यूपी-बिहार बॉर्डर से सटे यूपी के जिलों और बलिया में नदियों के रास्ते नाव से शराब तस्करी करने वालों के खिलाफ पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। दैनिक भास्कर के खुलासे के बाद बलिया पुलिस ने थाना बैरिया में 7 शराब तस्करों के खिलाफ FIR दर्ज कराई। तस्करों को गिरफ्तारी के लिए छापे मारे जा रहे हैं। कोतवाली बैरिया के चौकी चांददीयर चौकी प्रभारी परमात्मा मिश्रा ने लिखित शिकायत में दीपू सिंह, अर्जुन सिंह और ब्रह्म तिवारी और इनके गुर्गे सनी साहनी और बिहार के रिविलगंज निवासी विकास सिंह, मंटू सिंह और एक शराब के सेल्समैन के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। FIR के मुताबिक, दीपू सिंह, अर्जुन सिंह और ब्रह्म तिवारी के कहने पर सनी साहनी, विकास सिंह और मंटू सिंह और शराब की दुकान के सेल्समैन नाव के जरिए शराब की तस्करी कर रहे हैं। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद शराब कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, भास्कर के खुलासे के बाद आबकारी विभाग भी एक्टिव हो गया है। बलिया के जिला आबकारी अधिकारी ओपी शुक्ला ने जांच करके कार्रवाई की बात कही है। पहले पढ़िए FIR में क्या लिखा है… अब दैनिक भास्कर की बॉर्डर तस्करी पर दो इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट… बिहार में शराबबंदी के बाद से यूपी के बॉर्डर से लगे जिलों से शराब की तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही है। सड़क और ट्रेन में सख्ती बढ़ी तो तस्करों ने पानी का रास्ता अपना लिया है। गंगा और घाघरा से रोजाना लाखों की शराब यूपी से बिहार पहुंचे तस्करों की न केवल पहचान की, बल्कि कैमरे में कैद भी किया। पुलिस और इनको संरक्षण देने वाले नेताओं के रोल को जाना। चाने का सुरक्षित रास्ता बन गया। दैनिक भास्कर की टीम ने 30 दिनों की खोजबीन में पानी के जरिये शराब की तस्करी देखी। साथ ही शराब तस्करी बॉर्डर पर कैसे स्टार्ट अप का रूप ले लिया और युवा उसमें कूद रहे हैं। पहले इस मैप से जानिए शराब की तस्करी का रूट… दोनों नदियों के उस पार बिहार का बॉर्डर
एक तरफ बिहार तो दूसरी तरफ UP का बलिया जिला। गंगा के उस पार बिहार का भोजपुर (आरा) जिला और घाघरा के उस पार छपरा जिला पड़ता है। यह जल सीमा 150 किलोमीटर से ज्यादा है। इसका फायदा दोनों तरफ के तस्कर उठाते हैं। बलिया के तस्कर, बिहार के तस्कर को नाव पर माल उपलब्ध कराते हैं। थाना-चौकी में हिस्सा दीजिए, जितनी चाहे शराब भेजिए
तस्करों से बातचीत से निकलकर आया कि तस्करी का एक हिस्सा पुलिस को जाता है। जिस थाने और चौकी का एरिया लगता है, उससे तस्करों को सेटिंग करनी पड़ती है। एक तस्कर महीने में थाने को कथित रूप से 70 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक देता है, जबकि चौकी 10 से 15 हजार में मैनेज होती है। UP में सबसे बड़ा डर SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) टीम का होता है। यह पूरे जिले में छापा मारती है। इसलिए तस्कर को SOG टीम को भी मैनेज करना पड़ता है। टीम को तस्कर 20 हजार रुपए तक देने का दावा करते हैं। तस्करों को UP और बिहार दोनों तरफ की पुलिस को मैनेज करना पड़ता है। बड़े तस्कर मंथली थाने को रुपए देते हैं, जबकि छोटे तस्कर पेटी के हिसाब से। हमने उन तस्करों से संपर्क किया जो बॉर्डर से शराब बिहार पहुंचाते हैं। बलिया में हमें पता चला कि तस्करी के लिए सबसे बड़ा हब बैरिया तहसील है। हम एक पैडलर से मिले, जो कुछ दिन पहले तक डिपो से शराब की पेटियों को घाट तक पहुंचाता था। अब हमें ऐसे व्यक्ति की तलाश थी, जो शराब तस्करी के लिए तैयार हो और UP का माल बिहार पहुंचाने की गारंटी भी ले। तीन दिन तक लगातार बातचीत के बाद 22 साल का तस्कर सनी साहनी मिलने के लिए तैयार हुआ। रिपोर्टर- शराब बिहार ले जाते होंगे, वहां तो सेटिंग होगी ना?
तस्कर- नाव तक पहुंचाने की मेरी जिम्मेदारी है, उसके आगे की नहीं। उधर वो (बिहार ले जाने वाला तस्कर) अपना जानें। तस्कर- कितनी पेटी रोज दे सकते हो?
रिपोर्टर- 500 पेटी रोज मिल जाएगी। रिपोर्टर- माल में होलोग्राम और बार कोड रहता है?
तस्कर- माल लेते समय ही उसे हटा दिया जाता है। नोट- होलोग्राम और बार कोड पर दुकान और गोदाम का डिटेल रहता है। छापे में ये पकड़े जा सकते हैं। इसलिए तस्कर इसे हटा देते हैं। अब हम बिहार के ऐसे तस्कर की तलाश में थे, जो बल्क में माल लेता हो। हमारे सोर्स ने विकास सिंह से मुलाकात कराई। विकास अपने साथी मंटू सिंह के साथ आया। बलिया के बैरिया थाने में दीपू सिंह सिंह के खिलाफ आबकारी के मामले दर्ज हैं। पूर्व विधायक और SI में दीपू सिंह को लेकर बहस हुई थी। हम जानना चाहते थे कि क्या दीपू सिंह से बिहार के तस्करों का सीधा संपर्क है? एक तस्कर कितनी शराब रोजाना ले रहा है? रिपोर्टर- क्या दीपू सिंह नहीं दे रहे हैं?
तस्कर विकास- फोन आया था, हम लोग वहां से माल नहीं ले रहे। इसकी वजह बिहार में मांझी पुलिस की स्टीमर (सर्चिंग बोट) आ गई है। इसलिए रिस्क नहीं ले रहे। रिपोर्टर- जो घाट आपको सेफ लगे, बाकी हम लोग रेट तय कर लेते हैं, जनवरी से काम शुरू करेंगे?
तस्कर विकास- अगर हमें देंगे तो हम लोग एक दिन में कम से कम 300 से 400 पेटी खींच देंगे। रिपोर्टर- अभी ज्यादा किसकी डिमांड है?
तस्कर विकास- अभी फ्रूटी की ही डिमांड है। गर्मी के दिन आएंगे तो बीयर ज्यादा चलेगी। शराब तस्करों और नेताओं का गठजोड़ हमारी पड़ताल में तस्करों से बातचीत में 3 शराब माफिया के नाम सामने आए। पहला- अर्जुन सिंह, दीपू सिंह और दूसरा- ब्रह्म तिवारी। दीपू सिंह के संबंध पूर्व भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह के साथ बताए गए हैं। ये पूर्व विधायक के समर्थक हैं। दीपू के खिलाफ शराब तस्करी समेत 5 केस बैरिया थाने में दर्ज हैं। 12 जनवरी को बैरिया थाने के थाना प्रभारी और पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह का वीडियो सामने आया। जिसमें दोनों में बहस हो रही है। थाना प्रभारी कहते हैं कि आप शराब तस्कर दीपू की पैरवी करते हैं। पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह के साथ शराब तस्कर दीपू की फोटो भी हमें मिली। हालांकि, सुरेंद्र सिंह अपने बयानों में हमेशा शराब के खिलाफ रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले को अच्छा बता चुके हैं। —————————
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UP में नाव से शराब तस्करी पहली बार देखिए तस्करी का रूट समझने के लिए हम बलिया पहुंचे। बलिया दाे तरफ से गंगा और घाघरा नदी से घिरा है। इस एरिया को दोआबा कहते हैं। इन इलाकों में खनन और शराब तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। पूरी खबर पढ़ें… UP-बिहार बॉर्डर पर शराब तस्करी में नौकरी से ज्यादा पैसा मैं 16 साल की उम्र से शराब तस्करी कर रहा हूं। इस धंधे में हमने कई लोगों को खड़ा किया। कुछ लोग तो जेल में हैं, लेकिन हम कभी जेल नहीं गए। जब से शराबबंदी हुई है, हमने खूब पैसा कमाया। ये कहना है 22 साल के शराब तस्कर सनी साहनी का। पूरी खबर पढ़ें… यूपी-बिहार बॉर्डर से सटे यूपी के जिलों और बलिया में नदियों के रास्ते नाव से शराब तस्करी करने वालों के खिलाफ पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। दैनिक भास्कर के खुलासे के बाद बलिया पुलिस ने थाना बैरिया में 7 शराब तस्करों के खिलाफ FIR दर्ज कराई। तस्करों को गिरफ्तारी के लिए छापे मारे जा रहे हैं। कोतवाली बैरिया के चौकी चांददीयर चौकी प्रभारी परमात्मा मिश्रा ने लिखित शिकायत में दीपू सिंह, अर्जुन सिंह और ब्रह्म तिवारी और इनके गुर्गे सनी साहनी और बिहार के रिविलगंज निवासी विकास सिंह, मंटू सिंह और एक शराब के सेल्समैन के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। FIR के मुताबिक, दीपू सिंह, अर्जुन सिंह और ब्रह्म तिवारी के कहने पर सनी साहनी, विकास सिंह और मंटू सिंह और शराब की दुकान के सेल्समैन नाव के जरिए शराब की तस्करी कर रहे हैं। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद शराब कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, भास्कर के खुलासे के बाद आबकारी विभाग भी एक्टिव हो गया है। बलिया के जिला आबकारी अधिकारी ओपी शुक्ला ने जांच करके कार्रवाई की बात कही है। पहले पढ़िए FIR में क्या लिखा है… अब दैनिक भास्कर की बॉर्डर तस्करी पर दो इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट… बिहार में शराबबंदी के बाद से यूपी के बॉर्डर से लगे जिलों से शराब की तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही है। सड़क और ट्रेन में सख्ती बढ़ी तो तस्करों ने पानी का रास्ता अपना लिया है। गंगा और घाघरा से रोजाना लाखों की शराब यूपी से बिहार पहुंचे तस्करों की न केवल पहचान की, बल्कि कैमरे में कैद भी किया। पुलिस और इनको संरक्षण देने वाले नेताओं के रोल को जाना। चाने का सुरक्षित रास्ता बन गया। दैनिक भास्कर की टीम ने 30 दिनों की खोजबीन में पानी के जरिये शराब की तस्करी देखी। साथ ही शराब तस्करी बॉर्डर पर कैसे स्टार्ट अप का रूप ले लिया और युवा उसमें कूद रहे हैं। पहले इस मैप से जानिए शराब की तस्करी का रूट… दोनों नदियों के उस पार बिहार का बॉर्डर
एक तरफ बिहार तो दूसरी तरफ UP का बलिया जिला। गंगा के उस पार बिहार का भोजपुर (आरा) जिला और घाघरा के उस पार छपरा जिला पड़ता है। यह जल सीमा 150 किलोमीटर से ज्यादा है। इसका फायदा दोनों तरफ के तस्कर उठाते हैं। बलिया के तस्कर, बिहार के तस्कर को नाव पर माल उपलब्ध कराते हैं। थाना-चौकी में हिस्सा दीजिए, जितनी चाहे शराब भेजिए
तस्करों से बातचीत से निकलकर आया कि तस्करी का एक हिस्सा पुलिस को जाता है। जिस थाने और चौकी का एरिया लगता है, उससे तस्करों को सेटिंग करनी पड़ती है। एक तस्कर महीने में थाने को कथित रूप से 70 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक देता है, जबकि चौकी 10 से 15 हजार में मैनेज होती है। UP में सबसे बड़ा डर SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) टीम का होता है। यह पूरे जिले में छापा मारती है। इसलिए तस्कर को SOG टीम को भी मैनेज करना पड़ता है। टीम को तस्कर 20 हजार रुपए तक देने का दावा करते हैं। तस्करों को UP और बिहार दोनों तरफ की पुलिस को मैनेज करना पड़ता है। बड़े तस्कर मंथली थाने को रुपए देते हैं, जबकि छोटे तस्कर पेटी के हिसाब से। हमने उन तस्करों से संपर्क किया जो बॉर्डर से शराब बिहार पहुंचाते हैं। बलिया में हमें पता चला कि तस्करी के लिए सबसे बड़ा हब बैरिया तहसील है। हम एक पैडलर से मिले, जो कुछ दिन पहले तक डिपो से शराब की पेटियों को घाट तक पहुंचाता था। अब हमें ऐसे व्यक्ति की तलाश थी, जो शराब तस्करी के लिए तैयार हो और UP का माल बिहार पहुंचाने की गारंटी भी ले। तीन दिन तक लगातार बातचीत के बाद 22 साल का तस्कर सनी साहनी मिलने के लिए तैयार हुआ। रिपोर्टर- शराब बिहार ले जाते होंगे, वहां तो सेटिंग होगी ना?
तस्कर- नाव तक पहुंचाने की मेरी जिम्मेदारी है, उसके आगे की नहीं। उधर वो (बिहार ले जाने वाला तस्कर) अपना जानें। तस्कर- कितनी पेटी रोज दे सकते हो?
रिपोर्टर- 500 पेटी रोज मिल जाएगी। रिपोर्टर- माल में होलोग्राम और बार कोड रहता है?
तस्कर- माल लेते समय ही उसे हटा दिया जाता है। नोट- होलोग्राम और बार कोड पर दुकान और गोदाम का डिटेल रहता है। छापे में ये पकड़े जा सकते हैं। इसलिए तस्कर इसे हटा देते हैं। अब हम बिहार के ऐसे तस्कर की तलाश में थे, जो बल्क में माल लेता हो। हमारे सोर्स ने विकास सिंह से मुलाकात कराई। विकास अपने साथी मंटू सिंह के साथ आया। बलिया के बैरिया थाने में दीपू सिंह सिंह के खिलाफ आबकारी के मामले दर्ज हैं। पूर्व विधायक और SI में दीपू सिंह को लेकर बहस हुई थी। हम जानना चाहते थे कि क्या दीपू सिंह से बिहार के तस्करों का सीधा संपर्क है? एक तस्कर कितनी शराब रोजाना ले रहा है? रिपोर्टर- क्या दीपू सिंह नहीं दे रहे हैं?
तस्कर विकास- फोन आया था, हम लोग वहां से माल नहीं ले रहे। इसकी वजह बिहार में मांझी पुलिस की स्टीमर (सर्चिंग बोट) आ गई है। इसलिए रिस्क नहीं ले रहे। रिपोर्टर- जो घाट आपको सेफ लगे, बाकी हम लोग रेट तय कर लेते हैं, जनवरी से काम शुरू करेंगे?
तस्कर विकास- अगर हमें देंगे तो हम लोग एक दिन में कम से कम 300 से 400 पेटी खींच देंगे। रिपोर्टर- अभी ज्यादा किसकी डिमांड है?
तस्कर विकास- अभी फ्रूटी की ही डिमांड है। गर्मी के दिन आएंगे तो बीयर ज्यादा चलेगी। शराब तस्करों और नेताओं का गठजोड़ हमारी पड़ताल में तस्करों से बातचीत में 3 शराब माफिया के नाम सामने आए। पहला- अर्जुन सिंह, दीपू सिंह और दूसरा- ब्रह्म तिवारी। दीपू सिंह के संबंध पूर्व भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह के साथ बताए गए हैं। ये पूर्व विधायक के समर्थक हैं। दीपू के खिलाफ शराब तस्करी समेत 5 केस बैरिया थाने में दर्ज हैं। 12 जनवरी को बैरिया थाने के थाना प्रभारी और पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह का वीडियो सामने आया। जिसमें दोनों में बहस हो रही है। थाना प्रभारी कहते हैं कि आप शराब तस्कर दीपू की पैरवी करते हैं। पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह के साथ शराब तस्कर दीपू की फोटो भी हमें मिली। हालांकि, सुरेंद्र सिंह अपने बयानों में हमेशा शराब के खिलाफ रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले को अच्छा बता चुके हैं। —————————
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UP में नाव से शराब तस्करी पहली बार देखिए तस्करी का रूट समझने के लिए हम बलिया पहुंचे। बलिया दाे तरफ से गंगा और घाघरा नदी से घिरा है। इस एरिया को दोआबा कहते हैं। इन इलाकों में खनन और शराब तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। पूरी खबर पढ़ें… UP-बिहार बॉर्डर पर शराब तस्करी में नौकरी से ज्यादा पैसा मैं 16 साल की उम्र से शराब तस्करी कर रहा हूं। इस धंधे में हमने कई लोगों को खड़ा किया। कुछ लोग तो जेल में हैं, लेकिन हम कभी जेल नहीं गए। जब से शराबबंदी हुई है, हमने खूब पैसा कमाया। ये कहना है 22 साल के शराब तस्कर सनी साहनी का। पूरी खबर पढ़ें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
यूपी-बिहार बॉर्डर पर 7 शराब तस्करों के खिलाफ FIR:दैनिक भास्कर के खुलासे के बाद एक्शन में पुलिस, शराब तस्कर फरार हुए
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