महादेव के इस मंदिर में दर्शन करने से मिलती है कर्ज से मुक्ति, भगवान राम ने भी की थी पूजा

महादेव के इस मंदिर में दर्शन करने से मिलती है कर्ज से मुक्ति, भगवान राम ने भी की थी पूजा

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> संगम नगरी प्रयागराज में भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर है, जहां दर्शन पूजन करने वालों को सभी तरह के ऋण यानी कर्ज से छुटकारा मिल जाता है. भोलेनाथ के इस अनूठे मंदिर पर ऋण मुक्तेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. प्रयागराज में संगम के नजदीक यमुना तट पर स्थित पौराणिक महत्व के इस प्राचीन मंदिर का वर्णन पद्म पुराण और स्कंद पुराण समेत कई धार्मिक ग्रंथो में भी विस्तार से किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मान्यताओं के मुताबिक यहां दर्शन पूजन करने वाले व्यक्ति को हर तरह के ऋण से मुक्ति मिल जाती है. अपनी तरह के इस अनूठे मंदिर में वैसे तो पूरे साल की रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन – पूजन के लिए आते हैं, लेकिन सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ जाती है. सावन महीने में यहां रोजाना सामूहिक तौर पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज में संगम के नजदीक स्थित मनकामेश्वर परिसर में पौराणिक महत्व के दो शिवलिंग विराजमान है. पहले को मनकामेश्वर महादेव कहा जाता है तो दूसरे को ऋण मुक्तेश्वर महादेव. मनकामेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है तो ऋण मुक्तेश्वर महादेव में जल चढ़ाने वालों को हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है. मंदिर के महंत स्वामी श्री धरानंद जी महाराज के मुताबिक त्रेता युग में वनवास पर जाते समय भगवान राम ने भी यहां आकर पूजा अर्चना की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उनके मुताबिक यह मान्यता है कि जो भी व्यक्ति लगातार ग्यारह सोमवार यहां आकर पूजा अर्चना करता है, सभी सांसारिक ऋण जैसे पितृ ऋण, मातृ ऋण, गुरु ऋण, ऋषि ऋण, मित्र ऋण समेत सभी तरह के ऋण से मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा हर तरह के भौतिक ऋण जैसे बैंक से कर्ज, किसी व्यक्ति से कर्ज, साहूकार से कर्ज और किसी वस्तु के कर्ज से भी छुटकारा मिल जाता है. महादेव की ऐसी कृपा होती है कि कोई ना कोई रास्ता निकल आता है और कर्ज लेने वालों की राह आसान हो जाती है. यही वजह है कि मंदिर में तमाम लोग बही खातों – बैंक पासबुक और कर्ज के कागजात को महादेव को अर्पित कर उनसे छुटकारा दिलाने की गुहार लगाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भगवान शिव के अनूठे मंदिरों में है शामिल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी श्री धरानंद जी महाराज और पुजारी चंदन तिवारी का कहना है कि भगवान भोलेनाथ ऋण मुक्तेश्वर महादेव स्वरूप में बेहद कम जगह ही विराजमान है. भगवान शिव के अनूठे मंदिरों में प्रयागराज का ऋण मुक्तेश्वर महादेव एक है. उनके मुताबिक कई लोगों का तो इस मंदिर पर इतना गहरा विश्वास है कि तमाम श्रद्धालु पीढ़ी दर पीढ़ी यहां आ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का भी रहा ठिकाना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मंदिर द्वारिका पीठ के शंकराचार्य का भी स्थान है. ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती तो यहां साल में कई बार आकर प्रवास करते थे. मंदिर के मौजूदा स्वरूप को उन्होंने ही तैयार कराया था. हालांकि प्रयागराज में कुछ महीनों बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले इस मंदिर का फिर से जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. श्रद्धालुओं के लिए यहां तमाम सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं. यहां कॉरिडोर भी प्रस्तावित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ayodhya-news-new-story-on-the-lights-stolen-on-rampath-in-ayodhya-was-a-false-complaint-filed-2760952″>अयोध्या में रामपथ पर चोरी हुई लाइट्स पर नई कहानी! क्या दर्ज की गई झूठी शिकायत?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> संगम नगरी प्रयागराज में भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर है, जहां दर्शन पूजन करने वालों को सभी तरह के ऋण यानी कर्ज से छुटकारा मिल जाता है. भोलेनाथ के इस अनूठे मंदिर पर ऋण मुक्तेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. प्रयागराज में संगम के नजदीक यमुना तट पर स्थित पौराणिक महत्व के इस प्राचीन मंदिर का वर्णन पद्म पुराण और स्कंद पुराण समेत कई धार्मिक ग्रंथो में भी विस्तार से किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मान्यताओं के मुताबिक यहां दर्शन पूजन करने वाले व्यक्ति को हर तरह के ऋण से मुक्ति मिल जाती है. अपनी तरह के इस अनूठे मंदिर में वैसे तो पूरे साल की रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन – पूजन के लिए आते हैं, लेकिन सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ जाती है. सावन महीने में यहां रोजाना सामूहिक तौर पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज में संगम के नजदीक स्थित मनकामेश्वर परिसर में पौराणिक महत्व के दो शिवलिंग विराजमान है. पहले को मनकामेश्वर महादेव कहा जाता है तो दूसरे को ऋण मुक्तेश्वर महादेव. मनकामेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है तो ऋण मुक्तेश्वर महादेव में जल चढ़ाने वालों को हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है. मंदिर के महंत स्वामी श्री धरानंद जी महाराज के मुताबिक त्रेता युग में वनवास पर जाते समय भगवान राम ने भी यहां आकर पूजा अर्चना की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उनके मुताबिक यह मान्यता है कि जो भी व्यक्ति लगातार ग्यारह सोमवार यहां आकर पूजा अर्चना करता है, सभी सांसारिक ऋण जैसे पितृ ऋण, मातृ ऋण, गुरु ऋण, ऋषि ऋण, मित्र ऋण समेत सभी तरह के ऋण से मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा हर तरह के भौतिक ऋण जैसे बैंक से कर्ज, किसी व्यक्ति से कर्ज, साहूकार से कर्ज और किसी वस्तु के कर्ज से भी छुटकारा मिल जाता है. महादेव की ऐसी कृपा होती है कि कोई ना कोई रास्ता निकल आता है और कर्ज लेने वालों की राह आसान हो जाती है. यही वजह है कि मंदिर में तमाम लोग बही खातों – बैंक पासबुक और कर्ज के कागजात को महादेव को अर्पित कर उनसे छुटकारा दिलाने की गुहार लगाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भगवान शिव के अनूठे मंदिरों में है शामिल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी श्री धरानंद जी महाराज और पुजारी चंदन तिवारी का कहना है कि भगवान भोलेनाथ ऋण मुक्तेश्वर महादेव स्वरूप में बेहद कम जगह ही विराजमान है. भगवान शिव के अनूठे मंदिरों में प्रयागराज का ऋण मुक्तेश्वर महादेव एक है. उनके मुताबिक कई लोगों का तो इस मंदिर पर इतना गहरा विश्वास है कि तमाम श्रद्धालु पीढ़ी दर पीढ़ी यहां आ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का भी रहा ठिकाना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मंदिर द्वारिका पीठ के शंकराचार्य का भी स्थान है. ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती तो यहां साल में कई बार आकर प्रवास करते थे. मंदिर के मौजूदा स्वरूप को उन्होंने ही तैयार कराया था. हालांकि प्रयागराज में कुछ महीनों बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले इस मंदिर का फिर से जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. श्रद्धालुओं के लिए यहां तमाम सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं. यहां कॉरिडोर भी प्रस्तावित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ayodhya-news-new-story-on-the-lights-stolen-on-rampath-in-ayodhya-was-a-false-complaint-filed-2760952″>अयोध्या में रामपथ पर चोरी हुई लाइट्स पर नई कहानी! क्या दर्ज की गई झूठी शिकायत?</a></strong></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Haryana Congress: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में चल रही है कलह? कुमारी सैलजा ने सब खुलकर बता दिया