मोहाली के एक घर में चोरी की वारदात को अंजाम देने आया चोर खुद ही आफत में फंस गया। उसने घर की चौथी मंजिल से छलांग मारकर भागने की कोशिश की। लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया। साथ ही 40 फुट हाइट पर सरियों में फंस गया। जैसे ही घर में लगे सीसीटीवी कैमरों में देख घरवालों को इसका पता चला तो उन्होंने पहले चोर को बचाने की कोशिश शुरू की। इलाके के लोगों ने चोर को बचाने के लिए रेसक्यू ऑपेरशन चलाया। बकायदा सीढ़ी का इंतजाम किया। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली । इस दौरान जब चोर को बचाया तो माहौल ऐसा था कि मानो उन्होंने बड़े ऑपरेशन में कामयाबी मिली थी। ऐसे किए गए आरोपी को बचाने की कोशिश यह घटना मोहाली के गावं मटौर की है। लोगों के मुताबिक चोर पूरी तरह प्रोफेशनल था। साथ ही लग रहा था ऊंची इमारतों से कूदने में सक्षम था। लेकिन वहां पर आवाजाही ज्यादा था, साथ ही पर फंस गया, तो लोग वहां पर जुट गए। इसके बाद उसके बचाने के लिए प्रयास किए गए। करीब घंटे बाद सीढ़ी लगाकर उसे बचाया गया। वहीं, अब आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया है। इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। पहले पेट्रोल पंप मैनेजर से हुई लूट इससे पहले मोहाली पेट्रोल पंप के मैनेजर से लूट की वारदात का मामला आया था। आरोपी पेट्रोल पंप मैनेजर की एक्टिवा व पांच लाख रुपए लूटकर ले गए थे। लेकिन अभी तक आरोपी पकड़ में नहीं आए है। सारी घटना कैमरे में कैद हो गए है। मोहाली के एक घर में चोरी की वारदात को अंजाम देने आया चोर खुद ही आफत में फंस गया। उसने घर की चौथी मंजिल से छलांग मारकर भागने की कोशिश की। लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया। साथ ही 40 फुट हाइट पर सरियों में फंस गया। जैसे ही घर में लगे सीसीटीवी कैमरों में देख घरवालों को इसका पता चला तो उन्होंने पहले चोर को बचाने की कोशिश शुरू की। इलाके के लोगों ने चोर को बचाने के लिए रेसक्यू ऑपेरशन चलाया। बकायदा सीढ़ी का इंतजाम किया। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली । इस दौरान जब चोर को बचाया तो माहौल ऐसा था कि मानो उन्होंने बड़े ऑपरेशन में कामयाबी मिली थी। ऐसे किए गए आरोपी को बचाने की कोशिश यह घटना मोहाली के गावं मटौर की है। लोगों के मुताबिक चोर पूरी तरह प्रोफेशनल था। साथ ही लग रहा था ऊंची इमारतों से कूदने में सक्षम था। लेकिन वहां पर आवाजाही ज्यादा था, साथ ही पर फंस गया, तो लोग वहां पर जुट गए। इसके बाद उसके बचाने के लिए प्रयास किए गए। करीब घंटे बाद सीढ़ी लगाकर उसे बचाया गया। वहीं, अब आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया है। इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। पहले पेट्रोल पंप मैनेजर से हुई लूट इससे पहले मोहाली पेट्रोल पंप के मैनेजर से लूट की वारदात का मामला आया था। आरोपी पेट्रोल पंप मैनेजर की एक्टिवा व पांच लाख रुपए लूटकर ले गए थे। लेकिन अभी तक आरोपी पकड़ में नहीं आए है। सारी घटना कैमरे में कैद हो गए है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब में फिल्म इमरजेंसी पर बैन की मांग:SGPC प्रधान ने CM मान को लिखा पत्र, कहा- सिख समुदाय में रोष पैदा होगा
पंजाब में फिल्म इमरजेंसी पर बैन की मांग:SGPC प्रधान ने CM मान को लिखा पत्र, कहा- सिख समुदाय में रोष पैदा होगा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हिमाचल के मंडी से भाजपा सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट की फिल्म “इमरजेंसी” की रिलीज पंजाब में रोकने की मांग रख दी है। एसजीपीसी ने फिल्म में सिखों की छवि खराब करने और इतिहास को गलत तरीके से पेश करने के आरोप लगाए हैं। गौरतलब है कि सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने के बाद फिल्म 17 जनवरी 2025 को रिलीज होने वाली है। इस मुद्दे को लेकर शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि अगर यह फिल्म रिलीज होती है, तो सिख समुदाय के बीच रोष और आक्रोश पैदा होगा। इसलिए, यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस फिल्म को राज्य में बैन करें। अगर यह फिल्म रिलीज होती है, तो शिरोमणि कमेटी इसका सख्त विरोध करेगी। फिल्म किसी संस्था को नहीं दिखाई गई एसजीपीसी सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने बताया कि फिल्म के पहले ट्रेलर के बाद संस्था की तरफ से विरोध उठाया गया था। अब जब फिल्म रिलीज हो रही है तो कोई जानकारी नहीं है कि उसमें से कौन-कौन से दृश्य काटे गए हैं और कौन-कौन से रखे गए हैं। फिल्म को रिलीज से पहले किसी संस्था से ना पास करवाया गया और ना ही उन्हें दिखाया गया है। इसलिए एसजीपीसी चिंतित है कि अगर फिल्म रिलीज होती है तो पंजाब का माहौल खराब हो सकता है। पढ़ें क्या लिखा है खत में एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने लिखा है कि हमारे संज्ञान में आया है, बीजेपी सांसद कंगना रनौत द्वारा निर्मित इमरजेंसी फिल्म 17 जनवरी 2025 को पंजाब के विभिन्न शहरों के सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है और टिकटों की बुकिंग भी शुरू हो गई है। इस फिल्म को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को पत्र क्रमांक 22211 दिनांक 14.11.2024 के माध्यम से अपना विरोध जताया और आंतरिक कमेटी का प्रस्ताव क्रमांक 798 दिनांक 28.09.2024 भेजा, जिस पर पहले ही आपत्ति दर्ज हो चुकी है। सिखों को बदनाम करने के मकसद से बनाई गई इसके जरिए साफ तौर पर कहा गया कि ‘इमरजेंसी फिल्म को पंजाब के अंदर नहीं चलने दिया जाएगा, क्योंकि यह राजनीतिक तौर पर सिखों को बदनाम करने के मकसद से बनाई गई है। प्रस्ताव के माध्यम से राज्य सरकार से इस फिल्म की पंजाब में रिलीज रोकने की मांग की गई, लेकिन दुख की बात है कि आपके नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। अगर यह फिल्म 17 जनवरी 2025 को रिलीज होती है तो सिख जगत में आक्रोश और गुस्सा पैदा होना स्वाभाविक है। हम बताना चाहेंगे कि फिल्म में 1984 में सिखों के पवित्र तीर्थ सचखंड, श्री हरमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और कई अन्य स्थानों पर हुए घातक हमले के साथ-साथ सिख नरसंहार और नरसंहार के खिलाफ जहर उगला गया है। देश में सिख विरोधी एजेंडे के तहत काम किया गया है इसके साथ ही फिल्म में सिख राष्ट्रीय शहीद संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाला का भी चित्रण किया गया है। इस पत्र के जरिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एक बार फिर पुरजोर मांग करती है कि 17 जनवरी 2025 को कंगना रनोट की इमरजेंसी फिल्म को पंजाब में रिलीज होने से तुरंत रोका जाए. अगर यह फिल्म पंजाब में रिलीज हुई तो हम प्रदेश स्तर पर इसका पुरजोर विरोध करने को मजबूर होंगे। जानें क्या था विवाद फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह के अलावा सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सबसे पहले इस फिल्म पर एतराज जताया था। इससे पहले ये फिल्म 6 सितंबर 2024 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विरोध के बाद इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से क्लीयरेंस ही नहीं मिला था। 5 महीने पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले उनके सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह के बेटे एवं फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए सीनों पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि फिल्म इमरजेंसी में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है। सरबजीत ने कहा था कि यह फिल्म एक मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए। फिल्म से 3 सीन हुए डिलीट करीब 4 महीने पहले सिख संगठनों के आपत्ति के बाद CBFC ने फिल्म का सर्टिफिकेट को रोक दिया था। CBFC ने इस फिल्म से 3 सीन डिलीट करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ सख्त हिदायत भी दी थी कि फिल्म को रिलीज करने से पहले इसमें 10 बदलाव किए जाएं। इन बदलावों के बाद ही फिल्म को सेंसर बोर्ड से हरी झंडी दी गई।
मानसा की युवती की कनाडा में मौत:दो महीने पहले जमीन बेचकर भेजी थी, शव भारत लाने के लिए चाहिए 35 लाख
मानसा की युवती की कनाडा में मौत:दो महीने पहले जमीन बेचकर भेजी थी, शव भारत लाने के लिए चाहिए 35 लाख मानसा जिले के एक किसान द्वारा 2 महीने पहले अपनी एक एकड़ जमीन बेचकर बेटी को कनाडा भेजा था।बेटी की कनाडा में हार्ट अटैक से मौत हो गई। बेटी की मौत की खबर से0 परिवार सदमे में है और पंजाब सरकार से अपील कर रहा है कि उनकी बेटी की लाश को भारत लाकर उन्हें सौंपा जाए ताकि वह अपनी बेटी का आखिरी बार मुंह देख सके। मानसा जिले के गांव बरे के किसान मिट्ठू सिंह द्वारा अपनी एक एकड़ जमीन बेचकर अपनी बेटी बेअंत कौर (25) को 31 मार्च 2024 को कनाडा भेजा था, जहां उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। मिट्ठू सिंह ने बताया कि वह दो एकड़ जमीन का मालिक है और 1 एकड़ जमीन बेचकर 26 लाख लगाकर अपनी बेटी को कनाडा भेजा था। वहां से अब उन्हें फोन आया है कि उनकी बेटी की हार्ट अटैक से कुछ दिन पहले मौत हो गई। लाश को भारत लाने की गुहार उन्होंने कहा कि बेटी की लाश को भारत लाने के लिए 35 लख रुपए खर्च आएंगे, लेकिन अब उनके पास पैसे नहीं है। उन्होंने कहा कि सोचा था कि बेटी कनाडा जाकर घर की गरीबी दूर करेगी और अपनी दो बहनों और भाई का अच्छा भविष्य बनाएगी, लेकिन हमारे सपने चकनाचूर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब चिंता सता रही है कि अब बेटी की लाश को भारत कैसे लाएं। उन्होंने कहा कि कई सियासी नेताओं से बातचीत की, लेकिन उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी। वहीं उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल से गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी बेटी की लाश को भारत लाने का प्रबंध किया जाए, ताकि वह अपनी बेटी का आखिरी बार मुंह देख सके।
अमृतसर में सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकराई कार:चालक पुलिसकर्मी की मौके पर मौत; कुछ दिनों बाद विदेश जाने की थी तैयारी
अमृतसर में सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकराई कार:चालक पुलिसकर्मी की मौके पर मौत; कुछ दिनों बाद विदेश जाने की थी तैयारी पंजाब के अमृतसर में गुरुवार रात सड़क किनारे खड़े ट्रक से कार का एक्सीडेंट हो गया। महिंद्रा स्कॉर्पियो कार बुरी तरह से पिचक गई। कार चालने वाला पुलिसकर्मी थी, जिसकी मौके पर मौत हो गई। गुस्साए परिवार वालों ने अमृतसर बाइपास ब्लॉक कर प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि यहां सड़क किनारे वाहन खड़े रहते हैं, जिसके चलते यहां दुर्घटना होती हैं। ये हादसा अमृतसर बाइपास स्थित खन्ना पेपर मिल के समीप हुआ। मृतक की पहचान फतेहगढ़ चूडियां निवासी जोबन प्रीत सिंह (22) के तौर पर हुई है। जोबन वेरका बायपास की तरफ से आ रहा था। इसी दौरान खन्ना पेपर मिल के नजदीक मोड काटते समय कार पत्थर से टकरा कर पलटी और सामने खड़े ट्रक से जा टकराई। हादसा इतना भयानक था कि स्कॉर्पियो कार का अगला हिस्सा चकना चूर हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नाजायज पार्क किए गए ट्रक के कारण ही हादसा हुआ। उसके बाद मौके से चालक ट्रक लेकर फरार हो गया। हादसे के बाद पुलिस ने लोगों की मदद से जोबन को गाड़ी से निकाला और अस्पताल पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पारिवारिक सदस्यों के मुताबिक डेढ़ महीने बाद जोबन अमेरिका जा रहा था और पूरा परिवार उसके जाने की तैयारियां कर रहा था। लोगों ने किया प्रदर्शन हादसे के बाद नजदीक स्थित पॉम गार्डन कॉलोनी के लोगों ने मौके पर हंगामा किया। लोगों का कहना था कि कई बार ट्रकों के नाजायज पार्क किए जाने की शिकायत की गई, लेकिन समस्या हल नहीं की जाती। इलाका निवासी अजय कुमार के मुताबिक यह रास्ता नेशनल हाईवे है। यही रास्ता अटारी बॉर्डर और अमृतसर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जाता है। लेकिन, यहां नाजायज ट्रक खड़े रहते हैं जो कि हादसों को आमंत्रित करते है। कई बार उच्च अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया लेकिन समस्या का हल नहीं हो रहा। ट्रैफिक पुलिस भी इस मामले का हल नहीं करती। जिससे लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। पुलिस ने कार्रवाई की शुरू स्थानीय पुलिस ने शव कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। हादसे के बाद फरार हुए ट्रक का पता लगाया जा रहा है। पुलिस अमृतसर बाइपास व आसपास के लगे इलाकों के सीसीटीवी देख रही है, ताकि ट्रक आइडेंटिफाई हो सके।