मोरिंडा रोड गांव खानपुर स्थित मॉडर्न वैली के पास एक पागल कुत्ते ने एक के बाद एक व्यक्ति पर हमला करते हुए 4 बच्चों सहित कुल 11 लोगों को घायल कर दिया। जिन्हें तुरंत इलाज के लिए सिविल अस्पताल खरड़ और मोहाली के अस्पतालों में ले जाया गया। जहां से एक बच्चे सहित कुल दो लोगों को मेडिकल कॉलेज सेक्टर-32 चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया है। इन पर किया कुत्तों ने हमला खानपुर में कुत्तों ने बंटी (24), रिया चौहान (19), राहुल कुमार (10) का स्थानीय अस्पताल खरड़ में उपचार चल रहा है, जबकि सिद्धार्थ शर्मा (38), मीरा देवी (33), बहादुर (50), प्रकाश (60), मोहन कुमार (22), मनीषा (13) सुष्मिता (6) व सचिन (5) पर भी हमला किया गया। पहले सिक्योरिटी गार्ड फिर आने पर किया हमला सतवीर सिंह ने बताया कि जहां पर यह घटना घटी वहां उसके प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। सबसे पहले कुत्ते ने प्रोजेक्ट स्थल पर तैनात दो सिक्योरिटी गार्ड पर हमला किया गया। जिससे वह दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें तुरंत सिविल अस्पताल खरड़ पहुंचाया गया। जिसके बाद उनके पास ही स्थित माडर्न वैली में काम करने वाली लेबर जिनमें बच्चे भी शामिल हैं पर हमला बोला। मोरिंडा रोड गांव खानपुर स्थित मॉडर्न वैली के पास एक पागल कुत्ते ने एक के बाद एक व्यक्ति पर हमला करते हुए 4 बच्चों सहित कुल 11 लोगों को घायल कर दिया। जिन्हें तुरंत इलाज के लिए सिविल अस्पताल खरड़ और मोहाली के अस्पतालों में ले जाया गया। जहां से एक बच्चे सहित कुल दो लोगों को मेडिकल कॉलेज सेक्टर-32 चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया है। इन पर किया कुत्तों ने हमला खानपुर में कुत्तों ने बंटी (24), रिया चौहान (19), राहुल कुमार (10) का स्थानीय अस्पताल खरड़ में उपचार चल रहा है, जबकि सिद्धार्थ शर्मा (38), मीरा देवी (33), बहादुर (50), प्रकाश (60), मोहन कुमार (22), मनीषा (13) सुष्मिता (6) व सचिन (5) पर भी हमला किया गया। पहले सिक्योरिटी गार्ड फिर आने पर किया हमला सतवीर सिंह ने बताया कि जहां पर यह घटना घटी वहां उसके प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। सबसे पहले कुत्ते ने प्रोजेक्ट स्थल पर तैनात दो सिक्योरिटी गार्ड पर हमला किया गया। जिससे वह दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें तुरंत सिविल अस्पताल खरड़ पहुंचाया गया। जिसके बाद उनके पास ही स्थित माडर्न वैली में काम करने वाली लेबर जिनमें बच्चे भी शामिल हैं पर हमला बोला। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में सुखबीर बादल को लेकर SAD में फूट:बागी गुट अकाल तख्त पहुंचा; राम रहीम को माफी, DGP सुमेध सैनी समेत 4 गलतियां कबूलीं
पंजाब में सुखबीर बादल को लेकर SAD में फूट:बागी गुट अकाल तख्त पहुंचा; राम रहीम को माफी, DGP सुमेध सैनी समेत 4 गलतियां कबूलीं पंजाब में पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल के बेटे शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल के खिलाफ बड़ी बगावत हो गई है। अकाली दल का बागी गुट सोमवार को अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें 4 पॉइंट पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। इस दौरान बागी गुट ने तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से भी मुलाकात की। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दोनों पक्षों को बैठकर इसका हल निकालने के लिए कहा। वहीं बागी गुट का अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें प्रधान बनाने के लिए किसी ने पहुंच नहीं की है। अगर समूची पार्टी उन्हें इस पद के लिए चुनेगी तो वे इस पर विचार करेंगे। अन्यथा गुटबाजी का वे हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। अकाल तख्त पर पेश होने के बाद बागी गुट के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा- ”आज हम सिर्फ हाजिरी देकर व माफी लेने आए हैं। पार्टी से जो गलतियां हुई हैं, लिखित में उसके लिए माफी मांगने आए हैं। अकाली दल को जो तगड़ा करने के लिए काम कर सकता है, उस तक एप्रोच किया गया है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह तक भी जाएंगे। श्री अकाल तख्त साहिब से माफी मांगना और गुरु साहिब के आगे पार्टी को मजबूत करने के लिए अरदास करना बागीपन नहीं है। सुखबीर बादल के अकाल तख्त साहिब पर माफी मांगने के लिए आने की बात पर चंदूमाजरा ने कहा कि वे अपनी गलतियों के लिए माफी मांगने आए हैं। उन्होंने माफी मांगनी है या नहीं, ये उन पर डिपेंड करता है। हमसे से माफी मांगने में जो देरी हुई, उसके लिए ही माफी मांगने आए हैं। वहीं, बीबी जगीर कौर ने कहा कि हम जल्द ही सब कुछ बताएंगे। एक बार श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक हो जाएं। चंदूमाजरा की अध्यक्षता में चल रहा विरोधी गुट
सुखबीर बादल के खिलाफ अकाली दल के बागी गुट की अगुआई प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं। उनके साथ सिकंदर मलूका, सुरजीत रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, किरणजोत कौर, मनजीत सिंह, सुरिंदर भुल्लेवाल, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल टोहरा और गगनजीत बरनाला भी हैं। ये गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। जाने क्या लिखा था झूंदा रिपोर्ट में
झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में से 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा
शिरोमणि अकाली दल पर पिछले 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा है। 1995 में सरदार प्रकाश सिंह बादल अकाली दल के प्रमुख बने थे। इस पद पर वे 2008 तक बने रहे। 2008 के बाद शिअद की कमान उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल के हाथ में आ गई। किसी जमाने में पंजाब ही नहीं भारतीय राजनीति में अकाली दल की तूती बोलती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रभुत्व समाप्त होता चला गया। आलम ये है कि अब इसके पास लोकसभा की केवल एक सीट है। विधानसभा में भी इसका प्रभाव लगातार खत्म हो रहा है। जाने कब बना अकाली दल
14 दिसंबर, 1920 को एक SAD का गठन किया गया था। इसके पीछे उद्देश्य यह बताया गया था कि गुरुद्वारों को ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त महंतों (पुजारियों) के नियंत्रण से मुक्त कराया जाएगा। SAD के गठन से एक महीना पहले 15 नवंबर को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) का गठन हुआ था। ननकाना साहिब में मत्था टेकते समय एक डिप्टी कमिश्नर की बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी और इस वजह से लोगों में गुस्सा था। तब यह मांग उठी थी कि गुरुद्वारों को महंतों से मुक्त कराया जाना चाहिए। SAD ने इसके खिलाफ संघर्ष छेड़ा और यह 4 साल तक चला। इस दौरान महंतों और ब्रिटिश प्रशासन के हमलों में 4 हजार लोगों की मौत हुई थी। आखिरकार सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 बनाया गया और सभी गुरुद्वारे एसजीपीसी के नियंत्रण में आ गए। अकाली दल ने देश की आजादी से पहले कांग्रेस के साथ भी गठबंधन किया था। SAD के नेता मास्टर तारा सिंह की वजह से ही बंटवारे के दौरान पंजाब के आधे हिस्से को पाकिस्तान में जाने से रोका गया था। ज्यादातर नेता सुखबीर बादल के साथ अकाली दल में एक तरफ बगावत तेज हो रही है तो दूसरी तरफ सुखबीर भी अपने ग्रुप को मजबूत करने में जुटे हैं। फिलहाल पार्टी के मौजूदा 35 जिला जत्थेदारों में से 33 और मौजूदा 105 हलका प्रभारियों में से 96 ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व की सराहना कर रहे हैं।
होशियारपुर में रिटायर पशु चिकित्सा निरीक्षक से लूट:लुटेरों ने पहले टक्कर मारी, फिर की वारदात; मां से मिलने जा रहा था पीड़ित
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पंजाब के खालिस्तान समर्थक सांसद की जीत को चुनौती:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई, जानकारी छुपाने का आरोप
पंजाब के खालिस्तान समर्थक सांसद की जीत को चुनौती:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई, जानकारी छुपाने का आरोप पंजाब के खडूर साहिब के सांसद व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल समर्थक की सांसदी को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले की आज मंगलवार उच्च अदालत में सुनवाई होगी। खडूर साहिब से आजाद चुनाव लड़े विक्रमजीत सिंह की तरफ यह याचिका दायर की गई है। उन्होंने याचिका में अमृतपाल सिंह जानकारी छुपाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पांच चीजों को याचिका में दी है चुनौती विक्रमजीत ने मामले में निर्वाचन आयोग, पंजाब निर्वाचन आयोग के खर्च अधिकारी, पंजाब के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर व खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को पार्टी बनाया है। उन्होंने अपनी याचिका में बताया है उन्होंने अपना नॉमिनेशन पेपर अधूरा है। फंड, डोनेशन, खर्च की जानकारी छुपाई गई है। धार्मिक स्थानों का इस्तेमाल वोट मांगने के लिए किया गया है। बिना मंजूरी से चुनाव प्रचार सामग्री छपवाई गई। चुनाव आयोग की अनुमति लिए बिना सोशल मीडिया पर प्रमोशन की गई। जेल से लड़ा चुनाव, खुद नहीं किया प्रचार अमृतपाल सिंह ने लोकसभा चुनाव जेल के अंदर से ही लड़ा। वह अपने एरिया में चुनाव प्रचार करने तक भी नहीं आया, लेकिन इसके बाद भी उसने सबसे बड़ी जीत हासिल की है। उसके समर्थकों और परिवार के मेंबरों ने ही प्रचार की कमान संभाली। अमृतपाल ने कांग्रेस के उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा 1,97,120 वोटों से हराया।