पानीपत जिले में सनौली यमुना नदी में स्नान के दौरान डूबे राजस्थान निवासी तीसरे युवक बोधु का शव मिल गया है। बता दे की रविवार अमावस्या पर तीन श्रद्धालु डूबे थे। जिनमें दो दिन पहले सोमवार को दो शव बरामद हुए थे। वहीं, तीसरे युवक का शव तीसरे दिन देर रात मिलने पर पुलिस व गोतखोर ने भी राहत की सांस ली है। जो डूबे युवक की तलाश में लगे हुए थे। नहाते वक्त डूबे थे 3 युवक बीते रविवार को अमावस्या पर राजस्थान के जनपद सीकर के गांव खाटूश्याम निवासी महेश, उसका भाई बोधु उर्फ जितेन्द्र तथा लोकेश अपने पांच अन्य साथियों के साथ सनौली घाट पर यमुना में स्नान करने आए थे। इस दौरान यमुना पुल के निकट हरियाणा की ओर यमुना के बीच घुमाव पर वह तीनों गहरे पानी में डूब गए थे। तीनों पानीपत जिले के रिसालू गांव में किराए का मकान लेकर टाइल्स-पत्थर लगाने का काम करते थे। 2 युवकों के पहले ही मिल गए थे शव सोमवार को गोताखोरों ने यमुना पुल से करीब 3 किलोमीटर दूर नन्हेड़ा गांव के सामने यमुना किनारे से महेश व लोकेश के शव बरामद कर लिए थे। पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उन्हें परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। मंगलवार को भी गोताखोर तीसरे युवक बोधु उर्फ जितेन्द्र की तलाश में दिनभर यमुना नदी में तलाश करते रहे। देर रात 9 बजे यमुना के अंदर तीसरे युवक को तलाश कर लिया। अधिकारियों ने दी जानकारी सनौली थाना एसएचओ संदीप कुमार व एसडीएम स्वप्निल कुमार यादव कैराना का कहना है कि यमुना नदी में गोताखोर ने सर्च अभियान में चलाया गया। जिसमें यमुना में डूबे तीन में से दो के शव को अगले दिन ही तलाश कर परिजनों को सौंप दिए हैं। एक बचे हुए की युवक के शव को तीसरे दिन भी देर रात तलाश कर लिया है। पानीपत जिले में सनौली यमुना नदी में स्नान के दौरान डूबे राजस्थान निवासी तीसरे युवक बोधु का शव मिल गया है। बता दे की रविवार अमावस्या पर तीन श्रद्धालु डूबे थे। जिनमें दो दिन पहले सोमवार को दो शव बरामद हुए थे। वहीं, तीसरे युवक का शव तीसरे दिन देर रात मिलने पर पुलिस व गोतखोर ने भी राहत की सांस ली है। जो डूबे युवक की तलाश में लगे हुए थे। नहाते वक्त डूबे थे 3 युवक बीते रविवार को अमावस्या पर राजस्थान के जनपद सीकर के गांव खाटूश्याम निवासी महेश, उसका भाई बोधु उर्फ जितेन्द्र तथा लोकेश अपने पांच अन्य साथियों के साथ सनौली घाट पर यमुना में स्नान करने आए थे। इस दौरान यमुना पुल के निकट हरियाणा की ओर यमुना के बीच घुमाव पर वह तीनों गहरे पानी में डूब गए थे। तीनों पानीपत जिले के रिसालू गांव में किराए का मकान लेकर टाइल्स-पत्थर लगाने का काम करते थे। 2 युवकों के पहले ही मिल गए थे शव सोमवार को गोताखोरों ने यमुना पुल से करीब 3 किलोमीटर दूर नन्हेड़ा गांव के सामने यमुना किनारे से महेश व लोकेश के शव बरामद कर लिए थे। पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उन्हें परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। मंगलवार को भी गोताखोर तीसरे युवक बोधु उर्फ जितेन्द्र की तलाश में दिनभर यमुना नदी में तलाश करते रहे। देर रात 9 बजे यमुना के अंदर तीसरे युवक को तलाश कर लिया। अधिकारियों ने दी जानकारी सनौली थाना एसएचओ संदीप कुमार व एसडीएम स्वप्निल कुमार यादव कैराना का कहना है कि यमुना नदी में गोताखोर ने सर्च अभियान में चलाया गया। जिसमें यमुना में डूबे तीन में से दो के शव को अगले दिन ही तलाश कर परिजनों को सौंप दिए हैं। एक बचे हुए की युवक के शव को तीसरे दिन भी देर रात तलाश कर लिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की रेप पीड़िता को गर्भपात की अनुमति नहीं:हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, बच्चे के जन्म के लिए चुन सकती है अस्पताल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। साथ ही पीड़िता को कहा कि वह हिसार जिला अस्पताल और पीजीआई चंडीगढ़ में किसी एक संस्थान को चुन सकती है, जहां वह बच्चे को जन्म दे सके। पीजीआई चंडीगढ़ से कहा गया है कि वह ऐसी व्यवस्था करे कि मां और बच्चे की पहचान गुप्त रहे। साथ ही कहा गया है कि बच्चे के जन्म तक होने वाला खर्च रेप पीड़िता या उसके अभिभावकों से ना लिया जाए। युवती की शिकायत पर हिसार में रेप और SC/ST एक्ट के तहत एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। पीड़िता ने मांगी थी गर्भपात की अनुमति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़िता अगर जन्म के बाद बच्चे को नहीं रखना चाहती तो उसे हिसार बाल बाल कल्याण समित को सौंप दिया जाए। हिसार में दर्ज हुआ था दुष्कर्म का मामला पीड़िता ने हाईकोर्ट को बताया था कि पीड़िता की उम्र सिर्फ 21 वर्ष है। अगर वह इस बच्चे को जन्म देती है तो समाज में उसे कभी भी सम्मान नहीं मिलेगा। बच्चा जब बड़ा होगा तो उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाएगा। 27 सप्ताह का हो चुका भ्रूण हाईकोर्ट को बताया गया कि भ्रूण 24 सप्ताह के समय को पूरा कर अब करीब 27 सप्ताह का चुका है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने गर्भपात की अनुमति नहीं दी है। बता दें कि अगर गर्भावस्था 24 सप्ताह से अधिक हो जाए तो गर्भपात की अनुमति कोर्ट से लेनी पड़ती है। हाईकोर्ट के निर्देश पर हिसार के जिला अस्पताल का एक बोर्ड बनाया गया था, जिसने जांच कर अपनी रिपोर्ट दाखिल की। सभी विशेषज्ञ की रिपोर्ट देखने और पूर्व में इस तरह के मामलों को जांचने के बाद हाईकोर्ट ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में आया था 70 प्रतिशत के आस-पास संभावना है कि अगर अब ऑपरेशन किया गया तो बच्चा जिंदा पैदा होगा और विशेष निगरानी में रखे जाने पर स्वस्थ जीवन व्यतीत करेगा। इन्हीं तथ्यों को समझने के बाद गर्भपात की अनुमति नहीं दी गई।
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