पंजाब के मोहाली के रहने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज अर्शदीप सिंह को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मेगा ऑक्शन में पंजाब किंग्स ने 18 करोड़ रुपए में खरीदा है। अर्शदीप सिंह 2024 के टी-20 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के साथ हुआ फाइनल मैच भी खेले थे। तब उन्होंने 8 मैचों में 17 विकेट लेकर रिकॉर्ड बनाया है। ऐसा करके वह दुनिया के 5 गेंदबाजों की लिस्ट में शामिल हो गए। उनके जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहने की तैयारी कर ली थी। माता-पिता ने तो उन्हें कनाडा भेजकर वहीं सेटल करने का फैसला कर दिया था। परिवार ने कनाडा भेजने की कर ली थी तैयारी अर्शदीप सिंह का पंजाब टीम में चयन नहीं हो रहा था। परिवार के लोग भी चिंतित थे। ऐसे में माता-पिता ने उसे कनाडा उसके भाई के पास भेजने का फैसला किया। उन्होंने इस बारे में उसके कोच से बात की। कोच ने जब अर्शदीप से इस बारे में चर्चा की तो उसने कहा कि वह खेलना चाहता है। कोच की सलाह पर अर्शदीप ने यह बात अपने परिवार को बताई। परिवार के लोगों ने उसे एक साल का समय दिया। इसके बाद अर्शदीप ने ग्राउंड पर जमकर मेहनत की। फिर उसका चयन पंजाब की आयु वर्ग 19 की टीम में हो गया। इसके बाद उसने अंडर-19 विश्व कप खेला। इसके बाद यह सफर लगातार चलता रहा। पिता ने पहचाना हुनर, मां ने लगाई ताकत अर्शदीप सिंह का परिवार मोहाली के खरड़ में रह रहा है। उनके पिता दर्शन सिंह एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अर्शदीप का जन्म तब हुआ तो उस सम पिता की पोस्टिंग मध्य प्रदेश में थी। वह भी गेंदबाज है। उनके पिता ने क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को पहचाना। उन्होंने उन्हें पार्क में बॉलिंग करते देखा। फिर वे उन्हें 13 साल की उम्र में चंडीगढ़ के सेक्टर-36 स्थित गुरु नानक देव स्कूल की क्रिकेट एकेडमी में ले गए। जहां से उनकी कोचिंग शुरू हुई। अर्शदीप के पिता बाहर पोस्टेड थे। ऐसे में सुबह छह बजे खरड़ से चंडीगढ़ ग्राउंड पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि यह 15 किलोमीटर का सफर था। ऐसे में अर्शदीप सिंह की मां बलजीत कौर उन्हें सुबह साइकिल पर लेकर आती थीं। फिर वहीं रुकती थीं। स्कूल के बाद उन्हें पार्क में बिठाती थीं और खाना आदि खिलाती थीं। इसके बाद फिर से एकेडमी भेजती थीं। इसके बाद शाम को घर ले जाती थीं। शुरुआती दिनों में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। 2018 में पंजाब के लिए खेले, 2019 में IPL में डेब्यू अर्शदीप सिंह को 19 सितंबर 2018 को 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए खेलने के लिए चुना गया था। फिर उन्हें 2018 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत की टीम में चुना गया। दिसंबर 2018 में, उन्हें 2019 इंडियन प्रीमियर लीग के लिए किंग्स इलेवन पंजाब द्वारा चुना गया। वे टीम के दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की गई। नवंबर 2019 में उन्हें बांग्लादेश में 2019 एसीसी इमर्जिंग टीम एशिया कप के लिए भारत की टीम में चुना गया। मानसिक रूप से बहुत मजबूत, भगवान में रखते हैं आस्था अर्शदीप धार्मिक विचारों वाले हैं। वे ध्यान करते रहते हैं। उन्हें जानने वाले कहते हैं कि तेज गेंदबाज में आक्रामकता होती है। लेकिन वे इसे दिखाते नहीं। वे बहुत शांत रहते हैं। जब भी वे शहर आते हैं, तो सभी गुरुद्वारों में मत्था टेकने जाते हैं। वे मानसिक रूप से बहुत मजबूत हैं। उनके कोच जसवंत राय बताते हैं कि जब पाकिस्तान के खिलाफ मैच में कैच छोड़ने पर उन्हें ट्रोल किया गया, तो उन्होंने अर्शदीप को फोन करके सलाह दी कि आज सोशल मीडिया न देखें। इस पर अर्शदीप का जवाब था कि वे सुबह से ही इसे देख रहे हैं। उन्हें लोग जो कह रहे हैं, वह उन्हें अच्छा लग रहा है। उन्होंने पूछा कि वे उदास क्यों लग रहे हो। इस पर अर्शदीप ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ मैच में उन्हें चौका लगा और अगर वे उसे रोक लेते, तो हम मैच जीत जाते। इसलिए वे उदास हैं। ************************************************* IPL से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- IPL मेगा ऑक्शन में हरियाणा-पंजाब के खिलाड़ियों की नीलामी 5 साल की उम्र में क्रिकेट खेलने लगे थे चहल, पंजाब ने 18 करोड़ में खरीदा पंजाब के मोहाली के रहने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज अर्शदीप सिंह को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मेगा ऑक्शन में पंजाब किंग्स ने 18 करोड़ रुपए में खरीदा है। अर्शदीप सिंह 2024 के टी-20 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के साथ हुआ फाइनल मैच भी खेले थे। तब उन्होंने 8 मैचों में 17 विकेट लेकर रिकॉर्ड बनाया है। ऐसा करके वह दुनिया के 5 गेंदबाजों की लिस्ट में शामिल हो गए। उनके जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहने की तैयारी कर ली थी। माता-पिता ने तो उन्हें कनाडा भेजकर वहीं सेटल करने का फैसला कर दिया था। परिवार ने कनाडा भेजने की कर ली थी तैयारी अर्शदीप सिंह का पंजाब टीम में चयन नहीं हो रहा था। परिवार के लोग भी चिंतित थे। ऐसे में माता-पिता ने उसे कनाडा उसके भाई के पास भेजने का फैसला किया। उन्होंने इस बारे में उसके कोच से बात की। कोच ने जब अर्शदीप से इस बारे में चर्चा की तो उसने कहा कि वह खेलना चाहता है। कोच की सलाह पर अर्शदीप ने यह बात अपने परिवार को बताई। परिवार के लोगों ने उसे एक साल का समय दिया। इसके बाद अर्शदीप ने ग्राउंड पर जमकर मेहनत की। फिर उसका चयन पंजाब की आयु वर्ग 19 की टीम में हो गया। इसके बाद उसने अंडर-19 विश्व कप खेला। इसके बाद यह सफर लगातार चलता रहा। पिता ने पहचाना हुनर, मां ने लगाई ताकत अर्शदीप सिंह का परिवार मोहाली के खरड़ में रह रहा है। उनके पिता दर्शन सिंह एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अर्शदीप का जन्म तब हुआ तो उस सम पिता की पोस्टिंग मध्य प्रदेश में थी। वह भी गेंदबाज है। उनके पिता ने क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को पहचाना। उन्होंने उन्हें पार्क में बॉलिंग करते देखा। फिर वे उन्हें 13 साल की उम्र में चंडीगढ़ के सेक्टर-36 स्थित गुरु नानक देव स्कूल की क्रिकेट एकेडमी में ले गए। जहां से उनकी कोचिंग शुरू हुई। अर्शदीप के पिता बाहर पोस्टेड थे। ऐसे में सुबह छह बजे खरड़ से चंडीगढ़ ग्राउंड पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि यह 15 किलोमीटर का सफर था। ऐसे में अर्शदीप सिंह की मां बलजीत कौर उन्हें सुबह साइकिल पर लेकर आती थीं। फिर वहीं रुकती थीं। स्कूल के बाद उन्हें पार्क में बिठाती थीं और खाना आदि खिलाती थीं। इसके बाद फिर से एकेडमी भेजती थीं। इसके बाद शाम को घर ले जाती थीं। शुरुआती दिनों में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। 2018 में पंजाब के लिए खेले, 2019 में IPL में डेब्यू अर्शदीप सिंह को 19 सितंबर 2018 को 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए खेलने के लिए चुना गया था। फिर उन्हें 2018 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत की टीम में चुना गया। दिसंबर 2018 में, उन्हें 2019 इंडियन प्रीमियर लीग के लिए किंग्स इलेवन पंजाब द्वारा चुना गया। वे टीम के दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की गई। नवंबर 2019 में उन्हें बांग्लादेश में 2019 एसीसी इमर्जिंग टीम एशिया कप के लिए भारत की टीम में चुना गया। मानसिक 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