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फरीदाबाद में 9वीं के स्टूडेंट को लगी गोली:पेट को चीर रीड की हड्डी में फंसी, दोस्त के साथ बाइक पर जा रहा था
फरीदाबाद में 9वीं के स्टूडेंट को लगी गोली:पेट को चीर रीड की हड्डी में फंसी, दोस्त के साथ बाइक पर जा रहा था फरीदाबाद जिले के इस्माइलपुर इलाके में बाइक पर जा रहे 9वीं कक्षा के स्टूडेंट को गोली लग गई। घटना के बाद स्टूडेंट का दोस्त राहगीरों की मदद से उसे उठाकर बादशाह खान सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां स्टूडेंट की हालत नाजुक देखते हुए डॉक्टरों की टीम द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद उसे दिल्ली रेफर कर दिया। वहीं मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची थाना पल्ला पुलिस जांच में जुटी हुई है। इलाके में मचा हड़कंप जानकारी के अनुसार फरीदाबाद के इस्माइलपुर इलाके में 9वीं कक्षा का स्टूडेंट 16 वर्षीय प्रियम पुत्र दया निधि ओझा अपने दोस्त के साथ बैठकर बाइक पर जा रहा था, तभी रास्ते में तीन चार लड़के आपस में झगड़ा कर रहे थे, उनमें से किसी ने गोली चला दी, अचानक गोली स्टूडेंट हाथ में लगी और हाथ को चीरते हुए पेट में जा लगी। वहीं स्टूडेंट प्रियम बसंत पुर इलाके का रहने वाला है। दोस्त लेकर पहुंचा अस्पताल घटना के बाद उसका दोस्त उसे फरीदाबाद की बादशाह खान सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचा। जहां से डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया है। डॉक्टरों ने दिल्ली किया रेफर सिविल अस्पताल डॉक्टर मनीष दयाल ने बताया कि घायल छात्र के सीधे हाथ में गोली लगी थी, जो हाथ के आर पार होकर पेट में घुस गई। जिसका एक्सरे करवाया गया है। गोली उसके पेट में रीड की हड्डी के पास फंसी हुई है। जिसके चलते उसकी गंभीर हालत को देखते हुए घायल को दिल्ली के ट्रॉमा सेंटर के लिए रेफर किया गया है। मामले में जब थाना पल्ला प्रभारी से फोन पर बात की गई, तो उन्हें घटना की जांच में व्यस्त होने की बात कह कर फोन काट दिया।
विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला आज:IOA ने वजन बढ़ने पर खिलाड़ी-कोच जिम्मेदार ठहराए; 100 ग्राम ज्यादा पर हुई थीं अयोग्य
विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला आज:IOA ने वजन बढ़ने पर खिलाड़ी-कोच जिम्मेदार ठहराए; 100 ग्राम ज्यादा पर हुई थीं अयोग्य हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट को ओलिंपिक में सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, इसका आज फैसला हो जाएगा। खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिटरेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) आज अपना फैसला सुना सकता है। 10 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखकर 13 अगस्त को फैसला सुनने की बात कही थी। आज डॉ. एनाबेले बेनेट फैसला सुनाएंगी। विनेश के पक्ष में दलीलें दी गईं कि रेसलर ने कोई फ्रॉड नहीं किया। फाइनल में पहुंचने के बाद सिल्वर मेडल की वह कन्फर्म दावेदार थीं। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) के प्रेसिडेंट थॉमस बाक ने कहा था कि वह CAS के फैसले का पालन करेंगे। बता दें कि विनेश फोगाट ने ओलिंपिक में 50 kg वेट कैटेगरी में कुश्ती लड़ी थी। एक दिन में जापान की ओलिंपिक चैंपियन समेत 3 पहलवानों को पटखनी देकर वह फाइनल में पहुंची। हालांकि अगले दिन फाइनल मुकाबले से पहले उसका वेट 100 ग्राम ज्यादा निकल आया। जिस वजह से उसे अयोग्य करार दे दिया गया। इसी को लेकर विनेश ने खेल कोर्ट में अपील दायर की। जिस पर सुनवाई हुई। उधर, इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा- ”वजन का मैनेजमेंट करना खिलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी है। खासकर कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग और जूडो जैसे खेलों में। इनमें एथलीटों के वजन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि IOA द्वारा नियुक्त चीफ मेडिकल अफसर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की।” विनेश के पक्ष में यह दलीलें भी रखी गईं
खेल कोर्ट में विनेश के पक्ष में कहा गया कि 100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन के 0.1% से 0.2% से ज्यादा नहीं है। यह गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है क्योंकि गर्मी के कारण इंसान की जीवित रहने की जरूरत की वजह से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है। इसके अलावा विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा। इसके अलावा भारतीय पक्ष ने कहा कि खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन फाइट के टाइट शेड्यूल की वजह से विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम नहीं मिला। विनेश का वजन पहले दिन की 3 कुश्तियां लड़ने के बाद 52.7 किलो पहुंच चुका था। भारतीय पक्ष ने यह भी कहा कि विनेश को 100 ग्राम वजन बढ़ने से दूसरे रेसलर के मुकाबले कोई फायदा नहीं होना था। यह सिर्फ जरूरी रिकवरी प्रोसेस का परिणाम था। एक दिन में लगातार 3 मुकाबले लड़ने के बाद उसके शरीर को डाइट की भी जरूरत थी। भारतीय पक्ष ने यह भी दलील दी कि विनेश फोगाट के मामले में कोई धोखाधड़ी या हेराफेरी जैसी बात नहीं है। न ही कोई डोपिंग जैसा कोई इश्यू है। पहले सारे मुकाबले सही लड़ने और फाइनल में अयोग्य होने की वजह से विनेश को कड़ी मेहनत के बावजूद सिल्वर मेडल से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या- हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई
सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे
बुधवार सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की
इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया
विनेश फोगाट ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”।
Bangladesh Army Rule पर कांग्रेस नेता बोले- बहुत दुखद है कि बांग्लादेश में…
Bangladesh Army Rule पर कांग्रेस नेता बोले- बहुत दुखद है कि बांग्लादेश में… <p style=”text-align: justify;”><strong>Bangladesh News:</strong> बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया है और अब अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी. बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने सोमवार को यहां यह घोषणा की. यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब पिछले दो दिनों में हसीना की सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हसीना के देश छोड़कर चले जाने की खबरों के बीच सेना प्रमुख ने टेलीविजन पर दिए गए अपने संबोधन में कहा, “मैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं. कृपया सहयोग करें.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उधर हरिद्वार में कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा, ”बहुत दुखद है कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है. प्रधानमंत्री को देश छोड़ना पड़ा है…हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश लोकतंत्र के रास्ते पर आगे बढ़ेगा और सेना का शासन बहुत अल्प समय के लिए रहेगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>सेना प्रमुख वकार-उज-जमां ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की और उन्हें बताया कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी. बैठक में हालांकि हसीना की अवामी लीग पार्टी का कोई नेता मौजूद नहीं था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2009 से दक्षिण एशियाई देश की बागडोर संभाल रही थीं हसीना</strong><br />बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबर रहमान की 76 वर्षीय बेटी हसीना 2009 से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस दक्षिण एशियाई देश की बागडोर संभाल रही थीं. उन्हें जनवरी में हुए 12वें आम चुनाव में लगातार चौथी बार और कुल पांचवीं बार प्रधानमंत्री चुना गया. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले दो दिनों में हसीना सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. देश में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वालों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देश भर में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने सेना और पुलिस दोनों से गोली न चलाने को कहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जमां ने प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने और हिंसा बंद करने का आग्रह किया. उन्होंने सभी लोगों के लिए “न्याय” का संकल्प व्यक्त किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> हसीना के निष्कासन का जश्न मना</strong><br />सेना प्रमुख की घोषणा के तुरंत बाद, सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और हसीना के निष्कासन का जश्न मनाने लगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले, सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के सरकारी आवास ‘गणभवन’ में घुस गए. फुटेज में प्रदर्शनकारियों को हसीना के सरकारी आवास में लूटपाट करते दिखाया गया और उनमें से कुछ को ‘गणभवन’ आवास से कुर्सियां और सोफा ले जाते हुए देखा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार, राजधानी के 3/ए धानमंडी स्थित हसीना के पार्टी कार्यालय को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया. गृह मंत्री असदुज्जमां खान के घर में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने हसीना के पिता मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को भी हथौड़ों से तोड़ दिया और प्रधानमंत्री की विदाई का जश्न मनाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आम जनता से ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ में भाग लेने का आह्वान करने के बाद इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का सुबह आदेश दिया. एक सरकारी एजेंसी ने हालांकि सोमवार को अपराह्न करीब सवा एक बजे ब्रॉडबैंड इंटरनेट शुरू करने का मौखिक आदेश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस और सेना सड़कों पर नजर आई</strong><br />सोमवार की सुबह हिंसा के नए मामलों में छह लोग मारे गए, जब हजारों प्रदर्शनकारी ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ के लिए एकत्र हुए थे. प्रदर्शनकारियों के राजधानी में एकत्र होने के दौरान पुलिस और सेना सड़कों पर नजर आई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रविवार को बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच झड़पें हुईं, जिसके कारण अधिकारियों को मोबाइल इंटरनेट बंद करना पड़ा और अनिश्चित काल के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लागू करना पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>14 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 101 लोग मारे ग</strong><br />बंगाली भाषा के प्रमुख समाचार पत्र ‘प्रोथोम आलो’ की खबर के अनुसार रविवार को हुई झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 101 लोग मारे गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रविवार को हुई झड़पें ऐसे समय में हुईं, जब कुछ दिन पहले ही पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए थे. ये प्रदर्शनकारी विवादास्पद कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे, जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वालों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था. उसके बाद से 11 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने देश के राजनीतिक नेतृत्व और सुरक्षा बलों से जीवन के अधिकार और शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने दायित्वों का पालन करने को कहा.</p>