उत्तर प्रदेश सेतु निगम इम्पलाईज यूनियन के द्विवार्षिक चुनाव में इशरत जाह लगातार 12वीं बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं जबकि शिशिर कुमार गुप्ता पर दूसरी बार सदस्यों ने महामंत्री के रूप में भरोसा जताया है। सेतु निगम इम्पलाईज यूनियन का द्विवार्षिक अधिवेशन गुरुवार को आयोजित किया गया था। अधिवेशन के दूसरे दिन अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों का चयन किया गया। इन पदाधिकारियों का हुआ चयन : अध्यक्ष, इशरत जाह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजेश तिवारी, उपाध्यक्ष इलियास अहमद खान, महामंत्री शिशिर कुमार गुप्ता, संयुक्त मंत्री कीर्ति जौहरी, गौरव शरण प्रधान, संगठन मंत्री संतोष कुमार तिवारी, वैभव श्रीवास्तव, प्रचार मंत्री श्वेत कुमार अवस्थी, कार्यालय मंत्री कुलभूषण वर्मा और कोषाध्यक्ष पद के लिए कमलेश कुमार का चयन किया गया। ये बनें कार्यकारिणी सदस्य : कायकारिणी सदस्य के लिए मोहम्मद रिजवान, अली हुसैन, आकाश सिंह, हैदर आलम रिजवी, गोदावरी हैयंकी, अफसर जाह रिजवी, बब्बन यादव और जसदीप कौर का चयन किया गया। उत्तर प्रदेश सेतु निगम इम्पलाईज यूनियन के द्विवार्षिक चुनाव में इशरत जाह लगातार 12वीं बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं जबकि शिशिर कुमार गुप्ता पर दूसरी बार सदस्यों ने महामंत्री के रूप में भरोसा जताया है। सेतु निगम इम्पलाईज यूनियन का द्विवार्षिक अधिवेशन गुरुवार को आयोजित किया गया था। अधिवेशन के दूसरे दिन अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों का चयन किया गया। इन पदाधिकारियों का हुआ चयन : अध्यक्ष, इशरत जाह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजेश तिवारी, उपाध्यक्ष इलियास अहमद खान, महामंत्री शिशिर कुमार गुप्ता, संयुक्त मंत्री कीर्ति जौहरी, गौरव शरण प्रधान, संगठन मंत्री संतोष कुमार तिवारी, वैभव श्रीवास्तव, प्रचार मंत्री श्वेत कुमार अवस्थी, कार्यालय मंत्री कुलभूषण वर्मा और कोषाध्यक्ष पद के लिए कमलेश कुमार का चयन किया गया। ये बनें कार्यकारिणी सदस्य : कायकारिणी सदस्य के लिए मोहम्मद रिजवान, अली हुसैन, आकाश सिंह, हैदर आलम रिजवी, गोदावरी हैयंकी, अफसर जाह रिजवी, बब्बन यादव और जसदीप कौर का चयन किया गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में पूर्व मंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेगी जूनियर कोच:कांग्रेस जॉइन करते ही महिला प्रदेश सचिव बनाईं, संदीप सिंह वाली सीट से टिकट मांगा
हरियाणा में पूर्व मंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेगी जूनियर कोच:कांग्रेस जॉइन करते ही महिला प्रदेश सचिव बनाईं, संदीप सिंह वाली सीट से टिकट मांगा हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री और भाजपा विधायक संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला जूनियर कोच ने मंगलवार को चंडीगढ़ में कांग्रेस जॉइन कर ली। जॉइनिंग के तुरंत बाद कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष सुधा भारद्वाज ने महिला कोच को महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव नियुक्त कर दिया। अब महिला कोच ने पिहोवा विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट के लिए आवेदन किया है। अगर भाजपा ने संदीप सिंह का टिकट न काटा और कांग्रेस ने महिला कोच को उम्मीदवार बनाया तो पिहोवा में दोनों आमने-सामने होंगे। 2 साल पहले हरियाणा खेल विभाग की जूनियर महिला कोच ने संदीप सिंह पर पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। महिला कोच की शिकायत पर चंडीगढ़ की सेक्टर-26 थाना पुलिस ने 31 दिसंबर 2022 को संदीप सिंह के खिलाफ IPC की धारा 354, 354-ए, 354-B, 342, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया था। हाल ही में चंडीगढ़ कोर्ट ने कोच के आरोपों को लेकर संदीप सिंह के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। इसी दिन गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। BJP पहले ही कर चुकी किनारा केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में खेल मंत्री रह चुके संदीप सिंह से भाजपा पहले ही किनारा कर चुकी है। जूनियर महिला कोच सेक्शुअल हैरेसमेंट केस में उनके खिलाफ आरोप तय होने के बाद भाजपा नेतृत्व ने ऐसा किया है। संदीप सिंह अभी पिहोवा विधानसभा से विधायक हैं, उन्होंने पहली बार भाजपा की टिकट से यहां से जीत दर्ज की थी। हालांकि जब उन पर कोच द्वारा आरोप लगाए गए थे। तब पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने उनका बचाव किया था( विपक्षी दलों के विरोध-प्रदर्शन के बाद भी उनसे इस्तीफा नहीं लिया था। हालांकि बाद में उन्होंने खेल विभाग अपने पास रख लिया था, लेकिन मंत्री पद पर संदीप सिंह बने रहे थे। CM सैनी ने नहीं लिया मंत्रिमंडल में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के हटने के बाद जब नायब सैनी मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने संदीप सिंह को अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी। इससे पहले हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके ओपी धनखड़ ने भी संगठन की बैठकों में संदीप सिंह के शामिल होने पर रोक लगा दी थी। अभी भी संदीप सिंह भाजपा में अलग-थलग पड़े हुए हैं। वह पार्टी के कार्यक्रमों में दिखाई नहीं दे रहे हैं, हालांकि वह अपने विधानसभा क्षेत्र पिहोवा में लोगों के बीच जाकर यह संदेश दे रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में भाजपा उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी। पिहोवा में पहली बार खिलाया था कमल हॉकी के खेल में अपने प्रदर्शन के बल पर संदीप सिंह काफी सुर्खियां बटोर चुके हैं। इसी के बल पर भाजपा ने उन्हें पिहोवा विधानसभा से उतारा था। संदीप सिंह ने भी पहली बार पिहोवा में कमल खिलाया। इससे पहले इस क्षेत्र से कभी भी भाजपा ने जीत दर्ज नहीं की थी। संदीप सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार मंदीप सिंह चट्ठा को 5314 वोटों से हराया था। उन्हें करीब 34 फीसदी वोट हासिल हुए थे। संदीप सिंह से भाजपा के किनारे करने की 2 वजहें… 1. विधानसभा चुनाव में विपक्ष इसे मुद्दा न बना पाए प्रदेश में दो-ढाई महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में संदीप सिंह को लेकर विपक्षी दल खासकर कांग्रेस इसे मुद्दा न बना पाए, इसलिए भाजपा संदीप सिंह से किनारा करेगी। महिला कोच के आरोपों के दौरान भी विपक्षी दलों ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की सरकार पर जमकर हमला बोला था। यहां तक कि विधानसभा सत्र के दौरान भी विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग को लेकर वॉक आउट तक कर दिया था। इसके बाद अब भाजपा संदीप सिंह को लेकर कोई भी मुद्दा चुनाव में नहीं बनाएगी। 2. पार्टी महिलाओं में खराब मैसेज देने से बचना चाहेगी हरियाणा में महिलाओं की करीब 1.20 करोड़ की आबादी है। पुरुषों के मुकाबले यह आधी आबादी है। चुनाव में भी महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 70.25 फीसदी था, जबकि महिलाओं का 69.55 फीसदी। दोनों में सिर्फ 0.72 फीसदी का अंतर था। ऐसे में भाजपा महिलाओं में संदीप सिंह को टिकट देकर आधी आबादी को गलत मैसेज नहीं देना चाहेगी।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह में रिकॉल अर्जी पर आज फैसला:इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की बेंच सुनाएगी निर्णय, कोर्ट पर सबकी निगाहें
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह में रिकॉल अर्जी पर आज फैसला:इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की बेंच सुनाएगी निर्णय, कोर्ट पर सबकी निगाहें मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्ज़ी अपना फैसला सुनाएगा। हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर इस अहम मामले पर फैसला देगी। 16 अक्टूबर को सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल 18 वादों की एक साथ सुनवाई (Consolidation of Cases) करने के 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापस लेने की मांग में मुस्लिम पक्ष ने रिकॉल अर्जी दाखिल की थी। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापिस लेने की मांग करते हुए रिकॉल अर्ज़ी (A-29) दाखिल की थी। जानिये 16 अक्टूबर की सुनवाई में क्या हुआ था मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू और मुस्लिम पक्षों के वकीलों को सुना था। मुस्लिम पक्ष के रिकॉल एप्लिकेशन पर कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व कर लिया था। मुस्लिम पक्ष ने कहा- ये वाद सुनवाई योग्य नहीं हैं। इस पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि पक्ष की तरफ से कहा गया कि मामला उलझाया जा रहा है। रिकॉल एप्लिकेशन मामले को उलझाए रखने के लिए दाखिल की गई है। रिकॉल एप्लिकेशन किसी आदेश को वापस लेने के लिए दी जाती है। हाईकोर्ट में डेढ़ घंटे चली सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन की पीठ के सामने मंदिर और मस्जिद पक्ष की तरफ से बहस की गई। दोपहर 2 बजे से हाईकोर्ट में सुनवाई शुरु हुई जो 3.30 बजे तक चली। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के सभी वाद को एक साथ सुनने का फैसला कोर्ट ने दिया। मुस्लिम पक्ष की तरफ से इसका विरोध किया गया। कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने सभी मुकदमों की अलग-अलग सुनवाई करने की मांग की। आज बुधवार को करीब डेढ़ घंटे तक चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। 1 अगस्त को हाईकोर्ट का आदेश- याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- हिंदू पक्ष की ओर से दायर 18 याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिकाओं में दावा किया गया है कि शाही ईदगाह का ढाई एकड़ का एरिया मस्जिद नहीं है। वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि का गर्भगृह है। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि 1968 में हुए समझौते के तहत मस्जिद के लिए जगह दी गई थी। 60 साल बाद समझौते को गलत बताना ठीक नहीं। हिंदू पक्ष की याचिकाएं सुनवाई लायक नहीं है। हालांकि, हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मुस्लिम पक्ष की इस दलील को स्वीकार नहीं किया। 2020 में रंजना अग्निहोत्री ने 6 अन्य लोगों के साथ मिलकर याचिका डाली25 सितंबर 2020 को लखनऊ की वकील रंजना अग्निहोत्री ने 6 अन्य लोगों के साथ मिलकर सिविल कोर्ट में एक याचिका डाली थी। इसमें शाही ईदगाह मस्जिद को मंदिर परिसर से हटाने की मांग की गई थी। रंजना ने श्रीराम जन्मभूमि पर भी एक किताब लिखी है। उन्होंने श्रीकृष्ण विराजमान के परिजन की ओर से यह मुकदमा करने का दावा किया था। याचिकाकर्ताओं में से एक महेंद्र सिंह ने अपने तर्क में कहा कि जिस मूल कारागार, यानी जेल में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, वह ईदगाह मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी की ओर से बनाए गए कंस्ट्रक्शन के नीचे है। उनका कहना है कि खुदाई के बाद कोर्ट के सामने सही तथ्य आ सकेंगे। 5 दिन बाद ही याचिका खारिज हुई30 सितंबर 2020 को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज छाया शर्मा ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि भगवान श्रीकृष्ण के पूरी दुनिया में असंख्य भक्त हैं। अगर हर भक्त की याचिका पर सुनवाई की इजाजत देंगे तो न्यायिक और सामाजिक व्यवस्था चरमरा जाएगी। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता न तो पक्षकार है और न ही ट्रस्टी, इसलिए याचिका खारिज की जाती है। बिना देर किए 30 सितंबर को ही इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की गई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया। हाईकोर्ट ने सभी मामले अपने पास ट्रांसफर करा लिए अभी लोअर कोर्ट में मामले की सुनवाई चल ही रही थी कि 26 मई 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा विवाद से जुड़े सभी मामले अपने पास ट्रांसफर करा लिए। 4 महीने तक अलग-अलग मौकों पर हुई सुनवाई के बाद 16 नवंबर को आदेश सुरक्षित रख लिया गया। 14 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने ईदगाह का सर्वे कराने की अनुमति दी। अगले ही दिन 15 दिसंबर को मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वे की इजाजत दे दी।
खन्ना में कई कांग्रेसी नेता AAP में शामिल:विधायक के पिता ने कराई ज्वाइन, पंचायती चुनावों से पहले फिर शुरू हुआ दल-बदल
खन्ना में कई कांग्रेसी नेता AAP में शामिल:विधायक के पिता ने कराई ज्वाइन, पंचायती चुनावों से पहले फिर शुरू हुआ दल-बदल पंजाब में सितंबर में संभावित पंचायती चुनावों से पहले एक बार फिर दल-बदल शुरू हो गया है। खन्ना के गांव भुम्मदी में आज कई कांग्रेसी नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध के पिता भूपिंदर सिंह सौंध ने इन्हें पार्टी ज्वाइन कराई। पार्टी में बनता मान सम्मान देने का भरोसा दिलाया और पंचायती चुनावों को लेकर तैयारियां तेज करने के लिए कहा। अकाली दल के बाद कांग्रेस का भी पतन शुरू विधायक के पिता भूपिंदर सिंह सौंध ने कहा कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल का पतन हो चुका है। अब कांग्रेस का पतन शुरू हो गया है। शहरों के साथ साथ गांवों में भी लोग आम आदमी पार्टी से लगातार जुड़ रहे हैं। आप ने लोगों से किए वादों को पूरा करके दिखाया है। उन्होंने बताया कि भुम्मदी गांव में गुरमिंदर सिंह, सराजदीन, गांधी, हरदीप सिंह, हर्षप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह, गुरजंट सिंह, सतविंदर सिंह, रमनदीप सिंह, अमनदीप सिंह अपने परिवारों समेत आप में शामिल हुए।