<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश में अब घर की रसोई में स्वाद का जादू बिखेरने वाली महिलाएं सफल खाद्य व्यवसायी बन सकेंगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत ग्रामीण और घरेलू महिलाओं को उद्यमी बनाने की दिशा में तेज़ी से काम कर रही है. इस योजना के तहत प्रदेश में 121.91 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसका उद्देश्य छोटे खाद्य उत्पादकों को तकनीकी, प्रशिक्षण और ब्रांडिंग के जरिये सशक्त बनाना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह योजना खासतौर पर उन महिलाओं और पारंपरिक कारीगरों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, जो वर्षों से घर में अचार, पापड़, मसाले, जैविक खाद्य सामग्री जैसी चीजें बनाकर स्वरोजगार की संभावनाएं तलाश रही थीं. अब सरकार उन्हें मशीनों से लेकर आधुनिक प्रशिक्षण तक हर जरूरी सहयोग दे रही है ताकि वे अपना खुद का कारोबार शुरू कर सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्वरोजगार के साथ महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनेगा यूपी</strong><br />प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि घरेलू उत्पादों को ब्रांडिंग और बेहतर पैकेजिंग के साथ बाजार में लाया जाए. इससे न सिर्फ उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि इन महिलाओं को राज्य और देश के बाहर भी व्यापार करने का अवसर मिलेगा. सरकार की योजना है कि महिलाओं को न सिर्फ सब्सिडी मिले, बल्कि उन्हें बाजार से जुड़ने और बिक्री के लिए भी सहयोग मिले.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-met-child-making-lassi-in-varanasi-ann-2943129″><strong>वाराणसी में लस्सी बनाते बच्चे के पास पहुंचे सीएम योगी, पढ़ाई लिखाई के बारे में पूछा, फिर दी ये सलाह</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वीकृत 121.91 करोड़ रुपये में से 84.91 करोड़ रुपये उद्यमियों को सब्सिडी के रूप में दिए जाएंगे. इसके अलावा मशीनों के लिए 24 करोड़, प्रशिक्षण और प्रशासनिक खर्चों के लिए 3.50 करोड़, व्यावसायिक सेवाओं के लिए 9.50 करोड़ और अन्य मदों में करीब 19.5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह धनराशि केंद्र व राज्य सरकार की साझा योजना के तहत मंजूर की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिर्फ आर्थिक नहीं, सामाजिक बदलाव भी लाना है लक्ष्य</strong><br />मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> का मानना है कि जब गांवों की महिलाएं अपने हाथ से बने खाद्य उत्पादों को एक व्यवस्थित व्यापार में बदलेंगी, तो इससे सिर्फ उनकी आमदनी नहीं बढ़ेगी बल्कि समाज में उनकी पहचान और आत्मविश्वास भी मजबूत होगा. यह प्रयास नारी सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की शुरुआत की थी. इसका मकसद था देश के लाखों छोटे और असंगठित खाद्य उत्पादकों को औपचारिक व्यवस्था से जोड़कर उन्हें व्यवसायिक रूप से सशक्त बनाना. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को गंभीरता से लागू करते हुए इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब प्रदेश की महिलाएं सिर्फ रसोई तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि वे एक सफल खाद्य उद्यमी के रूप में सामने आ रही हैं. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश में अब घर की रसोई में स्वाद का जादू बिखेरने वाली महिलाएं सफल खाद्य व्यवसायी बन सकेंगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत ग्रामीण और घरेलू महिलाओं को उद्यमी बनाने की दिशा में तेज़ी से काम कर रही है. इस योजना के तहत प्रदेश में 121.91 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसका उद्देश्य छोटे खाद्य उत्पादकों को तकनीकी, प्रशिक्षण और ब्रांडिंग के जरिये सशक्त बनाना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह योजना खासतौर पर उन महिलाओं और पारंपरिक कारीगरों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, जो वर्षों से घर में अचार, पापड़, मसाले, जैविक खाद्य सामग्री जैसी चीजें बनाकर स्वरोजगार की संभावनाएं तलाश रही थीं. अब सरकार उन्हें मशीनों से लेकर आधुनिक प्रशिक्षण तक हर जरूरी सहयोग दे रही है ताकि वे अपना खुद का कारोबार शुरू कर सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्वरोजगार के साथ महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनेगा यूपी</strong><br />प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि घरेलू उत्पादों को ब्रांडिंग और बेहतर पैकेजिंग के साथ बाजार में लाया जाए. इससे न सिर्फ उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि इन महिलाओं को राज्य और देश के बाहर भी व्यापार करने का अवसर मिलेगा. सरकार की योजना है कि महिलाओं को न सिर्फ सब्सिडी मिले, बल्कि उन्हें बाजार से जुड़ने और बिक्री के लिए भी सहयोग मिले.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-met-child-making-lassi-in-varanasi-ann-2943129″><strong>वाराणसी में लस्सी बनाते बच्चे के पास पहुंचे सीएम योगी, पढ़ाई लिखाई के बारे में पूछा, फिर दी ये सलाह</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वीकृत 121.91 करोड़ रुपये में से 84.91 करोड़ रुपये उद्यमियों को सब्सिडी के रूप में दिए जाएंगे. इसके अलावा मशीनों के लिए 24 करोड़, प्रशिक्षण और प्रशासनिक खर्चों के लिए 3.50 करोड़, व्यावसायिक सेवाओं के लिए 9.50 करोड़ और अन्य मदों में करीब 19.5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह धनराशि केंद्र व राज्य सरकार की साझा योजना के तहत मंजूर की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिर्फ आर्थिक नहीं, सामाजिक बदलाव भी लाना है लक्ष्य</strong><br />मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> का मानना है कि जब गांवों की महिलाएं अपने हाथ से बने खाद्य उत्पादों को एक व्यवस्थित व्यापार में बदलेंगी, तो इससे सिर्फ उनकी आमदनी नहीं बढ़ेगी बल्कि समाज में उनकी पहचान और आत्मविश्वास भी मजबूत होगा. यह प्रयास नारी सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की शुरुआत की थी. इसका मकसद था देश के लाखों छोटे और असंगठित खाद्य उत्पादकों को औपचारिक व्यवस्था से जोड़कर उन्हें व्यवसायिक रूप से सशक्त बनाना. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को गंभीरता से लागू करते हुए इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब प्रदेश की महिलाएं सिर्फ रसोई तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि वे एक सफल खाद्य उद्यमी के रूप में सामने आ रही हैं. </p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मुरादाबाद: पत्नी का सिर काटकर नदी में फेंका, शव दफनाया घर में, पति को पुलिस ने किया गिरफ्तार
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