हरियाणा की HCS भर्ती को लेकर राज्यसभा सांसद व कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने HCS भर्ती में ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों की भर्ती ने खड़े किए सवालिया निशान लगाए हैं। बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस भर्ती में SC-BC युवाओं को जानबूझकर वंचित किया गया है। इसके साथ ही हरियाणा से बाहर के लोगों की भर्ती छिपाने के लिए भाजपा सरकार षडयंत्रकारी तरीके से चयनित HCS अधिकारियों की ‘संख्या’, ‘सूची’ व ‘पता’ नहीं बता रही है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा सरकार ने 2023 HCS भर्ती में 121 पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन दिया। 87,000 अभ्यर्थियों ने अप्लाई किया। 1,706 अभ्यर्थियों ने HCS मेन एग्ज़ाम पास किया। 275 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। 14 जून 2024 को 275 अभ्यर्थियों के अंक जारी कर दिए गए, परंतु आज तक 3 सवालों के जवाब नहीं मिल पाए। उन्होंने इन सवालों के जवाब मांगे हैं। यहां पढ़िए क्या हैं सुरजेवाला के सवाल… सीरीज वाइज नंबर पर उठाए सवाल HCS मेन एग्ज़ाम में एक सीरीज़ में बैठे, यानी एक कमरे में आगे-पीछे बैठे व साथ-साथ इंटरव्यू हुए अनेकों अभ्यर्थियों की सलेक्शन हो गई। 275 इंटरव्यू में बैठे अभ्यर्थियों में से 345 अंक (जनरल कैटेगरी) पाने वाले अभ्यर्थी की HCS में सलेक्शन हुई है। सुरजेवाला ने 2311, 2313, 2314, 2317, 2318, 2322, 2325, 2329, 2330, 2332, 2333, 2335, 2338, 2342 इसके अलावा 2301, 2302, 2304 चयनित रोल नंबरों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसके पीछे NEET एग्जाम का हवाला दिया है। इस एग्जाम में 8 टॉपर एक दूसरे के आगे-पीछे बैठे पाए गए हैं। SC आरक्षित 31 पदों में से 9 पद खाली क्यों छोड़ दिए? सुरजेवाला ने 15 जून, 2024 को SC-BC के अभ्यर्थियों को लेकर हमने निम्नलिखित गंभीर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा है कि SC आरक्षित 31 पदों में से 9 पद खाली क्यों छोड़ दिए।2022 HCS भर्ती में भी SC आरक्षित 20 पदों में से 14 पद खाली क्यों छोड़ दिए गए थे? BC (A) के 19 आरक्षित पदों में 19 ही लोग बुलाकर 19 ही सलेक्ट कैसे कर लिए? 3 गुना BC (A) के बच्चों को क्यों नहीं बुलाया गया। 2022 HCS भर्ती में भी इसी प्रकार 10 BC (A) के पदों में से 7 खाली क्यों रह गए थे। BC (B) श्रेणी में 7 आरक्षित पदों पर 8 बच्चों को इंटरव्यू के लिए बुलाकर उन्हीं में से 7 को भर्ती क्यों किया गया? पदों के अनुपात में 3 गुना बच्चों को इंटरव्यू के लिए क्यों नहीं बुलाया गया? 2022 HCS भर्ती में BC (B) के 5 पदों में से 4 पद खाली क्यों छोड़ दिए गए? हरियाणा के बाहर के युवाओं को दे रही सरकार भर्ती जहां SC, BC (A), BC (B) के पद ही नहीं भरे जा रहे, या तीन गुना कैंडिडेट इंटरव्यू के लिए बुलाए ही नहीं जा रहे, वहां जनरल कैटेगरी में हरियाणा से बाहर के चहेतों की भर्ती अब आम बात बन गई है। इसी वजह से भाजपा सरकार न तो सलेक्टेड HCS कैंडिडेट्स की संख्या बता रही, न ही उनकी सूची दे रही और न ही सलेक्टेड कैंडिडेट्स का पता बता रही क्योंकि लीपा-पोती से हर बाहर के कैंडिडेट की भर्ती हुई होगी, इसलिए सलेक्टेड HCS अधिकारियों की ‘संख्या’, ‘सूची’ और ‘पता’ नहीं बताया जा रहा। हरियाणा की HCS भर्ती को लेकर राज्यसभा सांसद व कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने HCS भर्ती में ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों की भर्ती ने खड़े किए सवालिया निशान लगाए हैं। बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस भर्ती में SC-BC युवाओं को जानबूझकर वंचित किया गया है। इसके साथ ही हरियाणा से बाहर के लोगों की भर्ती छिपाने के लिए भाजपा सरकार षडयंत्रकारी तरीके से चयनित HCS अधिकारियों की ‘संख्या’, ‘सूची’ व ‘पता’ नहीं बता रही है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा सरकार ने 2023 HCS भर्ती में 121 पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन दिया। 87,000 अभ्यर्थियों ने अप्लाई किया। 1,706 अभ्यर्थियों ने HCS मेन एग्ज़ाम पास किया। 275 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। 14 जून 2024 को 275 अभ्यर्थियों के अंक जारी कर दिए गए, परंतु आज तक 3 सवालों के जवाब नहीं मिल पाए। उन्होंने इन सवालों के जवाब मांगे हैं। यहां पढ़िए क्या हैं सुरजेवाला के सवाल… सीरीज वाइज नंबर पर उठाए सवाल HCS मेन एग्ज़ाम में एक सीरीज़ में बैठे, यानी एक कमरे में आगे-पीछे बैठे व साथ-साथ इंटरव्यू हुए अनेकों अभ्यर्थियों की सलेक्शन हो गई। 275 इंटरव्यू में बैठे अभ्यर्थियों में से 345 अंक (जनरल कैटेगरी) पाने वाले अभ्यर्थी की HCS में सलेक्शन हुई है। सुरजेवाला ने 2311, 2313, 2314, 2317, 2318, 2322, 2325, 2329, 2330, 2332, 2333, 2335, 2338, 2342 इसके अलावा 2301, 2302, 2304 चयनित रोल नंबरों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसके पीछे NEET एग्जाम का हवाला दिया है। इस एग्जाम में 8 टॉपर एक दूसरे के आगे-पीछे बैठे पाए गए हैं। SC आरक्षित 31 पदों में से 9 पद खाली क्यों छोड़ दिए? सुरजेवाला ने 15 जून, 2024 को SC-BC के अभ्यर्थियों को लेकर हमने निम्नलिखित गंभीर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा है कि SC आरक्षित 31 पदों में से 9 पद खाली क्यों छोड़ दिए।2022 HCS भर्ती में भी SC आरक्षित 20 पदों में से 14 पद खाली क्यों छोड़ दिए गए थे? BC (A) के 19 आरक्षित पदों में 19 ही लोग बुलाकर 19 ही सलेक्ट कैसे कर लिए? 3 गुना BC (A) के बच्चों को क्यों नहीं बुलाया गया। 2022 HCS भर्ती में भी इसी प्रकार 10 BC (A) के पदों में से 7 खाली क्यों रह गए थे। BC (B) श्रेणी में 7 आरक्षित पदों पर 8 बच्चों को इंटरव्यू के लिए बुलाकर उन्हीं में से 7 को भर्ती क्यों किया गया? पदों के अनुपात में 3 गुना बच्चों को इंटरव्यू के लिए क्यों नहीं बुलाया गया? 2022 HCS भर्ती में BC (B) के 5 पदों में से 4 पद खाली क्यों छोड़ दिए गए? हरियाणा के बाहर के युवाओं को दे रही सरकार भर्ती जहां SC, BC (A), BC (B) के पद ही नहीं भरे जा रहे, या तीन गुना कैंडिडेट इंटरव्यू के लिए बुलाए ही नहीं जा रहे, वहां जनरल कैटेगरी में हरियाणा से बाहर के चहेतों की भर्ती अब आम बात बन गई है। इसी वजह से भाजपा सरकार न तो सलेक्टेड HCS कैंडिडेट्स की संख्या बता रही, न ही उनकी सूची दे रही और न ही सलेक्टेड कैंडिडेट्स का पता बता रही क्योंकि लीपा-पोती से हर बाहर के कैंडिडेट की भर्ती हुई होगी, इसलिए सलेक्टेड HCS अधिकारियों की ‘संख्या’, ‘सूची’ और ‘पता’ नहीं बताया जा रहा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पलवल में महिला ने फौजी पति को मारे चाकू:15 दिन की छुट्टी लेकर घर आया था; छुड़ाने आए ससुर को भी पीटा हरियाणा के पलवल में एक विवाहिता ने अपने ही फौजी पति व ससुर पर चाकू चला दिया। बाप-बेटे को घायल हालत में अस्पताल लाया गया। फौजी अभी 15 दिन की दुट्टी लेकर घर आया था। आरोप है कि पत्नी उसके परिवार के साथ लड़ाई झगड़ा करती रहती है। पुलिस ने महिला के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। छानबीन जारी है। हथीन थाना प्रभारी मुकेश कुमार के अनुसार, मढ़नाका गांव निवासी अजीत ने दी शिकायत में कहा है कि वह भारतीय सेना में नौकरी करता है। 7 अगस्त को वह 15 दिन की छुट्टी लेकर फौज से अपने घर आया था। फौजी का आरोप है कि उसकी पत्नी सविता अकसर उससे व उसके परिवार से झगड़ा करती रहती है। उसकी पत्नी सविता ने रात करीब साढ़े नौ बजे उस पर चाकू से हमला कर दिया। फौजी ने कहा कि जब तक वह कुछ समझ पाता उसकी पत्नी ने उसकी बाजू, हाथ व पेट पर चाकू से वार कर उसे घायल कर दिया। झगड़े का शोर सुनकर उसके पिता भोजदत्त उसे बचाने के लिए वहां आए तो उसकी पत्नी उसके पिता भोजदत्त पर भी ईंट से हमला कर दिया। ईंट उसके पिता के सिर में लगने के बाद उसकी पत्नी सविता ने धक्का देकर जमीन में गिरा दिया और धमकी दी कि तुम सभी को जान से खत्म कर दूंगी। उसके बाद पत्नी के मायके वाले आए और उसकी पत्नी व बच्चों को अपने साथ ले गए। इसके बाद उसे व उसके पिता को इलाज के लिए हथीन सरकारी अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने घायल फौजी अजीत की शिकायत पर उसकी पत्नी सविता के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
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करनाल के युवक को जर्मनी की बजाय रूस भेजा:शारीरिक-मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, एजेंट ने धोखाधड़ी कर ऐंठे 9 लाख रुपए
करनाल के युवक को जर्मनी की बजाय रूस भेजा:शारीरिक-मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, एजेंट ने धोखाधड़ी कर ऐंठे 9 लाख रुपए हरियाणा के करनाल में विदेश भेजने के नाम पर एक युवक और उसके परिवार से लाखों रुपये की ठगी की गई है। करनाल निवासी राहुल को एजेंट ने जर्मनी भेजने का वादा किया था, लेकिन उसे रूस भेज दिया गया। जहां उसे शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी, लेकिन इस धोखाधड़ी ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है। राहुल के माता-पिता गुरुदेव और उषा रानी ने अपने बेटे को विदेश भेजने के लिए काफी मुश्किलों का सामना किया। राहुल का सपना था कि वह जर्मनी जाकर अच्छी नौकरी करेगा और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारेगा। इस सपने को पूरा करने के लिए राहुल के पिता ने कर्ज लिया और अपनी पत्नी के गहने तक बेच दिए। एजेंट अंकुश, राहुल के दोस्त का रिश्तेदार था, उसने उन्हें जर्मनी भेजने का वादा किया और इस वादे के एवज में 15 लाख रुपए की मांग की। राहुल का परिवार किसी भी तरह पैसे इकट्ठा कर अंकुश को दे दिया, जिसमें साढ़े 9 लाख रुपए पहले ही दे दिए गए थे। रूस में प्रताड़ित 11 मई को राहुल को दिल्ली से विदेश भेजा गया। लेकिन एजेंट ने उसे जर्मनी की जगह रूस भेज दिया। वहां पहुंचने पर राहुल को भयंकर यातनाएं झेलनी पड़ीं। 27 जून को राहुल ने अपने परिवार को फोन करके बताया कि रूस में उसके साथ मारपीट की जा रही है और बंदूक की नोक पर उससे पैसे मांगे जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता राहुल के परिवार ने इस धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से की, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और कहा कि परिवार ने समझौता कर लिया है, जबकि हकीकत में न तो उनका बेटा मिला और न ही उनके पैसे वापस किए गए। राहुल के माता-पिता ने कहा कि हमारी बस यही मांग है कि हमारा बेटा सुरक्षित घर लौट आए। अगर हमें पैसे नहीं भी मिले तो भी हम अपने बेटे की सुरक्षा के लिए तैयार हैं। अंतहीन संघर्ष और निराशा राहुल के परिवार के लिए यह समय बहुत कठिनाइयों से भरा है। बेटे की सलामती की चिंता के साथ-साथ उनके ऊपर कर्ज का भारी बोझ भी है। एजेंट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से परिवार की निराशा और भी बढ़ गई है। अब उनका एकमात्र लक्ष्य है कि राहुल किसी भी तरह से सुरक्षित घर लौट आए।