मोहाली जिले (साहिबजादा अजीत सिंह नगर) में संचालित गैर-सरकारी संगठनों के लिए ‘किशोर न्याय अधिनियम’ के तहत पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है, जो बच्चों को आवास, भोजन, शिक्षा और चिकित्सा देखभाल जैसी मुफ्त सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी नवप्रीत कौर ने बताया कि अगर कोई ऐसी संस्था अब तक पंजीकृत नहीं हुई है, तो उसे 12 दिसंबर 2024 से पहले खुद को पंजीकृत करवाना होगा। पंजीकरण के लिए संबंधित संस्थाओं को जिला बाल संरक्षण कार्यालय, कमरा नंबर 536, चौथी मंजिल, जिला प्रशासनिक परिसर, सेक्टर-76, साहिबजादा अजीत सिंह नगर में संपर्क करना होगा। बेहतर देखभाल के लिए उठाया कदम उन्होंने बताया कि यह कदम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें बेहतर देखभाल उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है। नवप्रीत कौर ने सभी संबंधित संस्थाओं से अपील की है कि वे समय पर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें, अन्यथा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज जिला बाल संरक्षण कार्यालय ने पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची भी जारी की है, जिसमें संस्था का प्रमाण पत्र, बच्चों की सूची, संस्थान की गतिविधियों का विवरण और वित्तीय रिकॉर्ड शामिल हैं। मोहाली जिले (साहिबजादा अजीत सिंह नगर) में संचालित गैर-सरकारी संगठनों के लिए ‘किशोर न्याय अधिनियम’ के तहत पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है, जो बच्चों को आवास, भोजन, शिक्षा और चिकित्सा देखभाल जैसी मुफ्त सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी नवप्रीत कौर ने बताया कि अगर कोई ऐसी संस्था अब तक पंजीकृत नहीं हुई है, तो उसे 12 दिसंबर 2024 से पहले खुद को पंजीकृत करवाना होगा। पंजीकरण के लिए संबंधित संस्थाओं को जिला बाल संरक्षण कार्यालय, कमरा नंबर 536, चौथी मंजिल, जिला प्रशासनिक परिसर, सेक्टर-76, साहिबजादा अजीत सिंह नगर में संपर्क करना होगा। बेहतर देखभाल के लिए उठाया कदम उन्होंने बताया कि यह कदम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें बेहतर देखभाल उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है। नवप्रीत कौर ने सभी संबंधित संस्थाओं से अपील की है कि वे समय पर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें, अन्यथा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज जिला बाल संरक्षण कार्यालय ने पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची भी जारी की है, जिसमें संस्था का प्रमाण पत्र, बच्चों की सूची, संस्थान की गतिविधियों का विवरण और वित्तीय रिकॉर्ड शामिल हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब के 24 गांवों के पंचायत चुनाव रद्द:राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला; नामांकन और पर्चा वापसी में मेल नहीं खा रहे थे साइन पंजाब चुनाव आयोग ने श्री मुक्तसर साहिब के कस्बा गिद्दड़बाहा के 24 गांवों में पंचायत चुनावों को रद्द कर दिया है। पंजाब चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आदेशों उक्त मामले की जानकारी दी गई है। ये फैसला नामांकन वापस लेने को लेकर हुए फर्जीवाड़े के आधार पर लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार नामांकन और पर्चा वापस लेने के दौरान फार्म पर किए गए साइन मैच नहीं कर रहे थे। जिसके चलते 24 गांवों में पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी गई है। हाईकोर्ट ने 250 पंचायतों के चुनाव करवाने पर लगाई थी रोक पंजाब में पंचायत चुनावों को लेकर 300 के करीब नई याचिकाएं दाखिल हुई थी। जिनकी सुनवाई 14 अक्टूबर तक अदालत ने टाल दी है। इससे पहले बुधवार को 250 के करीब जिन पंचायतों के चुनाव प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी। उस संबंधी कोर्ट का डिटेल ऑर्डर आ गया है। अदालत ने उक्त पंचायतों की चुनाव प्रक्रिया पर 16 अक्टूबर तक रोक लगा दी है। नामाकंन रद्द करने पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणियां की हैं। अदालत का कहना है चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। लोगों के विश्वास के लिए पारदर्शी प्रक्रिया जरूरी है। वोट देना संवैधानिक ही नहीं कानूनी अधिकार भी है। कुछ उम्मीदवारों के मामूली कारणों के नामांकन रद्द हुए, जो कि बिल्कुल गलत है। उसे रद्द नहीं किया जा सकता है। ऐसे में चुनाव होना चाहिए। चुनाव रद्द होने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दी प्रतिक्रिया चुनाव रद्द किए जाने पर पंजाब कांग्रेस के प्रधान और लुधियाना सीट से लोकसभा सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा- गिद्दड़बाहा के लोगों को बधाई हो। जो कि आप सरकार द्वारा धक्का किया गया, इस पर चुनाव आयोग ने दशहरे पर बड़ा फैसला लिया है। ये हमारी जीत है और हम सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। पंजाब के किसी भी व्यक्ति के साथ पंजाब में धक्का नहीं होने दिया जाएगा। चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया पत्र, जिसमें चुनाव रद्द का आदेश…. पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं, फिर भी विवाद पंजाब में 15 अक्टूबर को पंचायत चुनाव होने हैं। इस बार पार्टी सिंबल पर भी चुनाव नहीं हो रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद विपक्षी दलों का आरोप है कि उनसे जुड़े लोगों और उम्मीदवारों के नामांकन जबरन रद्द किए गए हैं। किसी को भी एनओसी जारी नहीं की गई है। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल आम आदमी पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं। मामला चुनाव आयोग तक भी पहुंच गया है। हालांकि, आम आदमी पार्टी का कहना है कि अकाली दल और कांग्रेस धक्का-मुक्की कर रहे हैं। यहां तक कि हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या भी हो चुकी है। अब लोगों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली है।
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