यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में गड़बड़ी रोकने के लिए योगी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रश्नपत्र से लेकर केंद्र की सुरक्षा में एसटीएफ-जिला पुलिस तैनात रहेगी। पहली बार परीक्षा केंद्र के हर रूम में सीसीटीवी से निगरानी होगी। हर सेंटर पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट होगा। मजिस्ट्रेट गजेटेड अधिकारी होगा। पेपर लीक रोकने के लिए 1541 अपराधियों की निगरानी की जा रही है। इनमें ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से विधायक बेदीराम भी शामिल हैं। पेपर प्रिंट से लेकर रिजल्ट बनाने तक की जिम्मेदारी पहली बार चार एजेंसियों को दी गई है। हर जिले में भर्ती बोर्ड की ओर से एक ऑब्जर्वर भेजा जाएगा। इनमें एसपी, एएसपी और डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं। हर परीक्षा केंद्र पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी के साथ संबंधित सेंटर का एक व्यक्ति होगा। 23 अगस्त से शुरू हो रही पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए पहली बार क्या हो रहा है, पढ़िए इस खबर में… सबसे पहले पेपर की बात…
पेपर को डबल लॉक और डबल गार्ड के निगरानी में रखा जाएगा। कोषागार में पेपर आने के बाद अलग-अलग लेयर में अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। पेपर की सुरक्षा संबंधित एजेंसी के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन के राजपत्रित अधिकारी करेंगे। कोषागार में पेपर पहुंचने पर पुलिस के एडिशनल एसपी, अपर जिलाधिकारी और कोषागार इंचार्ज सुरक्षा मानकों को परखेंगे। इसके बाद केंद्रों तक पेपर पहुंचाने का काम शुरू होगा। पेपर के साथ कम से कम एक गजेटेड आफिसर को साथ में लगाया जाएगा। जानकारों की माने तो पेपर और परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्था 360 डिग्री पैमाने पर होगी। किसी भी हाल में अभ्यर्थी या व्यवस्था में लगे लोगों के अलावा कोई अन्य परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंच पाएगा। अब जानिए 4 एजेंसियां क्या-क्या करेंगी
पहले की तरह इस बार एक ही कंपनी को पूरी परीक्षा कराने की जिम्मेदारी नहीं दी गई है। अलग-अलग काम अलग-अलग एजेंसी को सौंपे गए हैं। 1. एजेंसी का काम प्रश्नपत्र तैयार करना, छपवाना और कोषागार तक पहुंचाना होगा।
2. एजेंसी का काम कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पेपर पहुंचाना होगा।
3. एजेंसी परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था देखेगी, जिसमें सिक्योरिटी, फ्रिस्किंग (कपड़ों की तलाशी), बायोमिट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी कैमरे लगाना और उसकी फीड कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराना रहेगी।
4- चौथी एजेंसी ओएमआर शीट की स्कैनिंग चयन बोर्ड के परिसर में ही करेगी और परीक्षा का रिजल्ट चयन बोर्ड को उपलब्ध कराएगी। सभी केंद्रों के सीसीटीवी कैमरे प्रदेश मुख्यालय पर कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्णा के मुताबिक 1154 केंद्रों पर कुल 17 हजार कमरों में यह परीक्षा कराई जाएगी। इसके लिए करीब 20 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। हर परीक्षा केंद्र पर लगा सीसीटीवी कैमरा उस जिले के कलेक्ट्रेट और प्रदेश मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा। सभी परीक्षा केंद्रों में दीवार घड़ी भर्ती बोर्ड की ओर से लगवाई जा रही है, ताकि अभ्यर्थियों को सही समय की जानकारी हो सके। जिलों के साथ-साथ भर्ती बोर्ड के मुख्यालय पर एक-एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह कंट्रोल रूम परीक्षा की निगरानी करेगा। कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर बनाया गया है सेंटर
सरकार ने पेपर लीक होने से बचाने के लिए 19 जून को जो दिशा निर्देश जारी किए थे, उसके मुताबिक कोई भी परीक्षा केंद्र जिले के काेषागार से 10 किलोमीटर से अधिक दूरी पर नहीं होगा। राजीव कृष्णा ने बताया कि पहली बार सभी परीक्षा केंद्र सरकारी या सरकार पोषित शैक्षिक संस्थानों को बनाया गया है। इसमें पहली बार विश्वविद्यालयों को भी शामिल किया गया है, जहां सिपाही भर्ती की परीक्षा कराई जाएगी। 12 साल में जितने परीक्षा संबंधी अपराधी पकड़े गए, सभी रडार पर
ऐसे करीब 1541 अपराधियों की पहचान की गई है, जाे पिछले 12 सालों में किसी न किसी परीक्षाओं में गड़बड़ी करते हुए पकड़े गए हैं। इनमें कई जेल में हैं। एसटीएफ के रडार पर 10 टेलीग्राम चैनल भी हैं, जो सिपाही परीक्षा में अभ्यर्थियों को पास कराने का दावा कर रहे हैं। इस चैनल से जुड़े लोगों पर एसटीएफ नजर रख रही है। पुलिस महानिदेशक ने अपने निर्देश में कहा है कि परीक्षा को लेकर असामाजिक तत्वों को चिह्नित करके जिले की पुलिस से लेकर एसटीएफ सतर्कता बरते। आपस में संवाद बनाए रखें। सत्यापन के दौरान मिले 20 हजार संदिग्ध अभ्यर्थी
आधार सत्यापन के दौरान करीब 20 हजार संदिग्ध अभ्यर्थी पाए गए हैं। इन सभी को परीक्षा के दिन केंद्र पर सप्लीमेंट्री कागज (पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट) के साथ ढाई घंटे पहले पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। इन सभी का परीक्षा केंद्र पर ई-केवाईसी किया जाएगा। इसके बाद ही इन्हें परीक्षा की अनुमति दी जाएगी। इन सभी अभ्यर्थियों की परीक्षा के बाद भी स्क्रूटनी की जाएगी। परिवहन विभाग की बसों में फ्री यात्रा कर सकेंगे अभ्यर्थी
प्रदेश सरकार ने अभ्यर्थियों को कुछ सहूलियतें भी दी हैं। किसी भी अभ्यर्थी से यूपी की रोडवेज बसों में किराया नहीं लिया जाएगा। उनका एडमिट कार्ड ही उनका टिकट होगा। इसके लिए उन्हें अपने एडमिट कार्ड की छायाप्रति कंडक्टर को देनी होगी। सभी अभ्यर्थियों को 5 मिनट अतिरिक्त समय ओएमआर शीट भरने के लिए दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के डीजी राजीव कृष्णा ने बताया- तैयारी अंतिम चरण में है। छह दिन पहले सभी छात्रों को सिटी आइडेंटिफिकेशन पर्ची जारी कर दी गई है। करीब 39 लाख लोगों ने उसे डाउनलोड किया है। परीक्षा से तीन दिन पहले उन्हें एडमिट कार्ड जारी किया जा रहा है। पहले दिन की परीक्षा के लिए 20 अगस्त को लगभग चार लाख लोगों ने अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए हैं। सुरक्षा बंदोबस्त कुछ ऐसा किया जा रहा है, जिससे कोई साॅल्वर सेंटर में न पहुंचने पाए और अभ्यर्थियों को भी कोई दिक्कत न हो। यह भी पढ़ें:- अयोध्या वाले बोले- भाजपा ने कैंडिडेट नहीं बदला तो हारेगी:मिल्कीपुर में जाति फैक्टर सपा के साथ; गैंगरेप कांड के बाद BJP को लीड अयोध्या एक बार फिर सुर्खियों में है, इस बार वजह राम मंदिर नहीं। बल्कि 40 किमी दूर बसे मिल्कीपुर की वजह से। 10 सीटों के उपचुनाव में मिल्कीपुर हॉट सीट बन चुकी है। पब्लिक की माने तो सुरक्षित सीट का जातिगत फैक्टर फिलहाल सपा के पक्ष में दिख रहा। पढ़ें पूरी खबर… यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में गड़बड़ी रोकने के लिए योगी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रश्नपत्र से लेकर केंद्र की सुरक्षा में एसटीएफ-जिला पुलिस तैनात रहेगी। पहली बार परीक्षा केंद्र के हर रूम में सीसीटीवी से निगरानी होगी। हर सेंटर पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट होगा। मजिस्ट्रेट गजेटेड अधिकारी होगा। पेपर लीक रोकने के लिए 1541 अपराधियों की निगरानी की जा रही है। इनमें ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से विधायक बेदीराम भी शामिल हैं। पेपर प्रिंट से लेकर रिजल्ट बनाने तक की जिम्मेदारी पहली बार चार एजेंसियों को दी गई है। हर जिले में भर्ती बोर्ड की ओर से एक ऑब्जर्वर भेजा जाएगा। इनमें एसपी, एएसपी और डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं। हर परीक्षा केंद्र पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी के साथ संबंधित सेंटर का एक व्यक्ति होगा। 23 अगस्त से शुरू हो रही पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए पहली बार क्या हो रहा है, पढ़िए इस खबर में… सबसे पहले पेपर की बात…
पेपर को डबल लॉक और डबल गार्ड के निगरानी में रखा जाएगा। कोषागार में पेपर आने के बाद अलग-अलग लेयर में अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। पेपर की सुरक्षा संबंधित एजेंसी के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन के राजपत्रित अधिकारी करेंगे। कोषागार में पेपर पहुंचने पर पुलिस के एडिशनल एसपी, अपर जिलाधिकारी और कोषागार इंचार्ज सुरक्षा मानकों को परखेंगे। इसके बाद केंद्रों तक पेपर पहुंचाने का काम शुरू होगा। पेपर के साथ कम से कम एक गजेटेड आफिसर को साथ में लगाया जाएगा। जानकारों की माने तो पेपर और परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्था 360 डिग्री पैमाने पर होगी। किसी भी हाल में अभ्यर्थी या व्यवस्था में लगे लोगों के अलावा कोई अन्य परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंच पाएगा। अब जानिए 4 एजेंसियां क्या-क्या करेंगी
पहले की तरह इस बार एक ही कंपनी को पूरी परीक्षा कराने की जिम्मेदारी नहीं दी गई है। अलग-अलग काम अलग-अलग एजेंसी को सौंपे गए हैं। 1. एजेंसी का काम प्रश्नपत्र तैयार करना, छपवाना और कोषागार तक पहुंचाना होगा।
2. एजेंसी का काम कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पेपर पहुंचाना होगा।
3. एजेंसी परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था देखेगी, जिसमें सिक्योरिटी, फ्रिस्किंग (कपड़ों की तलाशी), बायोमिट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी कैमरे लगाना और उसकी फीड कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराना रहेगी।
4- चौथी एजेंसी ओएमआर शीट की स्कैनिंग चयन बोर्ड के परिसर में ही करेगी और परीक्षा का रिजल्ट चयन बोर्ड को उपलब्ध कराएगी। सभी केंद्रों के सीसीटीवी कैमरे प्रदेश मुख्यालय पर कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्णा के मुताबिक 1154 केंद्रों पर कुल 17 हजार कमरों में यह परीक्षा कराई जाएगी। इसके लिए करीब 20 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। हर परीक्षा केंद्र पर लगा सीसीटीवी कैमरा उस जिले के कलेक्ट्रेट और प्रदेश मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा। सभी परीक्षा केंद्रों में दीवार घड़ी भर्ती बोर्ड की ओर से लगवाई जा रही है, ताकि अभ्यर्थियों को सही समय की जानकारी हो सके। जिलों के साथ-साथ भर्ती बोर्ड के मुख्यालय पर एक-एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह कंट्रोल रूम परीक्षा की निगरानी करेगा। कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर बनाया गया है सेंटर
सरकार ने पेपर लीक होने से बचाने के लिए 19 जून को जो दिशा निर्देश जारी किए थे, उसके मुताबिक कोई भी परीक्षा केंद्र जिले के काेषागार से 10 किलोमीटर से अधिक दूरी पर नहीं होगा। राजीव कृष्णा ने बताया कि पहली बार सभी परीक्षा केंद्र सरकारी या सरकार पोषित शैक्षिक संस्थानों को बनाया गया है। इसमें पहली बार विश्वविद्यालयों को भी शामिल किया गया है, जहां सिपाही भर्ती की परीक्षा कराई जाएगी। 12 साल में जितने परीक्षा संबंधी अपराधी पकड़े गए, सभी रडार पर
ऐसे करीब 1541 अपराधियों की पहचान की गई है, जाे पिछले 12 सालों में किसी न किसी परीक्षाओं में गड़बड़ी करते हुए पकड़े गए हैं। इनमें कई जेल में हैं। एसटीएफ के रडार पर 10 टेलीग्राम चैनल भी हैं, जो सिपाही परीक्षा में अभ्यर्थियों को पास कराने का दावा कर रहे हैं। इस चैनल से जुड़े लोगों पर एसटीएफ नजर रख रही है। पुलिस महानिदेशक ने अपने निर्देश में कहा है कि परीक्षा को लेकर असामाजिक तत्वों को चिह्नित करके जिले की पुलिस से लेकर एसटीएफ सतर्कता बरते। आपस में संवाद बनाए रखें। सत्यापन के दौरान मिले 20 हजार संदिग्ध अभ्यर्थी
आधार सत्यापन के दौरान करीब 20 हजार संदिग्ध अभ्यर्थी पाए गए हैं। इन सभी को परीक्षा के दिन केंद्र पर सप्लीमेंट्री कागज (पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट) के साथ ढाई घंटे पहले पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। इन सभी का परीक्षा केंद्र पर ई-केवाईसी किया जाएगा। इसके बाद ही इन्हें परीक्षा की अनुमति दी जाएगी। इन सभी अभ्यर्थियों की परीक्षा के बाद भी स्क्रूटनी की जाएगी। परिवहन विभाग की बसों में फ्री यात्रा कर सकेंगे अभ्यर्थी
प्रदेश सरकार ने अभ्यर्थियों को कुछ सहूलियतें भी दी हैं। किसी भी अभ्यर्थी से यूपी की रोडवेज बसों में किराया नहीं लिया जाएगा। उनका एडमिट कार्ड ही उनका टिकट होगा। इसके लिए उन्हें अपने एडमिट कार्ड की छायाप्रति कंडक्टर को देनी होगी। सभी अभ्यर्थियों को 5 मिनट अतिरिक्त समय ओएमआर शीट भरने के लिए दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के डीजी राजीव कृष्णा ने बताया- तैयारी अंतिम चरण में है। छह दिन पहले सभी छात्रों को सिटी आइडेंटिफिकेशन पर्ची जारी कर दी गई है। करीब 39 लाख लोगों ने उसे डाउनलोड किया है। परीक्षा से तीन दिन पहले उन्हें एडमिट कार्ड जारी किया जा रहा है। पहले दिन की परीक्षा के लिए 20 अगस्त को लगभग चार लाख लोगों ने अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए हैं। सुरक्षा बंदोबस्त कुछ ऐसा किया जा रहा है, जिससे कोई साॅल्वर सेंटर में न पहुंचने पाए और अभ्यर्थियों को भी कोई दिक्कत न हो। यह भी पढ़ें:- अयोध्या वाले बोले- भाजपा ने कैंडिडेट नहीं बदला तो हारेगी:मिल्कीपुर में जाति फैक्टर सपा के साथ; गैंगरेप कांड के बाद BJP को लीड अयोध्या एक बार फिर सुर्खियों में है, इस बार वजह राम मंदिर नहीं। बल्कि 40 किमी दूर बसे मिल्कीपुर की वजह से। 10 सीटों के उपचुनाव में मिल्कीपुर हॉट सीट बन चुकी है। पब्लिक की माने तो सुरक्षित सीट का जातिगत फैक्टर फिलहाल सपा के पक्ष में दिख रहा। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर