राजस्थान की इस यूनिवर्सिटी ने भी तोड़ा तुर्किये संग समझौता, कहा- ‘ऐसा करना जरूरी था’

राजस्थान की इस यूनिवर्सिटी ने भी तोड़ा तुर्किये संग समझौता, कहा- ‘ऐसा करना जरूरी था’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> भारत पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए तनाव के दौरान तुर्किये का पड़ोसी मुल्क का साथ महंगा पड़ता दिखाई दे रहा है. भारत में तुर्किये का विरोध लगातार बढ़ रहा है. इस बीच राजस्थान की हरदेव जोशी यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की तरफ से भी बड़ा फैसला लिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, यूनिवर्सिटी ने तुर्किए के साथ हुए समझौते को रद्द कर दिया है. भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध में तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का साथ दिए जाने की वजह से इस करार को रद्द किया गया है. हरदेव जोशी यूनिवर्सिटी ने पिछले साल 22 जून को तुर्किये की अफ्योन कोकाटेपे यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू साइन किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’ऐसा करना जरूरी था'</strong><br />यूनिवर्सिटी की तरफ से कहा गया है कि तुर्किये के भारत विरोधी रुख के चलते यह कदम उठाया गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के चलते ऐसा करना बेहद जरूरी हो गया था. दोनों यूनिवर्सिटी के बीच एकेडमिक आदान-प्रदान के लिए एमओयू साइन हुआ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन यूनिवर्सिटीज ने भी तोड़े करार</strong><br />बता दें कि हरदेव जोशी यूनिवर्सिटी से पहले देश की कई जानमानी यूनिवर्सिटीज ने तुर्किये के साथ अपने समझौते रद्द किए हैं. दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) ने तुर्किये और अजरबैजान के संस्थानों के साथ सभी समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को समाप्त कर दिया है. इसके अलावा हैदराबाद में मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू यूनिवर्सिटी (एमएएनयूयू) ने भी तुर्किये के यूनुस एमरे संस्थान के साथ अपने अकादमिक समझौता ज्ञापन को रद्द कर दिया था.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> भारत पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए तनाव के दौरान तुर्किये का पड़ोसी मुल्क का साथ महंगा पड़ता दिखाई दे रहा है. भारत में तुर्किये का विरोध लगातार बढ़ रहा है. इस बीच राजस्थान की हरदेव जोशी यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की तरफ से भी बड़ा फैसला लिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, यूनिवर्सिटी ने तुर्किए के साथ हुए समझौते को रद्द कर दिया है. भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध में तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का साथ दिए जाने की वजह से इस करार को रद्द किया गया है. हरदेव जोशी यूनिवर्सिटी ने पिछले साल 22 जून को तुर्किये की अफ्योन कोकाटेपे यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू साइन किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’ऐसा करना जरूरी था'</strong><br />यूनिवर्सिटी की तरफ से कहा गया है कि तुर्किये के भारत विरोधी रुख के चलते यह कदम उठाया गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के चलते ऐसा करना बेहद जरूरी हो गया था. दोनों यूनिवर्सिटी के बीच एकेडमिक आदान-प्रदान के लिए एमओयू साइन हुआ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन यूनिवर्सिटीज ने भी तोड़े करार</strong><br />बता दें कि हरदेव जोशी यूनिवर्सिटी से पहले देश की कई जानमानी यूनिवर्सिटीज ने तुर्किये के साथ अपने समझौते रद्द किए हैं. दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) ने तुर्किये और अजरबैजान के संस्थानों के साथ सभी समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को समाप्त कर दिया है. इसके अलावा हैदराबाद में मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू यूनिवर्सिटी (एमएएनयूयू) ने भी तुर्किये के यूनुस एमरे संस्थान के साथ अपने अकादमिक समझौता ज्ञापन को रद्द कर दिया था.</p>  राजस्थान दिल्ली के मेयर ने यूजर सरचार्ज को लेकर लिया बड़ा फैसला, प्रॉपर्टी टैक्स वालों को भी मिली राहत