<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election Result 2024:</strong> <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> ने विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) को कई स्तर पर झटके दिए हैं. महाविकास अघाड़ी सत्ता हासिल नहीं कर पाई और इसके कई बड़े नेता भी चुनाव हार गए. अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ना होने का भी संकट पैदा हो गया है क्योंकि मुख्य विपक्षी पार्टी को उतनी सीटें नहीं मिल पाई हैं जो नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए जरूरी हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए विपक्षी पार्टी के पास विधानसभा की 10 प्रतिशत सीटें होनी चाहिए. कम से कम 28 सीटें किसी विपक्षी पार्टी के पास होनी चाहिए लेकिन महाविकास अघाड़ी में ना तो कांग्रेस, ना शिवसेना-यूबीटी और ना ही एनसीपी-एसपी को 10 प्रतिशत सीट मिल पाई है. कांग्रेस को 16, शिवसेना-यूबीटी को 20 और एनसीपी-एसपी को 10 सीटें मिली हैं. इन पार्टियों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1967 में ऐसा रहा प्रदर्शन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1967 के बाद पहली बार होगा जब महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं होगा. तब महाराष्ट्र में विधानसभा में 270 सीटें थीं. इनमें से अकेले 203 कांग्रेस ने जीती थी. पीडब्ल्यूपी ने 19, सीपीआई ने 10, पीएसपी ने 8, आरपीआई ने पांच, बीजेएस ने चार, एसएसपी ने चार, सीपीएम ने एक सीट जीती जबकि निर्दलीय 16 निर्वाचित हुए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन बड़े नेताओं ने संभाली है नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मनोहर जोशी, नारायण राणे, एकनाथ खडसे, राधा कृष्ण विखे पाटिल, देवेंद्र फडणवी, अजित पवार और विजय वडेट्टीवार जैसी हस्ती नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद पहले ढाई साल महाविकास अघाड़ी की सरकार थी और ढाई साल महायुति की सरकार रही. महाविकास अघाड़ी की सरकार में देवेंद्र फडणवीस नेता प्रतिपक्ष रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विजय वड्डेटीवार एक साल रहे नेता प्रतिपक्ष</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>2022 में जब महायुति की सरकार आई तो कुछ समय के लिए महाविकास अघाड़ी की तरफ से अजित पवार नेता प्रतिपक्ष बनाए गए. लेकिन 2023 में जब वह खुद महायुति सरकार में शामिल हो गए तो उनकी जगह कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया. विजय वडेट्टीवार 3 अगस्त 2023 को यह जिम्मेदारी संभाली थी. ऐसा इसलिए क्योंकि एनसीपी में विभाजन के बाद शरद पवार गुट के विधायकों की संख्या घटकर 12 हो गई थी और उद्धव गुट से ज्यादा कांग्रेस के पास विधायक थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”महाराष्ट्र की रोचक जंग, अजित पवार चाचा शरद पवार पर पड़े भारी, तो शिंदे ने उद्धव गुट को पीछे छोड़ा” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-election-result-2024-ajit-pawar-ncp-defeat-sharad-pawar-candidates-shiv-sena-eknath-shinde-uddhav-thackeray-2829680″ target=”_self”>महाराष्ट्र की रोचक जंग, अजित पवार चाचा शरद पवार पर पड़े भारी, तो शिंदे ने उद्धव गुट को पीछे छोड़ा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election Result 2024:</strong> <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> ने विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) को कई स्तर पर झटके दिए हैं. महाविकास अघाड़ी सत्ता हासिल नहीं कर पाई और इसके कई बड़े नेता भी चुनाव हार गए. अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ना होने का भी संकट पैदा हो गया है क्योंकि मुख्य विपक्षी पार्टी को उतनी सीटें नहीं मिल पाई हैं जो नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए जरूरी हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए विपक्षी पार्टी के पास विधानसभा की 10 प्रतिशत सीटें होनी चाहिए. कम से कम 28 सीटें किसी विपक्षी पार्टी के पास होनी चाहिए लेकिन महाविकास अघाड़ी में ना तो कांग्रेस, ना शिवसेना-यूबीटी और ना ही एनसीपी-एसपी को 10 प्रतिशत सीट मिल पाई है. कांग्रेस को 16, शिवसेना-यूबीटी को 20 और एनसीपी-एसपी को 10 सीटें मिली हैं. इन पार्टियों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1967 में ऐसा रहा प्रदर्शन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1967 के बाद पहली बार होगा जब महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं होगा. तब महाराष्ट्र में विधानसभा में 270 सीटें थीं. इनमें से अकेले 203 कांग्रेस ने जीती थी. पीडब्ल्यूपी ने 19, सीपीआई ने 10, पीएसपी ने 8, आरपीआई ने पांच, बीजेएस ने चार, एसएसपी ने चार, सीपीएम ने एक सीट जीती जबकि निर्दलीय 16 निर्वाचित हुए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन बड़े नेताओं ने संभाली है नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मनोहर जोशी, नारायण राणे, एकनाथ खडसे, राधा कृष्ण विखे पाटिल, देवेंद्र फडणवी, अजित पवार और विजय वडेट्टीवार जैसी हस्ती नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद पहले ढाई साल महाविकास अघाड़ी की सरकार थी और ढाई साल महायुति की सरकार रही. महाविकास अघाड़ी की सरकार में देवेंद्र फडणवीस नेता प्रतिपक्ष रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विजय वड्डेटीवार एक साल रहे नेता प्रतिपक्ष</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>2022 में जब महायुति की सरकार आई तो कुछ समय के लिए महाविकास अघाड़ी की तरफ से अजित पवार नेता प्रतिपक्ष बनाए गए. लेकिन 2023 में जब वह खुद महायुति सरकार में शामिल हो गए तो उनकी जगह कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया. विजय वडेट्टीवार 3 अगस्त 2023 को यह जिम्मेदारी संभाली थी. ऐसा इसलिए क्योंकि एनसीपी में विभाजन के बाद शरद पवार गुट के विधायकों की संख्या घटकर 12 हो गई थी और उद्धव गुट से ज्यादा कांग्रेस के पास विधायक थे. </p>
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