प्रदेश के सभी जिलों में मतगणना स्थलों पर स्ट्रांग रूम में ई.वी.एम सुरक्षा प्रबंध के साथ रखे गए हैं। स्ट्रांग रूम के बाहर कुछ राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं के निगरानी किए जाने की सूचना मिली है। जिसके बाद यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने आशंका व्यक्त की है कि चार जून को मतगणना के दौरान या उसके बाद किसी तरह का उपद्रव या शांति भंग हो सकती है। जिसके मद्देनजर सभी पुलिस कमिश्नर, एसएसपी, एसपी को सीधे पत्र भेजकर सतर्क किया गया है। डीजीपी के अर्जेंट सर्कुलर में कई गंभीर सावधानियां बरतने को जिला पुलिस को कहा गया है। काउंटिंग को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आज सबेरे से तनाव भरे बयान आए थे। अलग-अलग जिलों से भी कैंडिडेट्स ने धांधली की आशंका वाले बयान दिए थे। इसके बाद पुलिस को मतगणना के दौरान और उसके बाद सावधान रहने को कहा गया है।ईवीएम के आने जाने को लेकर कुछ राजनैतिक दलों ने तमाम आशंका व्यक्त कर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने व हंगामा करने का प्रयास किया गया था। मतगणना स्थल के बाहर राजनैतिक दलों के प्रत्याशी व उनके कार्यकर्ताओं/समर्थकों के ज्यादा संख्या में एकत्रित होने के कारण आपसी छींटाकशी की वजह से विवाद होने की संभावना बनी रहती है। मतगणना स्थल के अन्दर एजेंटों की संख्या तथा उनकी उपस्थिति को लेकर वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न होना संभावित है। काउटिंग शुरू होने के बाद निष्पक्ष मतगणना को लेकर एजेंटों व मतगणना कर्मियों के बीच मतगणना को लेकर केंद्र के अन्दर व बाहर आपसी विवाद की सम्भावना रहती है। मतगणना स्थल के अंदर व बाहर तमाम राजनैतिक दलों की महिला कार्यकर्ताओं/एजेंटो व महिला मतगणना कर्मियों के साथ अभद्रता आदि की संभावना से इन्कार नही किया जा सकता है। मतगणना के दौरान किसी राजनैतिक दल के प्रत्याशी/समर्थकों को अपनी हार का अंदेशा होने पर सोशल मीडिया आदि के माध्यम से भ्रमक पोस्ट पोस्ट किए जाने से विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना जताई गई है। वहीं परिणाम की घोषणा के बाद हार-जीत का अन्तर कम होने एवं अपने अनुकूल परिणाम न आने की दशा में फिर से काउटिंग की मांग को लेकर हारे हुए प्रत्याशी के समर्थक तमाम तरह की अफवाहों को फैलाकर धरना प्रदर्शन, नारेबाजी व तोड़फोड़ करके महौन खराब कर सकते हैं। प्रदेश के सभी जिलों में मतगणना स्थलों पर स्ट्रांग रूम में ई.वी.एम सुरक्षा प्रबंध के साथ रखे गए हैं। स्ट्रांग रूम के बाहर कुछ राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं के निगरानी किए जाने की सूचना मिली है। जिसके बाद यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने आशंका व्यक्त की है कि चार जून को मतगणना के दौरान या उसके बाद किसी तरह का उपद्रव या शांति भंग हो सकती है। जिसके मद्देनजर सभी पुलिस कमिश्नर, एसएसपी, एसपी को सीधे पत्र भेजकर सतर्क किया गया है। डीजीपी के अर्जेंट सर्कुलर में कई गंभीर सावधानियां बरतने को जिला पुलिस को कहा गया है। काउंटिंग को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आज सबेरे से तनाव भरे बयान आए थे। अलग-अलग जिलों से भी कैंडिडेट्स ने धांधली की आशंका वाले बयान दिए थे। इसके बाद पुलिस को मतगणना के दौरान और उसके बाद सावधान रहने को कहा गया है।ईवीएम के आने जाने को लेकर कुछ राजनैतिक दलों ने तमाम आशंका व्यक्त कर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने व हंगामा करने का प्रयास किया गया था। मतगणना स्थल के बाहर राजनैतिक दलों के प्रत्याशी व उनके कार्यकर्ताओं/समर्थकों के ज्यादा संख्या में एकत्रित होने के कारण आपसी छींटाकशी की वजह से विवाद होने की संभावना बनी रहती है। मतगणना स्थल के अन्दर एजेंटों की संख्या तथा उनकी उपस्थिति को लेकर वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न होना संभावित है। काउटिंग शुरू होने के बाद निष्पक्ष मतगणना को लेकर एजेंटों व मतगणना कर्मियों के बीच मतगणना को लेकर केंद्र के अन्दर व बाहर आपसी विवाद की सम्भावना रहती है। मतगणना स्थल के अंदर व बाहर तमाम राजनैतिक दलों की महिला कार्यकर्ताओं/एजेंटो व महिला मतगणना कर्मियों के साथ अभद्रता आदि की संभावना से इन्कार नही किया जा सकता है। मतगणना के दौरान किसी राजनैतिक दल के प्रत्याशी/समर्थकों को अपनी हार का अंदेशा होने पर सोशल मीडिया आदि के माध्यम से भ्रमक पोस्ट पोस्ट किए जाने से विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना जताई गई है। वहीं परिणाम की घोषणा के बाद हार-जीत का अन्तर कम होने एवं अपने अनुकूल परिणाम न आने की दशा में फिर से काउटिंग की मांग को लेकर हारे हुए प्रत्याशी के समर्थक तमाम तरह की अफवाहों को फैलाकर धरना प्रदर्शन, नारेबाजी व तोड़फोड़ करके महौन खराब कर सकते हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Bihar News: मोतिहारी में रील्स बनाने के दौरान ट्रक ने तीन बाइक सवार को रौंदा, दो की मौके पर ही मौत
Bihar News: मोतिहारी में रील्स बनाने के दौरान ट्रक ने तीन बाइक सवार को रौंदा, दो की मौके पर ही मौत <p style=”text-align: justify;”><strong>Youth Died In Motihari:</strong> मोतिहारी जिले के केसरिया थाना क्षेत्र के केसरिया-चकिया पथ के बैसखवा गांव के पास रील्स बना रहे बाइक सवार तीन युवकों को ट्रक ने रौंद दिया, जिससे दो युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. वहीं एक युवक घायल है. घटना के बाद ट्रक चालक ट्रक छोड़कर मौके से फरार हो गया. वहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने ट्रक में आग लगा दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने घायल को पहुंचाया अस्पताल </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जाता है कि एक घायल युवक ट्रक के पिछले चक्के में फंसा हुआ काफी देर तक खूब चिला रहा था और लोग वीडियो बनाने में लगे थे. किसी ने मानवता का परिचय देकर बचाने का प्रयास तक नहीं किया. सूचना पर केसरिया थाना पुलिस पहुंची, जिसके बाद ट्रक से किसी तरह घायल युवक को बाहर निकाला और केसरिया में इलाज के लिए भर्ती कराया. यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार करने के बाद बेहतर इलाज के लिए मोतिहारी सदर अस्पताल में रेफर कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूचना के बाद केसरिया थाना पुलिस जब तक मौके पर पहुंची, तब तक स्थानीय ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर ट्रक में आग लगा दी, जिससे ट्रक पूरी तरह जल कर खाक हो गया. वहीं घटना में मृतक की पहचान केसरिया थाना क्षेत्र के रंजीत कुमार (15 साल) पिता- उमेश महतो, मिठ्ठू कुमार (15 साल ) पिता प्रभु महतो और घायल अजय कुमार के रूप में की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आए तीनों युवक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जानकारी के मुताबिक तीनों युवक बाइक से राजेपुर से केसरिया जा रहे थे. साथ ही रील्स बना रहा थे, तभी तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर से बाइक हादसा का शिकार हो गया. खबर मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. घटना में केसरिया थानाध्यक्ष उदय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना केसरिया थाना क्षेत्र के बैशखवा गांव के समीप ट्रक और बाइक में टक्कर हुई है. इस घटना में दो युवक की मौत हुई है और एक युवक घायल हुआ है. घटना में आगे की कार्रवाई की जा रही है. </p>
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पंजाब में सितंबर में होंगे पंचायत चुनाव:राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में जानकारी दी; एक साल पहले खत्म किया था कार्यकाल
पंजाब में सितंबर में होंगे पंचायत चुनाव:राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में जानकारी दी; एक साल पहले खत्म किया था कार्यकाल पंजाब में जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के चुनाव सितंबर में होंगे। चुनाव न कराए जाने को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी। याचिका में पंजाब सरकार से तत्काल चुनाव कराने की मांग की गई थी। जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में बताया कि सितंबर में चुनाव करवा दिए जाएंगे। 10 अगस्त 2023 की पूर्व अधिसूचना के मुताबिक, पंचायत समितियों और जिला परिषद के चुनाव 25 नवंबर 2023 तक और ग्राम पंचायतों के चुनाव 31 दिसंबर 2023 तक होने थे। याचिकाकर्ता रुलदा सिंह ने कोर्ट में वकील दिनेश कुमार और शिखा सिंगला के माध्यम से तर्क दिया कि जनवरी में ग्राम पंचायतों को भंग करने के बाद भी चुनाव नहीं हुए हैं। भारत के संविधान का उल्लंघन
याचिकाकर्ता के मुताबिक, चुनाव ना करवाना भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-ई का उल्लंघन है। इसमें पंचायत के कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनाव कराने का आदेश है। याचिका में तर्क दिया गया है कि चुनाव कराने में राज्य की विफलता पंजाब पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 15 और संवैधानिक आवश्यकताओं दोनों का उल्लंघन है। जनहित याचिका में शीघ्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालय से निर्देश देने की मांग की गई थी। 13 हजार से ज्यादा पंचायतें
राज्य में बीते साल दिसंबर के अंत में पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बाद सभी डीसी को पंचायतों का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया। लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गए। जिसके चलते चुनाव कराने का जोखिम नहीं उठाया गया। राज्य में कुल 13241 पंचायतें हैं। जबकि 153 ब्लॉक समितियां और 23 जिला परिषद हैं। इनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को पूरा हो गया। राज्य में सबसे ज्यादा 1405 पंचायतें होशियारपुर जिले में हैं, जबकि पटियाला में 1022 पंचायतें हैं। समय से पहले पंचायतें भंग करने को लेकर हुआ था विवाद
पंजाब सरकार ने गत साल पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इन्हें 11 अगस्त 2023 को भंग कर दिया था। जिस वजह से विवाद खड़ा हो गया था। अधिकतर सरपंच इसके विरोध में आ गए थे। उनकी दलील थी कि छह महीने रहते हुए सरकार उन्हें हटाकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है। वह सरकार की तरफ से नियुक्त नहीं किए गए हैं। जबकि लोगों द्वारा चुन कर भेजे गए हैं। इसके बाद यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया था। जिसके बाद पंचायतों को दोबारा बहाल किया गया था।
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे देश-दुनिया से हिमाचल प्रदेश पहुंचने वाले पर्यटक अब नजदीक से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकेंगे। राज्य सरकार जल्द 6 इको-टूरिज्म साइट आवंटित करने जा रही है। वन विभाग ने इसके लिए 12 नवंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें साइट के आवंटन का फैसला होगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा साथ लगते राज्य हरियाणा और पंजाब होगा। दरअसल, वन विभाग ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर कुल्लू की केसधार, कसौल, खीरगंगा, सुमारोपा, बिंद्रवणी और कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग साइट के लिए एप्लीकेशन इनवाइट किए हैं। इन 6 जगहों पर 16 बिडर ने इको-टूरिज्म यूनिट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। जंगलों में पक्का स्ट्रक्चर बनाने की इजाजत नहीं होगी
इन साइट का एरिया एक हैक्टेयर या इससे कम होगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्त के अनुसार, प्रकृति से छेड़छाड़ की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। इन साइट को 10 साल के लिए दिया जा रहा है। शहरों की चकाचौंध से दूर भाग रहे पर्यटक
पिछले एक दशक के दौरान पर्यटक सुकून की तलाश में शहरों की चकाचौंध से दूर भागने लगा है। वह प्रकृति की खूबसूरती निहारना चाहता है। इसी उम्मीद के साथ पर्यटक पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में इन साइट के बनने के बाद पर्यटक सीधे हरे भरे जंगलों, झर-झर बहते झरनों, ऊंचे पहाड़ों और बहती नदियों के किनारे पहुंच सकेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सरकार
इसे देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन के नए कॉन्सेप्ट इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। प्रकृति की गोद में बनी प्रस्तावित साइटों पर टूरिस्ट ट्रैकिंग का भी आनंद उठा सकेंगे। इन साइटों के लिए बीते फरवरी माह में भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तब इन साइटों के लिए आवेदन नहीं मिल पाए। हालांकि, शिमला की पोटरहिल और शोघी साइट मार्च में ही अलॉट कर दी गई थी। फर्म को खुद तैयार करना होगा इन्फ्रास्ट्रक्चर
संबंधित फर्म को साइट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खुद फॉरेस्ट-लॉ का पालन करते हुए तैयार करना होगा। वन और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने की किसी को भी इजाजत नहीं होगी, क्योंकि हिमाचल में 2020-21 में वन संपदा को नुकसान पहुंचाने और बिना FCA के आरोपों की वजह से पूर्व में चल रही 11 इको-टूरिज्म साइट का ऑपरेशन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बंद कर चुका है। FCA में मिली छूट
राहत की बात यह है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने FCA के बगैर इको-टूरिज्म एक्टिविटी शुरू करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद फॉरेस्ट डिवीजन धर्मशाला के अंतर्गत सवार, सौरव वन विहार, न्यूगल पार्क, बंजार फॉरेस्ट डिवीजन के शौजा, शिमला जिले के कोटगढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में नारकंडा और मंडी फॉरेस्ट डिवीजन में गंगा नाल इको-टूरिज्म साइट के लिए भी जल्द एप्लिकेशन इनवाइट की जाएंगी। युवाओं को मिलेगा रोजगार
प्रदेश में इससे युवाओं को रोजगार के अवसर और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यटक जिस शांति की तलाश में पहाड़ों पर पहुंचते हैं, वह उन्हें प्रकृति की गोद में आसानी से मिलेगी। क्या है इको-टूरिज्म पर्यटन
इको-टूरिज्म आज की नई अवधारणा है। प्रदेश के खूबसूरत स्थलों को सैर-सपाटे के लिए इस तरह तैयार किया जाता है कि वनों को भी नुकसान न हो और सैलानी भी पर्वतीय सैरगाहों, बर्फीले पहाड़, झरनों, नदियों व हरे-भरे वनों का लुत्फ ले सकें। इको-टूरिज्म का मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना तथा गांव-गांव तक पर्यटन को पहुंचाना है।