बहराइच में आदमखोर भेड़िए के आतंक से हाहाकार मचा हुआ है। मार्च से लेकर अब तक 9 मासूम व एक महिला समेत 10 लोग भेड़िए के शिकार बन चुके हैं। वन विभाग व जिला प्रशासन की 25 से अधिक टीमें व तीन सौ से अधिक कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने के अभियान में लगे हुए हैं। भेड़िये की सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मंगलवार की सुबह महसी टेपरा गांव पहुंची और ड्रोन से निरीक्षण किया। सोमवार भोर में भी भेड़िए के हमले में एक पांच साल की मासूम घायल हो गई। यूपी सरकार में वन मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा- भेड़िए को जिंदा या मुर्दा पकड़ा जाए। सारी परमिशन फोन पर मिलेगी। केवल दो भेड़िए हैं। टाइगर की वजह से भेड़िए बाहर आए। दिल्ली और देहरादून से एक्सपर्ट बुलाए गए हैं। 12 टीमें लगाई गई हैं। ड्रोन की संख्या बढ़ाई गई है। ये तस्वीरें कल रात की है… इधर, वन विभाग जिन घरों में दरवाजे नहीं लगे, उनमें दरवाजे लगवा रहा है। बहराइच में भेड़िया 49 दिन में 7 बच्चों और 1 महिला यानी 8 लोगों को मार चुका है। सोमवार को भी एक बच्ची पर अटैक कर दिया। उसकी गर्दन पकड़कर ले जा रहा था, लेकिन घरवालों ने शोर मचाया दिया। इसके बाद बच्ची को छोड़कर भाग गया। वन विभाग के MD IFS संजय कुमार, मुख्य वन संरक्षक IFS एचवी गिरीश, दो DFO और 2 सहायक वन संरक्षक समेत 10 अफसर बहराइच पहुंच गए। गोरखपुर रेंज के ADG KS प्रताप ने भी भेड़िए के आतंक से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। कहा- 33 गांवों को चिह्नित किया गया था। वहां लगातार पुलिस के जवान गश्त कर रहे हैं। बहराइच में आदमखोर भेड़िए के आतंक से हाहाकार मचा हुआ है। मार्च से लेकर अब तक 9 मासूम व एक महिला समेत 10 लोग भेड़िए के शिकार बन चुके हैं। वन विभाग व जिला प्रशासन की 25 से अधिक टीमें व तीन सौ से अधिक कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने के अभियान में लगे हुए हैं। भेड़िये की सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मंगलवार की सुबह महसी टेपरा गांव पहुंची और ड्रोन से निरीक्षण किया। सोमवार भोर में भी भेड़िए के हमले में एक पांच साल की मासूम घायल हो गई। यूपी सरकार में वन मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा- भेड़िए को जिंदा या मुर्दा पकड़ा जाए। सारी परमिशन फोन पर मिलेगी। केवल दो भेड़िए हैं। टाइगर की वजह से भेड़िए बाहर आए। दिल्ली और देहरादून से एक्सपर्ट बुलाए गए हैं। 12 टीमें लगाई गई हैं। ड्रोन की संख्या बढ़ाई गई है। ये तस्वीरें कल रात की है… इधर, वन विभाग जिन घरों में दरवाजे नहीं लगे, उनमें दरवाजे लगवा रहा है। बहराइच में भेड़िया 49 दिन में 7 बच्चों और 1 महिला यानी 8 लोगों को मार चुका है। सोमवार को भी एक बच्ची पर अटैक कर दिया। उसकी गर्दन पकड़कर ले जा रहा था, लेकिन घरवालों ने शोर मचाया दिया। इसके बाद बच्ची को छोड़कर भाग गया। वन विभाग के MD IFS संजय कुमार, मुख्य वन संरक्षक IFS एचवी गिरीश, दो DFO और 2 सहायक वन संरक्षक समेत 10 अफसर बहराइच पहुंच गए। गोरखपुर रेंज के ADG KS प्रताप ने भी भेड़िए के आतंक से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। कहा- 33 गांवों को चिह्नित किया गया था। वहां लगातार पुलिस के जवान गश्त कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव: किस ओर बह रही है हरियाणा की चुनावी बयार? जानें पत्रकारों का आकलन <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा के विधानसभा चुनाव में सत्ता पाने की जोर आजमाइश सभी पार्टियां कर रही हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. कयास लगाए जा रहे थे कि इस चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा. अब जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, नए समीकरण भी बनते दिखाई दे रहे हैं. विपक्ष अलग-अलग गुटों में बंटी नजर आ रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा चुनाव से पहले जेजेपी-एएसपी का गठबंधन हो, इनेलो-बसपा का गठबंधन हो या आप और कांग्रेस का अलग-अलग चुनाव लड़ना हो, विपक्ष का बिखराव कहीं ना कहीं हरियाणा चुनाव में मजबूत दिख रही कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है. ऐसे में राजनीतिक पंडितों और आम जनता के बीच फिलहाल चर्चा का विषय है कि कांग्रेस और आप के अलग-अलग लड़ने का असर क्या होगा? छोटे-छोटे गठबंधन किसे डैमेज करेंगे?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आम आदमी पार्टी खड़ी करेगी कांग्रेस के लिए मुश्किल?</strong><br />वरिष्ठ पत्रकार राकेश शुक्ला बताते हैं कि हरियाणा चुनाव में जो नए गठबंधन बने हैं, इससे बीजेपी को मजबूती मिली है. चाहे जेजेपी-एएसपी का गठबंधन हो या इनेलो का मायावती की बसपा के साथ गठबंधन हो, ये गठबंधन कहीं ना कहीं कांग्रेस को दलित वोटरों से दूर करेगा. आम आदमी पार्टी का अलग चुनाव लड़ना भी कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी करेगा क्योंकि आप भी जाट वोटों को ही काटेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में जो कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर को वोटों में भुनाना चाह रही थी, अब वोट बंटने के कारण नुकसान में दिखाई दे रही है. हालांकि, कांग्रेस के पास भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रूप में बड़े जाट चेहरे हैं जबकि बीजेपी हरियाणा चुनाव में चेहरे के अभाव से जूझ रही है. इसका फायदा कांग्रेस को जरूर मिलेगा. लेकिन कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और भूपेंद्र हुड्डा की गुटबाजी की खबरें कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंडिया गठबंधन का अलग होना बीजेपी के लिए फायदा?</strong><br />हरियाणा की राजनीति में बाबाओं और डेरों का खासा दखल रहता है और ऐसा माना जाता है कि राम रहीम और रामपाल जैसे बाबाओं का समर्थन भी बीजेपी के साथ है. ऐसी स्थिति में बीजेपी भले ही चुनाव हार जाए लेकिन रसातल में जा रही बीजेपी के लिए ये समीकरण संजीवनी का काम करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह कहते हैं कि जब भी इंडिया गठबंधन के सहयोगी अलग होकर लड़ेंगे तब फायदा बीजेपी को मिलेगा. अगर मिल कर लड़ते तो बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती होती. इंडिया गठबंधन के लिए असली चुनौती राज्यों के चुनाव में खुद एकजुट रहना है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आप से गठबंधन न करना कांग्रेस के लिए फायदा या नुकसान?</strong><br />वरिष्ठ पत्रकार आदेश रावल कहते हैं कि एंटी बीजेपी वोट बंटे नहीं, इसलिए आप और कांग्रेस का गठबंधन महत्वपूर्ण था. हालांकि कांग्रेस को अपने सर्वे और लोकल इनपुट से ये आभास हुआ कि आम आदमी पार्टी का जनाधार हरियाणा में नहीं है. आप कांग्रेस को डैमेज नहीं कर पा रही है. अन्य राज्यों की भी बात करें तो आप कांग्रेस के वोट को ही काटती है. ऐसे में अपने साथ चुनाव लड़ा कर कांग्रेस आप को हरियाणा में नहीं पनपने देना चाहती थी. अब इसका चुनाव में कितना असर होगा, ये आने वाले वक्त में देखना दिलचस्प है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/haryana/haryana-assembly-election-2024-raghav-chadha-participates-nomination-road-show-of-aap-pawan-fauji-from-uchana-kalan-2781259″>’हरियाणा में सरकार की चाबी AAP के हाथ…’, पवन फौजी के नामांकन रोड शो के दौरान बोले सांसद राघव चड्ढा</a></strong></p>
गहलोत सरकार के दौरान नए जिले बनाने के फैसले पर बिठाई गई जांच, डिप्टी सीएम बोले- ‘आनन-फानन में…’
गहलोत सरकार के दौरान नए जिले बनाने के फैसले पर बिठाई गई जांच, डिप्टी सीएम बोले- ‘आनन-फानन में…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार में 19 नए जिले बनाए गए थे जिसकी अधिसूचना जारी कर दी गई थी जबकि चुनाव से ठीक पहले अक्टूबर में भी तीन नए जिलों की घोषणा की गई थी लेकिन उसका नोटिफिकेशन नहीं आया था. नए जिलों के निर्माण के मुद्दे पर सीएम भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) की सरकार ने जांच कराने का फैसला किया है. डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा (Prem Chand Bairwa) ने कहा कि जिस तरह से आनन-फानन में नए जिले सृजित किए गए उनमें कई खामियां थीं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में प्रेम चंद भैरवा ने कहा, ”जब पिछली सरकार ने आनन-फानन में नए जिले सृजित किए उनमें कई खामियां थीं. जो हमारे सीएम को महसूस हुई और इसके लिए कमिटी बनाई. य़ह कमेटी जांच के बाद हमें रिपोर्ट सौंपेगी. हम हर आम व्यक्ति से बात करेंगे. उनके द्वारा बताई गई खामियां और कमियों को, उनकी बात को सीएम के सामने रखेंगे.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> जयपुर: राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने कहा, “पिछली सरकार ने आनन-फानन में जो नए ज़िले सृजित किए हैं उसमें कई कमियां थी। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कमेटी बनाई। आज एक कमेटी और बनाई है जो हमें रिपोर्ट सौंपेगी। हम जनप्रतिनिधियों को बात सुनेंगे और मुख्यमंत्री के… <a href=”https://t.co/hpbp8itXRI”>pic.twitter.com/hpbp8itXRI</a></p>
— ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href=”https://twitter.com/AHindinews/status/1806924661315510766?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 29, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>गहलोत सरकार में बनाए गए थे ये 19 जिले</strong><br />राजस्थान में अगस्त 2023 में 19 नए जिले बनाने का एलान हुआ था. इसके तहत अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, दूदू, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, गंगापुर सिटी, केकड़ी, कोटपुतली, बहरोड़, खैरतल, नीमकाथाना, सांचोर, फलोदी, सलुंबर और शाहपुरा को नया जिला बनाया गया था जिसके साथ ही राजस्थान में जिलों की संख्या 50 हो गई थी. साथ ही तीन संभाग बांसवाड़ा, सीकर और पाली बनाया गया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन तीन जिलों का अटका है मामला</strong><br />वहीं, चुनाव के ठीक पहले अक्टूबर महीने में मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचामन सिटी को नया जिला बनाने की घोषणा तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने की थी. गहलोत ने कहा था कि जनता की मांग और उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के अनुसार राजस्थान में तीन नए जिले और बनाए जाएंगे. हालांकि इन तीन जिलों का गजट नोटिफिकेश जारी न हो पाने के कारण इस पर मौजूदा सीएम भजनलाल शर्मा को फैसला लेना था. लेकिन उनकी सरकार ने जिलों के निर्माण पर जांच बिठा दी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”ABVP-RSS और VHP से जुड़े वकीलों की हाई कोर्ट में एंट्री, गवर्मेंट काउंसिल में मिली जगह” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/high-court-government-council-inducted-advocates-associated-with-rss-bjp-vhp-and-avbp-ann-2726045″ target=”_self”>ABVP-RSS और VHP से जुड़े वकीलों की हाई कोर्ट में एंट्री, गवर्मेंट काउंसिल में मिली जगह</a></strong></p>
48 वोटों से जीत मामले में आया हाई कोर्ट का फैसला, शिवसेना सांसद ने ली राहत की सांस
48 वोटों से जीत मामले में आया हाई कोर्ट का फैसला, शिवसेना सांसद ने ली राहत की सांस <p style=”text-align: justify;”><strong>Ravindra Waikar Vs Amol Kirtikar:</strong> बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार (19 दिसंबर) को लोकसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार रहे अमोल कीर्तिकर की याचिका खारिज कर दी. उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के नेता रवींद्र वायकर की जीत को चुनौती दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कीर्तिकर ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में वायकर के चुनाव को रद्द करने की मांग की थी. हालांकि जस्टिस संदीप मार्ने की एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के नेता कीर्तिकर ने अपनी याचिका में दावा किया कि मतगणना के दिन ही उन्होंने मतों की पुनर्गणना की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था. कीर्तिकर लोकसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के वायकर से 48 वोटों के मामूली अंतर से हार गए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिका में क्या है दावा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वायकर को 452644 वोट मिले, वहीं कीर्तिकर को 452596 वोट मिले. शिवसेना (यूबीटी) नेता ने अपनी याचिका में दावा किया कि मतगणना प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए नियुक्त चुनाव अधिकारियों की ओर से कई गंभीर चूक हुई, जिसके कारण चुनाव परिणाम प्रभावित हुए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिका में कहा गया कि वास्तविक मतदाताओं के स्थान पर 333 फर्जी मतदाताओं द्वारा डाले गए वोटों को गलत तरीके से स्वीकार किया गया. जिससे मतगणना प्रक्रिया से संबंधित नियमों/आदेशों का उल्लंघन हुआ. इसमें आगे आरोप लगाया गया है कि मतगणना के समय रिटर्निंग अधिकारी ने बहुत जल्दबाजी और स्पष्ट मनमानी दिखाई. कीर्तिकर ने अपनी याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत से पूरी मतगणना प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी तलब करने की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वायकर ने बदला पाला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रवींद्र वायकर एक समय में उद्धव ठाकरे के करीबियों में थे. हालांकि उन्होंने <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> से पहले <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> का हाथ काम लिया. पार्टी ने उन्हें मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया और उन्होंने करीबी मुकाबले में जीत दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Maharashtra: कौन हैं राम शिंदे? जिन्हें निर्विरोध चुना गया महाराष्ट्र विधान परिषद का सभापति” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/bjp-mlc-ram-shinde-elected-as-chairperson-of-maharashtra-legislative-council-2845379″ target=”_self”>Maharashtra: कौन हैं राम शिंदे? जिन्हें निर्विरोध चुना गया महाराष्ट्र विधान परिषद का सभापति</a></strong></p>