<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttar Pradesh News:</strong> उत्तर प्रदेश की <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> सरकार अब राजस्व विभाग की कार्यशैली में पारदर्शिता, जवाबदेही और तेजी लाने के लिए बड़ी डिजिटल पहल करने जा रही है. सरकार की योजना है कि लेखपाल से लेकर तहसीलदार, एसडीएम और आयुक्त तक सभी अधिकारी एक ही समेकित (इंटीग्रेटेड) डैशबोर्ड पर एक साथ काम करें. इस डैशबोर्ड की मदद से जमीन से जुड़े विवाद, राजस्व वसूली और आम जनता की शिकायतों का निस्तारण तेजी से किया जा सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार की यह पहल आम लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी. अभी तक जनता को जमीन से जुड़े मामूली मामलों के लिए महीनों तहसील और कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब अधिकारी एक ही मंच पर जानकारी साझा करेंगे, जिससे समस्याओं का समाधान तय समय में किया जा सकेगा. इस डिजिटल डैशबोर्ड पर जमीन के रिकॉर्ड, नाप-जोख, दाखिल-खारिज, राजस्व वसूली जैसी जानकारियां तुरंत उपलब्ध रहेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डैशबोर्ड से तय होगी अधिकारियों की जवाबदेही</strong><br />इस सिस्टम की खास बात यह होगी कि इससे सभी अधिकारियों की निगरानी संभव हो सकेगी. कौन अधिकारी क्या काम कर रहा है, कहां देरी हो रही है, किसने कितनी शिकायतों का निस्तारण किया, यह सब एक नजर में देखा जा सकेगा. इससे शासन भी जान पाएगा कि किस स्तर पर लापरवाही हो रही है और तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश में भूमि विवाद एक बड़ी समस्या हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में. अक्सर सीमांकन, पैमाइश या मालिकाना हक को लेकर विवाद महीनों चलते हैं. लेकिन अब अधिकारी डैशबोर्ड के जरिए पुराने रिकॉर्ड और नक्शे तुरंत देख सकेंगे, जिससे विवाद का निपटारा आसान होगा. इससे राजस्व न्यायालयों पर दबाव भी कम होगा. सरकार का मानना है कि इस नई प्रणाली से राजस्व संग्रह यानी सरकारी टैक्स और भू-राजस्व की वसूली में भी इजाफा होगा. क्योंकि अब हर स्तर के अधिकारी को यह पता रहेगा कि किस गांव या तहसील में कितना बकाया है और किससे वसूली करनी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डिजिटल उत्तर प्रदेश की दिशा में एक और कदम</strong><br />यह नई योजना योगी सरकार की उस नीति का हिस्सा है जिसके तहत शासन को तकनीक आधारित, पारदर्शी और जनहितैषी बनाया जा रहा है. इससे पहले भी सरकार ने भूलेख को ऑनलाइन किया, जमीन के रिकॉर्ड डिजिटल किए और भूमाफियाओं के खिलाफ एंटी भू-माफिया पोर्टल बनाया. अब यह समेकित डैशबोर्ड एक और बड़ा कदम है, जिससे ‘डिजिटल उत्तर प्रदेश’ का सपना और मजबूत होगा. जानकारों का मानना है कि अगर यह व्यवस्था पूरी तरह लागू हो गई तो राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा और जनता का सरकारी तंत्र पर भरोसा और मजबूत होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-yogi-government-included-12-new-products-in-odop-amroha-metal-and-agra-petha-name-ann-2941710″>योगी सरकार ने ODOP में शामिल किए 12 नए उत्पाद, अमरोहा का मेटल और आगरा के पेठा का भी है नाम</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttar Pradesh News:</strong> उत्तर प्रदेश की <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> सरकार अब राजस्व विभाग की कार्यशैली में पारदर्शिता, जवाबदेही और तेजी लाने के लिए बड़ी डिजिटल पहल करने जा रही है. सरकार की योजना है कि लेखपाल से लेकर तहसीलदार, एसडीएम और आयुक्त तक सभी अधिकारी एक ही समेकित (इंटीग्रेटेड) डैशबोर्ड पर एक साथ काम करें. इस डैशबोर्ड की मदद से जमीन से जुड़े विवाद, राजस्व वसूली और आम जनता की शिकायतों का निस्तारण तेजी से किया जा सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार की यह पहल आम लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी. अभी तक जनता को जमीन से जुड़े मामूली मामलों के लिए महीनों तहसील और कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब अधिकारी एक ही मंच पर जानकारी साझा करेंगे, जिससे समस्याओं का समाधान तय समय में किया जा सकेगा. इस डिजिटल डैशबोर्ड पर जमीन के रिकॉर्ड, नाप-जोख, दाखिल-खारिज, राजस्व वसूली जैसी जानकारियां तुरंत उपलब्ध रहेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डैशबोर्ड से तय होगी अधिकारियों की जवाबदेही</strong><br />इस सिस्टम की खास बात यह होगी कि इससे सभी अधिकारियों की निगरानी संभव हो सकेगी. कौन अधिकारी क्या काम कर रहा है, कहां देरी हो रही है, किसने कितनी शिकायतों का निस्तारण किया, यह सब एक नजर में देखा जा सकेगा. इससे शासन भी जान पाएगा कि किस स्तर पर लापरवाही हो रही है और तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश में भूमि विवाद एक बड़ी समस्या हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में. अक्सर सीमांकन, पैमाइश या मालिकाना हक को लेकर विवाद महीनों चलते हैं. लेकिन अब अधिकारी डैशबोर्ड के जरिए पुराने रिकॉर्ड और नक्शे तुरंत देख सकेंगे, जिससे विवाद का निपटारा आसान होगा. इससे राजस्व न्यायालयों पर दबाव भी कम होगा. सरकार का मानना है कि इस नई प्रणाली से राजस्व संग्रह यानी सरकारी टैक्स और भू-राजस्व की वसूली में भी इजाफा होगा. क्योंकि अब हर स्तर के अधिकारी को यह पता रहेगा कि किस गांव या तहसील में कितना बकाया है और किससे वसूली करनी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डिजिटल उत्तर प्रदेश की दिशा में एक और कदम</strong><br />यह नई योजना योगी सरकार की उस नीति का हिस्सा है जिसके तहत शासन को तकनीक आधारित, पारदर्शी और जनहितैषी बनाया जा रहा है. इससे पहले भी सरकार ने भूलेख को ऑनलाइन किया, जमीन के रिकॉर्ड डिजिटल किए और भूमाफियाओं के खिलाफ एंटी भू-माफिया पोर्टल बनाया. अब यह समेकित डैशबोर्ड एक और बड़ा कदम है, जिससे ‘डिजिटल उत्तर प्रदेश’ का सपना और मजबूत होगा. जानकारों का मानना है कि अगर यह व्यवस्था पूरी तरह लागू हो गई तो राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा और जनता का सरकारी तंत्र पर भरोसा और मजबूत होगा.</p>
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