सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर में एक कहानी सुनाई। कहा- ‘आज से एक-डेढ़ साल पुरानी घटना है। मैं पीजीआई के दौरे पर था। रात को लोग सड़कों पर लेटे थे। मैंने डायरेक्टर से पूछा, ये कौन लोग हैं? ऐसे क्यों लेटे हैं? उन्होंने जवाब दिया कि ये मरीजों के परिजन हैं। इनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मैंने कहा, उनके लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए। जहां वे सुरक्षित हो सकें और अपने सामान रख सकें। अगले दिन मैंने 8 बजे सीएम आवास पर बैठक बुलाई। मैंने हर जगह अटेंडेंट के रहने की व्यवस्था करने लिए अवनीश अवस्थी को जिम्मेदारी दी। पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप पुरी ने लखनऊ के पीजीआई, केजीएमयू और आरएमएल के लिए तीन रैन बसेरे दिए। उसके बाद गोरखपुर में भी हुआ। इसकी पैरवी लगातार अवनीश अवस्थी करते रहे।’ सीएम ने ये बातें गोरखपुर AIIMS में कही। उन्होंने पूर्वी यूपी के सबसे बड़े रैन बसेरे का शिलान्यास और भूमि पूजन किया। यह रैन बसेरा 44 करोड़ रुपए से बनाया जाएगा। इसमें पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन आफ इंडिया मदद कर रहा है। इसकी क्षमता 500 बेड की होगी। योगी बोले- सड़क पर रहना मतलब अमानवीय स्थिति
सीएम ने कहा, याद करिए कि कम से कम 1200 लोग ऐसे होंगे इस परिसर में, जिनको बाहर जहां-तहां सिर छिपाने के लिए पटरी पर, सड़कों के किनारे या किसी अन्य जगह जाकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कितना अमानवीय होता है, जब भीषण गर्मी के दौरान कोई व्यक्ति धूप में गर्मी में झेलने के लिए मजबूर है। सर्दी मे बाहर ठिठुरने के लिए मजबूर कर दें। जब कड़कती बिजली के बीच बारिश में उसे भीगने को मजबूर कर दिया जाए। यह अमानवीय स्थिति है। उन स्थितियों से बचने के लिए जरूरी है कि हम मानवीय स्वरूप बनाएं। चिकित्सा संस्थानों की कमी के रूप में इसे देखते रहते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोई व्यक्ति बीमार होता है तो पेशेंट के साथ 10-10 लोग आ जाते हैं। यह कॉन्सेप्ट सबसे अच्छा है कि परिजन के रहने की व्यवस्था करें, सस्ती कैंटीन की व्यवस्था करें। पेशेंट को रेफर करने से बचना होगा
सीएम योगी ने डॉक्टरों को नसीहत भी दी। कहा- मेडिकल कॉलेजों में रिस्क नहीं लिया जाता। हर पेशेंट को रेफर करते हैं। यह बंद होना चाहिए। एम्स में ऐसे पेशेंट, जिनको क्रिटिकल केयर की जरूरत होती है। उनके साथ रिस्क लेना होगा। उन्होंने कहा- लखनऊ पहुंचने में उसे 4 घंटे लगेंगे। इतने देर में क्या होगा, यह वही जानेगा। हर पेशेंट आपके लिए नया अनुभव व नॉलेज है। आपके उस डाटा बैंक को भी बढ़ाने में भी मददगार होगा, जो अलग-अलग परिस्थिति से आ रहा है। योगी की 5 बड़ी बातें… …………………………… ये खबर भी पढ़ें- पति को जिस सांप से डसवाया, उसके दांत नहीं थे:शरीर नीला नहीं पड़ने से शक, मेरठ में पोस्टमॉर्टम से पत्नी-बॉयफ्रेंड गिरफ्तार यूपी के मेरठ में पति की गला घोंटकर हत्या कर दी, फिर उसे छिपाने के लिए पत्नी और उसके बॉयफ्रेंड ने पति की बॉडी को सांप से कटवाया। दोनों इसमें करीब-करीब सफल भी हो गए थे, लेकिन उनकी साजिश पर पानी फिर गया। सांप पकड़ने के लिए सपेरे बुलाए गए। उन्होंने मौके से वाइपर सांप पकड़ा, लेकिन उसे देखकर बता दिया कि इसके दांत के नीचे जहर की थैली (Poison Gland) नहीं है। उसे निकाल लिया गया है। यानी उस सांप के काटने से इंसान मर ही नहीं सकता। पढ़ें पूरी खबर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर में एक कहानी सुनाई। कहा- ‘आज से एक-डेढ़ साल पुरानी घटना है। मैं पीजीआई के दौरे पर था। रात को लोग सड़कों पर लेटे थे। मैंने डायरेक्टर से पूछा, ये कौन लोग हैं? ऐसे क्यों लेटे हैं? उन्होंने जवाब दिया कि ये मरीजों के परिजन हैं। इनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मैंने कहा, उनके लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए। जहां वे सुरक्षित हो सकें और अपने सामान रख सकें। अगले दिन मैंने 8 बजे सीएम आवास पर बैठक बुलाई। मैंने हर जगह अटेंडेंट के रहने की व्यवस्था करने लिए अवनीश अवस्थी को जिम्मेदारी दी। पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप पुरी ने लखनऊ के पीजीआई, केजीएमयू और आरएमएल के लिए तीन रैन बसेरे दिए। उसके बाद गोरखपुर में भी हुआ। इसकी पैरवी लगातार अवनीश अवस्थी करते रहे।’ सीएम ने ये बातें गोरखपुर AIIMS में कही। उन्होंने पूर्वी यूपी के सबसे बड़े रैन बसेरे का शिलान्यास और भूमि पूजन किया। यह रैन बसेरा 44 करोड़ रुपए से बनाया जाएगा। इसमें पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन आफ इंडिया मदद कर रहा है। इसकी क्षमता 500 बेड की होगी। योगी बोले- सड़क पर रहना मतलब अमानवीय स्थिति
सीएम ने कहा, याद करिए कि कम से कम 1200 लोग ऐसे होंगे इस परिसर में, जिनको बाहर जहां-तहां सिर छिपाने के लिए पटरी पर, सड़कों के किनारे या किसी अन्य जगह जाकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कितना अमानवीय होता है, जब भीषण गर्मी के दौरान कोई व्यक्ति धूप में गर्मी में झेलने के लिए मजबूर है। सर्दी मे बाहर ठिठुरने के लिए मजबूर कर दें। जब कड़कती बिजली के बीच बारिश में उसे भीगने को मजबूर कर दिया जाए। यह अमानवीय स्थिति है। उन स्थितियों से बचने के लिए जरूरी है कि हम मानवीय स्वरूप बनाएं। चिकित्सा संस्थानों की कमी के रूप में इसे देखते रहते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोई व्यक्ति बीमार होता है तो पेशेंट के साथ 10-10 लोग आ जाते हैं। यह कॉन्सेप्ट सबसे अच्छा है कि परिजन के रहने की व्यवस्था करें, सस्ती कैंटीन की व्यवस्था करें। पेशेंट को रेफर करने से बचना होगा
सीएम योगी ने डॉक्टरों को नसीहत भी दी। कहा- मेडिकल कॉलेजों में रिस्क नहीं लिया जाता। हर पेशेंट को रेफर करते हैं। यह बंद होना चाहिए। एम्स में ऐसे पेशेंट, जिनको क्रिटिकल केयर की जरूरत होती है। उनके साथ रिस्क लेना होगा। उन्होंने कहा- लखनऊ पहुंचने में उसे 4 घंटे लगेंगे। इतने देर में क्या होगा, यह वही जानेगा। हर पेशेंट आपके लिए नया अनुभव व नॉलेज है। आपके उस डाटा बैंक को भी बढ़ाने में भी मददगार होगा, जो अलग-अलग परिस्थिति से आ रहा है। योगी की 5 बड़ी बातें… …………………………… ये खबर भी पढ़ें- पति को जिस सांप से डसवाया, उसके दांत नहीं थे:शरीर नीला नहीं पड़ने से शक, मेरठ में पोस्टमॉर्टम से पत्नी-बॉयफ्रेंड गिरफ्तार यूपी के मेरठ में पति की गला घोंटकर हत्या कर दी, फिर उसे छिपाने के लिए पत्नी और उसके बॉयफ्रेंड ने पति की बॉडी को सांप से कटवाया। दोनों इसमें करीब-करीब सफल भी हो गए थे, लेकिन उनकी साजिश पर पानी फिर गया। सांप पकड़ने के लिए सपेरे बुलाए गए। उन्होंने मौके से वाइपर सांप पकड़ा, लेकिन उसे देखकर बता दिया कि इसके दांत के नीचे जहर की थैली (Poison Gland) नहीं है। उसे निकाल लिया गया है। यानी उस सांप के काटने से इंसान मर ही नहीं सकता। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
योगी बोले- अब मरीजों के घरवाले सड़क पर नहीं भटकेंगे:डॉक्टरों को नसीहत दी, गोरखपुर में सबसे बड़े रैन बसेरा का भूमि पूजन किया
