अक्टूबर का महीना बिना ठंड की शुरुआत के ही गुजर गया। राज्य में अब नवंबर महीने को लेकर भी मौसम विभाग ने ठंड कम रहने का अनुमान जताया है। पूरे नवंबर राज्य में अधिकतम तापमान कहीं सामान्य तो कहीं सामान्य से अधिक बना रहेगा। मौसम विभाग की माने तो पूरे भारत में यह अक्टूबर का महीना साल 1901 के बाद सबसे गर्म रहा है। पूरे महीने में औसत तापमान सामान्य से 1.23 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। नवंबर महीने में राज्य में कैसा रहेगा मौसम और कितनी ठंड पड़ेगी, इस रिपोर्ट में पढ़िए- नवंबर महीने में न्यूनतम तापमान औसत से अधिक रहेगा
लखनऊ मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद दानिश से नवंबर में ठंड को लेकर सवाल पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा- यूपी में नवंबर के महीने में इस बार कम ठंड पड़ेगी। इस बार अक्टूबर भी पिछले कुछ सालों के मुकाबले गर्म रहा है। पूरे नवंबर महीने में भी औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। औसत अधिकतम तापमान भी राज्य में कुछ जगहों पर सामान्य तो कुछ जगहों पर सामान्य से अधिक रहेगा। इसके पीछे वो पश्चिमी विक्षोभ और ला-नीना के सक्रिय ना होने को वजह बताते हैं। अब जानिए औसत अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्या होता है?
मौसम विभाग के मुताबिक यूपी का औसत दैनिक तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। गर्मियों में अधिकतम औसत तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच जाता है। वहीं ठंड में अधिकतम औसत तापमान 20 से 25 या 26 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। ठंड में औसत न्यूनतम तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। यहां ध्यान रखना जरूरी है कि पूरे भारत का भूगोल एक जैसा नहीं है। इस वजह से तापमान को लेकर भी अलग-अलग कैटेगरी हैं। पूरे भारत की बात करें तो सामान्य तापमान -2°C से 40°C के बीच होता है। अब इसमें बर्फ से ढके पहाड़ी राज्य और दक्षिण के शुष्क मौसम वाले प्रदेश सब आ जाते हैं। उत्तर से दक्षिण तक जाने पर पता चलता है कि जगहों की भौगोलिक स्थिति और आबोहवा के हिसाब से वहां का सामान्य तापमान भी अलग रहता है। बात उत्तर प्रदेश की करें तो यह उत्तर भारत में पड़ता है। साथ ही इसकी गिनती उत्तर भारत के ठंड वाले क्षेत्रों में से एक है। ला-नीना का असर क्या है, जिसकी वजह से नवंबर गर्म रहेगा
ला-नीना एक जलवायु पैटर्न है। इसका दुनिया भर के मौसम पर असर पड़ता है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इसमें पानी भाप बनकर ऊपर जाता है और आसमान में बादल छा जाते हैं और फिर बारिश होती है। भारत में कम और ज्यादा बारिश, ठंडी और गर्मी ला-नीना पर ही निर्भर करती है। भारत में ‘ला-नीना’ की वजह से ज्यादा ठंड और बारिश की संभावना होती है। ला-नीना के ही एक्टिव होने से उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ती है। ला-नीना नवंबर में न्यूट्रल, दिसंबर-जनवरी में एक्टिव हो सकता है
सितंबर महीने में मौसम विभाग ने इसी ला-नीना के अक्टूबर में एक्टिव होने का अनुमान जताया था। मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश कहते हैं कि लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब नवंबर महीने में भी ला-नीना एक्टिव होने के आसार नहीं दिख रहे। यही वजह है कि नवंबर में भी ठंड नहीं बढ़ेगी। वो कहते हैं कि अगर नवंबर के बाद ला-नीना सक्रिय होता है तो दिसंबर और जनवरी में जैसी ठंड होती है, वो पड़ेगी। नवंबर महीने में अभी ला-नीना न्यूट्रल फेज में है। लेकिन इसके आसार हैं कि आने वाले महीनों में ला-नीना एक्टिव हो जाए और उत्तर भारत समेत यूपी में भी कड़ाके की ठंड पड़ने लगे। अक्टूबर के गर्म रहने के पीछे पश्चिमी विक्षोभ का एक्टिव ना रहना
मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश इस बार अक्टूबर के गर्म रहने की वजह पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव ना रहने को बताते हैं। वो कहते हैं कि पिछले कुछ सालों के मुकाबले इस बार पश्चिमी विक्षोभ की एक्टिविटी कम रही। इस वजह से अक्टूबर महीने में तापमान में कमी नहीं आई। मौसम विशेषज्ञ डॉ एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि अक्टूबर में औसत तापमान 26.92 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1901 के बाद से सबसे गर्म तापमान है। जबकि सामान्य तापमान 25.69 डिग्री सेल्सियस होता है। न्यूनतम तापमान भी पूरे देश के सामान्य तापमान 20.01 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले 21.85 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ———————————– मौसम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें 123 साल बाद अक्टूबर सबसे गर्म रहा, साल 1901 के बाद अक्टूबर में नहीं आई सर्दी अक्टूबर का महीना खत्म हो गया है, लेकिन कानपुर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में सर्दी ने अभी तक दस्तक नहीं दी है। मौसम विभाग ने बताया कि भारत में अक्टूबर माह वर्ष-1901 के बाद सबसे गर्म रहा।इस महीने में औसत तापमान सामान्य से 1.23 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। पूरी खबर पढ़ें… अक्टूबर का महीना बिना ठंड की शुरुआत के ही गुजर गया। राज्य में अब नवंबर महीने को लेकर भी मौसम विभाग ने ठंड कम रहने का अनुमान जताया है। पूरे नवंबर राज्य में अधिकतम तापमान कहीं सामान्य तो कहीं सामान्य से अधिक बना रहेगा। मौसम विभाग की माने तो पूरे भारत में यह अक्टूबर का महीना साल 1901 के बाद सबसे गर्म रहा है। पूरे महीने में औसत तापमान सामान्य से 1.23 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। नवंबर महीने में राज्य में कैसा रहेगा मौसम और कितनी ठंड पड़ेगी, इस रिपोर्ट में पढ़िए- नवंबर महीने में न्यूनतम तापमान औसत से अधिक रहेगा
लखनऊ मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद दानिश से नवंबर में ठंड को लेकर सवाल पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा- यूपी में नवंबर के महीने में इस बार कम ठंड पड़ेगी। इस बार अक्टूबर भी पिछले कुछ सालों के मुकाबले गर्म रहा है। पूरे नवंबर महीने में भी औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। औसत अधिकतम तापमान भी राज्य में कुछ जगहों पर सामान्य तो कुछ जगहों पर सामान्य से अधिक रहेगा। इसके पीछे वो पश्चिमी विक्षोभ और ला-नीना के सक्रिय ना होने को वजह बताते हैं। अब जानिए औसत अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्या होता है?
मौसम विभाग के मुताबिक यूपी का औसत दैनिक तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। गर्मियों में अधिकतम औसत तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच जाता है। वहीं ठंड में अधिकतम औसत तापमान 20 से 25 या 26 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। ठंड में औसत न्यूनतम तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। यहां ध्यान रखना जरूरी है कि पूरे भारत का भूगोल एक जैसा नहीं है। इस वजह से तापमान को लेकर भी अलग-अलग कैटेगरी हैं। पूरे भारत की बात करें तो सामान्य तापमान -2°C से 40°C के बीच होता है। अब इसमें बर्फ से ढके पहाड़ी राज्य और दक्षिण के शुष्क मौसम वाले प्रदेश सब आ जाते हैं। उत्तर से दक्षिण तक जाने पर पता चलता है कि जगहों की भौगोलिक स्थिति और आबोहवा के हिसाब से वहां का सामान्य तापमान भी अलग रहता है। बात उत्तर प्रदेश की करें तो यह उत्तर भारत में पड़ता है। साथ ही इसकी गिनती उत्तर भारत के ठंड वाले क्षेत्रों में से एक है। ला-नीना का असर क्या है, जिसकी वजह से नवंबर गर्म रहेगा
ला-नीना एक जलवायु पैटर्न है। इसका दुनिया भर के मौसम पर असर पड़ता है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इसमें पानी भाप बनकर ऊपर जाता है और आसमान में बादल छा जाते हैं और फिर बारिश होती है। भारत में कम और ज्यादा बारिश, ठंडी और गर्मी ला-नीना पर ही निर्भर करती है। भारत में ‘ला-नीना’ की वजह से ज्यादा ठंड और बारिश की संभावना होती है। ला-नीना के ही एक्टिव होने से उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ती है। ला-नीना नवंबर में न्यूट्रल, दिसंबर-जनवरी में एक्टिव हो सकता है
सितंबर महीने में मौसम विभाग ने इसी ला-नीना के अक्टूबर में एक्टिव होने का अनुमान जताया था। मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश कहते हैं कि लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब नवंबर महीने में भी ला-नीना एक्टिव होने के आसार नहीं दिख रहे। यही वजह है कि नवंबर में भी ठंड नहीं बढ़ेगी। वो कहते हैं कि अगर नवंबर के बाद ला-नीना सक्रिय होता है तो दिसंबर और जनवरी में जैसी ठंड होती है, वो पड़ेगी। नवंबर महीने में अभी ला-नीना न्यूट्रल फेज में है। लेकिन इसके आसार हैं कि आने वाले महीनों में ला-नीना एक्टिव हो जाए और उत्तर भारत समेत यूपी में भी कड़ाके की ठंड पड़ने लगे। अक्टूबर के गर्म रहने के पीछे पश्चिमी विक्षोभ का एक्टिव ना रहना
मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश इस बार अक्टूबर के गर्म रहने की वजह पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव ना रहने को बताते हैं। वो कहते हैं कि पिछले कुछ सालों के मुकाबले इस बार पश्चिमी विक्षोभ की एक्टिविटी कम रही। इस वजह से अक्टूबर महीने में तापमान में कमी नहीं आई। मौसम विशेषज्ञ डॉ एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि अक्टूबर में औसत तापमान 26.92 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1901 के बाद से सबसे गर्म तापमान है। जबकि सामान्य तापमान 25.69 डिग्री सेल्सियस होता है। न्यूनतम तापमान भी पूरे देश के सामान्य तापमान 20.01 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले 21.85 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ———————————– मौसम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें 123 साल बाद अक्टूबर सबसे गर्म रहा, साल 1901 के बाद अक्टूबर में नहीं आई सर्दी अक्टूबर का महीना खत्म हो गया है, लेकिन कानपुर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में सर्दी ने अभी तक दस्तक नहीं दी है। मौसम विभाग ने बताया कि भारत में अक्टूबर माह वर्ष-1901 के बाद सबसे गर्म रहा।इस महीने में औसत तापमान सामान्य से 1.23 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। पूरी खबर पढ़ें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
यूपी में नवंबर महीने में कम पड़ेगी ठंड:दिसंबर-जनवरी में बढ़ेगी ठिठुरन; 60 साल पहले माइनस में गया था तापमान
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