पंजाब में साल 2024 चुनावों के नाम रहा। 2022 में करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पंजाब के लोगों का चुनावों में सहयोग के लिए धन्यवाद किया है। उनका कहना है कि कुछ-कुछ महीनों के बाद तीन महत्वपूर्ण चुनाव हुए हैं। जिसमें कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया है। जिससे स्पष्ट है कि 2027 पंजाब कांग्रेस का वर्ष रहेगा। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर संदेश पोस्ट करते हुए कहा- इस चुनावी वर्ष ने कांग्रेस पंजाब के हर कार्यकर्ता, नेता और पदाधिकारी की कड़ी मेहनत का प्रमाण दिया है। जमीनी स्तर पर निरंतर प्रयासों के माध्यम से हमने अपनी ताकत को बढ़ाया है और पंजाब की सच्ची आवाज बनकर उभरे हैं। लोकसभा से लेकर पंचायत और नगर निगम (MC) चुनावों में लोगों ने यह दिखा दिया है कि 2027 पंजाब कांग्रेस का वर्ष है। लोकसभा में सबसे अधिक सीटें कांग्रेस को मिली 2022 में आम आदमी पार्टी ने 93 सीटें हासिल कर इतिहास रचा था। लेकिन 2024 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 7 सीटें हासिल की और आम आदमी पार्टी 3 सीटों पर सिमट गई। उप-चुनावों में भी आम आदमी पार्टी तीन सीटों पर आगे रही, लेकिन पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर का गढ़ मानी जाने वाली संगरूर में हार गई। पंचायती चुनावों की बात करें तो कई हारे कांग्रेसी इस समय हाईकोर्ट का रुख कर चुके हैं। जिनमें अधिकतर केस एफिडेविट रद्द के हैं। नगर निगम चुनावों में भी फंसा पेच पंजाब में 5 शहरों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और फगवाड़ा में नगर निगम चुनाव संपन्न हुए हैं। सिर्फ पटियाला एकमात्र सीट है, जहां आम आदमी पार्टी अपना मेयर बनाने में सफल रही है। अन्य चारों सीटों में से दो पर कांग्रेस और दो पर आम आदमी पार्टी आगे हैं। लेकिन, चारों सीटों पर किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है। पंजाब में साल 2024 चुनावों के नाम रहा। 2022 में करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पंजाब के लोगों का चुनावों में सहयोग के लिए धन्यवाद किया है। उनका कहना है कि कुछ-कुछ महीनों के बाद तीन महत्वपूर्ण चुनाव हुए हैं। जिसमें कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया है। जिससे स्पष्ट है कि 2027 पंजाब कांग्रेस का वर्ष रहेगा। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर संदेश पोस्ट करते हुए कहा- इस चुनावी वर्ष ने कांग्रेस पंजाब के हर कार्यकर्ता, नेता और पदाधिकारी की कड़ी मेहनत का प्रमाण दिया है। जमीनी स्तर पर निरंतर प्रयासों के माध्यम से हमने अपनी ताकत को बढ़ाया है और पंजाब की सच्ची आवाज बनकर उभरे हैं। लोकसभा से लेकर पंचायत और नगर निगम (MC) चुनावों में लोगों ने यह दिखा दिया है कि 2027 पंजाब कांग्रेस का वर्ष है। लोकसभा में सबसे अधिक सीटें कांग्रेस को मिली 2022 में आम आदमी पार्टी ने 93 सीटें हासिल कर इतिहास रचा था। लेकिन 2024 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 7 सीटें हासिल की और आम आदमी पार्टी 3 सीटों पर सिमट गई। उप-चुनावों में भी आम आदमी पार्टी तीन सीटों पर आगे रही, लेकिन पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर का गढ़ मानी जाने वाली संगरूर में हार गई। पंचायती चुनावों की बात करें तो कई हारे कांग्रेसी इस समय हाईकोर्ट का रुख कर चुके हैं। जिनमें अधिकतर केस एफिडेविट रद्द के हैं। नगर निगम चुनावों में भी फंसा पेच पंजाब में 5 शहरों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और फगवाड़ा में नगर निगम चुनाव संपन्न हुए हैं। सिर्फ पटियाला एकमात्र सीट है, जहां आम आदमी पार्टी अपना मेयर बनाने में सफल रही है। अन्य चारों सीटों में से दो पर कांग्रेस और दो पर आम आदमी पार्टी आगे हैं। लेकिन, चारों सीटों पर किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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आतंकी डाल्ला का कथित ऑडियो वायरल:बोला- फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में सांसद अमृतपाल शामिल नहीं, पंजाबी इन्फ्लुएंसर को दी धमकी
आतंकी डाल्ला का कथित ऑडियो वायरल:बोला- फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में सांसद अमृतपाल शामिल नहीं, पंजाबी इन्फ्लुएंसर को दी धमकी फरीदकोट में हुए गुरप्रीत सिंह हत्याकांड मामले को लेकर पंजाब पुलिस के दावों को झूठा बताते हुए एक आतंकी अर्श डाल्ला का एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव द्वारा किया गया “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख और खडूर साहिब सीट से सांसद अमृतपाल के शामिल होने वाले दावे को झूठा बताया है। ऑडियो में अपने आप को डाल्ला बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि उक्त वारदात उसने करवाई है, ना कि किसी अन्य व्यक्ति ने। इस केस में अमृतपाल सिंह की कोई भूमिका नहीं है। हालांकि दैनिक भास्कर उक्त ऑडियो की पुष्टि नहीं करता। डीजीपी की प्रेसवार्ता के बाद से उक्त ऑडियो वायरल हो रहा है। डाल्ला बोला- गुरप्रीत को हमने मरवाया, ना कि किसी और ने वायरल हो रही कथित ऑडियो में अपने आप को अर्श डाल्ला बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा हत्या केस में मेरे साथ भाई अमृतपाल सिंह का नाम जोड़ा जा रहा है, ये सरासर नाजायज है। ये वारदात मैंने खुद की जिम्मेदारी पर करवाया है। इसमें और किसी का लेनादेना नहीं है। आगे डाल्ला ने कहा- इसकी हत्या इसलिए की गई, क्योंकि 6 माह पहले हमने फोन किया था तो मुझे गालियां दी गई। गुरप्रीत ने महिलाओं की गलत फोटो एडिट किए गए थे। जिसके चलते इसे फोन किया गया था। मुझे इस बारे में शिकायत मिली थी। जिसके चलते हमने इसका काम कर दिया। डाल्ला ने कहा कि गुरप्रीत कोई कौम दर्दी नहीं था, अगर ऐसा होता तो जिन्होंने बेअदबियां की हैं, उन्हें जाकर मारकर आता। डाल्ला ने आगे कहा- हमें किसी के मेडल की जरूरत नहीं है, हम खराब हैं और खराब ही रहेंगे। हम अपनी कौम के लिए जो कर सकेंगे वो करेंगे। दीप सिद्धू की संपथी लेने की कोशिश करता था और जो कौम के लिए काम कर रहे लोग जिंदा हैं, उन्हें गुरप्रीत गलत कहता था। इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाने वालों को भी धमकी कथित ऑडियो में डाल्ला ने कहा कि इंस्टाग्राम पर जो लोग वीडियो बनाते हैं, उनमें से भी एक आधे की बारी हम लगा देंगे। सुख रत्तिया और कोमल कौर का नाम लेते हुए ये धमकी दी गई। वहीं, कुल्हड़ पिज्जा कपल का नाम लिए बिना डाला ने कहा कि हम पिज्जा सभी के बिखेर देंगे। हमें इन्हें मारना पड़ जाएगा, वरना प्रशासन इन्हें समझा ले कि ये सोशल मीडिया पर गंद न डालें। हमारी कौम इन्हीं के चक्कर में खराब हो रही है, अगर इन में से कोई मर जाएगा तो कोई तूफान नहीं आने वाला। आखिरी में डाल्ला ने कहा- जो कौम के लिए अच्छा करेगा, उसकी हमेशा हम प्रशंसा ही करेंगे। कौम के बारे में बुरा बोलने वालों को मेरी धमकी है कि कहीं मुझसे कोई नुकसान मत करवा लेना। डीजीपी ने हत्या के लिंक सांसद अमृतपाल से बताए थे पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि इस मामले का मास्टरमाइंड आतंकी अर्शदीप सिंह डल्ला है। सारी जांच तथ्यों के आधार पर की जा रही है। अमृतपाल सिंह इस समय डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। इस हत्या के लिए कई ग्रुप बनाए गए थे। सभी ग्रुप को अलग-अलग काम सौंपे गए थे। मृतक गुरप्रीत भी वारिस पंजाब संस्था से जुड़ा हुआ था। वह संस्था के फाउंडर मेंबरों से एक था। जब दीप सिद्धू इस संस्था को चला रहे थे तो वह कैशियर की भूमिका निभा रहा था। हालांकि जब अमृतपाल को संस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तो दोनों में मतभेद सामने आए थे। वहीं गुरप्रीत की हत्या में अमृतपाल की भूमिका सामने आई है। सारी जांच तथ्यों के आधार की जा रही है। जरूरत पड़ी तो अमृपाल से पूछताछ की जा सकती है। 9 अक्टूबर को हुई थी हत्या गुरप्रीत की हत्या 9 अक्टूबर को हुई थी। उस समय गुरप्रीत सिंह अपने समर्थक सरपंच पद के प्रत्याशी के हक में प्रचार कर घर वापस लौट रहा था, तभी सामने बाइक सवार आए हत्यारों ने गोलियां चलाकर गुरप्रीत सिंह को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस गोलीबारी में चार गोलियां गुरप्रीत सिंह को लगी, गोली मारने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल अवस्था में गुरप्रीत सिंह को उपचार के लिए स्थानीय गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज में लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में एक एसआईटी बनाई गई थी। आरोपियों ने रेकी कर दिया वारदात को अंजाम गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बिलाल अहमद उर्फ फौजी, गुरदीप सिंह उर्फ पोंटू और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्ति रेकी करने वाले ग्रुप में शामिल थे, जिसका संचालन कनाडा आधारित कर्मवीर सिंह उर्फ गोरा द्वारा किया जा रहा था। रेकी करने वाले ग्रुप ने अपने संचालकों और विभिन्न ग्रुप के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी शूटर वाले ग्रुप को दी। डीजीपी ने कहा कि शूटर ग्रुप के सदस्यों की पहचान कर ली गई है और पुलिस टीमें उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं।
पठानकोट के किसान केंद्र के फैसले से खुश:14 फसलों पर बढ़ाए एमएसपी रेट, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की मांग
पठानकोट के किसान केंद्र के फैसले से खुश:14 फसलों पर बढ़ाए एमएसपी रेट, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की मांग केंद्र सरकार द्वारा किसानों को 14 फसलों पर दी गई एमएसपी को लेकर किसानों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। किसानों ने जहां केंद्र सरकार का धन्यवाद किया, वहीं स्वामीनाथन रिपोर्ट जल्द लागू करने और बाकी फसलों पर भी एमएसपी की मंजूरी देने की बात कही है। आपको बता दें कि, किसान पिछले लंबे समय से अपनी फसलों पर एमएसपी को लेकर संघर्ष कर रहे थे। जिसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से 14 फसलों पर एमएसपी दे दी गई है। इस संबंध मे जिला पठानकोट के किसान हरदेव सिंह, गुरनाम सिंह छीना, राम सिंह, परवीन कुमार एवं अन्य किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट जल्द लागू करें और 14 फसलों पर ही नहीं बल्कि सब्जियों व दूसरी फसलों पर भी एम.एस.पी. देने की जल्द मंजूरी दे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का यह फैसला एक शानदार फैसला है। जिसके कारण सभी किसानों में खुशी की लहर है। उन्होंने कहा कि जल्द ही केंद्र सरकार को बाकि फसलों पर भी विचार कर फैसला सुना देना चाहिए, ताकि किसान रिवायती फसलों के चक्कर से बाहर निकल सके। उन्होंने कहा कि उनकी फसलों का मंडीकरण करने के यत्न भी केंद्र सरकार करें, ताकि किसानों को उनकी फसलों का पूरा मुआवजा मिल सके।
पंजाब में गलत ब्रांडिंग करने वाली 91 कंपनी पर कार्रवाई:सरकार ने लाइसेंस किए रद्द, DAP की कालाबाजारी रोकने को 5 टीम का गठन
पंजाब में गलत ब्रांडिंग करने वाली 91 कंपनी पर कार्रवाई:सरकार ने लाइसेंस किए रद्द, DAP की कालाबाजारी रोकने को 5 टीम का गठन पंजाब में DAP की कालाबाजारी को रोकने और किसानों काे ठगने वाली कंपनियों के खिलाफ सरकार एक्शन मोड में है। अब पांच फ्लाइंग टीमें गठित की गई हैं। जो इस चीज पर नजर रखेगी। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि ये टीमें खादों के अवैध भंडारण, कालाबाजारी और डीएपी सहित अन्य खादों के साथ अनावश्यक रसायनों की टैगिंग के खिलाफ कार्रवाई करेंगी। वहीं, उन्होंने बताया कि अब गलत ब्रांडिंग करने वाली 91 कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं। 3 कंपनियों पर एफआईआर दर्ज की गईं है। 3954 सैंपल लिए गए थे कृषि विभाग द्वारा 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर 2024 तक विभाग ने कीटनाशकों के 2063 सैंपल लिए थे। इनकी जांच के बाद प्राप्त परिणामों के आधार पर गलत ब्रांडिंग करने वाली 43 फॉर्म्स के लाइसेंस रद्द किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, रासायनिक उर्वरकों के 1751 सैंपल, बायो खादों के 100 सैंपल और जैविक खाद के 40 नमूने लिए गए। गलत ब्रांडिंग करने वाली 48 फॉर्म्स के लाइसेंस रद्द किए गए और उनके खिलाफ 3 एफआईआर दर्ज की गई। वॉट्सऐप पर भी शिकायतें सुनेगी सरकार डीएपी और कीटनाशक डीलरों की लूट से बचाने के लिए सरकार ने दो नंबर जारी किए थे। किसान हेल्पलाइन नंबर 1100 पर कॉल करके या फोन नंबर +91-98555-01076 पर वॉट्सऐप मैसेज भेजकर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। कृषि मंत्री ने कहा गैर-जरूरी रसायनों को खादों के साथ टैग करके जबरन बेचना या खाद को अधिक कीमत पर बेचना या खाद की कालाबाजारी करना कानूनी जुर्म है, और ऐसी गलत कार्रवाइयों में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर, 1985 और आवश्यक वस्तुएं अधिनियम, 1955 की धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।