मुजफ्फरनगर दंगा केस: गैर-जमानती वारंट के बाद यूपी के मंत्री समेत कई BJP नेता अदालत में पेश

मुजफ्फरनगर दंगा केस: गैर-जमानती वारंट के बाद यूपी के मंत्री समेत कई BJP नेता अदालत में पेश

<p style=”text-align: justify;”><strong>Muzaffarnagar Riots:</strong> मुजफ्फरनगर दंगा मामले में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व मंत्री सुरेश राणा और अशोक कटारिया, भाजपा के पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह सहित कई भाजपा नेता मंगलवार को मुजफ्फरनगर में विधायक/सांसद अदालत में पेश हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेष न्यायाधीश देवेंद्र फौजदार ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की है. इस बीच, डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद अदालत में पेश नहीं हुए और उनके खिलाफ फिर से गैर-जमानती वारंट जारी किया गया. अदालत ने सभी आरोपियों को तय तारीख पर पेश होने का आदेश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभियोजन अधिकारी नीरज सिंह ने मंगलवार को बताया ‘उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, विहिप नेता साध्वी प्राची, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह, पूर्व विधायक उमेश मलिक और अशोक कंसल, डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद समेत 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अगस्त 2013 में हुआ था दंगा</strong><br />अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपियों ने अगस्त 2013 में नगलामाडोर गांव में एक पंचायत में भाग लिया और भड़काऊ भाषण दिया था. मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में 2013 के सांप्रदायिक दंगों में 60 से अधिक लोग मारे गए थे और 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/gorakhpur-police-raid-on-chowmin-factory-using-banned-chemical-on-dirty-place-ann-2813141″><strong>चाऊमिन के शौकीन हो जाएं सावधान, बाजार में बिक रहा अस्&zwj;पताल पहुंचाने वाला जहर! खतरे में पड़ जाएगी जान</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि इसी साल बीते सितंबर महीने में स्थानीय अदालत ने 10 अभियुक्तों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. कोर्ट द्वारा जिन आरोपियों को दोष मुक्त करार दिए गए आरोपियों में गौरव, अमरपाल, रॉकी, रतन, दिनेश, योगेश, अभिषेक, रूबी, कपिल कुमार और मनोज कुमार शामिल थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने सभी 10 आरोपियों को बरी करते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष अपने आरोप साबित करने में विफल रहा था. यह आदेश पिछली 26 सितंबर को पारित किया गया था और दो दिन बाद उपलब्ध कराया गया. इनपर आरोप लगाया था कि दंगाइयों ने आठ सितंबर 2013 को उसके पति आशु की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Muzaffarnagar Riots:</strong> मुजफ्फरनगर दंगा मामले में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व मंत्री सुरेश राणा और अशोक कटारिया, भाजपा के पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह सहित कई भाजपा नेता मंगलवार को मुजफ्फरनगर में विधायक/सांसद अदालत में पेश हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेष न्यायाधीश देवेंद्र फौजदार ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की है. इस बीच, डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद अदालत में पेश नहीं हुए और उनके खिलाफ फिर से गैर-जमानती वारंट जारी किया गया. अदालत ने सभी आरोपियों को तय तारीख पर पेश होने का आदेश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभियोजन अधिकारी नीरज सिंह ने मंगलवार को बताया ‘उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, विहिप नेता साध्वी प्राची, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह, पूर्व विधायक उमेश मलिक और अशोक कंसल, डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद समेत 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अगस्त 2013 में हुआ था दंगा</strong><br />अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपियों ने अगस्त 2013 में नगलामाडोर गांव में एक पंचायत में भाग लिया और भड़काऊ भाषण दिया था. मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में 2013 के सांप्रदायिक दंगों में 60 से अधिक लोग मारे गए थे और 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/gorakhpur-police-raid-on-chowmin-factory-using-banned-chemical-on-dirty-place-ann-2813141″><strong>चाऊमिन के शौकीन हो जाएं सावधान, बाजार में बिक रहा अस्&zwj;पताल पहुंचाने वाला जहर! खतरे में पड़ जाएगी जान</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि इसी साल बीते सितंबर महीने में स्थानीय अदालत ने 10 अभियुक्तों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. कोर्ट द्वारा जिन आरोपियों को दोष मुक्त करार दिए गए आरोपियों में गौरव, अमरपाल, रॉकी, रतन, दिनेश, योगेश, अभिषेक, रूबी, कपिल कुमार और मनोज कुमार शामिल थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने सभी 10 आरोपियों को बरी करते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष अपने आरोप साबित करने में विफल रहा था. यह आदेश पिछली 26 सितंबर को पारित किया गया था और दो दिन बाद उपलब्ध कराया गया. इनपर आरोप लगाया था कि दंगाइयों ने आठ सितंबर 2013 को उसके पति आशु की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.</p>
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