रविदास मंदिर स्थापना महोत्सव का हुआ आगाज:देश-विदेश से पहुंचे अनुयायी,संत निरंजन दास देंगे गुरूदक्षिणा

रविदास मंदिर स्थापना महोत्सव का हुआ आगाज:देश-विदेश से पहुंचे अनुयायी,संत निरंजन दास देंगे गुरूदक्षिणा

वाराणसी स्थित रविदास मंदिर के 61वें स्थापना दिवस पर सीरगोवर्धन में विविध आयोजन किया गया है। रविदास मंदिर को फूलों और विद्युत झालरों से सजाया गया है। संगतों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। सुबह से ही वह दर्शन कर रहे हैं। आयोजन में शामिल होने के लिए संत निरंजन दास शनिवार की देर रात सीरगोवर्धन पहुंचें। 61वें स्थापना दिवस का उत्सव मंदिर के ट्रस्टी के एल सरोआ ने बताया कि सीर गोवर्धनपुर स्थित संत रविदास मंदिर में अमृतवाणी का पाठ गुंजायमान होने लगा है। मंदिर के 61वें स्थापना दिवस पर पर भजन-कीर्तन और पूजन भी होगा। उन्होंने बताया कि आज संत निरंजन दास सभी संगत को आशीर्वचन देंगे। इसके अलावा देश-विदेश से आए हुए नए अनुयायियों को गुरु दक्षिणा भी देंगे उन्होंने बताया कि गुरु दक्षिणा का कार्यक्रम 16 जून को रखा गया है। 1972 में मंदिर बनकर हुआ तैयार ट्रस्ट से जुड़े निरंजन दास चीमा ने बताया कि रैदासियों के गुरु डेरा संत सरवन दास जी महाराज ने इस मौजूदा मंदिर का निर्माण कराया थ। 1965 के आषाढ़ मास में इसकी नींव रखी गई थी और 7 साल बाद यानी 1972 में यह संत रविदास का यह मंदिर बनकर तैयार हुआ। मंदिर निर्माण के बाद से ही संत रविदास के इस दर पर उनके जयंती के अवसर पर रैदासियों की भीड़ यहां लगने लगी। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल समेत विदेशों में रहने वाले एनआरआई भक्त भी हर साल यहां आते हैं। इन भक्तों ने संत रविदास को अरबों रुपए दान भी दिया है। इतनी है मंदिर की संपत्ति जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में संत रविदास मंदिर के पास करीब 300 किलो सोना है‌। इसमें सोने की पालकी, दीप, छतर, मुकुट, स्वर्ण कलश शामिल है‌‌। इसके अलावा मंदिर का शिखर भी स्वर्ण मंदिर जैसा बना हुआ है और दरवाजे पर भी सोना जड़ा गया है। इसके अलावा करोड़ो रुपए नगद भी हर साल भक्त इस मंदिर को दान में देते हैं‌। वाराणसी स्थित रविदास मंदिर के 61वें स्थापना दिवस पर सीरगोवर्धन में विविध आयोजन किया गया है। रविदास मंदिर को फूलों और विद्युत झालरों से सजाया गया है। संगतों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। सुबह से ही वह दर्शन कर रहे हैं। आयोजन में शामिल होने के लिए संत निरंजन दास शनिवार की देर रात सीरगोवर्धन पहुंचें। 61वें स्थापना दिवस का उत्सव मंदिर के ट्रस्टी के एल सरोआ ने बताया कि सीर गोवर्धनपुर स्थित संत रविदास मंदिर में अमृतवाणी का पाठ गुंजायमान होने लगा है। मंदिर के 61वें स्थापना दिवस पर पर भजन-कीर्तन और पूजन भी होगा। उन्होंने बताया कि आज संत निरंजन दास सभी संगत को आशीर्वचन देंगे। इसके अलावा देश-विदेश से आए हुए नए अनुयायियों को गुरु दक्षिणा भी देंगे उन्होंने बताया कि गुरु दक्षिणा का कार्यक्रम 16 जून को रखा गया है। 1972 में मंदिर बनकर हुआ तैयार ट्रस्ट से जुड़े निरंजन दास चीमा ने बताया कि रैदासियों के गुरु डेरा संत सरवन दास जी महाराज ने इस मौजूदा मंदिर का निर्माण कराया थ। 1965 के आषाढ़ मास में इसकी नींव रखी गई थी और 7 साल बाद यानी 1972 में यह संत रविदास का यह मंदिर बनकर तैयार हुआ। मंदिर निर्माण के बाद से ही संत रविदास के इस दर पर उनके जयंती के अवसर पर रैदासियों की भीड़ यहां लगने लगी। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल समेत विदेशों में रहने वाले एनआरआई भक्त भी हर साल यहां आते हैं। इन भक्तों ने संत रविदास को अरबों रुपए दान भी दिया है। इतनी है मंदिर की संपत्ति जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में संत रविदास मंदिर के पास करीब 300 किलो सोना है‌। इसमें सोने की पालकी, दीप, छतर, मुकुट, स्वर्ण कलश शामिल है‌‌। इसके अलावा मंदिर का शिखर भी स्वर्ण मंदिर जैसा बना हुआ है और दरवाजे पर भी सोना जड़ा गया है। इसके अलावा करोड़ो रुपए नगद भी हर साल भक्त इस मंदिर को दान में देते हैं‌।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर