‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, लोगों से घर-घर जाकर मिले अरविंद केजरीवाल ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, लोगों से घर-घर जाकर मिले अरविंद केजरीवाल दिल्ली NCR ‘जिंदगी अनमोल है, संभावनाओं के साथ जिएं’, कांग्रेस नेता ने नशे के खिलाफ निकाली मशाल यात्रा
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कैथल में दो चचेरे भाइयों की मौत:अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मारी; पीलिया देने जा रहे थे बहन के घर
कैथल में दो चचेरे भाइयों की मौत:अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मारी; पीलिया देने जा रहे थे बहन के घर कैथल में अज्ञात वाहन ने बुलेट बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में दो चचेरे भाइयों की मौत गई। दोनों अपनी बहन के घर पीलिया देने गए थे। उन्होंने तीन दिन पहले ही बुलेट खरीदी थी। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। घटना बीते कर देर शाम गांव तारांवाली की है। मृतकों की पहचान 26 वर्षीय विक्रम और 20 वर्षीय विकास के नाम से हुई है। जो गांव धौंस गांव के रहने वाले हैं। विक्रम की शादी हो चुकी है। जबकि विकास अभी अविवाहित है। विक्रम की एक बेटी भी है। विक्रम ने 3 दिन पहले ली थी बाइक जानकारी अनुसार, दोनों बहन के घर पीलिया देने के लिए गांव खरकां गए थे। जब वे गांव तारांवाली के पास पहुंचे, तो यह हादसा हो गया। माैके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि विक्रम ने तीन दिन पहले ही बाइक ली थी। मामले की जांच कर रही पुलिस गुहला थाना एसएचओ रामपाल ने परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। उसी के अनुसार मामले में आगामी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
हरियाणा में 5 युवतियां ब्रह्मकुमारी बनीं:MA, एमटैक, ITI डिप्लोमा होल्डर; 16 साल की लड़की भी दुल्हन की तरह सजकर वैरागन हुई
हरियाणा में 5 युवतियां ब्रह्मकुमारी बनीं:MA, एमटैक, ITI डिप्लोमा होल्डर; 16 साल की लड़की भी दुल्हन की तरह सजकर वैरागन हुई हरियाणा में 5 युवतियां एक साथ जीवन से सन्यास लेकर ब्रह्मकुमारी बन गई हैं। ये लड़कियां एमए, एमटेक और ITI डिप्लोमा होल्डर जैसी उच्च शिक्षित हैं। सभी युवतियों ने सिरसा में शिवलिंग पर वरमाला डालकर जीवन भगवान की सेवा में समर्पित करने का प्रण ले लिया। वहीं, जींद में एक 16 साल की लड़की जैन वैरागन बन गई। वह 10वीं तक पढ़ी है, लेकिन 2 साल से अपने घर में ही वैरागियों की तरह जीवन जी रही थी। पिता ने भी बेटी के फैसले का समर्थन किया। लड़की का नाम काशवी जैन है। उसे फतेहाबाद के रतिया में दुल्हन की तरह सजाकर साध्वी शिवा की शिष्या बनाया गया। रतिया में हुआ तिलक रस्म समारोह
जानकारी के अनुसार, रविवार को रतिया में साध्वी शिवा की शिष्या वैरागन बनीं काशवी जैन का तिलक रस्म समारोह मनाया गया। इसके लिए उन्हें दुल्हन की तरह सजाया गया था। उनकी तिलक रस्म बबीता जिंदल और अनीता जैन ने पूरी कराई। साथ ही साध्वी शिवा ने तिलक लगाकर काशवी को आशीर्वाद दिया। अब 2 फरवरी 2025 को दिल्ली में काशवी का दीक्षा समारोह होगा। इसके बाद वह पूरी तरह भौतिक दुनिया से नाता तोड़ अध्यात्म की दुनिया में बढ़ेंगी और प्राणी जगत के कल्याण के काम करेंगी। काशवी बोलीं- बचपन से जैन दीक्षा अंगीकार करने का मन था
काशवी के पिता अमित जैन सरकारी विभाग में कार्यरत हैं। वहीं, उनकी मां सीमा एक गृहिणी हैं। पिता का कहना है उनकी पुत्री काशवी जैन दीक्षा के लिए पिछले 2 साल से वैरागन की तरह रह रही है। अक्सर वह जैन समाज के कार्यक्रम में भाग लेती थी। वहीं से उसके मन में जैन धर्म के प्रति अगाध आस्था होती चली गई। काशवी का एक भाई और एक बहन है। अपनी नई शुरुआत के बारे में काशवी का कहना है कि बचपन से ही उनका जैन दीक्षा अंगीकार करने का मन था। अब उनकी इच्छा पूरी हो रही है। इसके लिए उन्होंने जैन साध्वी शिवा के चरणों में वैरागन का मार्ग अपनाया है। सिरसा में 5 युवतियां ब्रह्मकुमारी बनीं
इधर, सिरसा शहर के हिसार रोड पर स्थित ब्रह्मकुमारीज आनंद सरोवर में अयोजित प्रभु समर्पण समारोह में हरियाणा की 4 और उत्तर प्रदेश की एक युवती ने सांसारिक बंधनों को त्याग कर ब्रह्मकुमारीज का जीवन अपना लिया। रविवार को हुए इस आयोजन में पांचों युवतियों ने शिवलिंग पर वरमाला डालकर अपना जीवन मानव सेवा और प्रभु को समर्पित करने का वचन लिया। साध्वी बनीं हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली रुहानी BA तक पढ़ी हैं। वहीं, रोहतक की ही सुनीता ने बीकॉम और अंजू ने 12वीं तक पढ़ाई की है। अंजू के पास ITI डिप्लोमा भी है। इसके अलावा सिरसा की रहने वाली धन वर्षा ने एमटेक किया है। वहीं, UP कि जिले हापुड़ में तिलकवा गांव की रहने वाली सिद्धि MA पास हैं। वह पंजाब के मानसा जिला के कस्बे झुनीर में पहले से ही ब्रह्मचारी आश्रम में कार्यरत हैं। रुहानी बोलीं- आश्रम में ध्यान लगाने से लाभ मिला
रुहानी का कहना है कि वह शुरू से अध्यात्म की ओर जाना चाहती थीं। पढ़ाई के साथ-साथ वह आश्रम भी जाया करती थीं। उन्होंने बताया कि उनकी आंखों में थोड़ी समस्या हुई थी। इलाज भी कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने आश्रम में ध्यान लगाया, जिससे उनके जीवन पर गहरा असर हुआ। धीरे-धीरे आंखों की समस्या भी दूर हो गई। 5 साल में पूरी होती है ब्रह्मकुमारी बनने की प्रक्रिया
संस्था की अंतरराष्ट्रीय संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी सुदेश दीदी का कहना है कि ब्रह्मकुमारी बनने के लिए संस्था की एक प्रक्रिया तय है, जो सभी पर लागू होती है। इच्छुक साधक को राजयोग मेडिटेशन कोर्स के लिए 6 माह तक नियमित सत्संग व राजयोग ध्यान के अभ्यास के बाद केंद्र प्रभारी दीदी द्वारा सेवा केंद्र पर रहने की अनुमति दी जाती है। 5 साल तक सेवा केंद्र में रहने के दौरान संस्थान की दिनचर्या और गाइडलाइन का पालन करना होता है। इस दौरान बहनों का आचरण, चाल-चलन, स्वभाव और व्यवहार परखा जाता है। इसके बाद ट्रायल के लिए मुख्यालय शांतिवन के लिए माता-पिता को अनुमति पत्र भेजा जाता है। तपस्या का मार्ग धारण करना साधारण बात नहीं
सुदेश दीदी ने कहा कि आजीवन ब्रह्मचर्य, त्याग और तपस्या के मार्ग को धारण करना साधारण बात नहीं हैं। छोटी उम्र में बड़ा निर्णय कर समाज के लिए उदाहरण बनकर जीवन जीना मानव जीवन की शान है। उन्होंने बहनों को अपना शुभ आशीष देते हुए सदा इस मार्ग पर मजबूती से चलने की प्रेरणा दी।
…तो राम गोपाल की बॉडी के हो जाते टुकड़े-टुकड़े, बहराइच हिंसा पर पड़ोसियों का खुलासा
…तो राम गोपाल की बॉडी के हो जाते टुकड़े-टुकड़े, बहराइच हिंसा पर पड़ोसियों का खुलासा <p style=”text-align: justify;”><strong>Bahraich Violence:</strong> रविवार शाम बहराइच के महसी के महराजगंज में मूर्ति विसर्जन को जाते समय विवाद हो गया जिसमे रामगोपाल मिश्रा की मृत्यु हो गई. इसके बाद बहराइच में हालात बेकाबू हो गए. रविवार रात कई जगहों पर आगजनी हुई. सोमवार को कई घरों में आगजनी की तस्वीरें देखने को मिली. कई गाड़ियां जला दी गई. कई सामान तोड़ दिए गए. एक गाड़ी का शोरूम, एक अस्पताल को भी आग के हवाले कर दिया गया. रामगोपाल मिश्रा की हत्या की क्या थी पूरी कहानी? रामगोपाल की जिस अब्दुल हमीद के घर में हत्या हुई उसके बगल के जयसवाल परिवार ने एबीपी लाइव से बताया सब कुछ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एबीपी लाइव से बातचीत में नेहा ने बताया कि रविवार शाम को मूर्ति विसर्जन के लिये जा रही थी. इस दौरान एक संप्रदाय के लोग अपने धार्मिक स्थल के ऊपर खड़े थे और वहां से कुछ पत्थर मूर्ति पर फेंके. इसके बाद मूर्ति खंडित हो गई. फिर जिन लोगों ने पत्थर मारा वह दूसरी तरफ एक घर में जाकर खड़े हो गए और वहां खड़े होकर हस रहे थे. जब मूर्ति विसर्जन करने वालों ने ये देखा कि अभी तो इन लोगों ने मूर्ति खंडित की और अब यह दूसरी तरफ जाकर छत पर हस रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पड़ोसियों ने बताई विवाद की असली वजह</strong><br />नेहा ने आगे बताया कि, फिर मूर्ति विसर्जित करने जाने वाले लोग और कुछ पुलिस के लोग छत की तरफ बढ़े और फिर उसी के बाद झंडा बदलने की कहानी हुई. तभी अब्दुल हमीद के परिवार ने रामगोपाल को अपने घर में खींच लिया और उसे गोलियों से छलनी कर दिया. इसके बाद पुलिस और कुछ परिवार के लोग रामगोपाल को लेकर नेहा की छत से नीचे उतरे. नेहा ने कहा कि लोगों को डर था कि अगर उसको नहीं लाया गया तो उसको गायब भी किया जा सकता है. गायब करने के सवाल पर नेहा ने कहा कि रामगोपाल को छुपाने के लिए उसको काट पीट कर बोरियों में भी छुपाया भी जा सकता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/retired-inspector-son-murdered-in-meerut-police-busy-searching-for-the-accused-ann-2804222″><strong>Meerut Crime: मेरठ में रिटायर्ड दरोगा के बेटे की हत्या, मेडिकल थाने से चंद कदमों की दूरी पर हुई घटना</strong></a></p>