॉडिफाई किए हुए हैं। अगर किसान आगे आते हैं तो राज्य का माहौल खराब होगा। इस दौरान खनौरी बॉर्डर पर पुलिस व किसानों की झड़प में युवा किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई। हालांकि जब किसान वहीं रुक गए तो उन दोनों रास्तों से पंजाब हरियाणा का संपर्क टूट गया। इस वजह से कारोबारियों को नुकसान होने लगा। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया। 10 जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बैरिकेड खोलने के आदेश दिए तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई पावर कमेटी गठित की । फिर 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन शुरू किया। साथ ही किसी तरह की मेडिकल सुविधा न लेने का फैसला लिया। लेकिन जैसे ही संघर्ष को 50 दिन पूरे हुए तो केंद्र सरकार के अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को मीटिंग के लिए न्योता दिया। इसके बाद डल्लेवाल ने अनशन जारी रखने व मेडिकल सुविधा लेने का फैसला लिया। साथ ही 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला। फसलों की MSP की लीगल गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन आज (मंगलवार को) 64वें दिन में दाखिल हो गया। वहीं, आज जगजीत सिंह डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर से जनता के नाम एक संदेश देंगे। इस दौरान श्री अखंड पाठ साहिब के पाठ शुरू होंगे, जबकि 30 तारीख को भोग डाले जाएंगे। मेडिकल सुविधा लेने के बाद यह पहला मौका जब डल्लेवाल मीडिया को संबोधित करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि वह संघर्ष को लेकर कोई ऐलान कर सकते हैं। डॉक्टरों की टीम उन पर लगातार नजर रख रही है। तीन महापंचायतों के लिए तैयारियां शुरू किसान आंदोलन को 13 फरवरी को एक साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में 11 से 13 फरवरी तक तीन महापंचायत की जाएंगी। 11 फरवरी को रत्नपुरा मोर्चे पर महापंचायत होगी। इसके लिए किसानों ने राजस्थान के हनुमानगढ़ एवं श्रीगंगानगर जिलों में गांव-गांव में प्रचार शुरू कर दिया गया है। 12 फरवरी को दाता सिंह वाला-खनौरी किसान मोर्चे पर होने वाली किसान महापंचायत के लिए हरियाणा के हिसार में किसानों की मीटिंग कर के गांव-अनुसार ड्यूटियां लगाई गई हैं। जबकि 13 फरवरी को को शंभू में महापंचायत होगी। दूसरी तरफ दाता सिंह वाला-खनौरी किसान मोर्चे पर उत्तर प्रदेश के किसानों का एक बड़ा डेलिगेशन किसान नेता राजबीर सिंह, उधम चौधरी, जीवन सिंह, अंकित चौधरी, अक्षय त्यागी, कौशल क्रांतिकारी के नेतृत्व में जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने व उन्हें समर्थन देने के लिए पहुंचा। शुभकरन की बरसी पर होगा समागम किसान आंदोलन के दौरान गत साल युवा किसान शुभकरन की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसको 21 फरवरी को एक साल होने वाला है। इस दौरान भी एक समागम किसानों की तरफ से करवाया जाएगा। इसे लेकर भी किसानों की तैयारियां चल रही हैं। जल्दी इस बारे में फैसला लिया जाएगा। हालांकि परिवार वाले गांव में समागम चाहते हैं। अब तक किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ? पिछले साल 13 फरवरी को किसान ने फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। क्योंकि उस समय लोकसभा चुनाव होने थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने शुरू में तत्परता दिखाई। साथ ही तत्कालीन कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत सीनियर नेता चंडीगढ़ भेजे। साथ ही सेक्टर-26 में किसान नेताओं से मीटिंग की। इन मीटिंगों में पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। यह मीटिंग देर रात दो बजे तक चलती रही थी, लेकिन जब किसानों की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया था। लेकिन हरियाणा सरकार ने बैरिकेड लगाकर किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया। साथ ही दलील दी कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर मॉडिफाई किए हुए हैं। अगर किसान आगे आते हैं तो राज्य का माहौल खराब होगा। इस दौरान खनौरी बॉर्डर पर पुलिस व किसानों की झड़प में युवा किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई। हालांकि जब किसान वहीं रुक गए तो उन दोनों रास्तों से पंजाब हरियाणा का संपर्क टूट गया। इस वजह से कारोबारियों को नुकसान होने लगा। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया। 10 जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बैरिकेड खोलने के आदेश दिए तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई पावर कमेटी गठित की । फिर 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन शुरू किया। साथ ही किसी तरह की मेडिकल सुविधा न लेने का फैसला लिया। लेकिन जैसे ही संघर्ष को 50 दिन पूरे हुए तो केंद्र सरकार के अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को मीटिंग के लिए न्योता दिया। इसके बाद डल्लेवाल ने अनशन जारी रखने व मेडिकल सुविधा लेने का फैसला लिया। साथ ही 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला।   पंजाब | दैनिक भास्कर