यूपी में हजार करोड़ ठगने वाला राशिद नसीम भगोड़ा घोषित:दुबई में छिपा बैठा, फेसबुक पर लिखा- ये FIR हैं या अलिफ लैला के किस्से

यूपी में हजार करोड़ ठगने वाला राशिद नसीम भगोड़ा घोषित:दुबई में छिपा बैठा, फेसबुक पर लिखा- ये FIR हैं या अलिफ लैला के किस्से

यूपी में शाइन सिटी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को बड़ी सफलता मिली है। लखनऊ की विशेष अदालत ने गुरुवार को शाइन सिटी ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर राशिद नसीम को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। राशिद नसीम और उसकी कंपनियों के खिलाफ पुलिस करीब 554 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। आरोप है कि निवेश के नाम पर लोगों से 800 से 1000 करोड़ रुपए की ठगी की गई। लुभावने रिटर्न का वादा कर लोगों से पैसा वसूला गया और फिर 2019 में राशिद नसीम देश छोड़कर दुबई फरार हो गया। ED ने राशिद की 127.98 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की है। राशिद नसीम ने फेसबुक पर लिखा- एफआईआर है या अलिफ लैला के किस्से… ED के इस एक्शन के बाद राशिद नसीम ऑफिशियल फेसबुक पेज पर एक पोस्ट जारी की गई। जिसमें कई एफआईआर कॉपी हैं। साथ में लिखा- एफआईआर है या अलिफ लैला के किस्से… राशिद नसीम ने लिखा- 2019 से 2022 तक लखनऊ गोमती नगर में एफआईआर करवाने वाले सभी कस्टमर्स की एफआईआर की स्टोरी एक जैसी होती है। इन आरोपों को साबित करना होगा, ये भूल गए। 100 से ऊपर ऐसी एफआईआर क्वेश करने के लिए मैं लेकर आ रहा हूं। या तो साबित करो कि इल्जाम सही है। नहीं तो झेलिए, अब वो एक्शन होगा, जिसकी कल्पना न की होगी। ऐसी अलिफ लैला वाले किस्से की सारी एफआईआर वाले कुछ दिनों के बाद जब आप से मिलें तो उनका हाल पूछिएगा। ED ने भगोड़ा घोषित करने की अर्जी लगाई थी
ED ने फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट 2018 के तहत कार्रवाई करते हुए राशिद को भगोड़ा घोषित करने की अर्जी दी थी। इस संबंध में विशेष जज राहुल प्रकाश ने 30 अप्रैल को आदेश जारी किया। राशिद को आर्थिक अपराध के मामलों में भगौड़ा घोषित करते हुए उसकी संपत्ति जब्त करने का निर्देश दिया। जांच में पाया गया कि राशिद ने फर्जी रियल एस्टेट स्कीमों और मल्टी-लेवल मार्केटिंग के जरिए हजारों निवेशकों को झांसा दिया। पुलिस ने उसके खिलाफ 554 से अधिक FIR दर्ज की है, जिसके आधार पर ईडी ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट 2018 के तहत ही नीरव मोदी और विजय माल्या के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। राशिद नसीम यूपी का इकलौता आरोपी है, जिसे अदालत ने भगोड़ा घोषित किया है। गैर-जमानती वारंट, लुकआउट सर्कुलर और रेड कॉर्नर नोटिस जारी
2019 में राशिद नसीम नेपाल में पकड़ा गया था, लेकिन उसे वहां जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद ही वह दुबई भाग गया। राशिद नसीम इस समय दुबई में रह रहा है और वहां से अपना कारोबार चला रहा है। उसके खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट, लुक आउट सर्कुलर और इंटरपोल का रेड नोटिस जारी है। EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने उसके प्रत्यर्पण के लिए UAE सरकार को पत्र भेजा है। राशिद पर 5 लाख रुपए का इनाम भी घोषित है। राशिद और उसकी कंपनियों ने निवेशकों से धोखाधड़ी कर अरबों रुपए की हेराफेरी की। उसकी विदेशी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। कहां–कहां दर्ज हैं मुकदमे शाइन सिटी घोटाले का मास्टरमाइंड राशिद नसीम प्रयागराज के जीटीबी नगर, करेली का रहने वाला है। उसके खिलाफ सबसे अधिक मुकदमे लखनऊ में दर्ज हैं, क्योंकि यहां कंपनी का मुख्यालय था। गोमतीनगर, विकासनगर, बीकेटी, मोहनलालगंज और गोसाईगंज में केस दर्ज हैं। इसके अलावा प्रयागराज में कई मामले दर्ज हैं। क्योंकि कंपनी के प्रमोटरों के मूल निवास प्रयागराज में ही था। वाराणसी में भी अलग अलग थाना क्षेत्रों में शाइन सिटी के प्रमोटर्स के खिलाफ मामले दर्ज हैं, और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी यहीं से हुई थी। कैसे किया घोटाला?
शाइन सिटी ग्रुप पर आरोप हैं कि पॉन्जी और पिरामिड स्कीम चला कर कंपनी ने रियल एस्टेट निवेश, प्लॉट, घर, फ्लैट व अन्य आकर्षक योजनाओं के नाम पर निवेशकों से पैसा जुटाया। निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का लालच दिया गया, लेकिन यह एक पॉन्जी स्कीम थी, जिसमें नए निवेशकों का पैसा पुराने निवेशकों को देने के लिए इस्तेमाल किया गया। निवेशकों को न तो वादा किए गए प्लॉट या संपत्तियां दी गईं और न ही रिटर्न। कई मामलों में, प्लॉट के दस्तावेज फर्जी पाए गए। मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप कंपनी ने निवेशकों से जुटाए गए पैसे को विभिन्न फर्जी कंपनियों, डायरेक्टरों, और सहयोगियों के खातों में ट्रांसफर किया। इन फंड्स का उपयोग जमीन, ऑफिस स्पेस, और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स खरीदने में किया गया, जो बाद में मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा पाया गया। जांच में पता चला कि कंपनी ने 34 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाईं, जिनके जरिए निवेशकों को गुमराह किया गया। रेरा (RERA) की जांच में पाया गया कि लखनऊ में 58 प्लॉट का रजिस्ट्रेशन था, लेकिन 3,000 की बुकिंग दिखाई गई। अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
शाइन सिटी घोटाले की शुरुआती जांच स्थानीय पुलिस कर रही थी। लेकिन जब एक के बाद एक मामले दर्ज होने लगे तो सभी केस ईओडब्ल्यू को सौंप दिए गए। बाद में यूपी में दर्ज मुकदमों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू की। इस मामले में अब तक 62 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से असिफ नसीम (राशिद का भाई, MD) नवंबर 2021 में गिरफ्तार हुआ। हिमांशु कुमार जुलाई, 2024 में गिरफ्तार हुआ। मनीष जायसवाल (उपाध्यक्ष) की सितंबर 2024 में गिरफ्तारी की गई। ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, मोहम्मद अकरम, शशि बाला, अभिषेक सिंह, दुर्गा प्रसाद, उद्धव सिंह, अमिताभ श्रीवास्तव, मीरा श्रीवास्तव की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। अब तक ईडी ने क्या की कार्रवाई
ED ने 554 FIR के आधार पर जनवरी 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच शुरू की थी। अब तक कुल 266.70 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की गईं, जिनमें लखनऊ के मोहनलालगंज में 24 कृषि भूमि (47.80 करोड़), बाराबंकी में 6 आवासीय भूखंड (16.5 करोड़), हरियाणा के रेवाड़ी में स्प्रिंगडेल प्रोजेक्ट में कॉमर्शियल संपत्तियां (9.27 करोड़), बिहार के पटना में 20 करोड़ की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। कहां-कहां हैं शाइन सिटी के प्रोजेक्ट
लखनऊ के मोहनलालगंज में शाइन वैली सेक्टर 1, जवाहिर सिटी प्रोजेक्ट, कानपुर, प्रयागराज, बाराबंकी और वाराणसी, कौशांबी जैसे शहरों में शाइन सिटी अपने प्रोजेक्ट चला रहा था। ——————– यह खबर भी पढ़िए लखनऊ में बॉयफ्रेंड के घर दलित छात्रा का शव मिला:बहन बोली- रेप करके गला घोंटकर मारा; आरोपी ने भाई से कहा- सुसाइड करने जा रहा लखनऊ के महानगर इलाके में एक दलित छात्रा का शव उसके बॉयफ्रेंड के घर में मिला। मृतक छात्रा की बहन का आरोप है कि लड़के ने रेप करने के बाद गला घोंट दिया। वारदात के बाद से आरोपी फरार है। उसने आखिरी बार पुलिस में तैनात अपने भाई को फोन किया था। कहा था, सुसाइड करने जा रहा हूं। उसके बाद से मोबाइल स्विच ऑफ है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। पढ़ें पूरी खबर.. यूपी में शाइन सिटी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को बड़ी सफलता मिली है। लखनऊ की विशेष अदालत ने गुरुवार को शाइन सिटी ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर राशिद नसीम को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। राशिद नसीम और उसकी कंपनियों के खिलाफ पुलिस करीब 554 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। आरोप है कि निवेश के नाम पर लोगों से 800 से 1000 करोड़ रुपए की ठगी की गई। लुभावने रिटर्न का वादा कर लोगों से पैसा वसूला गया और फिर 2019 में राशिद नसीम देश छोड़कर दुबई फरार हो गया। ED ने राशिद की 127.98 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की है। राशिद नसीम ने फेसबुक पर लिखा- एफआईआर है या अलिफ लैला के किस्से… ED के इस एक्शन के बाद राशिद नसीम ऑफिशियल फेसबुक पेज पर एक पोस्ट जारी की गई। जिसमें कई एफआईआर कॉपी हैं। साथ में लिखा- एफआईआर है या अलिफ लैला के किस्से… राशिद नसीम ने लिखा- 2019 से 2022 तक लखनऊ गोमती नगर में एफआईआर करवाने वाले सभी कस्टमर्स की एफआईआर की स्टोरी एक जैसी होती है। इन आरोपों को साबित करना होगा, ये भूल गए। 100 से ऊपर ऐसी एफआईआर क्वेश करने के लिए मैं लेकर आ रहा हूं। या तो साबित करो कि इल्जाम सही है। नहीं तो झेलिए, अब वो एक्शन होगा, जिसकी कल्पना न की होगी। ऐसी अलिफ लैला वाले किस्से की सारी एफआईआर वाले कुछ दिनों के बाद जब आप से मिलें तो उनका हाल पूछिएगा। ED ने भगोड़ा घोषित करने की अर्जी लगाई थी
ED ने फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट 2018 के तहत कार्रवाई करते हुए राशिद को भगोड़ा घोषित करने की अर्जी दी थी। इस संबंध में विशेष जज राहुल प्रकाश ने 30 अप्रैल को आदेश जारी किया। राशिद को आर्थिक अपराध के मामलों में भगौड़ा घोषित करते हुए उसकी संपत्ति जब्त करने का निर्देश दिया। जांच में पाया गया कि राशिद ने फर्जी रियल एस्टेट स्कीमों और मल्टी-लेवल मार्केटिंग के जरिए हजारों निवेशकों को झांसा दिया। पुलिस ने उसके खिलाफ 554 से अधिक FIR दर्ज की है, जिसके आधार पर ईडी ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट 2018 के तहत ही नीरव मोदी और विजय माल्या के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। राशिद नसीम यूपी का इकलौता आरोपी है, जिसे अदालत ने भगोड़ा घोषित किया है। गैर-जमानती वारंट, लुकआउट सर्कुलर और रेड कॉर्नर नोटिस जारी
2019 में राशिद नसीम नेपाल में पकड़ा गया था, लेकिन उसे वहां जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद ही वह दुबई भाग गया। राशिद नसीम इस समय दुबई में रह रहा है और वहां से अपना कारोबार चला रहा है। उसके खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट, लुक आउट सर्कुलर और इंटरपोल का रेड नोटिस जारी है। EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने उसके प्रत्यर्पण के लिए UAE सरकार को पत्र भेजा है। राशिद पर 5 लाख रुपए का इनाम भी घोषित है। राशिद और उसकी कंपनियों ने निवेशकों से धोखाधड़ी कर अरबों रुपए की हेराफेरी की। उसकी विदेशी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। कहां–कहां दर्ज हैं मुकदमे शाइन सिटी घोटाले का मास्टरमाइंड राशिद नसीम प्रयागराज के जीटीबी नगर, करेली का रहने वाला है। उसके खिलाफ सबसे अधिक मुकदमे लखनऊ में दर्ज हैं, क्योंकि यहां कंपनी का मुख्यालय था। गोमतीनगर, विकासनगर, बीकेटी, मोहनलालगंज और गोसाईगंज में केस दर्ज हैं। इसके अलावा प्रयागराज में कई मामले दर्ज हैं। क्योंकि कंपनी के प्रमोटरों के मूल निवास प्रयागराज में ही था। वाराणसी में भी अलग अलग थाना क्षेत्रों में शाइन सिटी के प्रमोटर्स के खिलाफ मामले दर्ज हैं, और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी यहीं से हुई थी। कैसे किया घोटाला?
शाइन सिटी ग्रुप पर आरोप हैं कि पॉन्जी और पिरामिड स्कीम चला कर कंपनी ने रियल एस्टेट निवेश, प्लॉट, घर, फ्लैट व अन्य आकर्षक योजनाओं के नाम पर निवेशकों से पैसा जुटाया। निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का लालच दिया गया, लेकिन यह एक पॉन्जी स्कीम थी, जिसमें नए निवेशकों का पैसा पुराने निवेशकों को देने के लिए इस्तेमाल किया गया। निवेशकों को न तो वादा किए गए प्लॉट या संपत्तियां दी गईं और न ही रिटर्न। कई मामलों में, प्लॉट के दस्तावेज फर्जी पाए गए। मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप कंपनी ने निवेशकों से जुटाए गए पैसे को विभिन्न फर्जी कंपनियों, डायरेक्टरों, और सहयोगियों के खातों में ट्रांसफर किया। इन फंड्स का उपयोग जमीन, ऑफिस स्पेस, और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स खरीदने में किया गया, जो बाद में मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा पाया गया। जांच में पता चला कि कंपनी ने 34 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाईं, जिनके जरिए निवेशकों को गुमराह किया गया। रेरा (RERA) की जांच में पाया गया कि लखनऊ में 58 प्लॉट का रजिस्ट्रेशन था, लेकिन 3,000 की बुकिंग दिखाई गई। अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
शाइन सिटी घोटाले की शुरुआती जांच स्थानीय पुलिस कर रही थी। लेकिन जब एक के बाद एक मामले दर्ज होने लगे तो सभी केस ईओडब्ल्यू को सौंप दिए गए। बाद में यूपी में दर्ज मुकदमों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू की। इस मामले में अब तक 62 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से असिफ नसीम (राशिद का भाई, MD) नवंबर 2021 में गिरफ्तार हुआ। हिमांशु कुमार जुलाई, 2024 में गिरफ्तार हुआ। मनीष जायसवाल (उपाध्यक्ष) की सितंबर 2024 में गिरफ्तारी की गई। ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, मोहम्मद अकरम, शशि बाला, अभिषेक सिंह, दुर्गा प्रसाद, उद्धव सिंह, अमिताभ श्रीवास्तव, मीरा श्रीवास्तव की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। अब तक ईडी ने क्या की कार्रवाई
ED ने 554 FIR के आधार पर जनवरी 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच शुरू की थी। अब तक कुल 266.70 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की गईं, जिनमें लखनऊ के मोहनलालगंज में 24 कृषि भूमि (47.80 करोड़), बाराबंकी में 6 आवासीय भूखंड (16.5 करोड़), हरियाणा के रेवाड़ी में स्प्रिंगडेल प्रोजेक्ट में कॉमर्शियल संपत्तियां (9.27 करोड़), बिहार के पटना में 20 करोड़ की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। कहां-कहां हैं शाइन सिटी के प्रोजेक्ट
लखनऊ के मोहनलालगंज में शाइन वैली सेक्टर 1, जवाहिर सिटी प्रोजेक्ट, कानपुर, प्रयागराज, बाराबंकी और वाराणसी, कौशांबी जैसे शहरों में शाइन सिटी अपने प्रोजेक्ट चला रहा था। ——————– यह खबर भी पढ़िए लखनऊ में बॉयफ्रेंड के घर दलित छात्रा का शव मिला:बहन बोली- रेप करके गला घोंटकर मारा; आरोपी ने भाई से कहा- सुसाइड करने जा रहा लखनऊ के महानगर इलाके में एक दलित छात्रा का शव उसके बॉयफ्रेंड के घर में मिला। मृतक छात्रा की बहन का आरोप है कि लड़के ने रेप करने के बाद गला घोंट दिया। वारदात के बाद से आरोपी फरार है। उसने आखिरी बार पुलिस में तैनात अपने भाई को फोन किया था। कहा था, सुसाइड करने जा रहा हूं। उसके बाद से मोबाइल स्विच ऑफ है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। पढ़ें पूरी खबर..   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर