‘मैं बजरंगबली का भक्त हूं। 7 साल की उम्र से मैं उनकी पूजा कर रहा हूं। सोशल मीडिया पर मैं पूजा करती हुई फोटो इसलिए पोस्ट करता हूं, जिससे मुझे जो यूथ फॉलो करता है, वो ये सब देखकर प्रभावित हो। कई लोग मुझे मैसेज करके बताते हैं, आपको देखकर मेरा बेटा मंगलवार का व्रत रहने लगा। संभल में मैंने गदा क्यों उठाई? वहां की परिस्थिति कैसी थी? क्या कारण था? इन सबका जवाब मैं दे चुका हूं।’ यह कहना है संभल के पूर्व सीओ अनुज चौधरी का। अनुज चौधरी एक बार फिर से चर्चा में हैं। उनका ट्रांसफर चंदौसी कर दिया गया है। इस बीच अनुज चौधरी के 52 जुमे और 1 होली वाले बयान की दोबारा जांच शुरू हो गई है। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने अनुज चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अनुज चौधरी कैसे पहलवानी करने लगे? कहां-कहां नौकरी की? किस वजह से पहलवानी को अलविदा कहा? संभल में उनका सफर कैसा रहा? रामपुर में आजम खान से क्या विवाद रहा? दैनिक भास्कर को अनुज चौधरी ने इन सभी सवालों के खुलकर दिए। पढ़िए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू… सवाल- आपने पुलिस जॉइन करने के बाद कहां-कहां काम किया?
जवाब- मेरी पहली तैनाती गाजियाबाद में हुई थी। मैं नोएडा में STF में रहा, सीओ दादरी रहा हूं। पीएसी में वाराणसी में भी रहा हूं। 2 साल बाद मैं अलीगढ़ चला गया। फिर बागपत रहा, इसके बाद मैं रामपुर और फिर वहां से संभल आया। सवाल- संभल में किस तरह की चुनौतियां आपके सामने आईं?
जवाब- पुलिस के लिए हर दिन चुनौती है। संभल की स्थिति थोड़ी अलग थी। यहां जो विवाद हुआ मंदिर-मस्जिद को लेकर, वो काफी चुनौतीपूर्ण था। जो उचित लगा, वैसा ही फैसला लिया। इस चीज को लेकर बहुत लोगों के निशाने पर भी आया। बहुत लोगों ने भ्रमित भी किया। बहुत तरह की चीजें हुईं, लेकिन हमने अपना काम मजबूती से किया। आगे भी ऐसा ही करेंगे। सवाल- संभल में आपके ऊपर कई आरोप लगे, उन पर क्या कहेंगे?
जवाब- SIT हर चीज की जांच कर रही है। आरोप तो लोग अपने फायदे के लिए लगा देते हैं। जिसको जिसमें फायदा दिखता है, वो वैसे ही बात करता है। लेकिन, हमने कोई नियम नहीं तोड़ा। सवाल- आपको ’52 जुमे और 1 होली’ वाले बयान पर टारगेट किया गया, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब- मेरा वो बयान 4 मिनट का था, लेकिन लोगों ने बीच-बीच से कट करके उसको गलत तरह से पेश किया। काट-काट कर मेरे इंटरव्यू लोग पब्लिक को सुनाते हैं। मेरे बयान को गलत तरीके से दिखाया गया। मेरा कुछ वैसा कहने का मतलब था ही नहीं। मैंने 52 जुमे कहा, तो उसमें गलत क्या था? 53 नहीं बोला था, 51 नहीं बोला था। मैंने तो ये भी कहा था कि कोई किसी पर जबरदस्ती रंग नहीं डालेगा। सवाल- संभल का कोई यादगार केस बताइए?
जवाब- संभल में गोकशी बहुत होती थी। यहां का एक गिरोह था, वो लोग बड़ी मात्रा में तस्करी करते थे। उन पर बड़े स्तर पर कार्रवाई हुई। अब वो लोग शांत हैं। दिल्ली में रह रहे हैं। सवाल- रामपुर में आपका सपा नेता आजम खान से विवाद सामने आया था?
जवाब- आजम खान जी को खेल के बारे में नहीं पता। उन्हें नहीं पता कि खिलाड़ी कैसे बनते हैं। उनको लगता था, हम पहलवान हैं, ऐसे ही किसी ने नौकरी दे दी है। मैंने उनको बताया था, मुझे ऐसे ही नौकरी नहीं मिली है। अपने खेल पर मिली है, किसी के रहमोकरम पर नहीं मिली। सवाल- ड्यूटी के दौरान गदा उठाने पर पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने आपत्ति जताई?
जवाब- मैंने गदा क्यों उठाई? इसका जवाब मैं दे चुका हूं। मैं बजरंग बली का भक्त हूं। 7 साल की उम्र से उनकी पूजा कर रहा हूं। सोशल मीडिया पर मैं पूजा करती हुई फोटो इसलिए पोस्ट करता हूं, जिससे मुझे जो यूथ फॉलो करता है, वो ये सब देखकर प्रभावित हो। कई लोग मुझे मैसेज करके बताते हैं, आपको देखकर मेरा बेटा मंगलवार का व्रत रहने लगा। अब पढ़िए अनुज चौधरी के पहलवानी और बचपन के बारे में सवाल- आप पहलवानी में कैसे आए, परिवार में किसने सपोर्ट किया?
जवाब- मेरा सफर बहुत ही रोमांचक रहा। मैं किसान परिवार से हूं। मेरे दादाजी को पहलवानी का शौक था। पापा और ताऊजी चाहते थे, वो पहलवान बनें। लेकिन, वो लोग सफल नहीं हो पाए। दादाजी के सपने मुझे लेकर थोड़े अलग थे। वह चाहते थे कि मैं विदेश में कुश्ती लड़ूं। गांव के लिए अमेरिका बहुत बड़ी चीज थी। दादाजी मुझे वहां भेजना चाहते थे। मेरे गांव के पास एक जगह दंगल होता था। एक बार दादाजी मुझे वहां ले गए। वहां एक पहलवान को दिखाकर पूछा गया, इससे कौन लड़ेगा? दादाजी ने मुझे उससे लड़ने के लिए बोल दिया। मैंने उससे हाथ मिलाया और कुश्ती लड़ी। मैं पहली कुश्ती हार गया। दादाजी ने मुझे वापस बुला लिया। वहां भीड़ में बैठे लोगों ने मेरे लिए कहा, गांव की बेइज्जती करवा दी। दादा को ये बात बुरी लग गई। उन्होंने उस दिन से मेरी पहलवानी शुरू करवा दी। दादाजी ने मेरे लिए एक कोच हायर किया। गांव में एक अखाड़ा बनवाया। उसमें आसपास के गांव के बच्चे बुलाए जाने लगे। वहीं पर मैं कुश्ती लड़ता था। वहीं पर लड़ते-लड़ते मैं आगे बढ़ता चला गया। सवाल- आपकी पढ़ाई कैसी रही?
जवाब- मेरी पढ़ाई ठीक-ठाक थी। मेरा मेन फोकस पहलवानी पर था। एक बार गांव के स्कूल में खेल प्रतियोगिता हुई। उसमें एक अर्जुन अवार्डी आया था। उसने बताया था कि नौकरी पाने के लिए बस पढ़ाई ही जरूरी नहीं। आप खेल से भी अच्छी नौकरी पा सकते हैं। तब उसकी बातों से मैं बहुत प्रभावित हुआ था। सवाल- सबसे पहले कुश्ती प्रतियोगिता में कहां भाग लिया था?
जवाब- मैंने सबसे पहले बड़े स्तर पर कुश्ती कर्नाटक में खेली थी। वहां गोल्ड मेडल जीता था। जो बहुत ज्यादा फेमस पहलवान थे, उन सबको मैंने चित कर दिया था। मुझे वहां गिफ्ट में एक साइकिल और एक घड़ी भी मिली थी। सवाल- आपके परिवार में कौन-कौन है?
जवाब- मेरे माता-पिता हैं। मुझको मिलाकर तीन भाई हैं। एक भाई डॉक्टर है। एक भाई राजनीति में है। सवाल- आप पहलवानी में बाहर कहां-कहां खेलने गए हैं?
जवाब- मैंने अपना पहला इंटरनेशनल टूर्नामेंट गेम मॉस्को में खेला था, अंडर-18 में। मेरी ग्रोथ इतनी अच्छी थी कि जूनियर के साथ सीनियर में भी खेलता था। मैंने कनाडा और साउथ अफ्रीका में भी गेम खेला है। कॉमनवेल्थ गेम में मैंने 2 सिल्वर मेडल जीते। एशिया चैंपियनशिप में मेरे 2 मेडल आए हैं। साउथ एशिया में गोल्ड मेडल जीता है। सवाल- क्या बचपन से ही पुलिस की नौकरी करने का प्लान था?
जवाब- मुझे अपने दादाजी से बहुत लगाव है। उन्होंने मुझसे एक बार पूछा था कि क्या बनना चाहते हो? उस समय हमारे गांव में DSP को बहुत बड़ा माना जाता था। इसलिए मैंने भी दादा जी से कह दिया कि मैं तो DSP बनूंगा। किसी ने सवाल किया, IPS नहीं बनोगे तो हमने कहा कि नहीं DSP ही बनेंगे। तब हमें नहीं पता था कि DSP बड़ा होता है या फिर IPS। सवाल- आपकी रेलवे में नौकरी कैसे लगी?
जवाब- मैंने एक बार रेलवे के पहलवान को हरा दिया था। तब रेलवे के कोच रोशन लाल हमारे अखाड़े में आए। उन्होंने मेरे गुरुजी से कहा, हमें अनुज को अपने यहां भर्ती करना है। तब मेरे गुरुजी ने उनको मना कर दिया। गुरुजी ने कहा, अभी तो ये बच्चा है। थोड़े दिन रुक जा। फिर कुछ देर बाद गुरुजी ने मुझसे पूछा, नौकरी करेगा, टीटी बनेगा। मैंने कहा कि हां, कर लूंगा। मैं फिर रोशनजी से मिलने गया। वहां मेरा टेस्ट हुआ, जिसमें मैं सेलेक्ट हो गया। 10-15 दिन में मैंने नौकरी जॉइन कर ली। दिल्ली में हमारी नौकरी लगती थी। लेकिन वहां मेरा मन नहीं लगता था। मेरे मन में हमेशा पुलिस की नौकरी चला करती थी। सवाल- पुलिस विभाग में आने का मौका कहां से मिला था?
जवाब- मेरठ में एक टूर्नामेंट हुआ, जिसमें यूपी पुलिस ने टीम बनाने के लिए एक स्पोर्ट्स बोर्ड का गठन किया। उसमें एक आईजी थे सैलजाकांत मिश्रा। उन्होंने अपने कोच (जो पुलिस के थे) को मेरे पास भेजा। वो मुझसे बोले- आप पुलिस में भर्ती हो जाओ। मैंने कहा, ठीक है। सारी बात होने के बाद मैंने उनसे कहा कि आप पुलिस की नौकरी में तो मुझे लखनऊ में रखोगे। वहां मेरा गेम खत्म हो जाएगा। आगे खेल नहीं पाऊंगा। मैंने उनसे कहा कि जब तक मेरा गेम है, तब तक आपको मुझे फ्री छोड़ना पड़ेगा। मुझे यूपी पुलिस से छूट मिली और साल 2000 में मैं सबइंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुआ। सवाल- पुलिस विभाग में आपको पहला प्रमोशन कब मिला?
जवाब- साल 2003 में मैंने अपने गेम में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद मैं इंस्पेक्टर बन गया। साल 2005 में मुझे अर्जुन पुरस्कार मिला। तब ये घोषणा भी की गई थी कि मुझे DSP बनाया जाएगा। लेकिन, ये वाला प्रमोशन मुझे साल 2012 में मिला। मैंने साल 2010 तक गेम खेला। तब तक नौकरी नहीं की, लेकिन सैलरी हर महीने आती रही। मेरी पहली पोस्टिंग गाजियाबाद में हुई थी। कुछ समय बाद मैं नोएडा आ गया था। सवाल- पहलवानी छोड़ने का क्या कारण था?
जवाब- एक बार गेम खेलते समय मुझे चोट लग गई। बाद में चोट बढ़ती चली गई। मुझसे डॉक्टर ने कहा कि अगर अब आप गेम खेलेंगे, तो आपका हाथ खराब हो जाएगा। मुझे आराम करने के लिए बोला गया। मैं उस समय बहुत परेशान था, डिप्रेशन में चला गया था। मेरे पास खेलने के लिए 4-5 साल थे। तब मैंने एक कठिन फैसला लिया। साल- 2010 के बाद मैं गेम छोड़कर पुलिस की नौकरी करने लगा। मेरा पहलवानी छोड़ने का कारण कोई डर नहीं, मेरी चोट थी। अब पढ़िए सीओ अनुज चौधरी की फिटनेस के बारे में सवाल- अपनी फिटनेस के बारे में कुछ बताइए? डाइट में क्या लेते हैं?
जवाब- मैं शुद्ध शाकाहारी हूं। जीव हत्या पाप है। जो खाते हैं, वो भी छोड़ दें। इससे आपकी लाइफ भी कम होगी, बीमारियां अलग लगेंगी। मैं 2 घंटे जिम करता हूं। सुबह रनिंग के बाद 1 घंटा योग करता हूं। कभी-कभी नहीं भी कर पाता हूं। मैं ड्यूटी के समय बस ड्यूटी ही करता हूं। जो मेरा फ्री टाइम होता है (जैसे दिन के समय), उस समय मैं जिम कर लेता हूं। सवाल- इंस्टाग्राम और फेसबुक पर आपके कितने फॉलोवर्स हैं?
जवाब- दोनों पर ही 7-8 लाख होंगे। संभल हिंसा के बाद कुछ तो बढ़े हैं, मैंने कभी ध्यान नहीं दिया। मैं एक नंबर का खिलाड़ी रहा हूं। जिस समय मैं बस पहलवानी करता था, उस समय सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा क्रेज नहीं था। लेकिन, तभी 8-9 लाख लोग मुझे फेसबुक पर फॉलो करते थे। ————————– यह खबर भी पढ़ें- संभल CO के खिलाफ पूर्व IPS ने बयान दर्ज कराए, कहा-अनुज चौधरी ने भड़काऊ पोस्ट डाले, कार्रवाई की मांग की संभल में सीओ अनुज चौधरी के 52 जुमे और एक होली वाले बयान पर दोबारा जांच शुरू हो गई है। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए संभल SSP ऑफिस पहुंचे। अमिताभ ने 6 बिंदुओं पर अपने बयान दर्ज कराए हैं। सीओ अनुज चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यहां पढ़ें पूरी खबर ‘मैं बजरंगबली का भक्त हूं। 7 साल की उम्र से मैं उनकी पूजा कर रहा हूं। सोशल मीडिया पर मैं पूजा करती हुई फोटो इसलिए पोस्ट करता हूं, जिससे मुझे जो यूथ फॉलो करता है, वो ये सब देखकर प्रभावित हो। कई लोग मुझे मैसेज करके बताते हैं, आपको देखकर मेरा बेटा मंगलवार का व्रत रहने लगा। संभल में मैंने गदा क्यों उठाई? वहां की परिस्थिति कैसी थी? क्या कारण था? इन सबका जवाब मैं दे चुका हूं।’ यह कहना है संभल के पूर्व सीओ अनुज चौधरी का। अनुज चौधरी एक बार फिर से चर्चा में हैं। उनका ट्रांसफर चंदौसी कर दिया गया है। इस बीच अनुज चौधरी के 52 जुमे और 1 होली वाले बयान की दोबारा जांच शुरू हो गई है। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने अनुज चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अनुज चौधरी कैसे पहलवानी करने लगे? कहां-कहां नौकरी की? किस वजह से पहलवानी को अलविदा कहा? संभल में उनका सफर कैसा रहा? रामपुर में आजम खान से क्या विवाद रहा? दैनिक भास्कर को अनुज चौधरी ने इन सभी सवालों के खुलकर दिए। पढ़िए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू… सवाल- आपने पुलिस जॉइन करने के बाद कहां-कहां काम किया?
जवाब- मेरी पहली तैनाती गाजियाबाद में हुई थी। मैं नोएडा में STF में रहा, सीओ दादरी रहा हूं। पीएसी में वाराणसी में भी रहा हूं। 2 साल बाद मैं अलीगढ़ चला गया। फिर बागपत रहा, इसके बाद मैं रामपुर और फिर वहां से संभल आया। सवाल- संभल में किस तरह की चुनौतियां आपके सामने आईं?
जवाब- पुलिस के लिए हर दिन चुनौती है। संभल की स्थिति थोड़ी अलग थी। यहां जो विवाद हुआ मंदिर-मस्जिद को लेकर, वो काफी चुनौतीपूर्ण था। जो उचित लगा, वैसा ही फैसला लिया। इस चीज को लेकर बहुत लोगों के निशाने पर भी आया। बहुत लोगों ने भ्रमित भी किया। बहुत तरह की चीजें हुईं, लेकिन हमने अपना काम मजबूती से किया। आगे भी ऐसा ही करेंगे। सवाल- संभल में आपके ऊपर कई आरोप लगे, उन पर क्या कहेंगे?
जवाब- SIT हर चीज की जांच कर रही है। आरोप तो लोग अपने फायदे के लिए लगा देते हैं। जिसको जिसमें फायदा दिखता है, वो वैसे ही बात करता है। लेकिन, हमने कोई नियम नहीं तोड़ा। सवाल- आपको ’52 जुमे और 1 होली’ वाले बयान पर टारगेट किया गया, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब- मेरा वो बयान 4 मिनट का था, लेकिन लोगों ने बीच-बीच से कट करके उसको गलत तरह से पेश किया। काट-काट कर मेरे इंटरव्यू लोग पब्लिक को सुनाते हैं। मेरे बयान को गलत तरीके से दिखाया गया। मेरा कुछ वैसा कहने का मतलब था ही नहीं। मैंने 52 जुमे कहा, तो उसमें गलत क्या था? 53 नहीं बोला था, 51 नहीं बोला था। मैंने तो ये भी कहा था कि कोई किसी पर जबरदस्ती रंग नहीं डालेगा। सवाल- संभल का कोई यादगार केस बताइए?
जवाब- संभल में गोकशी बहुत होती थी। यहां का एक गिरोह था, वो लोग बड़ी मात्रा में तस्करी करते थे। उन पर बड़े स्तर पर कार्रवाई हुई। अब वो लोग शांत हैं। दिल्ली में रह रहे हैं। सवाल- रामपुर में आपका सपा नेता आजम खान से विवाद सामने आया था?
जवाब- आजम खान जी को खेल के बारे में नहीं पता। उन्हें नहीं पता कि खिलाड़ी कैसे बनते हैं। उनको लगता था, हम पहलवान हैं, ऐसे ही किसी ने नौकरी दे दी है। मैंने उनको बताया था, मुझे ऐसे ही नौकरी नहीं मिली है। अपने खेल पर मिली है, किसी के रहमोकरम पर नहीं मिली। सवाल- ड्यूटी के दौरान गदा उठाने पर पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने आपत्ति जताई?
जवाब- मैंने गदा क्यों उठाई? इसका जवाब मैं दे चुका हूं। मैं बजरंग बली का भक्त हूं। 7 साल की उम्र से उनकी पूजा कर रहा हूं। सोशल मीडिया पर मैं पूजा करती हुई फोटो इसलिए पोस्ट करता हूं, जिससे मुझे जो यूथ फॉलो करता है, वो ये सब देखकर प्रभावित हो। कई लोग मुझे मैसेज करके बताते हैं, आपको देखकर मेरा बेटा मंगलवार का व्रत रहने लगा। अब पढ़िए अनुज चौधरी के पहलवानी और बचपन के बारे में सवाल- आप पहलवानी में कैसे आए, परिवार में किसने सपोर्ट किया?
जवाब- मेरा सफर बहुत ही रोमांचक रहा। मैं किसान परिवार से हूं। मेरे दादाजी को पहलवानी का शौक था। पापा और ताऊजी चाहते थे, वो पहलवान बनें। लेकिन, वो लोग सफल नहीं हो पाए। दादाजी के सपने मुझे लेकर थोड़े अलग थे। वह चाहते थे कि मैं विदेश में कुश्ती लड़ूं। गांव के लिए अमेरिका बहुत बड़ी चीज थी। दादाजी मुझे वहां भेजना चाहते थे। मेरे गांव के पास एक जगह दंगल होता था। एक बार दादाजी मुझे वहां ले गए। वहां एक पहलवान को दिखाकर पूछा गया, इससे कौन लड़ेगा? दादाजी ने मुझे उससे लड़ने के लिए बोल दिया। मैंने उससे हाथ मिलाया और कुश्ती लड़ी। मैं पहली कुश्ती हार गया। दादाजी ने मुझे वापस बुला लिया। वहां भीड़ में बैठे लोगों ने मेरे लिए कहा, गांव की बेइज्जती करवा दी। दादा को ये बात बुरी लग गई। उन्होंने उस दिन से मेरी पहलवानी शुरू करवा दी। दादाजी ने मेरे लिए एक कोच हायर किया। गांव में एक अखाड़ा बनवाया। उसमें आसपास के गांव के बच्चे बुलाए जाने लगे। वहीं पर मैं कुश्ती लड़ता था। वहीं पर लड़ते-लड़ते मैं आगे बढ़ता चला गया। सवाल- आपकी पढ़ाई कैसी रही?
जवाब- मेरी पढ़ाई ठीक-ठाक थी। मेरा मेन फोकस पहलवानी पर था। एक बार गांव के स्कूल में खेल प्रतियोगिता हुई। उसमें एक अर्जुन अवार्डी आया था। उसने बताया था कि नौकरी पाने के लिए बस पढ़ाई ही जरूरी नहीं। आप खेल से भी अच्छी नौकरी पा सकते हैं। तब उसकी बातों से मैं बहुत प्रभावित हुआ था। सवाल- सबसे पहले कुश्ती प्रतियोगिता में कहां भाग लिया था?
जवाब- मैंने सबसे पहले बड़े स्तर पर कुश्ती कर्नाटक में खेली थी। वहां गोल्ड मेडल जीता था। जो बहुत ज्यादा फेमस पहलवान थे, उन सबको मैंने चित कर दिया था। मुझे वहां गिफ्ट में एक साइकिल और एक घड़ी भी मिली थी। सवाल- आपके परिवार में कौन-कौन है?
जवाब- मेरे माता-पिता हैं। मुझको मिलाकर तीन भाई हैं। एक भाई डॉक्टर है। एक भाई राजनीति में है। सवाल- आप पहलवानी में बाहर कहां-कहां खेलने गए हैं?
जवाब- मैंने अपना पहला इंटरनेशनल टूर्नामेंट गेम मॉस्को में खेला था, अंडर-18 में। मेरी ग्रोथ इतनी अच्छी थी कि जूनियर के साथ सीनियर में भी खेलता था। मैंने कनाडा और साउथ अफ्रीका में भी गेम खेला है। कॉमनवेल्थ गेम में मैंने 2 सिल्वर मेडल जीते। एशिया चैंपियनशिप में मेरे 2 मेडल आए हैं। साउथ एशिया में गोल्ड मेडल जीता है। सवाल- क्या बचपन से ही पुलिस की नौकरी करने का प्लान था?
जवाब- मुझे अपने दादाजी से बहुत लगाव है। उन्होंने मुझसे एक बार पूछा था कि क्या बनना चाहते हो? उस समय हमारे गांव में DSP को बहुत बड़ा माना जाता था। इसलिए मैंने भी दादा जी से कह दिया कि मैं तो DSP बनूंगा। किसी ने सवाल किया, IPS नहीं बनोगे तो हमने कहा कि नहीं DSP ही बनेंगे। तब हमें नहीं पता था कि DSP बड़ा होता है या फिर IPS। सवाल- आपकी रेलवे में नौकरी कैसे लगी?
जवाब- मैंने एक बार रेलवे के पहलवान को हरा दिया था। तब रेलवे के कोच रोशन लाल हमारे अखाड़े में आए। उन्होंने मेरे गुरुजी से कहा, हमें अनुज को अपने यहां भर्ती करना है। तब मेरे गुरुजी ने उनको मना कर दिया। गुरुजी ने कहा, अभी तो ये बच्चा है। थोड़े दिन रुक जा। फिर कुछ देर बाद गुरुजी ने मुझसे पूछा, नौकरी करेगा, टीटी बनेगा। मैंने कहा कि हां, कर लूंगा। मैं फिर रोशनजी से मिलने गया। वहां मेरा टेस्ट हुआ, जिसमें मैं सेलेक्ट हो गया। 10-15 दिन में मैंने नौकरी जॉइन कर ली। दिल्ली में हमारी नौकरी लगती थी। लेकिन वहां मेरा मन नहीं लगता था। मेरे मन में हमेशा पुलिस की नौकरी चला करती थी। सवाल- पुलिस विभाग में आने का मौका कहां से मिला था?
जवाब- मेरठ में एक टूर्नामेंट हुआ, जिसमें यूपी पुलिस ने टीम बनाने के लिए एक स्पोर्ट्स बोर्ड का गठन किया। उसमें एक आईजी थे सैलजाकांत मिश्रा। उन्होंने अपने कोच (जो पुलिस के थे) को मेरे पास भेजा। वो मुझसे बोले- आप पुलिस में भर्ती हो जाओ। मैंने कहा, ठीक है। सारी बात होने के बाद मैंने उनसे कहा कि आप पुलिस की नौकरी में तो मुझे लखनऊ में रखोगे। वहां मेरा गेम खत्म हो जाएगा। आगे खेल नहीं पाऊंगा। मैंने उनसे कहा कि जब तक मेरा गेम है, तब तक आपको मुझे फ्री छोड़ना पड़ेगा। मुझे यूपी पुलिस से छूट मिली और साल 2000 में मैं सबइंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुआ। सवाल- पुलिस विभाग में आपको पहला प्रमोशन कब मिला?
जवाब- साल 2003 में मैंने अपने गेम में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद मैं इंस्पेक्टर बन गया। साल 2005 में मुझे अर्जुन पुरस्कार मिला। तब ये घोषणा भी की गई थी कि मुझे DSP बनाया जाएगा। लेकिन, ये वाला प्रमोशन मुझे साल 2012 में मिला। मैंने साल 2010 तक गेम खेला। तब तक नौकरी नहीं की, लेकिन सैलरी हर महीने आती रही। मेरी पहली पोस्टिंग गाजियाबाद में हुई थी। कुछ समय बाद मैं नोएडा आ गया था। सवाल- पहलवानी छोड़ने का क्या कारण था?
जवाब- एक बार गेम खेलते समय मुझे चोट लग गई। बाद में चोट बढ़ती चली गई। मुझसे डॉक्टर ने कहा कि अगर अब आप गेम खेलेंगे, तो आपका हाथ खराब हो जाएगा। मुझे आराम करने के लिए बोला गया। मैं उस समय बहुत परेशान था, डिप्रेशन में चला गया था। मेरे पास खेलने के लिए 4-5 साल थे। तब मैंने एक कठिन फैसला लिया। साल- 2010 के बाद मैं गेम छोड़कर पुलिस की नौकरी करने लगा। मेरा पहलवानी छोड़ने का कारण कोई डर नहीं, मेरी चोट थी। अब पढ़िए सीओ अनुज चौधरी की फिटनेस के बारे में सवाल- अपनी फिटनेस के बारे में कुछ बताइए? डाइट में क्या लेते हैं?
जवाब- मैं शुद्ध शाकाहारी हूं। जीव हत्या पाप है। जो खाते हैं, वो भी छोड़ दें। इससे आपकी लाइफ भी कम होगी, बीमारियां अलग लगेंगी। मैं 2 घंटे जिम करता हूं। सुबह रनिंग के बाद 1 घंटा योग करता हूं। कभी-कभी नहीं भी कर पाता हूं। मैं ड्यूटी के समय बस ड्यूटी ही करता हूं। जो मेरा फ्री टाइम होता है (जैसे दिन के समय), उस समय मैं जिम कर लेता हूं। सवाल- इंस्टाग्राम और फेसबुक पर आपके कितने फॉलोवर्स हैं?
जवाब- दोनों पर ही 7-8 लाख होंगे। संभल हिंसा के बाद कुछ तो बढ़े हैं, मैंने कभी ध्यान नहीं दिया। मैं एक नंबर का खिलाड़ी रहा हूं। जिस समय मैं बस पहलवानी करता था, उस समय सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा क्रेज नहीं था। लेकिन, तभी 8-9 लाख लोग मुझे फेसबुक पर फॉलो करते थे। ————————– यह खबर भी पढ़ें- संभल CO के खिलाफ पूर्व IPS ने बयान दर्ज कराए, कहा-अनुज चौधरी ने भड़काऊ पोस्ट डाले, कार्रवाई की मांग की संभल में सीओ अनुज चौधरी के 52 जुमे और एक होली वाले बयान पर दोबारा जांच शुरू हो गई है। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए संभल SSP ऑफिस पहुंचे। अमिताभ ने 6 बिंदुओं पर अपने बयान दर्ज कराए हैं। सीओ अनुज चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
मैंने 52 जुमे कहा, तो उसमें गलत क्या?:CO अनुज चौधरी बोले- बजरंगबली का भक्त, इसलिए पूजा वाली फोटो पोस्ट करता हूं
