कुंडा विधायक राजा भैया के भाई और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने दावा किया कि अनुप्रिया पटेल ने राजा भैया के खिलाफ जो बोला, उसका नुकसान भाजपा को हुआ है। वह कहते हैं कि इतिहास गवाह है, जब-जब किसी नेता ने राजा भैया के खिलाफ बोला, उसे नुकसान उठाना पड़ा। अनुप्रिया की बयानबाजी से पूरे प्रदेश के क्षत्रिय वोटर्स नाराज हुए। यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान राजा भैया चर्चा में रहे हैं। पहले माना जा रहा था कि वह भाजपा को सपोर्ट करेंगे, लेकिन आखिरी वक्त में सपा का समर्थन कर दिया। नतीजा रहा राजा भैया के प्रभाव वाली प्रतापगढ़ और कौशांबी सीट भाजपा हार गई। इस पूरे मामले पर अक्षय प्रताप सिंह ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: क्या ठाकुरों की नाराजगी से भाजपा को नुकसान हुआ?
जवाब: देखिए, मैं क्षत्रिय समाज का नेता नहीं हूं। जिस तरह से राजा भैया के खिलाफ बयानबाजी की गई। इससे पूरे प्रदेश में राजा भैया को मानने वाले क्षत्रिय वोटर्स नाराज हुए। इसका रिजल्ट भी सामने है। एक जिम्मेदार पद पर बैठने वाले नेता को किसी तरह की बयानबाजी नहीं करना चाहिए। इतिहास गवाह है कि 1996 से जब भी प्रतापगढ़ के आंगन में राजा भैया के खिलाफ कुछ बोला गया है, उसका असर देखने को मिला है। सवाल: 2018 में आपकी पार्टी बनी, लेकिन कुछ खास सफलता नहीं मिली?
जवाब : पार्टी का भविष्य उज्ज्वल है। पार्टी से 2 विधायक, 1 एमएलसी, 1 जिला पंचायत अध्यक्ष और 11 ब्लॉक प्रमुख हैं। बहुत से दलों को अपना खाता खोलने मे सालों लग गए। कितनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष सदन नहीं पहुंच पाए। हमने तो दल का गठन करते ही सभी सदनों तक अपने सदस्य पहुंचा दिए। 2027 में हम पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ेंगे। सवाल :राजा भैया ने कई चुनावों मे भाजपा की मदद की, इस बार न्यूट्रल होने का कारण?
जवाब : देखिए, हमारा किसी दल से कोई गठबंधन नहीं था, तो क्यों किसी के लिए प्रचार करें। इसलिए राजा भैया ने खुद को न्यूट्रल किया और कार्यकर्ताओं को फ्री कर दिया। सवाल : जिसने भी राजा भैया के खिलाफ बयान दिया, उसे नुकसान हुआ?
जवाब : आप चौथे स्तंभ हैं, खुद ही इसकी समीक्षा करिए। 1996 में कल्याण सिंह ने बयान दिया, उनकी स्पष्ट सरकार नहीं बन पाई। 2017 में अखिलेश ने भी बयान दिया, उनकी भी सरकार नहीं बन पाई। अब 2024 में अनुप्रिया पटेल ने बयान दिया है, आप रिजल्ट खुद ही देख लीजिए। जब किसी के खिलाफ गलत तरीके से बात करेंगे तो उसके चाहने वालों को ठेस लगेगी और फिर उसका रिएक्शन होगा। सवाल: 2027 को लेकर क्या प्लानिंग है, क्या सपा के साथ रहेंगे या फिर अकेले?
जवाब: राजनीति में अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता है। अभी हमारा लक्ष्य पार्टी को मजबूत करने का है। इसके बाद पार्टी के बड़े नेता तय करेंगे कि गठबंधन करना है या फिर अकेले चुनाव लड़ना है। हम पूरे प्रदेश में पार्टी के प्रत्याशी उतारेंगे। सवाल: आपने चुनाव के पहले कहा था कि हम अपने समाज के साथ खड़े रहेंगे, क्या उस बयान पर कायम हैं?
जवाब: देखिए हमें गर्व है कि हम राजपूत समाज से आते हैं। जब भी जहां भी हमारे समाज को हमारी जरूरत पड़ेगी, हर जगह समाज के साथ खड़े मिलेंगे। राजपूत ऐसी कौम है, जो हर जाति धर्म को साथ लेकर चलने का माद्दा रखती है। हमने सिर्फ त्याग सीखा है। अपने समाज के लिए हर लड़ाई लड़ने को हमेशा तैयार हैं। कुंडा विधायक राजा भैया के भाई और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने दावा किया कि अनुप्रिया पटेल ने राजा भैया के खिलाफ जो बोला, उसका नुकसान भाजपा को हुआ है। वह कहते हैं कि इतिहास गवाह है, जब-जब किसी नेता ने राजा भैया के खिलाफ बोला, उसे नुकसान उठाना पड़ा। अनुप्रिया की बयानबाजी से पूरे प्रदेश के क्षत्रिय वोटर्स नाराज हुए। यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान राजा भैया चर्चा में रहे हैं। पहले माना जा रहा था कि वह भाजपा को सपोर्ट करेंगे, लेकिन आखिरी वक्त में सपा का समर्थन कर दिया। नतीजा रहा राजा भैया के प्रभाव वाली प्रतापगढ़ और कौशांबी सीट भाजपा हार गई। इस पूरे मामले पर अक्षय प्रताप सिंह ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: क्या ठाकुरों की नाराजगी से भाजपा को नुकसान हुआ?
जवाब: देखिए, मैं क्षत्रिय समाज का नेता नहीं हूं। जिस तरह से राजा भैया के खिलाफ बयानबाजी की गई। इससे पूरे प्रदेश में राजा भैया को मानने वाले क्षत्रिय वोटर्स नाराज हुए। इसका रिजल्ट भी सामने है। एक जिम्मेदार पद पर बैठने वाले नेता को किसी तरह की बयानबाजी नहीं करना चाहिए। इतिहास गवाह है कि 1996 से जब भी प्रतापगढ़ के आंगन में राजा भैया के खिलाफ कुछ बोला गया है, उसका असर देखने को मिला है। सवाल: 2018 में आपकी पार्टी बनी, लेकिन कुछ खास सफलता नहीं मिली?
जवाब : पार्टी का भविष्य उज्ज्वल है। पार्टी से 2 विधायक, 1 एमएलसी, 1 जिला पंचायत अध्यक्ष और 11 ब्लॉक प्रमुख हैं। बहुत से दलों को अपना खाता खोलने मे सालों लग गए। कितनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष सदन नहीं पहुंच पाए। हमने तो दल का गठन करते ही सभी सदनों तक अपने सदस्य पहुंचा दिए। 2027 में हम पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ेंगे। सवाल :राजा भैया ने कई चुनावों मे भाजपा की मदद की, इस बार न्यूट्रल होने का कारण?
जवाब : देखिए, हमारा किसी दल से कोई गठबंधन नहीं था, तो क्यों किसी के लिए प्रचार करें। इसलिए राजा भैया ने खुद को न्यूट्रल किया और कार्यकर्ताओं को फ्री कर दिया। सवाल : जिसने भी राजा भैया के खिलाफ बयान दिया, उसे नुकसान हुआ?
जवाब : आप चौथे स्तंभ हैं, खुद ही इसकी समीक्षा करिए। 1996 में कल्याण सिंह ने बयान दिया, उनकी स्पष्ट सरकार नहीं बन पाई। 2017 में अखिलेश ने भी बयान दिया, उनकी भी सरकार नहीं बन पाई। अब 2024 में अनुप्रिया पटेल ने बयान दिया है, आप रिजल्ट खुद ही देख लीजिए। जब किसी के खिलाफ गलत तरीके से बात करेंगे तो उसके चाहने वालों को ठेस लगेगी और फिर उसका रिएक्शन होगा। सवाल: 2027 को लेकर क्या प्लानिंग है, क्या सपा के साथ रहेंगे या फिर अकेले?
जवाब: राजनीति में अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता है। अभी हमारा लक्ष्य पार्टी को मजबूत करने का है। इसके बाद पार्टी के बड़े नेता तय करेंगे कि गठबंधन करना है या फिर अकेले चुनाव लड़ना है। हम पूरे प्रदेश में पार्टी के प्रत्याशी उतारेंगे। सवाल: आपने चुनाव के पहले कहा था कि हम अपने समाज के साथ खड़े रहेंगे, क्या उस बयान पर कायम हैं?
जवाब: देखिए हमें गर्व है कि हम राजपूत समाज से आते हैं। जब भी जहां भी हमारे समाज को हमारी जरूरत पड़ेगी, हर जगह समाज के साथ खड़े मिलेंगे। राजपूत ऐसी कौम है, जो हर जाति धर्म को साथ लेकर चलने का माद्दा रखती है। हमने सिर्फ त्याग सीखा है। अपने समाज के लिए हर लड़ाई लड़ने को हमेशा तैयार हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर