मोगा जिले के बुगीपुरा रोड पर तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार पिता और पुत्र को टक्कर मार दी। हादसे में पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कार ड्राइवर कार सहित मौके से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि दोनों पिता पुत्र अपने गांव मेहरो से मोगा शहर की तरफ आ रहे थे। समाज सेवा सोसाइटी के सदस्यों ने पिता पुत्र को अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा समाज सेवा सोसाइटी के सदस्य गुरजोत सिंह ने बताया कि हमारे पास सूचना आई थी, कि बुगीपुरा रोड पर एक एक्सीडेंट हुआ है। जिसके बाद हम मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि हमने वहां जाकर देखा कि एक कार ने बाइक सवार पिता पुत्र को टक्कर मार दी और कार लेकर फरार हो गया। हम उनको अस्पताल में लेकर आए तो अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इनकी पहचान 32 वर्षीय हरप्रीत सिंह और 58 वर्षीय बूटा सिंह निवासी गांव मेहरो के रूप में हुई। उन्होंने बताया कि दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। मोगा जिले के बुगीपुरा रोड पर तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार पिता और पुत्र को टक्कर मार दी। हादसे में पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कार ड्राइवर कार सहित मौके से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि दोनों पिता पुत्र अपने गांव मेहरो से मोगा शहर की तरफ आ रहे थे। समाज सेवा सोसाइटी के सदस्यों ने पिता पुत्र को अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा समाज सेवा सोसाइटी के सदस्य गुरजोत सिंह ने बताया कि हमारे पास सूचना आई थी, कि बुगीपुरा रोड पर एक एक्सीडेंट हुआ है। जिसके बाद हम मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि हमने वहां जाकर देखा कि एक कार ने बाइक सवार पिता पुत्र को टक्कर मार दी और कार लेकर फरार हो गया। हम उनको अस्पताल में लेकर आए तो अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इनकी पहचान 32 वर्षीय हरप्रीत सिंह और 58 वर्षीय बूटा सिंह निवासी गांव मेहरो के रूप में हुई। उन्होंने बताया कि दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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किसान नेता डल्लेवाल को मल्टी ऑर्गन फेलियर का खतरा:मेडिकल एक्सपर्ट्स बोले- कैंसर मरीज भूखे नहीं रह सकते; सेल्फ डिस्ट्रक्शन की स्टेज में पहुंच चुके
किसान नेता डल्लेवाल को मल्टी ऑर्गन फेलियर का खतरा:मेडिकल एक्सपर्ट्स बोले- कैंसर मरीज भूखे नहीं रह सकते; सेल्फ डिस्ट्रक्शन की स्टेज में पहुंच चुके हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 23 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल (70) को मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा है। डल्लेवाल पहले से ही कैंसर के मरीज हैं। अनशन से उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो रहा है। जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है। उनकी देखरेख करने वाली सरकारी डॉक्टरों की टीम लगातार उन्हें हॉस्पिटलाइज्ड यानी अस्पताल में भर्ती करने की सिफारिश कर रही है। हालांकि डल्लेवाल फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून समेत 13 मांगें पूरी न होने तक अनशन खत्म करने से इनकार कर चुके हैं। किसान नेता डल्लेवाल की हालत को लेकर दैनिक भास्कर ने अलग-अलग मेडिकल एक्सपर्ट्स से बात की। सबका यही कहना था कि अगर जल्द उनका आमरण अनशन तुड़वाकर अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया तो फिर उनकी स्थिति बिगड़ सकती है। सबसे पहले इन 2 ग्राफिक्स में डल्लेवाल की हालत और उससे जुड़े 4 बड़े खतरे जानिए… मोहाली के लिवासा अस्पताल के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. प्रियांशु ने कहा- डल्लेवाल का भूखे रहना चिंताजनक है, इसकी 4 वजहें भी बताईं… 1. उम्र ज्यादा, कैंसर रोगी भी, लंबी फास्टिंग ठीक नहीं
डॉ. प्रियांशु कहते हैं कि जगजीत डल्लेवाल की उम्र 70 साल है। इस उम्र में शरीर के कई अंग बढ़ती आयु के साथ वैसे ही कमजोर पड़ जाते हैं। इस उम्र में भूखे रहना शरीर के लिए ठीक नहीं है। डल्लेवाल कैंसर के मरीज भी हैं। डॉक्टरों की ट्रीटमेंट एडवाइज वाले मेडिकल जनरल के अनुसार भी कैंसर पीड़ित या कैंसर ट्रीटमेंट ले रहे मरीज को लंबी फास्टिंग नहीं करने दी जाती। इसके उलट डल्लेवाल 23 दिन से सिर्फ पानी का सेवन कर रहे हैं। 2. इम्यूनिटी कम होगी, किडनी-लीवर पर बुरा असर
ज्यादा समय तक भूखे रहने से उन्हें मैल्यून्यूट्रिशन का खतरा है। इससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता यानी इम्यूनिटी कम हो जाती है। इससे किडनी और लीवर पर नेगेटिव इफेक्ट यानी बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा डल्लेवाल बुजुर्ग हैं और कैंसर होने के बावजूद वह लंबे टाइम से भूखे रह रहे हैं। ऐसे में उनकी शुगर लो हो सकती है। यह उनके मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का कारण बन सकता है। 3. किडनी फेल हो सकती है
डल्लेवाल की देखरेख करने वाले डॉक्टरों की जांच रिपोर्ट के अनुसार उनके शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ रहा है। क्रिएटिनिन वेस्ट प्रोडक्ट है, जो मांसपेशियों के टूटने से बनता है। सामान्य स्थिति में किडनी इसे रक्त से छानती है और यूरीन के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है। लेकिन डल्लेवाल के मामले में यह क्रिएटिनिन खून में जमा हो रहा है। इससे उनका ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (GFR) गिरता जा रहा है। इसका मतलब उनकी किडनी की खून को फिल्टर करने की क्षमता घट रही है। उनके शरीर में कीटोन्स का लेवल भी बढ़ा हुआ है। इससे उनका खून विषाक्त हो सकता है। ऐसे में किडनी फेल हो सकती है। 4. यूरीन मे कीटोन्स से शरीर पर असर
डल्लेवाल के यूरीन में कीटोन्स की मौजूदगी मिली है। इससे पता चलता है कि उनका शरीर अब जीवित रहने के लिए फैट का प्रयोग कर रहा है, ग्लूकोज का नहीं। अगर यह लंबे टाइम तक चला तो फिर शरीर की पाचन क्रिया से लेकर याददाश्त तक पर असर पड़ सकता है। आमरण अनशन तोड़ने के बाद भी उन्हें कई बीमारियां घेर सकती हैं। अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल के सीनियर प्रोफेसर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. राकेश शर्मा ने 4 बड़ी चिंताएं जताईं… 1. कैटाबोलिज्म स्टेज में पहुंचे, सेल्फ डिस्ट्रक्शन शुरू
इंसान के शरीर में 7-8 दिन का रिजर्व ग्लूकोज होता है। लीवर के लिए रिजर्व ग्लूकोज जैसे ही खत्म होता है तो हमारा शरीर मसल्स का ग्लूकोज खाना शुरू कर देता है। अगर वे सिर्फ पानी पी रहे हैं तो शरीर के लिए पर्याप्त मिनरल नहीं मिल पा रहे। फिर बॉडी की कैटाबोलिज्म स्टेज शुरू हो जाती है, जिसमें सेल्फ डिस्ट्रक्शन शुरू हो जाती है यानी शरीर खुद को खाना शुरू कर देता है। 2. कैंसर के बावजूद भूखे रहने से बॉडी कमजोर
डल्लेवाल प्रोस्टेट कैंसर के मरीज हैं। अगर वे पहले इसका ट्रीटमेंट ले चुके हैं तो उनके शरीर पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा। मगर, भूखे रहने से बॉडी कमजोर होती है। आयु और कैंसर की वजह से उनका शरीर इसे झेल नहीं सकता। 3. बीपी घटा तो तुरंत फ्लूड ग्लूकोज देना होगा
सामान्य तौर पर 60 साल से अधिक पुरुषों का ब्लड प्रेशर 133/69 मिमी एचजी होता है। डल्लेवाल की जो मेडिकल बुलेटिन में रिपोर्ट आई, उसमें ब्लड प्रेशर 80/50 हो चुका है। डिहाइड्रेशन की वजह से डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर लगातार लो हो रहा है। ऐसी सूरत में उनके हार्ट पर इसका असर पड़ सकता है। ऐसी सूरत में उन्हें तुरंत फ्लूड ग्लूकोज लगाने की जरूरत है ताकि जिंदगी को कोई खतरा न हो। 4. मिनरल की कमी से पहले किडनी, फिर लिवर पर असर
एक सामान्य आदमी को दिन भर में एवरेज 2500 कैलोरी की जरूरत होती है, जिसकी एनर्जी से वह फिजिकल एक्टिविटी कर पाते हैं। चूंकि डल्लेवाल इस वक्त कोई शारीरिक काम नहीं कर रहे तो उनके शरीर की जरूरत 1000 कैलोरी की होगी। हालांकि अन्न का एक भी दाना न खाने से उनके शरीर में मिनरल की कमी हो जाएगी। जिससे पहले उनकी किडनी और लीवर पर फर्क पड़ेगा। आखिर में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो सकता है। खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल की सेहत के लिए क्या इंतजाम…
खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल की सेहत की निगरानी के लिए डॉक्टरों की 2 टीमें तैनात हैं। एक टीम पटियाला के सरकारी डॉक्टरों की है। दूसरी टीम किसानों की तरफ से लगाई गई है। सरकारी डॉक्टरों को तभी देखरेख की इजाजत मिली, जब उनकी रिपोर्ट किसानों के बुलाए डॉक्टरों की रिपोर्ट से मैच हुई थी। सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका
किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है। 13 दिसंबर को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आंदोलन से ज्यादा जान जरूरी है। जिसके बाद पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को आदेश दिए गए कि वह तत्काल डल्लेवाल को डॉक्टरी मदद उपलब्ध कराएं।
हरियाणा में गर्मी ने 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ा:सिरसा देश में सबसे गर्म, सभी सरकारी-प्राइवेट स्कूल बंद; पंजाब में 46 साल का रिकॉर्ड टूटा
हरियाणा में गर्मी ने 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ा:सिरसा देश में सबसे गर्म, सभी सरकारी-प्राइवेट स्कूल बंद; पंजाब में 46 साल का रिकॉर्ड टूटा हरियाणा में नौतपा के तीसरे दिन हरियाणा में 26 साल का रिकॉर्ड टूट गया। यहां सिरसा का तापमान 49.7℃ डिग्री दर्ज किया गया। जो देश के किसी भी शहर में सबसे ज्यादा है। सिरसा में शाम 6 बजे भी अधिकतम तापमान 46.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह समय ऐसा है जब हरियाणा पूरे देश में सबसे गर्म है। इसके बाद राजस्थान और दिल्ली हैं। वहीं पंजाब में 46 साल का रिकॉर्ड टूट गया। यहां बठिंडा का तापमान 48.4 डिग्री रहा। इससे पहले 21 मई 1978 को अमृतसर का तापमान 47.7 डिग्री दर्ज किया गया था। हरियाणा में गर्मी का 26 साल का रिकॉर्ड टूटा
हरियाणा में सोमवार को गर्मी ने 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पहले 26 मई 1998 को हिसार का तापमान 48.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था जो अधिकतम था। इस समय पूरे प्रदेश में दिन का तापमान सामान्य से 5.1 डिग्री तक ज्यादा चल रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दिन के साथ-साथ अब अगले 4 दिनों तक रात का पारा भी बढ़ सकता है। 30 मई के बाद ही तापमान कम होने के आसार हैं। इस बीच रिकॉर्ड गर्मी को देखते हुए हरियाणा सरकार की तरफ से लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि लू से बचाव के लिए जरूरी एहतियात बरतनी चाहिए। हरियाणा में इस साल मई महीने में सामान्य से 71% कम बारिश हुई है। अगले 4-5 दिनों के दौरान भी बारिश के कोई आसार नहीं हैं। उधर, शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी स्कूलों में 30 जून तक छुटि्टयों की घोषणा कर दी है। चंडीगढ़ में 2 दिन हीट वेव का रेड अलर्ट
चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। यह मई महीने के इतिहास में सबसे ज्यादा तापमान है। अगले 2 दिन यह तापमान बढ़कर 46 डिग्री तक पहुंच सकता है। ऐसे में मौसम विभाग की तरफ से अगले 2 दिन तक हीट वेव का रेड अलर्ट और उसके बाद ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पंजाब में 46 साल का रिकॉर्ड टूटने के आसार
पंजाब नौतपा के दूसरे दिन तापमान में 2.4 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्रदेश का औसतन तापमान सामान्य से 5 डिग्री अधिक पाया गया है। आज पंजाब के शहरों का तापमान 48 पार हो सकता है, यानी आज 46 पुराना रिकॉर्ड टूटने का अनुमान है। रविवार शाम फरीदकोट का तापमान 47.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो 21 मई 1978 के तापमान से मात्र 0.3 डिग्री ही कम है। उक्त तारीख को पंजाब का अधिकतम तापमान अमृतसर में 47.7 डिग्री दर्ज किया गया था। बठिंडा में सर्वाधिक तापमान 46.9 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा पटियाला का तापमान 45.7, अमृतसर का 45.2 और लुधियाना का तापमान 44.8 डिग्री दर्ज किया गया। हिमाचल में ऊना सबसे गर्म
हिमाचल के ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, धौलाकुंआ के साथ शिमला में रविवार का दिन इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। ऊना का तापमान सबसे ज्यादा 44.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है, जो कि पिछले 50 सालों में आज तक के रिकॉर्ड तापमान से सिर्फ 0.8 डिग्री कम है। इससे पहले 23 मई 2013 को ऊना का रिकॉर्ड तापमान 45.2 डिग्री सेल्सियस था। शिमला का पारा भी 30.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है, जो कि नॉर्मल से 4.8 डिग्री ज्यादा है। हमीरपुर का तापमान भी नॉर्मल से 6.2 डिग्री ज्यादा के उछाल के साथ 42.1 डिग्री तक पहुंच गया। मंडी व बिलासपुर का तापमान भी नॉर्मल से 6 डिग्री ज्यादा, नाहन व भुंतर का नॉर्मल से 5 डिग्री अधिक हो गया है।
पांच तख्त साहिब स्पेशल रेल यात्रा शुरू:राज्यमंत्री रवनीत बिट्टू ने दिखाई झंडी, ट्रेन में ही लंगर और कीर्तन की व्यवस्था
पांच तख्त साहिब स्पेशल रेल यात्रा शुरू:राज्यमंत्री रवनीत बिट्टू ने दिखाई झंडी, ट्रेन में ही लंगर और कीर्तन की व्यवस्था रेल राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने सिख धर्म के पांच होली तीर्थस्थलों तक पहली “पांच तख्त साहिब स्पेशनल रेल यात्रा” को रविवार को झंडी दिखा रवाना किया। बिट्टू ने यह ट्रेन नादेड साहिब रेलवे स्टेशन से रवाना की। रवानगी से पहले बिट्टू हजूर साहिब गुरूद्वारा में नतमस्तक हुए और माथा टेका। इस पांच तख्त साहिबान के लिए विशेष ट्रेन का आयोजन शहीद बाबा भुजंग सिंह जी चेरिटेबल ट्रस्ट नांदेड़ द्वारा किया गया है। सिख धर्म को जोडने की है ये पहली विशेष ट्रेन रेल राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि सिख धर्म के 5 पवित्र तीर्थस्थलों को कवर करने वाली पहली विशेष ट्रेन लोगों को जोड़ने और आध्यात्मिकता संस्कृति और राष्ट्रवाद को बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा एक श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे क्षेत्र के लोगों को आरामदायक और सुविधाजनक रेल यात्रा सुविधाएं प्रदान करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। 12 दिनों की रहेगी यात्रा रवनीत बिट्टू ने बताया कि ट्रेन हुजूर साहिब रेलवे स्टेशन से पटना साहिब, आनंदपुर साहिब, दमदमा साहिब और श्री अमृतसर साहिब के लिए जाएगी। यह कुल 12 दिनों की यात्रा है जिसमें कुल 1300 श्रद्धालुओं को मुफ्त में ठहराया जाएगा और प्रत्येक ठहराव पर 20 हजार से अधिक श्रद्धालु अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। ट्रेन के पहले कोच में गुरु ग्रंथ साहिब जी विराजमान रवनीत बिट्टू ने बताया कि ट्रेन का पहला कोच में गुरु ग्रंथ साहिब जी विराजमान हैं। पूरी यात्रा के दौरान पेंट्री कार में श्रद्धालुओं के लिए लंगर की सुविधा उपलब्ध है। हर कोच में स्पीकर लगे हैं, जिसमें श्रद्धालु कीर्तन सुन सकेंगे। 6 सितंबर को वापस हजूर साहिब पहुंचेगी ट्रेन रवनीत बिट्टू ने बताया कि यह ट्रेन पटना साहिब, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, दमदमा साहिब और श्री अमृतसर साहिब के पवित्र केंद्रों को कवर करेगी। 6 सितंबर को वापस नांदेड़ पहुंचकर अपनी यात्रा पूरी होगी।