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बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, जानें जमीयत उलेमा ए हिन्द की प्रतिक्रिया
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, जानें जमीयत उलेमा ए हिन्द की प्रतिक्रिया <p style=”text-align: justify;”><strong>Supreme Court on Bulldozer Action:</strong> बुलडोजर एक्शन पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जमीयत उलेमा ए हिन्द यूपी के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी की प्रतिक्रिया सामने आई है. मौलान काब रशीदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने लाखों लोगों के घरों को उजड़ने से बचाया है और इस देश में न्याय के प्रति लोगों की आस्था को और मजबूत किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें जो संविधान को अपने पैरों के नीचे रौंद कर लोगों के घरों पर बुलडोजर चला रही थी, उनको सुप्रीम कोर्ट ने आईना दिखाने का काम किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना ने कहा कि किसी एक आदमी की वजह से आप उसके पूरे परिवार के घर को बुलडोजर से गिरा दोगे ये अधिकार आपको किसी ने नहीं दिया है. जमीयत उलेमा ए हिन्द शुरू से ही इसका विरोध कर रहा था और सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर राज्य सरकारों से कहा है कि आप लोगों के राइट टू शेल्टर के बुनियादी अधिकार को नजर अंदाज नहीं कर सकते और इस तरह लोगों के घरों को बुलडोजर से नहीं गिरा सकते. अगर कोई अधिकारी बुलडोजर की कार्रवाई करेगा तो उसकी जिम्मेदारी तय होगी और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना काब रशीदी ने कहा की सबसे अधिक मुसलमानों के घर और दुकानें बुलडोजर से गिराए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अत्याचार, अन्याय और दुष्प्रचार के फैसलों पर सबसे बड़ा बुलडोजर चलाया है, जितने लोग संविधान को पैरों तले कुचल कर एक समुदाय को निशाना बना रहे थे सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने इन सब को एक कटघरे में खड़ा कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जमीयत उलेमा ए हिन्द ने ऐतिहासिक जीत हासिल की </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना ने कहा राज्य सरकारों में प्रतिस्पर्धा चल रही थी की कौन सा मुख्यमंत्री कौन से प्रदेश में सबसे अधिक मुसलमानों के घरों को बुलडोजर से गिराएगा. जमीयत उलेमा ए हिन्द ने इस मामले में ऐतिहासिक जीत हासिल की है और हम ने लाखों लोगों के घरों को उजड़ने से बचा लिया है. हम सुप्रीम कोर्ट का दिल से शुक्रिया अदा करना चाहेंगे कि उन्होंने देश के सबसे कमजोर समुदाय को यह एहसास दिलाया है कि आप इस देश में अकेले नहीं हैं देश का सुप्रीम कोर्ट आपके उज्वल भविष्य के लिए आपके साथ खड़ा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह कानून के शासन का उल्लंघन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर न्याय पर बड़ा फैसला सुनाया है, सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से लोगों के घर गिराए जाने को असंवैधानिक बताया है. अदालत ने कहा कि यदि कार्यपालिका किसी व्यक्ति का मकान केवल इस आधार पर गिरा देती है कि वह अभियुक्त है, तो यह कानून के शासन का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा की यहां तक कि गंभीर अपराधों के आरोपी और दोषी के खिलाफ भी बुलडोजर की कार्रवाई बिना नियम का पालन किए नहीं की जा सकती. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत आवश्यक शर्त- मौलाना रशीदी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना ने कहा कि कोर्ट ने कहा कानून का शासन, नागरिकों के अधिकार और प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत आवश्यक शर्त है. अगर किसी संपत्ति को केवल इसलिए ध्वस्त कर दिया जाता है क्योंकि व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है तो यह पूरी तरह से असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट के बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन के पीठ ने ये फैसला सुनाया अपने फैसले में जस्टिस गवई ने कहा कि किसी का घर उसकी उम्मीद होती है. हर किसी का सपना होता है कि उसका आश्रय कभी न छिने, हर आदमी की उम्मीद होती है कि उसके पास आश्रय हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uppsc-protest-keshav-prasad-maurya-statement-amid-allegations-of-forceful-removal-of-students-in-prayagraj-2822915″>UPPSC Protest: प्रयागराज में छात्रों को जबरन हटाने के आरोपों के बीच केशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान, किया ये दावा</a></strong></p>
लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर की मांग पर सुखदेव गोगामेड़ी की पत्नी शीला का राज शेखावत को चैलेंज, ‘बाजुओं में ताकत है तो…’
लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर की मांग पर सुखदेव गोगामेड़ी की पत्नी शीला का राज शेखावत को चैलेंज, ‘बाजुओं में ताकत है तो…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Lawrence Bishnoi News: </strong>क्षत्रिय करणी सेना के अध्यक्ष राज शेखावत ने हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी को एक करोड़ रुपये से ज्यादा का इनाम देने की घोषणा की थी. वहीं अब राज शेखावत के बयान पर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की पत्नी शीला गोगामेड़ी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि यह बयान सस्ती लोकप्रियता के लिए दिया गया है. यह भ्रमित करने वाला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शीला गोगामेड़ी ने आगे कहा, “इनाम रखने से क्या होता है, अगर आपके बाजुओं में ताकत है तो इनाम के बगैर किसी को जाकर मारिए. एनकाउंटर का टारगेट पुलिस वाले को दे रहे हैं. ऐसे थोड़े एनकाउंटर होता है. एनकाउंटर की कोई विधि प्रकिया होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साथ ही राज शेखावत के इनाम की घोषणा पर उन्होंने कहा, “हमारी उनसे अभी बात नहीं हुई हैं, लेकिन हमारे लोगों ने उसने बात की तो उन्होंने कहा मुझे जो सही लगा मैंने बोला दिया.” उन्होंने कहा, “ये बयान सस्ती लोकप्रियता के लिए दिया गया है. लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर नहीं हो सकता है, क्योंकि बिश्नोई पुलिस की गिरफ्त में है और पुलिस प्रशासन ऐसा नहीं करेगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ब्रांड की कॉपियां तो निकलती ही हैं- शीला</strong><br />वहीं अलग-अलग करणी सेना के होने पर शीला गोगामेड़ी ने कहा, “ब्रांड की कॉपियां तो निकलती ही हैं. हमारे बीच मतभेद हो सकता है, लेकिन मनभेद नहीं हो सकता है. अगर किसी को भी न्याय दिलाने की बात आएगी तो करणी सेना हमेशा एक साथ एकजुट होकर रहेगी, इसके लिए चाहे हमें अपना ही बलिदान क्यों न देना पड़े.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शीला गोगामेड़ी के पत्नी को मिली थी धमकी</strong><br />सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के पत्नी ने दावा किया कि कुछ दिन पहले उन्हें भी धमकी भरा मैसेज आया था. मैसेज भेजने वाले ने लिखा था, “करणी सेना का काम बंद कर दो नहीं तो जैसे सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को घर में घुसकर मारा था, वैसे तुमको भी मार देंगे. ” बता दें कि करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या पिछले साल जयपुर में कर दी गई थी. इसका आरोप लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर लगा है.</p>
CM की सीट पर खट्टर समर्थकों का पेंच:नायब सैनी करनाल से ही लड़ने के इच्छुक; केंद्रीय मंत्री के करीबी लाडवा भेजने के पक्ष में
CM की सीट पर खट्टर समर्थकों का पेंच:नायब सैनी करनाल से ही लड़ने के इच्छुक; केंद्रीय मंत्री के करीबी लाडवा भेजने के पक्ष में हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अभी तक न कांग्रेस और न ही BJP उम्मीदवारों का ऐलान कर पाई है। दोनों पार्टियों में मीटिंगों का दौर जारी है। हर बार की तरह इस बार भी करनाल सीट पर सबकी नजरें हैं। इसका कारण ये है कि करनाल सीट 10 सालों से सीएम सिटी है। पहले मनोहर लाल खट्टर तो फिर नायब सैनी यहां से चुनाव जीते, लेकिन इस बार के चुनाव में खट्टर खेमा एक्टिव हो गया है और चाह रहा है कि नायब सैनी करनाल से ना लड़कर लाडवा से चुनाव लड़ें, जबकि नायब सैनी करनाल से ही चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। यहां हलचल सीएम नायब सैनी के बयान के बाद शुरू हुई है। उन्होंने बीते शुक्रवार को करनाल में रोड शो के दौरान कहा कि मैं करनाल से ही चुनाव लड़ना चाहता हूं। जिसके बाद से ही खट्टर खेमा कह रहा है कि नायब सैनी लाडवा से ही लड़ेंगे और यह फैसला भाजपा संगठन कर चुका है। खट्टर खेमा करनाल सीट पर एक लोकल उम्मीदवार को उतारने के पक्ष में है और इसके लिए लगातार लॉबिंग कर रहा है। वहीं पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने करनाल सीट पर एक सर्वे भी कराया है। जिसमें करनाल सीट को सैनी के लिए सुरक्षित नहीं माना गया। सैनी के लिए लाडवा सीट सेफ मानी जा रही है, जहां सैनी समाज और ओबीसी वोटरों की संख्या है। करनाल सीट छोड़ने के पीछे के 3 कारण…. 1. बाहरी उम्मीदवार होने से चुनौती
करनाल विधानसभा सीट पर पिछले 10 सालों से भाजपा का कब्जा है, लेकिन यहां से विधायक हमेशा बाहरी ही रहा है। पहले मनोहर लाल खट्टर और फिर नायब सैनी, दोनों ही मुख्यमंत्री रहे, जिसके चलते वे आम जनता के बीच ज्यादा समय नहीं बिता पाए। इस बार जनता को उम्मीद है कि उन्हें एक ऐसा स्थानीय विधायक मिलेगा, जो उनकी समस्याओं को समझेगा और उनके बीच रहेगा। लोकल नेताओं की अनदेखी होने के कारण इस सीट पर सैनी के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। 2. पंजाबी वोटर ज्यादा, OBC कम
करनाल में करीब 63 हजार पंजाबी समाज के वोट हैं। जिनके आधार पर मनोहर लाल खट्टर यहां से दो बार विधायक बने। नायब सैनी सैनी समाज से आते हैं। जिनका करनाल में वोट बैंक मात्र 5800 के करीब है। जातीय समीकरण भी इस सीट पर सैनी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। इसी वजह से खट्टर खेमा सैनी को लाडवा से चुनाव लड़ने के लिए दबाव बना रहा है। 3. बाहरी विधायक पर नाराजगी
पिछले 10 सालों से बाहरी विधायक बनता आ रहा है, जिससे स्थानीय नेताओं में नाराजगी है। यह नाराजगी लोकसभा चुनाव के दौरान खुलकर सामने आई थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक सुखीजा और शमशेर नैन ने खुलकर विरोध किया। शमशेर नैन ने उपचुनाव में नायब सैनी के खिलाफ नामांकन दाखिल किया था, हालांकि बाद में सैनी ने उन्हें मना लिया। स्थानीय नेताओं में बाहरी उम्मीदवारों के प्रति असंतोष अब भी कायम है, जो सैनी के लिए चुनौती साबित हो सकता है। नायब सैनी के लिए क्यों सेफ सीट लाडवा
लाडवा विधानसभा को नायब सैनी के लिए सुरक्षित सीट के रूप में देखा जा रहा है। इस विधानसभा में 1 लाख 95 हजार से ज्यादा वोट हैं। जिसमें 50 हजार वोट जाट समाज की हैं। इसके अलावा सैनी समाज के 47 हजार से ज्यादा वोट हैं। 90 हजार से ज्यादा OBC वर्ग के वोट हैं। OBC वर्ग और खास तौर पर सैनी समुदाय के वोट बैंक की वजह से यह सीएम के लिए फेवरेट सीट मानी जा रही है। भाजपा नेतृत्व भी चाहता है कि सैनी लाडवा से ही चुनाव लड़ें, ताकि पार्टी को किसी तरह का नुकसान न हो। करनाल सीट के प्रमुख दावेदार खट्टर खेमा की रणनीति
करनाल सीट पर खट्टर खेमा के कुछ प्रमुख दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। जिनमें पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता, अशोक सुखीजा, मुकेश अरोड़ा, और जगमोहन आनंद शामिल हैं। खट्टर खेमा इनमें से किसी एक को टिकट दिलवाकर इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहता है। खट्टर खेमे का मानना है कि एक स्थानीय उम्मीदवार से जनता की अपेक्षाएं पूरी होंगी और पार्टी को मजबूती मिलेगी। राजनीतिक विशेषज्ञ क्या बोले…
राजनीतिक विशेषज्ञ व DAV कॉलेज के प्रिंसिपल आरपी सैनी का मानना है कि करनाल में भाजपा के भीतर मची खींचतान पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। इससे असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। अब देखना यह होगा कि पार्टी इस चुनौती से कैसे निपटती है।