मोहाली के डा. बीआर अंबेडकर स्टेट इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में स्थापित मदर मिल्क बैंक ने हाल के महीनों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इस बैंक का उद्देश्य नवजात शिशुओं को आवश्यक मातृ दूध प्रदान करना है। खासकर उन बच्चों के लिए जिनकी माताएं किसी कारणवश दूध पिलाने में असमर्थ हैं। प्रिंसिपल डायरेक्टर भारती के अनुसार, मदर मिल्क बैंक को फ्रेंडली बनाने का पूरा प्रयास किया गया है। मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट में बच्चों के इलाज के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस बैंक की शुरुआत के कुछ ही महीनों में इसका अच्छा रिस्पांस देखने को मिल रहा है और प्रतिमाह 50 से 60 महिलाएं यहां आकर दूध डोनेट कर रही हैं। 3 से 4 बच्चों को प्रतिदिन दूध की जरूरत अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 500 एमएल दूध इकट्ठा किया जा रहा है, जो नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, 3 से 4 बच्चों को प्रतिदिन दूध की जरूरत पड़ती है, और यह बैंक उन बच्चों के लिए जीवनदान बन रहा है, जिनकी मां दूध पिलाने में असमर्थ हैं। मोहाली प्रशासन की एडीसी सोनम चौधरी द्वारा बीते महीने कुछ महिलाओं को उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया था। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में डोनेशन के लिए और भी अधिक महिलाएं आगे आएंगी, जिससे बैंक की सेवाओं का विस्तार होगा। मोहाली के डा. बीआर अंबेडकर स्टेट इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में स्थापित मदर मिल्क बैंक ने हाल के महीनों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इस बैंक का उद्देश्य नवजात शिशुओं को आवश्यक मातृ दूध प्रदान करना है। खासकर उन बच्चों के लिए जिनकी माताएं किसी कारणवश दूध पिलाने में असमर्थ हैं। प्रिंसिपल डायरेक्टर भारती के अनुसार, मदर मिल्क बैंक को फ्रेंडली बनाने का पूरा प्रयास किया गया है। मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट में बच्चों के इलाज के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस बैंक की शुरुआत के कुछ ही महीनों में इसका अच्छा रिस्पांस देखने को मिल रहा है और प्रतिमाह 50 से 60 महिलाएं यहां आकर दूध डोनेट कर रही हैं। 3 से 4 बच्चों को प्रतिदिन दूध की जरूरत अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 500 एमएल दूध इकट्ठा किया जा रहा है, जो नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, 3 से 4 बच्चों को प्रतिदिन दूध की जरूरत पड़ती है, और यह बैंक उन बच्चों के लिए जीवनदान बन रहा है, जिनकी मां दूध पिलाने में असमर्थ हैं। मोहाली प्रशासन की एडीसी सोनम चौधरी द्वारा बीते महीने कुछ महिलाओं को उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया था। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में डोनेशन के लिए और भी अधिक महिलाएं आगे आएंगी, जिससे बैंक की सेवाओं का विस्तार होगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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