नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गाजियाबाद के मुरादनगर से पुरकाजी तक कांवड़ मार्ग के निर्माण के लिए हजारों पेड़ों की अवैध कटाई पर नाराजगी जताई है। एनजीटी ने पेड़ों की अवैध कटाई की जांच के लिए चार सदस्यीय पैनल गठित किया है। साथ ही यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को पेड़ों की अवैध कटाई रोकने के निर्देश दिए हैं। मुरादनगर से पुरकाजी तक 111 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। कांवड़ रोड के निर्माण के लिए गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर के तीन वन प्रभागों में संरक्षित वन क्षेत्र में एक लाख से अधिक पेड़ों और झाड़ियों की कथित कटाई की जा रही है। इस मामले में दायर याचिका पर एनजीटी में सुनवाई चल रही है। मामले में 9 अगस्त को जारी आदेश में एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने जेसीबी मशीनों से उखाड़े गए पेड़ों की तस्वीरें और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के लखनऊ क्षेत्र कार्यालय की 2010 की निरीक्षण रिपोर्ट दायर की थी। जिसमें पहले इसी खंड पर आठ लेन एक्सप्रेसवे बनाने के यूपी सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। पिछली रिपोर्ट में रेखांकित किया गया था कि एक्सप्रेसवे ऊपरी गंगा नहर के किनारे वनस्पति को बहुत नुकसान पहुंचेगा और वन्य जीवों के आवास को परेशान करेगा। रिपोर्ट में एक्सप्रेसवे की व्यावहारिकता पर भी सवाल उठाया गया है। कहा गया है कि एनएच-58 के माध्यम से गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड से जोड़ने वाली पहले से ही दो सड़कें हैं। ऊपरी गंगा नहर के बाएं किनारे पर एक कांवड़ रोड है। ट्रिब्यूनल ने कहा, यह स्पष्ट नहीं है कि नया निर्णय लेते समय 2010 की पिछली रिपोर्ट और उसमें दर्ज निष्कर्ष पर विचार किया गया था या नहीं। याचिकाकर्ताओं के वकील आकाश वशिष्ठ ने कहा, यह ऊपरी गंगा नहर पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जीवन रेखा है। इसे देश के भोजन का कटोरा भी कहा जाता है। यहां सड़क बनाने से हाइड्रोलॉजिकल संबंध खो जाएगा। अगले पांच-छह साल में नहर ही सूख जाएंगी। उन्होंने कहा कांवड़ मार्ग के लिए 1.12 लाख पेड़ों की कटाई की जानी है। जबकि हर पेड़ कीमती है और उसे बचाने की जरूरत है। सहायक सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कांवड़ मार्ग के लिए निर्माण के लिए लगभग 33,000 पेड़ काटे जाने हैं। जिनमें से 17,450 पेड़ पहले ही काटे जा चुके थे। ट्रिब्यूनल ने कहा बड़ी संख्या में पेड़ों को काटने का प्रस्ताव है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि पेड़ों की अवैध या अधिक कटाई न हो। पेड़ों की अनावश्यक कटाई के संबंध में वर्तमान स्थिति का भी पता लगाना आवश्यक है। वन सर्वेक्षण निदेशक की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी पेड़ों की अवैध कटाई के लिए जांच के लिए भारतीय वन सर्वेक्षण के निदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त समिति गठित होगी। समिति में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक, यूपी के मुख्य सचिव के एक प्रतिनिधि और मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट शामिल होंगे। समिति साइट का दौरा करेगी। पेड़ों की अवैध कटाई के संबंध में आरोपों का पता लगाएगी। यह भी पता लगाएगी कि ट्रिब्यूनल के समक्ष अब तक बताए गए पेड़ों की कटाई से संबंधित आंकड़े सही हैं या उनसे अधिक पेड़ काटे गए हैं। समिति को सड़क की व्यावहारिकता का भी पता लगाएगी। समिति को चार सप्ताह में जांच पूरी करनी है। सितंबर के दूसरे सप्ताह में समिति को ट्रिब्यूनल के समक्ष रिपोर्ट पेश करनी है। पेड़ों की अवैध कटाई रोकें मुख्य सचिव एनजीटी ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को पेड़ों की अवैध कटाई रोकने के निर्देश दिए हैं। महासर्वेक्षक को कारण बताओ नोटिस एनजीटी ने भारत के महासर्वेक्षक को भी मामले में कारण बताओ नोटस जारी किया है। एनजीटी ने उन्हें काटे गए पेड़ों की मात्रा का पता लगाने के लिए ऊपरी गंगा नहर की उपग्रह फोटो को दर्ज करने का आदेश दिया था। लेकिन महासर्वेक्षक ने आदेश का पालन नहीं किया। एनजीटी ने उन्हें वस्तुतः उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं। भारतीय सर्वेक्षण विभाग के प्रमुख को संबंधित क्षेत्र की उपग्रह फोटो के साथ ट्रिब्यूनल को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गाजियाबाद के मुरादनगर से पुरकाजी तक कांवड़ मार्ग के निर्माण के लिए हजारों पेड़ों की अवैध कटाई पर नाराजगी जताई है। एनजीटी ने पेड़ों की अवैध कटाई की जांच के लिए चार सदस्यीय पैनल गठित किया है। साथ ही यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को पेड़ों की अवैध कटाई रोकने के निर्देश दिए हैं। मुरादनगर से पुरकाजी तक 111 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। कांवड़ रोड के निर्माण के लिए गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर के तीन वन प्रभागों में संरक्षित वन क्षेत्र में एक लाख से अधिक पेड़ों और झाड़ियों की कथित कटाई की जा रही है। इस मामले में दायर याचिका पर एनजीटी में सुनवाई चल रही है। मामले में 9 अगस्त को जारी आदेश में एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने जेसीबी मशीनों से उखाड़े गए पेड़ों की तस्वीरें और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के लखनऊ क्षेत्र कार्यालय की 2010 की निरीक्षण रिपोर्ट दायर की थी। जिसमें पहले इसी खंड पर आठ लेन एक्सप्रेसवे बनाने के यूपी सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। पिछली रिपोर्ट में रेखांकित किया गया था कि एक्सप्रेसवे ऊपरी गंगा नहर के किनारे वनस्पति को बहुत नुकसान पहुंचेगा और वन्य जीवों के आवास को परेशान करेगा। रिपोर्ट में एक्सप्रेसवे की व्यावहारिकता पर भी सवाल उठाया गया है। कहा गया है कि एनएच-58 के माध्यम से गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड से जोड़ने वाली पहले से ही दो सड़कें हैं। ऊपरी गंगा नहर के बाएं किनारे पर एक कांवड़ रोड है। ट्रिब्यूनल ने कहा, यह स्पष्ट नहीं है कि नया निर्णय लेते समय 2010 की पिछली रिपोर्ट और उसमें दर्ज निष्कर्ष पर विचार किया गया था या नहीं। याचिकाकर्ताओं के वकील आकाश वशिष्ठ ने कहा, यह ऊपरी गंगा नहर पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जीवन रेखा है। इसे देश के भोजन का कटोरा भी कहा जाता है। यहां सड़क बनाने से हाइड्रोलॉजिकल संबंध खो जाएगा। अगले पांच-छह साल में नहर ही सूख जाएंगी। उन्होंने कहा कांवड़ मार्ग के लिए 1.12 लाख पेड़ों की कटाई की जानी है। जबकि हर पेड़ कीमती है और उसे बचाने की जरूरत है। सहायक सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कांवड़ मार्ग के लिए निर्माण के लिए लगभग 33,000 पेड़ काटे जाने हैं। जिनमें से 17,450 पेड़ पहले ही काटे जा चुके थे। ट्रिब्यूनल ने कहा बड़ी संख्या में पेड़ों को काटने का प्रस्ताव है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि पेड़ों की अवैध या अधिक कटाई न हो। पेड़ों की अनावश्यक कटाई के संबंध में वर्तमान स्थिति का भी पता लगाना आवश्यक है। वन सर्वेक्षण निदेशक की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी पेड़ों की अवैध कटाई के लिए जांच के लिए भारतीय वन सर्वेक्षण के निदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त समिति गठित होगी। समिति में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक, यूपी के मुख्य सचिव के एक प्रतिनिधि और मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट शामिल होंगे। समिति साइट का दौरा करेगी। पेड़ों की अवैध कटाई के संबंध में आरोपों का पता लगाएगी। यह भी पता लगाएगी कि ट्रिब्यूनल के समक्ष अब तक बताए गए पेड़ों की कटाई से संबंधित आंकड़े सही हैं या उनसे अधिक पेड़ काटे गए हैं। समिति को सड़क की व्यावहारिकता का भी पता लगाएगी। समिति को चार सप्ताह में जांच पूरी करनी है। सितंबर के दूसरे सप्ताह में समिति को ट्रिब्यूनल के समक्ष रिपोर्ट पेश करनी है। पेड़ों की अवैध कटाई रोकें मुख्य सचिव एनजीटी ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को पेड़ों की अवैध कटाई रोकने के निर्देश दिए हैं। महासर्वेक्षक को कारण बताओ नोटिस एनजीटी ने भारत के महासर्वेक्षक को भी मामले में कारण बताओ नोटस जारी किया है। एनजीटी ने उन्हें काटे गए पेड़ों की मात्रा का पता लगाने के लिए ऊपरी गंगा नहर की उपग्रह फोटो को दर्ज करने का आदेश दिया था। लेकिन महासर्वेक्षक ने आदेश का पालन नहीं किया। एनजीटी ने उन्हें वस्तुतः उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं। भारतीय सर्वेक्षण विभाग के प्रमुख को संबंधित क्षेत्र की उपग्रह फोटो के साथ ट्रिब्यूनल को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के कैथल में चुनावी ड्यूटी के दौरान CRPF के जवान की मौत, हार्ट अटैक से गई जान <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कैथल से एक बुरी खबर सामने आई, जहां जिले की पुंडरी विधानसभा में चुनावी ड्यूटी के दौरान सीआरपीएफ के जवान की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. सीने में दर्द के चलते 35 वर्षीय सिपाही गोविंद प्रसाद मिश्रा को कैथल के नागरिक अस्पताल लाया गया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा की गोविंद मिश्रा मध्य प्रदेश के निवासी थे और कैथल में अपनी कंपनी के साथ ड्यूटी पर आए थे. गोविंद मिश्रा को सीने में दर्द के चलते पहले पुंडरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें कैथल जिले के नागरिक अस्पताल में रैफर कर दिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई</strong><br />वहीं बाद में नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों ने गोविन्द प्रसाद को मृत घोषित कर दिया. मृतक जवान के पार्थिक शरीर को पोस्टमार्टम के बाद शहीदी सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुरक्षा बलों की 90 कंपनियां तैनात</strong><br />बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 90 मतगणना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी की गई. 93 मतगणना केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की 30 कंपनियां लगाई गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>12 हजार पुलिसकर्मी लगाए गए</strong><br />प्रदेशभर में स्थापित किए गए मतगणना केंद्रों पर लगभग 12 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. मतगणना के लिए स्थापित किए गए 90 स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है ताकि प्रत्येक गतिविधि पर बारिकी से नजर रखी जा सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>8 बजे शुरू होगी वोटिंग</strong><br />मतगणना केंद्र के मुख्य द्वार से लेकर पूरे मतगणना केंद्र परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि मतगणना संबंधी प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा सके. मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी. पहले 8 बजे पोस्टल बैलेट और इसके आधे घंटे बाद ईवीएम की मतगणना शुरू की जाएगी.</p>
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<p style=”text-align: justify;”>सीएम विष्णुदेव साय ने कहा, ”बीजापुर के युवा और समर्पित पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का समाचार अत्यंत दु:खद और हृदयविदारक है. मुकेश जी का जाना पत्रकारिता जगत और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है. इस घटना के अपराधी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा देने के निर्देश हमने दिए हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख की घड़ी में संबल प्रदान करें”.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>बीजापुर के युवा और समर्पित पत्रकार मुकेश चंद्राकर जी की हत्या का समाचार अत्यंत दु:खद और हृदयविदारक है।<br /><br />मुकेश जी का जाना पत्रकारिता जगत और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।<br /><br />इस घटना के अपराधी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी…</p>
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) <a href=”https://twitter.com/vishnudsai/status/1875190248252248457?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 3, 2025</a></blockquote>
<p>
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</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आई जी, बस्तर सुंदरराज पी ने कहा- पुलिस कर रही जांच</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आई जी, बस्तर सुंदरराज पी ने कहा कि जिला बीजापुर के युवा पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर के 1 जनवरी से लापता होने की रिपोर्ट उनके भाई की ओर से दी गई थी. इसके आधार पर बिजापुर पुलिस द्वारा रिपोर्ट पंजीबद करके मामले की जांच की गई.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Bijapur: IG Bastar P Sundarraj says, “A journalist Mukesh Chandrakar was missing since January 1. The police registered a case and formed a special team to investigate. Today his body was recovered from a septic tank in the premises of contractor Suresh Chandrakar. The… <a href=”https://t.co/drKid6OIDg”>pic.twitter.com/drKid6OIDg</a></p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1875203264851087788?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 3, 2025</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”>इसके लिए एक विशेष टीम गठित करके छानबीन की जा रही थी. इस दौरान 3 जनवरी यानी शुक्रवार को बीजापुर के चटानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में डेड बॉडी मिलने की पुलिस को सूचना प्राप्त हुई. इसकी छानबीन के दौरान परिसर के अंदर एक सेप्टिक टैंक में मुकेश चंद्राकर की डेड बॉडी पुलिस द्वारा रिकवर की गई. अभी बॉडी को शव पंचनामा और फोरेंसिक जांच के लिए भेजी गई है. घटना में कई संदिब्ध लोगों से पूछताछ पुलिस कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/chhattisgarh-ex-cm-bhupesh-baghel-attacks-cm-vishnu-deo-sai-led-government-on-employment-2855341″>’2897 बच्चों को मिली हुई नौकरी इस सरकार ने…’, भूपेश बघेल का विष्णुदेव साय पर गंभीर आरोप</a></strong></p>
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MPPSC छात्रों का प्रदर्शन खत्म, इन तीन मांगों पर CM मोहन यादव सहमत
MPPSC छात्रों का प्रदर्शन खत्म, इन तीन मांगों पर CM मोहन यादव सहमत <p style=”text-align: justify;”><strong>MPPSC Student Protest Ends:</strong> मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के सामने छात्रों का प्रदर्शन रविवार (22 दिसंबर) को खत्म हो गया है. इंदौर के कलेक्टर ने नाराज छात्रों से बातचीत की और कई मुद्दों पर सहमति बनाई गई. इसके बाद करीब 70 घंटे से चल रहे प्रदर्शन को खत्म करने पर छात्र राजी हुए. इस धरना-प्रदर्शन में राज्य के 2 हजार से अधिक छात्र शामिल हुए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इंदौर प्रशासन और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच करीब ढाई घंटे तक बातचीत हुई. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह छात्रों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुनते हुए समहति बनाई और फिर छात्र मान गए. इंदौर के कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया है कि तीन मांगों पर राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव सहमत हुए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तीन मांगों पर CM मोहन यादव सहमत</strong></p>
<ul style=”text-align: justify;”>
<li>87% के सारे रिजल्ट दिखाए जाएंगे</li>
<li>मेन्स परीक्षा की कॉपी दिखाएंगे</li>
<li>प्री के पेपर में नहीं होंगी गलतियां</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम मोहन यादव से करेंगे मुलाकात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग छात्रों की मांगों को लेकर कमेटी गठित करेगी. शनिवार को आमरण अनशन पर बैठे छात्र अरविंद सिंह भदौरिया की तबीयत बिगड़ गई थी. हालांकि ड्रिप लगाने के बाद उनकी हालत में सुधार देखी गई. फिलहाल प्रदर्शन खत्म होने के बाद एक प्रतिनिधि मंडल के सदस्य अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात करने वाले हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/digvijaya-singh-targets-narendra-modi-said-pm-spreading-hatred-between-hindus-and-minorities-of-india-2847452″>’नफरत के जिन्न को बोतल से बाहर निकालना आसान है, लेकिन…’, दिग्विजय सिंह का पीएम मोदी पर हमला</a></strong></p>