हिमाचल प्रदेश में बीते शुक्रवार की धूप के बाद तापमान में भारी उछाल आया है। एक ही दिन की धूप से सितंबर माह की गर्मी पुराने रिकॉर्ड तोड़ने लगी है। शिमला का अधिकतम तापमान सामान्य से 4.1 डिग्री के उछाल के बाद 27.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है, जो कि बीते 30 साल का रिकॉर्ड है। शिमला का इससे पहले रिकॉर्ड मैक्सिमम टैम्परेचर 30 सितंबर 1994 को 28.6 डिग्री सेल्सियस है। धर्मशाला के तापमान में भी बीते 24 घंटे में 6 डिग्री का उछाल आया है। धर्मशाला का अधिकतम पारा 31.1 डिग्री सेल्सियस हो गया है। बीते 25 सालों में सितंबर माह में धर्मशाला का इतना तापमान कभी नहीं गया। धर्मशाला का आज तक का रिकॉर्ड तापमान 30 सितंबर 1988 को 38.6 डिग्री सेल्सियस है। प्रदेश का औसत तापमान 3.8 डिग्री ज्यादा हुआ शिमला और धर्मशाला के अलावा अन्य शहरों के तापमान भी में भारी उछाल आया है। प्रदेश के औसत तापमान में बीते 24 घंटे के दौरान 3.8 डिग्री का उछाल और सामान्य से 3.3 डिग्री ज्यादा हो गया है। केलांग के तापमान में सबसे ज्यादा 11.8 डिग्री का उछाल आया है। भुंतर, धर्मशाला, कांगड़ा और चंबा के तापमान में भी 5 डिग्री से ज्यादा का उछाल बीते 24 घंटे में आया है। ऊना का पारा 35.8 डिग्री पहुंचा प्रदेश के 2 शहरों का पारा 35 डिग्री पार और 11 शहरों का 30 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है। ऊना का तापमान सर्वाधिक 35.8 डिग्री और बिलासपुर का 35.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। 4 दिन खिलेगी धूप, तापमान में और उछाल आएगा मौसम विभाग के अनुसार, 25 व 26 सितंबर को पश्चिमी विक्षोभ फिर सक्रिय हो रहा है। पहाड़ों पर इससे बारिश का जरूर पूर्वानुमान है। मगर आज से अगले 4 दिन तक मौसम साफ बना रहेगा। इससे तापमान में ओर ज्यादा बढ़ौतरी होगी। हिमाचल प्रदेश में बीते शुक्रवार की धूप के बाद तापमान में भारी उछाल आया है। एक ही दिन की धूप से सितंबर माह की गर्मी पुराने रिकॉर्ड तोड़ने लगी है। शिमला का अधिकतम तापमान सामान्य से 4.1 डिग्री के उछाल के बाद 27.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है, जो कि बीते 30 साल का रिकॉर्ड है। शिमला का इससे पहले रिकॉर्ड मैक्सिमम टैम्परेचर 30 सितंबर 1994 को 28.6 डिग्री सेल्सियस है। धर्मशाला के तापमान में भी बीते 24 घंटे में 6 डिग्री का उछाल आया है। धर्मशाला का अधिकतम पारा 31.1 डिग्री सेल्सियस हो गया है। बीते 25 सालों में सितंबर माह में धर्मशाला का इतना तापमान कभी नहीं गया। धर्मशाला का आज तक का रिकॉर्ड तापमान 30 सितंबर 1988 को 38.6 डिग्री सेल्सियस है। प्रदेश का औसत तापमान 3.8 डिग्री ज्यादा हुआ शिमला और धर्मशाला के अलावा अन्य शहरों के तापमान भी में भारी उछाल आया है। प्रदेश के औसत तापमान में बीते 24 घंटे के दौरान 3.8 डिग्री का उछाल और सामान्य से 3.3 डिग्री ज्यादा हो गया है। केलांग के तापमान में सबसे ज्यादा 11.8 डिग्री का उछाल आया है। भुंतर, धर्मशाला, कांगड़ा और चंबा के तापमान में भी 5 डिग्री से ज्यादा का उछाल बीते 24 घंटे में आया है। ऊना का पारा 35.8 डिग्री पहुंचा प्रदेश के 2 शहरों का पारा 35 डिग्री पार और 11 शहरों का 30 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है। ऊना का तापमान सर्वाधिक 35.8 डिग्री और बिलासपुर का 35.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। 4 दिन खिलेगी धूप, तापमान में और उछाल आएगा मौसम विभाग के अनुसार, 25 व 26 सितंबर को पश्चिमी विक्षोभ फिर सक्रिय हो रहा है। पहाड़ों पर इससे बारिश का जरूर पूर्वानुमान है। मगर आज से अगले 4 दिन तक मौसम साफ बना रहेगा। इससे तापमान में ओर ज्यादा बढ़ौतरी होगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सोलन में लापता हुई लड़की को पुलिस ने खोजा:घरवालों की डांट पर नाराज होकर गई थी, स्कूल के बाद वापस नहीं लौटी सोलन जिला के देऊंघाट की रहने वाली एक नाबालिग लड़की लापता हो गई थी। घर में पड़ी डांट की वजह से वह ऐसे नाराज हुई कि घर छोड़कर ही चली गई। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए किशोरी को सोलन के नडोह गांव के पास से बरामद करके परिजनों के हवाले कर दिया है। सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार देऊंघाट निवासी एक महिला ने सदर पुलिस थाने को दी गई शिकायत में कहा कि उनकी 14 वर्ष की बेटी 12 नवंबर को घर से स्कूल के लिए निकली थी। लेकिन इसके बाद वह घर नहीं लौटी। पुलिस ने मेडिकल के बाद किया परिजनों के हवाले महिला ने बताया कि काफी खोजबीन के बाद भी उन्हें बेटी का कहीं सुराग नहीं मिला। पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज करके त्वरित प्रभाव से किशोरी की तलाश शुरू की। काफी प्रयास के बाद सोलन के नडोह गांव के पास किशोरी पुलिस के हाथ लग गई। इसके बाद पुलिस ने किशोरी का सोलन के जोनल चिकित्सालय में मेडिकल परीक्षण कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया। एसपी सोलन के अनुसार पूछताछ में पता चला कि किशोरी माता पिता से मनमुटाव के बाद बिना बताए घर से निकल गई थी। एसपी के अनुसार मामले की जांच जारी है।
हिमाचल के किसानों पर सूखे की मार:90% जमीन पर नहीं कर पाए गेंहू की बुवाई; पोस्ट-मानसून सीजन में 98% कम बारिश
हिमाचल के किसानों पर सूखे की मार:90% जमीन पर नहीं कर पाए गेंहू की बुवाई; पोस्ट-मानसून सीजन में 98% कम बारिश हिमाचल प्रदेश में भयंकर सूखे वाली स्थिति बनती जा रही है। पोस्ट-मानसून सीजन में सामान्य से 98% कम बारिश हुई है। इसकी सबसे ज्यादा मार गेंहू उत्पादक किसानों पर पड़ रही है। प्रदेश के अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गेंहू की बुवाई का उपयुक्त समय निकल चुका है। अब मैदानी इलाकों में ही बुवाई के लिए एक सप्ताह शेष बचा है। मगर अभी तक 10 प्रतिशत क्षेत्र में ही किसान गेंहू की बुवाई कर पाए हैं। 90 प्रतिशत जमीन पर किसान गेंहू की बुवाई के लिए बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। 3.26 लाख हैक्टेयर में होती है गेंहू की फसल कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में गेंहू की फसल 3 लाख 26 हजार हैक्टेयर में होती है। बीते साल 6.20 लाख मीट्रिक टन गेंहू की पैदावार हुई थी, लेकिन इस बार गेंहू की बुवाई मुश्किल से 30 हजार हैक्टेयर में हो पाई है। इससे हिमाचल का किसान चिंता में है। गेंहू के साथ साथ दूसरी नगदी फसलों फूलगोभी, मटर, शिमला मिर्च इत्यादि पर भी सूखे की मार पड़नी शुरू हो गई है। मानसून में 19% कम, पोस्ट मानसून सीजन में 98% कम बारिश हिमाचल में इस बार मानसून सीजन में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बादल बरसे है। मानसून बीतने यानी पोस्ट-मानसून सीजन में भी सामान्य से (1 अक्टूबर से 8 नवंबर तक) 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 123 सालों में ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब पोस्ट-मानसून सीजन में इतनी कम बारिश हुई है। 6 जिलों में 38 दिन से एक बूंद भी नहीं बरसी प्रदेश में छह जिले चंबा, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो बीते 38 दिनों से पानी की बूंद तक नहीं गिरी। अन्य जिलों में भी नाममात्र बारिश व बूंदाबांदी हुई है। इससे हिमाचल में सूखे के कारण गंभीर हालात बन रहे है। गेंहू की बात करें तो कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, सिरमौर, ऊना और चंबा जिला में ज्यादा पैदावार ज्यादा होती है। इन जिलों के किसान ज्यादा परेशान है। 11-12 को बारिश-बर्फबारी मौसम विभाग की माने तो अगले 72 घंटे तक बारिश के आसार नहीं है। मगर 11 और 12 नवंबर को अधिक ऊंचाई वाले व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। मैदानी इलाकों में बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है, जबकि प्रदेश में गेंहू की ज्यादा फसल मैदानी इलाकों में ही होती है। गेंहू की बुवाई का उपयुक्त समय कृषि विभाग के अनुसार, ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक गेंहू की बुवाई की जा सकती है, जबकि मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में 25 अक्टूबर से 15 नवंबर तक गेंहू की फसल की बुवाई का सकती है।
ऊना में BPJ सांसद ने की विकास योजनाओं की समीक्षा:अनुराग बोले-जो कार्य आरंभ नहीं हुए, उनकी निधि वापस करो, कार्यों में लाए तेजी
ऊना में BPJ सांसद ने की विकास योजनाओं की समीक्षा:अनुराग बोले-जो कार्य आरंभ नहीं हुए, उनकी निधि वापस करो, कार्यों में लाए तेजी हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से भाजपा के सांसद अनुराग ठाकुर ने शनिवार को ऊना में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उन्होंने केंद्र सरकार प्रायोजित विकास योजनाओं की प्रगति का गहन जायजा लिया और अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने कहा कि सांसद विकास निधि से जिन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। लेकिन 31 मार्च 2023 तक जिनका कार्य आरंभ नहीं हुआ, उनकी निधि को वापस कर दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन कार्यों की शुरुआत हो चुकी है, उन्हें 28 फरवरी 2025 तक हर हाल में पूरा किया जाए। अगली बैठक तक सकारात्मक बदलाव दिखने चाहिए सांसद अनुराग ने अधिकारियों से कहा कि वे सिर्फ लक्ष्यों को पूरा करने तक सीमित न रहें। बल्कि कार्य प्रणाली में सुधार लाकर योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि दिशा की अगली बैठक तक जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव दिखने चाहिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को जमीनी फीडबैक लेने और योजनाओं में सुधार के लिए सुझाव देने को कहा। बैठक में केंद्र प्रायोजित योजनाओं सहित अन्य विकास योजनाओं की प्रगति एवं प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर चर्चा की गई। संबंधित विभागों के अधिकारियों ने योजनाओं के कार्यान्वयन बारे विस्तृत जानकारी दी। अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश अनुराग ठाकुर ने ऊना जिले में अवैध खनन की विकराल समस्या पर चिंता जताई और इसके समाधान के लिए नवीनतम तकनीकों और ग्रामीणों के सहयोग से निगरानी तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने अवैध खनन के कारण ग्रामीण सड़कों को हो रहे नुकसान और राजस्व हानि पर भी कड़ा संज्ञान लिया। साथ ही अवैध खनन पर नकेल कसने के लिए विशेष पुलिस दल की स्वीकृति के प्रयास करने को कहा।
सांसद ने बताया कि ऊना जिले के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 2646 मकानों को स्वीकृति दी गई है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा जिले में गगरेट और चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्रों के लिए दो नए केंद्रीय विद्यालयों को स्वीकृति मिली है। सांसद ने ऊना जिले में विभिन्न रेलवे अंडरपास में बरसात के दौरान जलभराव की समस्या का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को इसका स्थायी समाधान निकालने के निर्देश दिए। आगे से सभी निर्माण कार्यों को भविष्य के लिए दृष्टिकोण से अमल में लाने को कहा। साथ ही, पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के डिजाइन में हो रही देरी पर नाराज़गी जताते हुए इसे अविलंब सुलझाने को कहा। अधिकारियों को दिए निर्देश सांसद ने ग्रामीण विकास योजनाओं के कंवर्जेंस पर बल दिया और पंचायतों में ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करने को कहा। उन्होंने केंद्र सरकार के महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लखपति दीदी बनाने के कार्यक्रम को लेकर जिला की कार्ययोजना तैयार करने को कहा। सांसद ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 27 कार्यों पर कुल 243 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा लोगों की सुरक्षा तय बनाने के लिए विशेष ध्यान देने को कहा। सदस्यों ने दिए बहुमूल्य सुझाव इस अवसर पर बैठक में ऊना के विधायक सतपाल सत्ती, पूर्व मंत्री विरेंद्र कंवर, जिला परिषद अध्यक्ष नीलम कुमारी और चिंतपूर्णी के पूर्व विधायक बलवीर चौधरी, सहित समिति के अन्य गैर सरकारी सदस्यों ने विकास कार्यों को लेकर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
उपायुक्त जतिन लाल ने सांसद के निर्देशों का पूरा अनुपालन सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया और कहा कि विकास कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर सहित विभिन्न विभागों के आला अधिकारी उपस्थित रहे।