बरेली में महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। सोमवार रात अंडरग्राउंड केबल में आग लगी तो जोरदार धमाके होने लगे। हॉस्टल में रह रही छात्राओं में भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी का माहौल मच गया। यूनिवर्सिटी कैंपस की सुरक्षा टीम भी पहुंची। फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। कैंपस में मैत्री छात्रावास में एमसीबी बॉक्स में शॉर्ट सर्किट से आग लगी। बॉक्स में आग लगते ही अंडरग्राउंड केबल ने आग पकड़ ली। इसके बाद कॉरिडोर के साथ-साथ हॉस्टल के कमरों में भी जोरदार धमाके होने लगे। सूचना पर हॉस्टल की वार्डन डॉ. मीनाक्षी द्विवेदी ने सुरक्षा प्रभारी सुधांशु शर्मा को घटना के बारे में बताया। अंडरग्राउंड केबल और सर्किट जल जाने के कारण हॉस्टल की बिजली बाधित हो गई। रात में 8:30 बजे पूरे हॉस्टल में अंधेरा छाया रहा। इलेक्ट्रिशियन ने डायरेक्ट लाइन डालकर बिजली को चालू किया। मैत्री छात्रावास में करीब 348 छात्राएं रहती हैं। पढ़ें पूरी खबर… लखनऊ में प्रेमिका के पति की कार में मारी टक्कर, बंद क्रॉसिंग को तोड़ते हुए ट्रैक पर पहुंची कार; 7 घायल लखनऊ के मलिहाबाद में रहीमाबाद रेलवे क्रासिंग पर पिकअप ड्राइवर ने स्विफ्ट कार में पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी की कार बंद क्रासिंग को तोड़ते हुए ट्रैक पर पहुंच गई। हादसे में क्रासिंग के पास खड़े लोग भी चपेट में आ गए। मौके पर चीख पुकार मच गई। मौके पर मौजूद लोगों ने पिकअप ड्राइवर को पकड़ लिया और पुलिस को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने 7 घायलों को एंबुलेंस से नजदीकी अस्पताल में भेजा। कार में सवार 3 लोगों के अलावा 4 अन्य भी घायल हुए हैं। घायलों में रहीमाबाद थाने पर तैनात एक सिपाही भी शामिल है। गनीमत रही की हादसे के दौरान ट्रेन नहीं पहुंची। क्रासिंग के टूटते ही सिग्नल लाल हो गया और ट्रेन पहले ही रुक गई। पिकअप ड्राइवर कार में बैठे लोगों को मारने की नीयत से 5 किमी दूर से पीछा करते हुए आ रहा था। पढ़ें पूरी खबर… कानपुर में हेड कॉन्स्टेबल 15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया, विजिलेंस टीम नंगे पैर, कॉलर पकड़कर खींच ले गई घूसखोरी की शिकायत पर विजिलेंस टीम ने एसीपी बाबूपुरवा में तैनात हेड कॉन्स्टेबल शहनवाज खान को रंगेहाथ पकड़ लिया। 15 हजार रुपए की रिश्वत लेने के बाद टीम ने हेड कॉन्स्टेबल को दबोच लिया। टीम उसे कार्यालय से नंगे पैर, कॉलर पकड़कर खींच ले गई। इस दौरान भागने के लिए छटपटाता रहा, लेकिन खुद को नहीं छुड़ा सका। किदवईनगर थाने में दर्ज एससी-एसटी, मारपीट, गाली गलौज के मुकदमे में प्रगति के नाम पर 20 हजार की घूस हेड कॉन्स्टेबल शहनवाज खान मांग रहा था। पीड़ित की काफी मिन्नतों के बाद 15 हजार में सौदा तय हुआ। सौदा तय होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत विजिलेंस टीम को दी। इसके बाद सोमवार को हेड कॉन्स्टेबल को घूस देने पहुंचा। रिश्वत लेते ही जाल बिछाए टीम ने घूसखोर बाबू को रंगेहाथों दबोच लिया। पढ़ें पूरी खबर… बरेली में महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। सोमवार रात अंडरग्राउंड केबल में आग लगी तो जोरदार धमाके होने लगे। हॉस्टल में रह रही छात्राओं में भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी का माहौल मच गया। यूनिवर्सिटी कैंपस की सुरक्षा टीम भी पहुंची। फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। कैंपस में मैत्री छात्रावास में एमसीबी बॉक्स में शॉर्ट सर्किट से आग लगी। बॉक्स में आग लगते ही अंडरग्राउंड केबल ने आग पकड़ ली। इसके बाद कॉरिडोर के साथ-साथ हॉस्टल के कमरों में भी जोरदार धमाके होने लगे। सूचना पर हॉस्टल की वार्डन डॉ. मीनाक्षी द्विवेदी ने सुरक्षा प्रभारी सुधांशु शर्मा को घटना के बारे में बताया। अंडरग्राउंड केबल और सर्किट जल जाने के कारण हॉस्टल की बिजली बाधित हो गई। रात में 8:30 बजे पूरे हॉस्टल में अंधेरा छाया रहा। इलेक्ट्रिशियन ने डायरेक्ट लाइन डालकर बिजली को चालू किया। मैत्री छात्रावास में करीब 348 छात्राएं रहती हैं। पढ़ें पूरी खबर… लखनऊ में प्रेमिका के पति की कार में मारी टक्कर, बंद क्रॉसिंग को तोड़ते हुए ट्रैक पर पहुंची कार; 7 घायल लखनऊ के मलिहाबाद में रहीमाबाद रेलवे क्रासिंग पर पिकअप ड्राइवर ने स्विफ्ट कार में पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी की कार बंद क्रासिंग को तोड़ते हुए ट्रैक पर पहुंच गई। हादसे में क्रासिंग के पास खड़े लोग भी चपेट में आ गए। मौके पर चीख पुकार मच गई। मौके पर मौजूद लोगों ने पिकअप ड्राइवर को पकड़ लिया और पुलिस को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने 7 घायलों को एंबुलेंस से नजदीकी अस्पताल में भेजा। कार में सवार 3 लोगों के अलावा 4 अन्य भी घायल हुए हैं। घायलों में रहीमाबाद थाने पर तैनात एक सिपाही भी शामिल है। गनीमत रही की हादसे के दौरान ट्रेन नहीं पहुंची। क्रासिंग के टूटते ही सिग्नल लाल हो गया और ट्रेन पहले ही रुक गई। पिकअप ड्राइवर कार में बैठे लोगों को मारने की नीयत से 5 किमी दूर से पीछा करते हुए आ रहा था। पढ़ें पूरी खबर… कानपुर में हेड कॉन्स्टेबल 15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया, विजिलेंस टीम नंगे पैर, कॉलर पकड़कर खींच ले गई घूसखोरी की शिकायत पर विजिलेंस टीम ने एसीपी बाबूपुरवा में तैनात हेड कॉन्स्टेबल शहनवाज खान को रंगेहाथ पकड़ लिया। 15 हजार रुपए की रिश्वत लेने के बाद टीम ने हेड कॉन्स्टेबल को दबोच लिया। टीम उसे कार्यालय से नंगे पैर, कॉलर पकड़कर खींच ले गई। इस दौरान भागने के लिए छटपटाता रहा, लेकिन खुद को नहीं छुड़ा सका। किदवईनगर थाने में दर्ज एससी-एसटी, मारपीट, गाली गलौज के मुकदमे में प्रगति के नाम पर 20 हजार की घूस हेड कॉन्स्टेबल शहनवाज खान मांग रहा था। पीड़ित की काफी मिन्नतों के बाद 15 हजार में सौदा तय हुआ। सौदा तय होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत विजिलेंस टीम को दी। इसके बाद सोमवार को हेड कॉन्स्टेबल को घूस देने पहुंचा। रिश्वत लेते ही जाल बिछाए टीम ने घूसखोर बाबू को रंगेहाथों दबोच लिया। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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KGMU दीक्षांत में देवांशी को मिलेंगे चांसलर सहित 15 मेडल:ICMR के डीजी डॉॅ. राजीव बहल होंगे चीफ गेस्ट, 2 को मिलेगी मानद उपाधि
KGMU दीक्षांत में देवांशी को मिलेंगे चांसलर सहित 15 मेडल:ICMR के डीजी डॉॅ. राजीव बहल होंगे चीफ गेस्ट, 2 को मिलेगी मानद उपाधि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) का 17वां दीक्षांत समारोह 17 अगस्त को होगा। इसमें MBBS की छात्रा देवांशी कटियार को सबसे अधिक गोल्ड मेडल मिलेंगे। उन्हें 15 गोल्ड मेडल और 2 बुक प्राइज से नवाजा जाएगा। इस समारोह में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉॅ. राजीव बहल बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। यह जानकारी KGMU की कुलपति डॉॅ. सोनिया नित्यानंद ने बुधवार को दी है। इन्हें मिलेगी मानद उपाधि कुलपति डॉ..सोनिया नित्यानंद ने बताया कि दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी। इसमें स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी मौजूद रहेंंगे। उन्होंने बताया कि समारोह में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉॅ. राजीव बहल और USA से आए प्रोस्टेट कैंसर विशेषज्ञ डॉॅ.आशुतोष तिवारी को मानद उपाधि से नवाजा जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल 47 मेडल और तीन प्राइस से 15 मेधावी सम्मानित किए जाएंगे। रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा का बना रहे रोड मैप कुलपति डॉॅ.सोनिया ने रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़़ताल को लेकर कहा कि हम सभी के लिए मरीजों का इलाज पहली प्राथमिकता है। रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए रोड मैप बना रहे है। जल्द ही इस पर अमल किया जाएगा। इसके लिए एक्सपर्ट कमेटी से जल्द ही ऑडिट कराई जाएगी। डॉ. दिव्यांशी बोलीं- सिविल सर्विस में जाना लक्ष्य डॉ. दिव्यांशी कटियार का जन्म कानपुर में हुआ। देहरादून से बारहवीं तक पढ़ाई हुई। पिता शिवशंकर कटियार डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सेंटर (रिटायर्ड गर्वनर सर्वेंट) और मां सरिता कटियार गवर्नमेंट कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। वहीं भाई शांतनु कटियार अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। डॉ. दिव्यांशी ने बताया कि बचपन से डॉक्टर बनना था। मुझे जोड़ कर मेरे पूरे परिवार में कुल 9 डॉक्टर हैं। उन्हें देखकर मेरा मन करता था कि मैं डॉक्टर बनूं। उन्होंने कहा कि मुझे हमेशा से दूसरों की मदद करना काफी पसंद था और मेरे पूरे परिवार में ऐसा माहौल रहा है। मेरे ताऊ भी डॉक्टर हैं और परिवार में अन्य सदस्य भी डॉक्टर है तो उन्हें देखकर हमेशा मोटिवेट होती थी और बचपन में ही सोच लिया था कि मुझे मरीजों की सेवा करनी है। डॉ. दिव्यांशी ने कहा कि उनका अगला टारगेट सिविल सेवा में जाने का है। घर की पहली डॉक्टर बनीं आकांक्षा आकांक्षा KGMU के फाइनल ईयर की स्टूडेंट है। आकांक्षा के पिता संतोष कुमार, यूपी ग्रामीण सहकारिता बैंक में मैनेजर हैं। मां निर्मला देवी गृहणी हैं। तीन भाई बहन हैं। आंकाक्षा सबसे बड़ी हैं। छोटी बहन रिचा आईआईटी रुढ़की से बीटेक पूरा कर चुकी है। वहीं भाई शिवम यूजी की तैयारी कर रहा है। आकांक्षा ने बातचीत के दौरान कहा कि शुरुआत से ही सिविल सर्विसेज में रुझान था लेकिन अचानक से जिंदगी में बदलाव आया और फिर डॉक्टरी की पढ़ाई में आ गई। पूरे परिवार की पहली डॉक्टर में बनने वाली हूं।
1 जुलाई से 8 से 12 बजे तक खुलेंगे परिषदीय-स्कूल:प्रमुख सचिव का आदेश, 28 जून से 3 दिन 7.30 बजे से होगी पढ़ाई
1 जुलाई से 8 से 12 बजे तक खुलेंगे परिषदीय-स्कूल:प्रमुख सचिव का आदेश, 28 जून से 3 दिन 7.30 बजे से होगी पढ़ाई यूपी में 1 जुलाई से परिषदीय स्कूल सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. एमके शनमुगा सुन्दरम ने बुधवार को यह आदेश जारी किया है। परिषदीय स्कूलों के संचालन के समय को लेकर शासन और शिक्षा निदेशालय की तरफ से कई आदेश जारी किए गए हैं। 18 जून को बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से पहली जुलाई से स्कूलों के संचालन का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक किये जाने का आदेश जारी किया गया था। उसी दिन शाम होते-होते स्कूल शिक्षा महानिदेशक की ओर से स्कूल के संचालन का समय सुबह 7.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक किए जाने के आदेश जारी किये गये। गर्मी की छुट्टियों के बाद परिषदीय स्कूल 28 जून से खुल जाएंगे। शुरुआत के दो दिन यानी शुक्रवार 28 जून और शनिवार 29 जून को स्कूल का समय सुबह 7.30 से 10.00 बजे तक रहेगा। उसके बाद सोमवार पहली जुलाई से स्कूल सुबह 8 बजे से दोपहर के 2 बजे तक खुलेंगे। गर्मी की छुट्टियों के बाद 28 को स्कूल के खुलने से पूर्व स्कूलों का वातावरण बच्चों के लिए आकर्षक और अनुकूल बनाने के लिए स्कूलों को साफ-सफाई कराकर उसे फूल-पत्तियों से सजाया जाएगा। स्कूल पहुंचने पर स्टूडेंट्स का होगा भव्य स्वागत 28 जून को विद्यालय आने वाले बच्चों को रोली-टीका लगाकर स्वागत किया जाएगा। उस दिन मध्याहन भोजन में बच्चों के लिए रूचिकर हलवा, खीर बनाया जाएगा। कक्षा में नये प्रवेश लेने वाले बच्चों का विशेष स्वागत करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इन सब की तैयारियों के लिए शिक्षकों के लिए विद्यालय 25 जून को ही खोला जा चुका है। स्कूलों में साफ-सफाई पर जोर शिक्षकों के लिए जारी निर्देश में कहा गया था कि गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने पर पहले परिसर गन्दा मिलेगा। यही कारण हैं कि 25 जून से 27 जून तक परिसर की समुचित साफ- सफाई कराते हुए विद्यालय को सुन्दर और आकर्षक बनाया जाये। घास-फूस और जंगली पौधों की सफाई कराई जाएगी। साथ ही कक्षा कक्षों की फर्श, दीवारें, खिड़की-दरवाजे, ब्लैक बोर्ड आदि की सफाई कराई जाएगी। साथ ही फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, टीएलएम पुस्तकें की साफ-सफाई कराई जाएगी। वहीं स्कूल के भण्डार कक्ष, पानी की टंकी, किचन, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी की सफाई और उन्हें संक्रमित विहीन कराया जाएगा।
यूपी में ढाई साल से 11 हजार सियासी नियुक्तियां अटकीं:4 बड़े नेताओं के खेमे…इसलिए तय नहीं हो सके नाम; अफसर संभाल रहे कुर्सी
यूपी में ढाई साल से 11 हजार सियासी नियुक्तियां अटकीं:4 बड़े नेताओं के खेमे…इसलिए तय नहीं हो सके नाम; अफसर संभाल रहे कुर्सी भाजपा सरकार और संगठन में गुटबाजी के कारण निगम, आयोग और बोर्ड में करीब 11 हजार से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियां अटकी हुई हैं। करीब ढाई साल में कई दौर की बैठकों के बाद भी सरकार और संगठन के शीर्ष लोग नियुक्तियों को लेकर कोई निर्णय नहीं ले सके। यही वजह है कि अब बड़ी संस्थाओं में सहयोगी दलों की हिस्सेदारी और कार्यकर्ताओं की नियुक्ति का मामला दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व तक जा सकता है। प्रदेश में 25 मार्च 2022 को योगी सरकार 2.0 का गठन हुआ था। उसके बाद से कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश नेतृत्व की ओर से समय-समय पर आश्वासन भी दिया गया कि नियुक्तियां जल्द की जाएंगी, लेकिन हुआ कुछ नहीं। आयोजनों में नियुक्तियां नहीं होने का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। गुटबाजी है बड़ी वजह
भाजपा में कई महीने से चल रही गुटबाजी में एक खेमा सीएम योगी आदित्यनाथ का है। जबकि दूसरा खेमा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का है। तीसरा खेमा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का है। चौथा खेमा महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह और RSS से जुड़े लोगों का है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सीएम योगी राजनीतिक नियुक्तियों में दखल नहीं देते हैं। संगठन की ओर से जब पूछा जाता है तो वह अपने नाम देते हैं। पार्टी की ओर से जो प्रस्ताव आता है, उसे मंजूरी दे देते हैं। लेकिन, बाकी तीन खेमों में अपने-अपने करीबी लोगों को राजनीतिक नियुक्तियों में उपकृत करने की होड़ लगी हुई है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी की वजह बनी
निगम, आयोग और बोर्ड में नेताओं और कार्यकर्ताओं की नियुक्ति न होने का असर लोकसभा चुनाव नतीजों में भी देखने को मिला। जानकारों का मानना है कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी और निष्क्रियता की वजह उन्हें निगम, आयोग और बोर्ड में पद न मिलना भी है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोकसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा में खुलेआम यह बात कही। पूर्वांचल के कुछ जिलों में उन्होंने यहां तक कहा कि धनबल और बाहुबल वाले नेताओं को विधान परिषद, राज्यसभा भेजा गया। लेकिन, पार्टी के मूल कैडर का ध्यान नहीं रखा गया। 20 हजार पदों पर हो सकता है समायोजन
सरकार में करीब 20 हजार से अधिक पदों पर भाजपा और RSS से जुड़े लोगों का समायोजन किया जा सकता है। इनमें से अभी तक जिला न्यायालय से लेकर उच्च न्यायालय तक सरकार की ओर से पैरवी के लिए करीब साढ़े तीन हजार वकील नियुक्त भी किए जा चुके हैं। तीन हजार से अधिक कार्यकर्ताओं का सहकारी संस्थाओं में समायोजन किया गया है। लेकिन, अभी भी जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक की बड़ी संस्थाओं में पद खाली हैं। दावेदार कौन-कौन….. सहयोगी दल भी मांग रहे हिस्सेदारी: ऐसा नहीं है कि सिर्फ भाजपा में ही दावेदार हैं। भाजपा के एक प्रदेश पदाधिकारी ने बताया कि सरकार में सहयोगी अपना दल (एस), रालोद, सुभासपा और निषाद पार्टी भी निगम, आयोग और बोर्ड में हिस्सेदारी मांग रहे हैं। सर्वाधिक मांग OBC आयोग और अनुसूचित जाति आयोग की है। दूसरे दलों से आए नेता भी दौड़ में: लोकसभा चुनाव से पहले सपा, बसपा, कांग्रेस के करीब 70 हजार कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और पूर्व नौकरशाह को भाजपा में शामिल किया गया। सूत्रों का कहना है कि दूसरे दलों से आए बड़े नेता और नौकरशाह भी अब निगम, आयोग और बोर्ड में जगह चाहते हैं। अब आगे क्या… दिल्ली दरबार तक जाएंगे नाम
निगम, आयोग, बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियों में सामाजिक समीकरण का भी ध्यान रखना होता है। प्रमुख संस्थाओं में सभी जातियों के लोगों का प्रतिनिधित्व भी तय किया जाता है। यही वजह है कि बड़े आयोग में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। लिहाजा मामला दिल्ली दरबार तक जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलने पर ही नियुक्ति की जाएगी। असर क्या? लंबे समय से नहीं हो रही जनता की सुनवाई महिला आयोग: अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के पद लंबे समय से खाली होने के कारण महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है। महिला आयोग की अध्यक्ष और सदस्य जिलों में जाकर भी सुनवाई करते थे, लेकिन वह काम भी बंद है। अनुसूचित जाति आयोग: अध्यक्ष और सदस्यों के पद खाली होने के कारण दलित उत्पीड़न से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है। आयोग में अध्यक्ष का कार्यभार समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के पास है। लेकिन, उनकी सरकार और भाजपा के कामकाज में व्यस्तता के कारण वह आयोग में इतना समय नहीं दे पा रहे हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग: पिछड़ी जाति के लोगों से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है। सूत्रों के मुताबिक आयोग में बड़ी संख्या में शिकायतें और प्रार्थना पत्र लंबित चल रहे हैं। अफसर संभाल रहे हैं कुर्सी: प्रदेश सरकार के विभिन्न आयोग, बोर्ड और निगम में अध्यक्ष का कार्यभार IAS अफसर संभाल रहे हैं। इनमें अधिकांश संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव या अपर मुख्य सचिव हैं। जानकार मानते हैं कि पिछड़े और दलित वर्ग के लोग, सरकारी विभाग में समस्या का समाधान नहीं होने पर आयोग में जाते हैं। वहां भी वही अफसर अध्यक्ष के रूप में बैठे मिलते हैं, तो उनकी सुनवाई नहीं हो पाती है। नजरिये का भी फर्क…
जानकार मानते हैं कि आयोग, निगम और बोर्ड में अध्यक्ष पद पर IAS अफसर बैठे हैं। IAS अफसर और नेताओं के सोचने का नजरिया और काम करने के तरीके में अंतर होता है। अफसर हमेशा खुद को सही साबित करने या विभाग के बचाव में काम करते हैं। जबकि राजनीतिक व्यक्ति जनता और सरकार के हित को ध्यान में रखते हुए काम करते हैं। ताकि जनता में उनकी सरकार के प्रति अच्छी धारणा बने, पार्टी का जनाधार बढ़े। यह भी पढ़ें:- संसद में अखिलेश के भाषण पर भड़क गए अमित शाह:वक्फ बिल पर कहा- गोलमोल बातें नहीं कर सकते हैं; स्पीकर सबके हैं संसद में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को वक्फ संशोधन बिल पेश किया। इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव और गृह मंत्री अमित शाह के बीच बहस भी हुई। अखिलेश यादव ने लोकसभा स्पीकर से कहा, महोदय मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं। आप लोकतंत्र के न्यायाधीश हैं। मैंने सुना है इस लॉबी में कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं। इसलिए हम सब को आपके लिए भी लड़ना पड़ेगा। पढ़ें पूरी खबर…